बालू तस्करों के सामने प्रशासन नतमस्तक, रोक का असर नहीं, धड़ल्ले से हो रहा खनन
नवादा : जिले में बालू तस्करों की पौ बारह है। यह सफेद झूठ है कि जिले में बालू का खनन नहीं हो रहा है। हमारा दावा है कि धड़ल्ले से खनन व परिवहन हो रहा है। यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि पूरा प्रशासन या तो उन तस्करों के सामने नतमस्तक है या फिर फेल हो गया है। हम यह बात यूं ही नहीं कह रहे हैं, बल्कि पूरी पड़ताल के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि बालू खनन और परिवहन सामान्य दिनों की भांति हो रहा है। जो भी नदी घाट है वहां रात-दिन खनन का काम जारी है।
संबंधित विभाग और प्रशासनिक अधिकारी भी इससे अंजान नहीं है। हां, यह हो सकता है कि लाभ-शुभ के चक्कर में नजरअंदाज कर रहे हों। लेकिन, ऐसा क्यों कर रहे हैं, बड़ा सवाल है। कुछ लोगों का दावा है की मिलीभगत है। जिले में दो कारणों से इन दिनों बालू खनन पर रोक है। एक तो अभी बरसात का समय है। जुलाई, अगस्त और सितंबर के महीने में बालू खनन पर रोक होती है। शेष नौ महीने खनन की अनुमति होती है। जिले के साथ एक और समस्या है कि यहां बालू का खनन 01 जनवरी 22 से ही बंद है।
दिसंबर 21 में बालू घाटों की नये सिरे से बंदोबस्ती हुई थी। लेकिन, कानूनी पचड़े के कारण संवेदक मे. एकलव्य स्टोन कंपनी को कार्यादेश नहीं मिल सका था। परिणाम हुआ कि टेंडर का 46 करोड़ रुपये तो सरकार का गया ही, खनन और परिवहन रात का घूप अंधेरा हो या दिन का उजाला लगातार जारी रहा। आए दिन जिले के किसी न किसी थाना इलाके में बालू लोड वाहनों की जब्ती इसके प्रमाण हैं। पिछले सप्ताह की ही बात है, खनन विभाग ने हिसुआ थाना की पुलिस के सहयोग से गोनर बिगहा के पास नदी घाट पर छापामारी कर 32 ट्रैक्टर को जब्त किया था। मौके से 4 ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया था। तब लगा था कि अब बालू चोरी रुक जाएगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब भी अवैध खनन जारी है।
नगर और कादिरगंज थाना इलाके का मुसन बिगहा, कलयुगवा, पौरा के पास से धड़ल्ले से दिन रात बालू खनन किया जा रहा है। तीन-चार दिनों पूर्व यानी गुरुवार को मुसन बिगहा घाट पर कुछ देर के लिए अफरा तफरी मच गई। कहीं से सूचना पहुंच गई कि खनन विभाग की टीम आने वाली है। इसके बाद तो लोड वाहनों को अनलोड कर सभी चालक वाहन लेकर इधर-उधर भागने लगे। जबकि ऐसी कोई बात नहीं थी।
इसी प्रकार की स्थिति वारिसलीगंज के मिल्की घाट का है। राजौली, सिरदला, कौआकोल, अकबरपुर, गोविंदपुर, नारदीगंज, हिसुआ थाना इलाके के नदी घाटों से भी बालू की चोरी जारी है। नवादा के मुसन बिगहा घाट के बारे में बालू का अवैध खनन तो जेसीबी मशीन से किया जाता है। ढुलाई में हाइवा का इस्तेमाल होता है।
जानकार बताते हैं कि गया से प्रति दिन एक चालान मंगाया जाता है, जिसकी आड़ में रात में धड़ल्ले से खनन और परिवहन किया जा रहा है। गया में कुछ बालू बफर स्टाॅक में था। उसी की आड़ में यह धंधा हो रहा है।
नगर में ही जितने भी सरकारी-गैर सरकारी काम हो रहे हैं, चोरी का बालू इस्तेमाल हो रहा है। यह अलग बात है कि खरीदार को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है। सुबह 6 बजे से 9 बजे के बीच शहर के जिस गली मोहल्ले में चले जाएं दो-चार स्थानों पर बालू गिरा हुआ मिल जाएगा। अफसरों के आवास व कार्यालय के पास भी यह नजारा देखने को मिल जाएगा। हम यूं ही नहीं कह रहे हैं कि सिस्टम नतमस्तक है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में कमीशन में हिस्सेदारी को लेकर हो गया बड़ा तमाशा, भिड़ गए मुखिया प्रतिनिधि और आवास सहायक
