Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

चम्पारण बिहार अपडेट बिहारी समाज

लगातार बिजली की आंख-मिचौली से ग्रामीणों में आक्रोश

लगातार बिजली की आंख-मिचौली से आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों की पढ़ाई और गांव की दिनचर्या दोनों पर प्रतिकूल असर हो रहा है। साथ हीं कृषि कार्य भी प्रभावित हो रहा है।

सुगौली, 24 जुलाई। प्रखंड अंतर्गत पंचायत शुकुल पाकड़ के ग्रामीणों में बिजली की लगातार आंख-मिचौली से आक्रोश पनप रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों की पढ़ाई और गांव की दिनचर्या दोनों पर प्रतिकूल असर हो रहा है। कृषि कार्य तक प्रभावित हो रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए वे बड़े हाकिमों के हस्तक्षेप के जरूरतमंद है।

मोहम्मद सलमुल्लाह, लालबाबू मियां, नबी हसन मियां, प्रमोद कुमार, जितेंद्र कुमार प्रसाद, विक्रम शाह, इसराइल मियां, नेक मोहम्मद मियां आदि ने बताया कि चौबीस घण्टे में पचासों बार बिजली कटने की समस्या से हम आहत है।बिजली की कटौती से पेयजल संकट तक गांव में उत्पन्न हो गया है। पहले घरों में बिजली नही थी तो हम उस पर आश्रित भी नहीं थे। सरकार की अनवरत बिजली देने का वादा हमारे गांव में आकर दम तोड़ती देती है।

ग्रामीणों ने “स्वत्व” को बताया कि गांवों में ना तो सबके पास जेनरेटर है और ना इन्वर्टर। इस परिस्थिति में जबकि हमारे पास वैकल्पिक ऊर्जा की कोई व्यवस्था ही नहीं है तो बिजली पर हमारी पूर्ण निर्भरता मजबूरी बन गयी है। बिजली देने के निर्धारित समय और उसकी पूर्व घोषणा होनी चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो ग्रामीण आंदोलन करेंगे। सबसे बड़ी समस्या ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल को लेकर है।

सरकार ने नल जल योजना चलाई। गांवों में एकाध ठीक ठाक चल रहे भी रहे हैं। बोरिंग से लोगों ने पानी भरकर घरों में रखने की आदत डाल भी डाल ली है। पर वह भी बिजली नही रहने से बन्द नलकूप ग्रामीण दिनचर्या को परेशानी में धकेल देते है। नतीजा, लोगों को वही दूषित पानी पीने की मजबूरी हो जाती है।

ग्रामीण छात्र अहमद,रौशन कुमार, गौतम कुमार, चंदन कुमार, अमित कुमार राजपूत, इरशाद अनवर ने बताया कि अनियमित बिजली से हमारी पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो गयी है। शाम और सुबह के पढ़ने के समय बिजली नदारद रहती है। सबसे बड़ी समस्या की बिजली कब रहेगी और नही रहेगी इसकी जानकारी किसी को नही है।

उनका कहना है कि जहां पूरी निर्भरता बिजली पर ही है और बिजली कब मिलेगी और कितनी देर रहेगी, की जानकारी भी नहीं होती है तो समय आवश्यक बर्बाद हो जाता है। जिसकी भरपाई सम्भव नहीं। चौबीस घण्टे में पचास बार से ज्यादा बिजली गुल आती-जाती रहती है। इस बाबत विद्युत कनीय अभियंता राजीव रंजन से शिकायत के बाद भी समाधान के दिशा में कभी कोई कारगर प्रयास होता नही दिख रहा। इन आरोपों पर कनीय अभियंता ने बताया कि तकनीकी समस्या से बिजली बाधित हो रही है। कब तक समस्या दूर होगी जैसे सवाल का उनसे कोई पर्याप्त उत्तर नहीं मिल सका।

 सफ़ी अहमद की रिपोर्ट