कंटेनर की चपेट में आने से अज्ञात युवक की मौत, पुलिस ने कंटेनर को किया जब्त
नवादा : जिले के हिसुआ थाना क्षेत्र के हिसुआ-गया पथ पर उमरावबिगहा गांव के समीप कंटेनर की चपेट में आने से युवक गम्भीर रूप से घायल हो गया। गांव एवं हिसुआ पुलिस की मदद से हिसुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
मृतक की पहचान अब तक नही हो सकी है। युवक सफेद रंग का शर्ट एवं हाफ पैंट पहन रखा है एवं देखने में मजदूर जैसा लग रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि युवक पैदल बैजनाथपुर गुमटी के तरफ से मंझवे की ओर जा रहा था। पीछे से एक कंटेनर ओवरटेक करने के चक्कर मे युवक को रौंद दिया। युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। हिसुआ सीएचसी में भर्ती कराने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
ग्रामीणों की निशानदेही पर हिसुआ पुलिस ने वज़ीरगंज के मनैनी से कंटेनर को चालक समेत हिरासत में ले लिया। हिसुआ थानाध्यक्ष मोहन कुमार ने बताया युवक की अब तक पहचान नहीं हुई है। मौत की जानकारी मिलते ही गांव वाले मौके पर पहुंच गए और पुलिस को सूचना दिया। सूचना के आधार पर कंटेनर को पुलिस ने जप्त कर लिया। कंटेनर चलाने वाले से विशेष पूछताछ की जा रही है। मृतक की अब तक पहचान नहीं हो सकी है ,पहचान को ले पुलिस लगातार कोशिश कर रही है।
बिहार राज्य विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ ने किया प्रदर्शन
नवादा : 15 सूत्री मांगों को ले बिहार राज्य विश्वविद्यालय महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ के आह्वन पर हिसुआ टीएस कॉलेज के कर्मचारियों ने काला बिल्ला लगाकर काम किया। महासंघ द्वारा चरणबद्ध तरीके से विरोध करने का आह्वन किया गया है।
राज्य के विश्वविद्यालय स्तरीय कर्मचारीयों के लंबित मांगों को लेकर काला बिल्ला लगाकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की योजना है। टीएस कॉलेज कर्मचारी संघ के मंटू कुमार, मुकेश कुमार, अनुज कुमार, शैलेन्द्र कुमार, एस के सिंह, गजाधर प्रसाद आदि ने बताया कि एक अगस्त से छह अगस्त तक कॉलेज परिसर में काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे। आठ अगस्त से 11 अगस्त तक कलम बन्द हड़ताल एवं 13 अगस्त के बाद सामूहिक अवकाश पर रहते विश्वविद्यालय मख्यालय में प्रदर्शन करने की योजना है।
विश्वविद्यालय में प्रदर्शन के बाद भी अगर मांगो की पूर्ती नही होगी तोअनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को कर्मचारी संघ बाध्य होंगे। सभी कॉलेज कर्मचारी सरकार की शिथिल रवैये से नाराज हैं। कर्मचारियों ने इसको लेकर मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं मध्य प्रक्षेत्र संघ के महामंत्री को प्रतिलिपि सौंपी है। शिक्षकों ने कहा कि बच्चों को काफी परेशानी हो रही है और विरोध प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
जुगाड़ नाव से नदी पार कर रहें हैं ग्रामीण
नवादा : नवादा में जुगाड़ की नाव हादसे को दावत दे रही है। स्थानीय लोग जान जोखिम में डालकर उफनती नदी को कर रहे पार कर रहें हैं। ऐसा सकरी नदी के ऊपर पुल का निर्माण कर दिया गया है पर अभी तक संपर्क पथ नहीं बनाया गया है जिसकी वजह से इसका उपयोग आमलोग नहीं कर पा रहें हैं। इन दिनों बरसात की वजह से नदी में पानी आ गया है जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को जुगाड़ वाली नाव का उपयोग करना पड़ रहा है।
सकरी नदी के दोनों तरफ कई गांव हैं। जहां के हजारों लोग रोजमर्रा से लेकर अन्य जरूरी कार्य इसी नदी को पार कर करते हैं। रोह प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए यह सबसे छोटा रास्ता है। लिहाजा लोग इसी रास्ते का इस्तेमाल कर अपने कार्य को करते हैं।