नवादा : जिले के पकरीबरावां प्रखंड क्षेत्र के ज्यूरी पंचायत की मड़वा गांव में मंगलवार को गजब का तमाशा हुआ। प्रधानमंत्री आवास योजना में कमीशन को लेकर मुखिया प्रतिनिधि एवं आवास सहायक कौशलेंद्र कुमार आपस में भिड़ गए। कमीशन में बंटवारे को लेकर विवाद हुआ। मौका ए वारदात पर पुलिस को पहुंचना पड़ा।
बताया जाता है कि प्रधानमंत्री आवास योजना की स्वीकृति के उपरांत लाभुकों को दूसरी किश्त की राशि देने के पूर्व आवास सहायक मड़वा गांव में निर्माणाधीन आवास का फोटो करने को लेकर पहुंचे थे, तभी मुखिया के पुत्र एवं समर्थक वहां पहुंच गये। कमीशन में बराबर हिस्सा को लेकर आवास सहायक से उनलोगों का विवाद होने लगा। आवास सहायक कड़े तेवर में उनलोगों का विरोध करने लगे। विवाद हाथापाई तक पहुंच गई। सूचना मिली तो थानाध्यक्ष शिशुपाल पहुंच गए। उन्होंने मामले की जांच की। बताया कि दोनों पक्ष से आवेदन प्राप्त हुआ है। पुलिस जांच कर रही है।
बता दें कि आवास सहायक के साथ इस तरह का मामला आम हो गया है। ज्यूरी ही नहीं प्रखंड के अन्य पंचायतों में भी लाभुकों से मोटी रकम वसूली हो रही है। नहीं देने पर लाभुकों को अगले किश्त की राशि नहीं भेजने की धमकी दी जाती है। जिले के कई प्रखंडों में पूर्व में आवास सहायकों और दलालों के खिलाफ एफआईआर भी हुआ है, फिर भी कमीशनखोरी बंद नहीं हुआ है।
शिकायत के बाद भी जांच और कार्रवाई नहीं की जाती है। नतीजा है कि मनमाना वसूली हो रही है। धमौल, डुमरावां सहित अन्य पंचायतों का हाल भी ऐसा ही है। दलाल के माध्यम से राशि की वसूली होती है। ताजा घटना के बाबत बीडीओ नीरज कुमार पूछे जाने पर कुछ भी बताने से परहेज किया। बता दें इसके पूर्व गोविन्दपुर प्रखंड भवनपुर पंचायत के आवास सहायक व मुखिया के बीच मारपीट की प्राथमिकी बीडीओ के न चाहते हुए भी दर्ज हो चुकी है।
खंडहर बना आंगनबाड़ी केंद्र
नवादा : जिले के नारदीगंज प्रखंड क्षेत्र के इचुआकरना पंचायत की अनारपुर गांव में दो आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहा है। एक विद्यालय में,तो दूसरा निजी घर में संचालितहै। आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 60 है कई वर्षों से भवन खंडहर बना हुआ है। जिसे देखनहार कोई नहीं है। सेविका रेखा कुमारी व सहायिका गुड़िया रानी पदस्थापित है। भवन जीर्ण शीर्ण अवस्था में है, किवाड़, खिड़की की बात करना बेमानी साबित होगा। हालात ऐसा है कि जैसे भूत बंगला है।
बावजूद भवन की निशानी को बरकरार रखा गया है, और दीवार पर पेंटिंग कर नाम अंकित है। उस दीवार पर समेकित बाल विकास परियोजना, आंगनबाड़ी केंद्र अनारपुर,कोड 60, पंचायत इचुआकरना,प्रखंड नारदीगंज (नवादा), सेविका रेखा कुमारी,सहायिका गुड़िया रानी सुष्पष्ट अक्षर से लिखा हुआ है। अब इस भवन में बच्चों का भविष्य का निर्माण नहीं होता है।सरकार द्वारा चलाये जा रहे कल्याणकारी योजना को लेकर इस केंद्र को गांव में स्थित विद्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया है,ताकि छात्रों को लाभ मिल सके।
