श्रम विभाग की टीम द्वारा मोतिहारी सदर प्रखंड के विभिन्न प्रतिष्ठानों में चलाए गए सघन जांच अभियान में बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के अतर्गत बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों से 20 हजार रूपये से 50 हजार रूपये तक का जुर्माना वसूला कर 2 वर्षों तक का कारावास का भी कराया है।
(चम्परण व्यूरो)
मोतिहारी। श्रम विभाग की टीम द्वारा मोतिहारी सदर प्रखंड के विभिन्न प्रतिष्ठानों में सघन जांच अभियान चलाया गया। जाँच के क्रम में दो प्रतिष्ठानों क्रमशः काजल स्वीट्स एवं रमन स्वीट्स बेकरी-फैमिली रेस्टोरेंट से 1-1 बाल श्रमिकों को जांच टीम द्वारा विमुक्त कराया गया। बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत सभी नियोजकों के विरूद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। सभी विमुक्त बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति मोतिहारी के समक्ष उपस्थापित कर उन्हें बाल गृह में रखा गया है।
श्रम अधीक्षक सत्य प्रकाश ने बताया कि बच्चों से प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन के अंतर्गत गैर कानूनी है। बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के अतर्गत बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को 20 हजार रूपये से 50 हजार रूपये तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक का कारावास का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निदेश के आलोक में सभी नियोजकों से 20,000/-(बीस हजार रू0) प्रति बाल श्रमिक की दर से राशि की वसूली की जाएगी।
टीम में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, मोतिहारी सदर मोहम्मद सरफराज अहमद खान, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, चकिया आशुतोष झा , मोहम्मद मोबिन खान, निर्देश संस्था से मधु कुमारी, पुलिस बल एवं एंटी ह्यूमन टै्रफिकिंग यूनिट की टीम शामिल थी।