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22 जुलाई : चंपारण की मुख्य ख़बरें

डीएम और एसपी के जनता दरबार में हुई जनशिकायतों की सुनवाई

मोतिहारी (पूर्वी चम्परण) 22 जुलाई। पूर्वी चम्परण के दोनों शीर्ष अधिकारियों जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक और पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष ने शुक्रवार को मोतिहारी में “जनता दरबार” लगाया। दोनों अधिकारियों ने तकरीबन 400 फरियादियों की शिकायतें सुनी और सम्बंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिया। अधिकांश शिकायतें भूमि विवाद से सम्बद्ध थीं।

समाहरणालय के राधाकृष्णन भवन में आयोजित “जनता दरबार” में जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने 152 फरियादियों की फरियाद सुनी और उनके निष्पादन का निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिया। अधिकांश जनशिकायतें आपूर्ति, भूमि विवाद, पर्चा वितरण, परिवहन, राजस्व, मद्य निषेध, शिक्षा, नगर निगम, भू अर्जन, अतिक्रमण, आईसीडीएस ,पेंशन, भूमि विवाद आदि से संबंधित थी।

दूसरी तरफ आज पुलिस अधीक्षक के “जनता दरबार” में फरियादियों की बड़ी संख्या कतार में लगी दिखी। तकरीबन 250 शिकायतों का त्वरिक निष्पादन करते हुए पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष ने अधीनस्थ अधिकारियों को जनता से सीधा संवाद करने का निर्देश दिया। उन्होंने भूमि विवादों में अधीनस्थ अधिकारियों को अंचलाधिकारी से सहयोग लेकर त्वरित निष्पादन का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जनशिकायतों की सुनवाई से विवादों को विस्तृत होने से रोका जा सकता है और ससमय न्याय दिलाना सम्भव हो पाता है।

जन शिकायतों की सुनवाई के दौरान पुलिस अधीक्षक के “जनता दरबार” में बड़ी संख्या में महिलाओं की उपस्थिति थी। शिकायतों के निष्पादन में पुलिस उपाधीक्षक सदर और मुख्यालय ने पुलिस अधीक्षक का साथ दिया।

अवैध शराब के कारोबार से त्रस्त ग्रामीण पहुंचे केसरिया थाना

मोतीहारी 22 जुलाई। (Motihari) प्रतिबन्ध के बावजूद शराब का कारोबार गांवों की संस्कृति तबाह करने पर आमादा है। यही कारण है कि पूर्वी चम्पारण में शराब कारोबार के खिलाफ ग्रामीण एकजुट होने लगे है। केसरिया नगर पंचायत वार्ड नम्बर छह हमीदपुर गांव के सैकड़ों ग्रामीण केसरिया थाना पहुंचे। वे गांव में चल रहे शराब के अवैध कारोबार से आक्रोशित थे। लोगों ने थानाध्यक्ष से कार्यवाई करने की मांग की।

ग्रामीणों का कहना था कि प्रतिबन्ध के बावजूद गांव में धडल्ले से शराब का कारोबार किया जा रहा है। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी पुलिस को नहीं होने पर आश्चर्य व्यक्त किया। ग्रामीणों का कहना था कि इस अवैध कारोबार से गांव की संस्कृति दूषित हो रही है। महिलाओं का जीना दूभर हुआ है। नयी उम्र के बच्चें नशेड़ी बन रहे हैं। किसी बड़ी अनहोनी की आशंका से ग्रामीण परेशान हैं। जहरीली शराब की सुर्खियां उन्हें फिक्रमंद बना रही हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की छोटी-मोटी कार्यवाइयां इन कारोबारियों पर असरहीन साबित हो रही है। कारोबारी अपनी आदत से बाज नहीं आते है। प्रदेश में बंदी के बावजूद गांव में शराब का कारोबार धडल्ले से चल रहा है। सैकडों लोगों के हस्ताक्षर से ग्रामीणों ने थानाध्यक्ष को आवेदन देकर शराब के कारोबार पर रोक लगाने की मांग की। ग्रामीण दिनेश राउत का कहना है कि ग्रामीणों ने शराब का कारोबार गांव में नहीं चलने देने का संकल्प लिया है।

ग्रामीण विनोद राम का कहना है कि पुलिस कई बार कार्रवाई तो करती है, कारोबारी पकडे भी जाते हैं, जेल भी जाते हैं लेकिन जेल से आने के बाद फिर से वहीं कारोबार करते हैं। जिस कारण लोगों का जीना दुभर हो गया है। उन्होंने कहा कि थानाध्यक्ष ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।

संजय कौशिक की रिपोर्ट