ग्रामीणों ने बताया यह भवन कई वर्ष पहले ही खंडहर हो चुका है।नये भवन का निर्माण भी नहीं हो सका है।इसके लिए अधिकारियों व प्रतिनिधियों दोनों को जिम्मेदार ठहराया है, इनलोगों की अनदेखी के कारण यह हाल बना हुआ है। कई दफा खंडहर बना आंगनबाड़ी केंद्र फोटो-नारदीगंज में अनारपुर गांव में खण्डरनुमा आंगनबाड़ी भवन, कोड संख्या 60 संवाद सूत्र, नारदीगंज प्रखंड के इचुआकरना पंचायत के अनारपुर गांव में दो आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहा है। एक विद्यालय में तो दूसरा निजी घर में संचालित हो रहा है।
आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 60 है, जो कई वर्षों से उस केंद्र का भवन खंडहर बना हुआ है। जिसे देखनहार कोई नहीं है। इस केंद्र में सेविका रेखा कुमारी व सहायिका गुड़िया रानी पदस्थापित है। भवन जीर्ण शीर्ण अवस्था में है,किवाड़ी,खिड़की की बात करना भी बेईमानी साबित होगा। हालात ऐसा है कि जैसे भूत बंगला है। बावजूद उस भवन की निशानी को बरकरार रखा गया है, और दीवार पर पेंटिंग कर नाम अंकित है। उस दीवार पर समेकित बाल विकास परियोजना, आंगनबाड़ी केंद्र अनारपुर,कोड 60, पंचायत इचुआकरना,प्रखंड नारदीगंज (नवादा), सेविका रेखा कुमारी,सहायिका गुड़िया रानी सुष्पष्ट अक्षर से लिखा हुआ है। अब इस भवन में बच्चों का भविष्य का निर्माण नहीं होता है।सरकार द्वारा चलाये जा रहे कल्याणकारी योजना को लेकर इस केंद्र को गांव में स्थित विद्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया है,ताकि छात्रों को लाभ मिल सके।
ग्रामीणों ने बताया यह भवन कई वर्ष पहले ही खंडहर हो चुका है।नये भवन का निर्माण भी नहीं हो सका है।इसके लिए अधिकारियों व प्रतिनिधियों दोनों जिम्मेदार है, इनलोगों के अनदेखी के कारण यह हाल बना हुआ है।कई दफा ध्यान दिलाया गया है, वावजूद हालत जस की तस है।
अब ग्रामीण उस केंद के दीवार पर गोयठा ठोकने का काम करते हैं,साथ ही कृषि कार्य करने वाले उपकरण रखने का उपयोग कर रहे हैं। वही इस गांव में वर्ष 2018 में एक और आंगनबाड़ी केंद्र बनाया गया है, जो कोड संख्या 121 के नाम से जाना जाता है। इस केंद्र में सेविका पुनिता कुमारी व सहायिका सोनी कुमारी पदस्थापित है। सेविका कहती है कि भवन के अभाव में केंद्र घर पर संचालित कर रही हूं। ग्रामीणों का मलाल है कि इस गांव के प्रमुख व मुखिया भी रह चुके हैं,लेकिन उन सभी जनप्रतिनिधि ने भी भवन निर्माण में दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
अब इस पंचायत के नवनिर्वाचित प्रमुख व मुखिया क्या विकास कर पायेंगे, यह भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है। इस संबंध में सीडीपीओ मंजू कुमारी कहती है कि इस गांव में नये भवन निर्माण के लिए वरीय पदाधिकारी को प्रतिवेदित किया गया है।
विधान पार्षद ने सीओ को लगाया फटकार, व्यवस्था में सुधार की दी नसीहत
नवादा : विधान पार्षदअशोक कुमार ने मंगलवार को नारदीगंज प्रखंड के हंडिया पंचायत की सीतारामपुर गांव पहुंचे। उन्होंने गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण कर शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता पूर्ण सुधार लाने के लिए निर्देश शिक्षकों को दिया, उसके बाद ग्रामीणों से रूबरू होकर उनकी मूलभूत समस्या को सुनने के बाद समाधान करने का आश्वासन दिया। सरकार के कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी लोगों को मिलेगा। उसके बाद प्रखंड कार्यालय, अंचल कार्यालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का भी निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान एमएलसी अंचल कार्यालय में सीओ अमिता सिन्हा को जमकर फटकार लगाते हुए व्यवस्था में सुधार करने का नसीहत दिया।कहा गया कि आम लोगों की शिकायत है कि शौचालय निर्माण में एनओसी देने में शिथिलता बरती जा रही है, दाखिल खारिज हो बंदोबस्ती या अन्य अंचल के कार्य मे टाल मटोल किया जाता है, काफी मामले लम्बित है,बिना नजराने का कार्य नही होता है,लोग अंचल कार्यालय का चक्कर लगाते परेशान होते हैं, बावजूद कार्य नहीं होता है। जो व्यक्ति नजराने देते हैं, उन्हीं का काम होता है।यह उचित नहीं है।