आजकल इलाके के लोग जुगाड़ की नाव से नदी को पार करते हैं। यह नाव बड़े ट्यूब और बांस की चाली से बनायी जाती है। इसी जुगाड़ के नाव से लोग जान जोखम में डालकर नदी पार करने को मजबूर हैं। इस नाव पर नाविकों को पैसे देकर इंसान के साथ-साथ वाहनों को भी पार कराया जाता है।
स्थानीय लोगो ने बताया कि वे ऐसा नहीं करना चाहते हैं, मगर मजबूरी में सभी को ऐसा करना पड़ता है। क्योंकि रोह से होकर नवादा आने पर उनका बहुत समय लग जाता है। लोग यह भी मांग कर रहे हैं कि अगर पुल को मुख्य सड़क से जोड़ दिया जाता तो उन्हें सहुलियत होती।
बता दे लोगों की ये लापरवाही कभी भी भारी पड़ सकती है.स्थानीय प्रसाशन इस तरह के जोखिम भरे सफर पर रोक भी नहीं लगा रहा। गोंसाई बिगहा के ग्रामीणों ने बताया कि नदी के दोनों तरफ कई गांव हैं। पटना उच्च न्यायालय व नवादा के पूर्व सांसद केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की पहल पर बनकर तैयार हो गया है…मगर इस पुल को मुख्य सड़क से जोड़ा नही गया है.यही कारण है कि लोग पुल के अभाव में जुगाड़ की नाव पर चढ़ते हैं।
सिंचाई को ले जमकर हुई मारपीट, महिला सहित तीन गंभीर रूप से जख्मी
नवादा : जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के झुनाठी गांव में खेत में सिंचाई को ले हुए विवाद में मारपीट हुई। घटना में तीन लोग जख्मी हो गए। घायलों में मसूदन चौहान, ममता देवी एवं यमुना चौहान शामिल हैं। इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जख्मी ममता देवी ने बताया कि ससुर मसूदन चौहान धान रोपाई के लिए खेत में पानी के जरिए कादो तैयार कर रहे थे। इस बीच गांव के भीम यादव पहुंच गया और कहा कि पहले हम अपने खेत में पानी डालेंगे। इसी को लेकर दोनों के बीच तू-तू, मैं-मैं होने लगा। देखते ही देखते मारपीट शुरू हो गई। भीम यादव के अन्य रिश्तेदार पहुंच कर ससुर के साथ मारपीट करने लगे। बीच-बचाव करने के दौरान ममता देवी एवं यमुना चौहान के साथ भी मारपीट की गई जिससे तीनों गंभीर रूप से जख्मी हो गए। खेत में बारिश के वजह से पानी कम हो रहा है और पटवन कर रहे थे और इसी को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया।
घटना के बाद आनन-फानन में सभी लोगों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। सभी लोगों का इलाज की जा रही है। मारपीट की सूचना मुफस्सिल थाना को दिया गया है। पिटाई करने वाले लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। थानाध्यक्ष पवन कुमार ने बताया कि आवेदन के आधार पर जांच कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। मामला खेत सिंचाई से जुड़ा हुआ है।
एक किलोमीटर दूर से पानी ढोकर लाने को मजबूर हैं महादलित महिलाएं और बच्चे …
नवादा : जिले में हर घर नल जल योजना हो या जल जीवन हरियाली… कई इलाके में ये योजनाएं दम तोड़ती नजर आ रही है जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है.परेशानी झेलने वालो में जिले के वारिसलीगंज नगर परिषद के सिमरी बिगहा अनुसूचित टोला के सैकड़ो लोग शामिल हैं।
यहां की आबादी करीब 150 की है और यहां के लोगों को 1 किलोमीटर दूर से पानी ढोकर लाना पडता है। इस गांव में जीवन जीने के लिए न्यूनतम सुविधा तक उपलब्ध नहीं है। पेय जल के लिए जल जीवन हरियाली योजना के तहत पंद्रहवीं वित आयोग से एक कुआं का मरमत हुआ है पर कुएं में जल ही नहीं है। यहां के ग्रामीण भगवान भरोसे जी रहें हैं। यहां की महिलाएं और बच्चे गांव से करीब 1 किलोमीटर दूर मोहिउद्दीनपुर गांव जाकर बाल्टी, तसले आदि में पानी ढो कर लाती हैे।
पेयजल संकट से जूझ रहे लोगो की समस्या को नगर परिषद भी नज़र अंदाज़ कर रही है। अनुसूचित समुदाय के लोगो द्वारा कई बार स्थानीय नप कार्यालय एवं अपने निवर्तमान प्रतिनिधि को अपनी समस्या बताया। लेकिन इस दिशा में अब तक कोई पहल नहीं किया जा सका है।
