60 रुपए डीजल अनुदान के लिए ऑनलाइन 100 रुपए खर्च करने से तौबा कर रहे किसान
– ढाई लाख किसानों में से 1000 किसानों ने भी नहीं दिया आवेदन
नवादा : सुखाड़ के कारण कई साल बाद सरकार ने किसानों को डीजल अनुदान देने का फैसला लिया है, लेकिन शुरुआती अनुदान लेने के लिए किसानों को लेने के देने पड़ रहे हैं। धान के बिचड़ा के लिए किसानों को पहली दफा जितना अनुदान मिलेगा उससे दो गुना पैसा ऑनलाइन आवेदन और भाड़ा में ही खर्च होतु जा रहा है।
किसान बताते हैं कि एक एकड़ वाले किसान बिचड़े के सिंचाई अनुदान के लिए 10 डिसमिल जमीन का ही दावा कर सकता है। एक डिसमिल में 6 रुपए का डीजल अनुदान मिलना है ऐसे में एक एकड़ वाले किसान को पहली बार में 10 डिसमिल के लिए 60 रुपए का डीजल अनुदान मिलेगा। जबकि आवेदन की आनलाईन प्रक्रिया पूरी करने में 50-100 से ज्यादा रुपए का खर्च आ रहा है। यही कारण है कि कुछ किसान जानकारी के अभाव में तो कुछ किसान जानबूझकर डीजल अनुदान के लिए आवेदन नहीं दे रहे हैं।
जिले में करीब ढाई लाख से अधिक किसान हैं लेकिन धान के बिचड़े के पटवन के लिए 10 दिनों में 1000 किसानों ने भी आवेदन नहीं किया है। सरकार ने खेती को सुगम बनाने और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए डीजल अनुदान देने का प्रावधान किया है। डीजल अनुदान का पैसा भी आवेदन करने के बाद तय अवधि के भीतर दे देने का प्रावधान है।
भारतीय किसान सभा के नेता रामयतन सिंह बताते हैं कि सरकार की जो व्यवस्था है उसमें किसानों को डीजल अनुदान लेना मंहगा पड़ रहा है। किसानों को डीजल अनुदान करने से पहले ही 50- 100 रुपए तक खर्च हो रहे हैं। जहां गांव में ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा है वहां ₹50 और गांव से शहर आकर आवेदन करने में ₹100 खर्च हो रहे हैं। इसके अलावे विभाग के साइट के धीमा चलने के कारण भी आवेदन प्रभावित हो रहा है। सरकार को अनुदान की राशि बढ़ानी चाहिए।
जिले में ढाई लाख से अधिक किसान पंजीकृत
बता दें कि कम बारिश के कारण उत्पन्न सुखाड़ की स्थिति से निबटने के लिए सरकार ने कई साल बाद फिर से डीजल अनुदान देने का फैसला लिया है किसानों को इसका फायदा मिलेगा। जिले में कृषि विभाग के पोर्टल पर करीब ढाई लाख से अधिक किसान निबंधित है और इनमें से करीब 2 लाख सक्रिय किसान है और खेती कर रहे हैं। इन किसानों को डीजल अनुदान योजना का लाभ मिलेगा।
जिले में कम बारिश के चलते किसान पंपसेट से पटवन कर धान की रोपनी कर रहे हैं। बिजली आपूर्ति की किल्लत के चलते किसानों को डीजल पंप का सहारा लेना पड़ रहा है। ऐसे में अधिक कीमत पर डीजल लेकर पटवन कर रहे किसानों को अनुदान से राहत मिलेगी।
60 रुपए प्रति लीटर मिलेगा अनुदान
किसानों को 60 रुपये प्रति लीटर की दर से हर एकड़ 600 रुपये तक डीजल अनुदान देने का प्रावधान है। सरकार द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक किसानों को धान का बिचड़ा की दो बार सिंचाई के लिए अधिकतम 1200 रुपये प्रति एकड़ का अनुदान मिलेगा जबकि धान, मक्का, दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी की 3 बार सिंचाई के लिए अधिकतम 1800 रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जाएगा। हर किसान अधिकतम 8 एकड़ की जमीन पर सिंचाई के लिए डीजल अनुदान ले सकेगा।