आप समय अवधि में सभी लोगों का कार्य करें,जनता को सहूलियत प्रदान करें, वेवजह किसी भी व्यक्ति को काम के लिए परेशान नहीं करें। सीओ ने लोगों की शिकायत को खारिज करते हुए एमएलसी को भरोसा दिलाया कि सभी का कार्य ससमय पूरा किया जाता है।सीएचसी में प्रसव वार्ड,आउटडोर, समेत अन्य वार्ड का निरिक्षण किया, साथ ही रोगियों से भी मुलाकात कर व्यवस्था की जानकारी प्राप्त की। उसके बाद सीएचसी प्रभारी डा0 अखिलेश प्रसाद,डा 0 विमलेंद्र प्रसाद सिन्हा समेत अन्य चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी से मिलकर केंद्र के बारें जानकारी प्राप्त की ।
मौके पर राजद के वरीय नेता अनिल कुमार सिंह,एमएलसी प्रतिनिधि शाहिल जी,बाल्मीकि यादव,दीपु यादव,दीपक कुमार उर्फ बाला जी,राजेन्द्र चौधरी, शम्भू मालाकार,दिनेश कुमार अकेला,कुंदन राय, मंटू कुमार,विनय कुमार सिंह,छोटेलाल यादव,वीरेंद्र कुमार समेत अन्य कार्यकर्ता शामिल रहे।
करंट लगने से युवक की मौत, घर में मचा कोहराम
नवादा : नगर थाना क्षेत्र के संकट मोचन के निकट करंट लगने से एक युवक की मौत हो गयी। इससे परिवार में कोहराम मच गया। वह ग्रील मिस्त्री का काम कर रहा था। शहर के संकट मोचन मंदिर स्थित ग्रील मिस्त्री की मौत की खबर मिलने के बाद लोगों की भीड़ उमड़ गई । बताया जाता है कि मंगलवार को यह घटना घटी है। मृतक की पहचान किशोर विश्वकर्मा के रूप में हुई है, जो शहर के वीआईपी कॉलोनी में रहता था।
परिजनों ने बताया कि रोज दिन की तरह व दुकान में बिजली के जरिए ग्रिल, शटर व अन्य लोहे का सामान बनाने का काम करता था। मंगलवार को काम करने के दौरान उसे करंट लग गया। मौके पर मौजूद लोगों ने करंट लगने के बाद उसे सदर अस्पताल लाया। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया है। मृतक की पत्नी इंदू देवी का रो-रोकर बुरा हाल है।
हाल ही में बहन की हुई थी शादी
बताया जाता है कि किशोर विश्वकर्मा ने हाल ही में अपनी बहन की शादी की थी। 8 जुलाई को नवादा में धूमधाम से शादी हुई थी। अपनी बहन को घर से विदा किया था। मौत के बाद पूरे परिवार सदमे में है।
पीएचसी में विवाद के बाद तलब हुए प्रभारी व सभी चिकित्सक, जांच को गठित की गई कमेटी
नवादा : जिले के नरहट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रभारी डॉ रामकुमार और चिकित्सकों के बीच छिड़ी जंग का पटाक्षेप करने के लिए 20 जुलाई को सभी डॉक्टर नवादा तलब किए गए हैं। मामले की जांच के लिए सिविल सर्जन डॉ निर्मला कुमारी के स्तर से 4 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है।
कमेटी के समक्ष प्रभारी सहित सभी चिकित्सकों को उपस्थित रहने को कहा गया है। 2:30 बजे का समय निर्धारित किया गया है। सिर्फ 2-8 बजे तक रोस्टर के अनुसार ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक को इससे अलग रखा गया है। वहां के लिपिक को भी सभी कागजातों के साथ उपस्थित रहने को कहा गया है।