वैसे तो टोले में एक चापाकल एवं एक पुराना कुंआ है जो जलस्तर नीचे चले जाने के कारण सुख चुका है। जबकि नप द्वारा पहुंचाया गया नल जल योजना का मोटर उक्त मुहल्ले तक पानी पहुंचाने में अक्षम साबित हो रहा है। यह हाल तब है जब फिलहाल बरसात का मौसम चल रहा है। गर्मी में क्या होगा कहना मुश्किल है।
बाल श्रम उन्मूलन कार्यशाला का सांसद चंदन सिंह ने किया उद्घाटन
नवादा : बाल श्रम उन्मूलन को लेकर बुधवार को गहन मंथन हुआ। होटल बुद्धा रेजेंसी के सभागार में इस विषय पर आयोजित कार्यशाला में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों, बाल श्रम से जुड़े परिवारों, स्थानीय प्रतिनिधियों ने अपनी बातें रखी। सांसद चंदन सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया।
सांसद ने आयोजकों को धन्यवाद देते हुए कहा की हमारे संसदीय क्षेत्र में आपलोगों ने बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में जो पहल किया है वह सराहनीय है। मेरा पूरा सहयोग आपलोगो को मिलेगा। जरूरत पड़ेगी तो संसद में भी इस मुद्दे को उठाया जाएगा।कार्यशाला में अपनी बात रखते हुए अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, नई दिल्ली की श्रीमति इतिश्री साहू ने कहा कि बाल श्रम समाज के विकास में बड़ा अवरोधक है। आम तौर पर यह धारना बना दी जाती है कि रोजगार नहीं है।
मुद्दा यह नहीं है, बल्कि जरूरत इस बात कि है की किसी के साथ भेदभाव न हो। जमीनी बातें सामने आनी चाहिए। तभी समस्या का समाधान हो सकेगा। जहां बाल श्रम है वहां के लोगों से बातचीत कर स्थिति को सामने लाना होगा। फिर उनकी जरूरतों के अनुरूप कार्यक्रम तय कर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने बताया की हमारी संस्था फिलहाल 6 देशों भारत, नेपाल, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, म्यामार, पाकिस्तान में काम कर रही है।
भारत के कई राज्यों में बाल श्रम उन्मूलन पर काम हो रहा है। बिहार और झारखंड को भी शामिल करना है। बिहार_झारखंड की स्थितियों से अवगत होने आई हूं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जनहित विकास समिति के सचिव एमपी सिन्हा ने कहा कि गांवों के विकास का विकास जरूरी है। लोगों को काम रोजगार से जोड़ना होगा। लोग आर्थिक रूप से सशक्त होंगे तो बाल श्रम पर रोक लग सकेगा। अर्थाभाव में लोग अपने बच्चों को बाल श्रम में झोंक देते हैं।
उन्होंने कहा की बिहार के नवादा, जमुई और झारखंड के कोडरमा व गिरीडीह जिला में अभ्रक खदानों में ढिबरा चुनने के काम में बड़ी संख्या में बच्चे जुड़े हुए हैं। 80_100 फीट गड्ढे और सुरंग में घुसकर बच्चे ढिबरा चुनने का काम करते हैं। साल दर साल संख्या बढ़ती जा रही है। इनके मां पिता आर्थिक तंगी के कारण ऐसा करते हैं। ऐसे बच्चे स्कूल तक नहीं जाते हैं। हमारी संस्था इन जिलों के उन गांवों का सर्वे करा रही है। गांवों में रोजगार कैसे पैदा हो और बाल श्रम मुक्त हो इस दिशा में विस्तृत कार्य योजना तैयार कर सरकार और जिला प्रशासन को सौंपी जाएगी। फिर आगे उसे अमल में लाया जाएगा।
मौके पर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी अमित कुमार, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुश्रवण और मूल्यांकन पदाधिकारी शंकर तलवार, जॉन आरूल रॉय, प्रो. जगदीश प्रसाद ने भी अपनी बातें रखी। संबंधित जिलों से आए पंचायत प्रतिनिधियों, बाल श्रम से जुड़े लोगों ने स्थानीय स्तर की समस्याओं को रखा। रजौली प्रखंड चितरकोली पंचायत की मुखिया पूजा कुमारी ने अभ्रक खदानों में काम कर रहे बच्चों को बाल श्रम से मुक्ति दिलाने में अपना पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।