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29 जुलाई : चम्पारण की मुख्य खबरें

जिलाधिकारी ने लगाया, 167 जनशिकायतों का निष्पादन

(चम्परण ब्यूरो)

मोतिहारी। जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक के नेतृत्व में शुक्रवार को समाहरणालय स्थित राधाकृष्णन भवन में जनता दरबार का आयोजन हुआ। इस दौरान जिलाधिकारी ने 167 फरियादियों की फरियाद को सुना और संबंधित पदाधिकारियों को शिकायतों का त्वरित निष्पादन का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए अधिकारी जनशिकायतों के निष्पादन के लिए तत्पर रहें।

जनता दरबार में मुख्यतः आपूर्ति, भूमि विवाद, पर्चा वितरण, परिवहन , राजस्व, मद्य निषेध ,शिक्षा, नगर निगम, भू अर्जन, अतिक्रमण, आईसीडीएस, पेंशन, भूमि विवाद आदि से संबंधित शिकायतें जिलाधिकारी तक पहुंची। जनता दरबार में संबंधित प्रशासनिक पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

संजय कौशिक, ब्यूरो प्रमुख की रिपोर्ट

उर्वरक की कालाबाजारी, सहायक कृषि निर्देशक ने की जांच

(चम्परण ब्यूरो)

सुगौली। किसानों को हो रही खाद की समस्या एवं समुचित वितरण में मिल रही शिकायतों को कृषि विभाग ने गंभीरता से लिया है। इन शिकायतों के आलोक में सहायक निर्देशक अमरेश कुमार शुक्रवार को सुगौली पहुंचे। उन्होंने उर्वरक विक्रेताओं और अधिनस्त अधिकारियों को नियमानुकूल तरीके से उर्वरक तथा बीज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

गौरतलब हो कि किसानों को मिलने वाली सुविधाएं खाद और बीज की कालाबाजारी चरम सीमा पर है। यूरिया का सरकारी मूल्य 266 प्रति बोरा है लेकिन कुछ दुकानदारों के द्वारा पांच सौ से छौ सौ रुपये की दर से कालाबाजारी की जा रही है। किसान मजबूर हैं। उन्हें एक निर्धारित समय सीमा में खाद और बीज की जरूरत होती है। जिसका फायदा दुकानदार उठा रहे हैं। उर्वरक की धड़ल्ले से कालाबाजारी की जा रही है।

इस बाबत सहायक कृषि निदेशक (रसायन) अमितेश कुमार ने बताया कि जांच के दौरान दुकानों पर किसानों की लंबी कतारें लगी हुई मिली। दुकान में खाद पहुंच चुकी थी लेकिन एक्नौलेज नहीं हुआ था। टेक्निकल प्रॉब्लम से वितरण नहीं किया जा रहा था। एरिया मैनेजर को बुलाकर सही कराकर किसानों को सरकारी रेट अनुसार खाद वितरण कराया गया। उन्होंने कहा की जो दुकानदार खाद की कालाबाजारी कर रहे उनके विरुद्ध कार्यवाई की जाएगी। किसान हमें सूचना दें, ऐसे बिक्रय केंद्रों पर प्रथमिकी दर्ज की जाएगी और उन्हें सील किया जाएगा।

कृषक सेवा केंद्र प्रोपराइटर दिनेश अग्रवाल ने बताया कि यूरिया आ चुका है। बिल और एमोफेश नहीं आया है। दोनों को जब तक कम्प्यूटर में नहीं डाला जाएगा, बिल नहीं निकलेगा। दूरी तरफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी काउंसिल के अंचल मंत्री सह जिला संयुक्त मंत्री राकेश झा ने बताया कि किसानों की समस्यायों को लेकर प्रखंड कृषि पदाधिकारी से बात हुई थी। निर्धारित मूल्य पर ही किसानों को खाद मिलना चाहिए। खाद की कालाबाजारी नहीं होनी चाहिए।

सफ़ी अहमद की रिपोर्ट

एपीएचसी सरिसवा में टीबी केयर एंड सपोर्ट ग्रुप की हुई

(चम्परण ब्यूरो)

बेतिया। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरिसवा में शुक्रवार को कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) के सहयोग से टीबी केयर एंड सपोर्ट ग्रुप की बैठक आयोजित की गई। अध्यक्षता प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. लुकमान ने की।बैठक में 12 इलाजरत मरीज,1टीबी चैंपियन 6उनकी देखभाल करने वाले उपस्थित हुए।इस दौरान डॉ लुकमान ने कहा कि जागरूकता के माध्यम से ही टीबी को हमलोग खत्म करेंगे। इससे टीबी के मरीजों को काफी फायदा हो रहा है। खासकर इलाजरत मरीजों को होने वाली परेशानियों का समाधान किया जा रहा है। इस तरह के कार्यक्रम से टीबी बीमारी के इलाज को लेकर संकोच करने वाले लोग भी सामने आएंगे। समाज के लोगों में टीबी के प्रति छुआछूत कम होगा।

टीबी को समाप्त करने के लिए सामाजिक चेतना बहुत ही जरूरी है।डॉ लुक़मान ने कहा कि टीबी मरीजों को टीबी की दवा लगातार छह माह तक खानी चाहिए बीच मे दवा छोड़ना खतरनाक हो सकता है।दवा सेवन ल दौरान टीबी मरीजों को पौष्टिक भोजन लेना चाहिए।वही चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुमित कुमार ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को लगातार दो हफ्ते या उससे ज्यादा समय तक खांसी, बलगम के साथ खून का आना, शाम को बुखार आना या वजन कम होना की शिकायत हो तो उसे तुरंत नजदीक के सरकारी अस्पताल में ले जाकर जांच कराने की सलाह दें। ये टीबी के लक्षण हैं।

लैब मोहम्मद जाहिद ने कहा कि सरकारी अस्पताल में टीबी की जांच और इलाज पूरी तरह मुफ्त है।टीबी के वर्तमान मरीजों को इलाज के दौरान होने वाली परेशानियों और मरीजों को निश्चय पोषण योजना की राशि मिलने में होने वाली कठिनाइयों का समाधान डॉ लुक़मान के द्वारा किया गया।इस दौरान टीबी चैंपियन राजा बाबू ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि टीबी कोई कलंक नही है लगातार छह माह के दवा सेवन के साथ पौष्टिक भोजन लेने से यह बीमारी ठीक हो जाती है। वही केएचपीटी के सामुदायिक समन्यवक डॉ घनश्याम ने टीबी मरीजों को दवा खाने के महत्व को कहानी के माध्यम से समझाया गया। मौके पर फार्मासिस्ट मोहम्मद जिकरुल्लाह, डीइओ निर्भय कुमार उपाध्याय, रोहित कुमार आदि उपस्थित रहें।

घनश्याम की रिपोर्ट