जांच कमेटी जिला भेक्टर बॉर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ वीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में गठित किया गया है। जिसमें डॉ बीबी सिंह, सहायक अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी(गैर संचारी रोग), प्रभारी उपाधीक्षक सदर अस्पताल डॉ अजय कुमार और जिला स्वास्थ्य समिति के कार्यक्रम प्रबंधक अमित कुमार को शामिल किया गया है। जिला भेक्टर बॉर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ वीरेंद्र कुमार के कार्यालय कक्ष में सुनवाई होगी।
उल्लेखनीय है कि प्रभारी चिकित्सक के खिलाफ नरहट पीएचसी के चिकित्सकों ने सामूहिक रूप से डीएम और सिविल सर्जन को शिकायत सौंपकर अमर्यादित आचरण सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद प्रभारी ने भी सिविल सर्जन को पत्र लिखकर रोस्टर के अनुसार ड्यूटी नहीं करने के आरोप लगाए थे। अब दोनों पक्षों की शिकायतों पर जांच के लिए कमेटी गठित की गई है।
जांच कमेटी गठित होने के बाद प्रभारी और चिकित्सकों के बीच का विवाद और गहराने की संभावना बढ़ गई है। एक चिकित्सक ने कहा कि जांच का सामना तो करेंगे ही, लेकिन जरूरी है कि अनियमित और गैरकानूनी तरीके से प्रतिनियुक्त प्रभारी की प्रतिनियुक्ति को रद्द किया जाए।
सरकार का कई पत्र सिविल सर्जन के नाम जारी है कि विभाग द्वारा स्थान विशेष पर तैनात चिकित्सकों का तबादला और प्रतिनियुक्ति नहीं कर सकते हैं, तो नरहट में ऐसा कैसे किया गया है। प्रतिनियुक्ति ही नहीं कि गई बल्कि प्रभारी बनाकर वित्तीय प्रभार भी दे दिया गया है। जो इतने कृपापात्र हो सकते हैं, उन्हें बचाने के लिए जांच के नाम पर खानापूर्ति हो सकती है। यह भी कहा कि डॉक्टरों की शिकायत की खबर मीडिया में आने के बाद बैक डेटिंग कर प्रभारी का शिकायत लिया गया और जांच कमेटि बना दी गई।
जांच कमेटी में जिला कार्यक्रम प्रबंधक को शामिल किये जाने पर भी आपत्ति है। कहा कि राजपत्रित कर्मचारी पर आरोपों की जांच के लिए गठित टीम में गैर राजपत्रित कर्मी को शामिल किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। बहरहाल, जो स्थिति बन रही है, उसमें जांच कमेटी गठित होने के बाद भी रार कम होता नहीं दिख रहा है। चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति के झोल की खुलेगी पोल, आगे बताएंगे और कितने राम कुमार हैं नवादा में, जुड़े रहिए हमारे साथ…
जिले के 184 राजकीय नलकूपों में से 112 खराब
नवादा : अबतक बारिश की बेरुखी से जिले के किसान परेशान हैं। खरीफ के पटवन की नौबत आ गयी है, लेकिन जिले के नलकूपों ने भी धोखा देना शुरू कर दिया है। जिले में कुल 193 नलकूप हैं। इनमें से नौ शहरी क्षेत्र में हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल नहीं होता है। शेष बचे 184 नलकूपों में से सिर्फ 72 नलकूप ही वर्तमान में कार्यरत हैं। इस प्रकार जिले के 112 नलकूप खराब पड़े हैं।
किसानों को हालिया दिनों के मौसम के कारण अपनी फसलों के पटवन की चिंता खाए जा रही है। खरीफ की मुख्य फसल धान के आच्छादन का कार्य बारिश के अभाव के कारण शुरू नहीं हो पा रहा है। अभी तक बारिश की स्थिति जैसी है, ऐसे में किसानों को नलकूप से पटवन की जरूरत आन पड़ी है, लेकिन स्थिति यह है कि कहीं तकनीकी त्रुटि तो कहीं बिजली के अभाव के कारण नलकूप का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है।
बोरिंग से पटवन में है भारी परेशानी
धान की खेती के लिए एक पुरानी कहावत आज तक चली आ रही है। धान और पान, नित्य स्नान। यानी पान और धान की खेती के लिए रोज पानी चाहिए। तभी जाकर उन्नत खेती हो सकेगी। अब तक तो अच्छी बारिश रही है लेकिन वर्तमान में बारिश का जो मिजाज है, ऐसा ही हाल रहा तो किसानों के लिए खेतों का पटवन करना मुश्किल हो जाएगा। तब किसानों के पास पटवन के लिए बोरिंग का विकल्प बचा रहेगा।
जिले में बोरिंग से पटवन समय और व्यय साध्य साबित होता रहा है। नलकूप का विकल्प ऐसे गाढ़े वक्त में काफी काम आता है। इसलिए किसानों का जोर है कि ऐन पटवन के समय तक नलकूपों को काम लायक बनाने की कवायद विभाग पूरी कर ले ताकि किसानों का भला हो सके।
सारे नलकूप हो जाएं चालू तो किसान हो जाएंगे खुशहाल
जिले के सारे नलकूपों को खरीफ की फसल के पटवन की जरूरत के वक्त चालू करा दिए जाएं तो किसान खुशहाल हो जाएंगे। नलकूप से पटवन की स्थिति बताती है कि एक नलकूप से औसतन 20 हेक्टेयर खेती का पटवन होता है। इस तरह से जिले के सभी 184 नलकूपों को यदि चालू हालत में ले आया जाए तो जिले में करीब 2680 हेक्टेयर को पानी मिलने लगेगा।
आंकड़ों पर गौर करें तो खरीफ में औसतन 682.80 हेक्टेयर तक खेतों में पानी पहुंचाया गया। वहीं, गरमा में 141.76 हेक्टेयर खेत को पानी दिया गया। जबकि रबी सीजन में 519.70 हेक्टेयर खेतों तक पानी पहुंचाया गया। विभाग को उम्मीद है कि एक पखवारे के अंदर ज्यादा से ज्यादा नलकूपों को चालू करा लिया जाएगा।
किसानों को नहीं सूझ रहा कोई रास्ता
रोह में ट्यूबवेल नहीं रहने के कारण चिंतित मनियोचक के किसान कारू यादव कहते हैं कि मौसम की बेरुखी पर ट्यूबवेल किसानों के लिए मददगार साबित होता। पर इसके लिए कोई भी जनप्रतिनिधि अथवा विभाग संवेदनशील नहीं दिख रहा है। कौआकोल के महापुर निवासी किसान बिनोद सिंह कहते हैं कि कई वर्ष पूर्व कदहर नहर के पास ट्यूबवेल लगाया गया था। पर आज तक चालू नहीं हो सका। सरकार की अनदेखी के कारण सभी संयंत्र भी बर्बाद हो गये। इससे किसानों को कोई लाभ नहीं मिल सका।
पकरीबरावां के धेवधा निवासी किसान देव नारायण सिंह ने कहा कि पकरीबरावां एक बड़ा कृषि क्षेत्र माना जाता है। बहुसंख्य लोग खेती पर आश्रित हैं। धेवधा जैसे गांव में एक भी राजकीय नलकूप नहीं है। किसानों को खुद के बोरिंग से पटवन का कार्य करना पड़ता है। पकरीबरावां दतरौल के विजय यादव कहते हैं कि वर्षों से राजकीय नलकूप बंद है। कई बार इसे चालू करने के लिए आवेदन दिया गया है। लेकिन स्थिति यथावत है। अब तो किसानों ने इसके सही होने की आस ही छोड़ दी है।
मरम्मत के लिए मिले 2.29 करोड़ रुपये
लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता सर्वेश कुमार चौधरी कहते हैं कि जिले के खराब पड़े नलकूपों की मरम्मत की तैयारी शुरू कर दी गयी है। नलकूपों की मरम्मत का कार्य अब संबंधित पंचायतों के मुखिया के माध्यम से कराया जाना है। अभी खराब पड़े नलकूपों में से 50 की मरम्मत कराने के लिए विभाग को 2.29 करोड़ रुपये प्राप्त हो गए हैं।
खराब नलकूपों को ठीक कराने में आवश्यकतानुसार जितनी राशि की जरूरत पड़ेगी, लघु सिंचाई विभाग संबंधित पंचायत के मुखिया को उतनी राशि उपलब्ध करा चुका है। जरूरत के मुताबिक पंचायतों में नई बोरिंग व खराब मोटर को ठीक कराना है। जहां नए मोटर को लगाने की जरूरत होगी, वहां यह खरीदकर लगाया जाएगा। सिर्फ दिक्कत यह आ रही है कि नवादा जिले में बोरिंग के लिए ड्रिल मशीन व अन्य साधन की समस्या सामने आ रही है। इसके अलावा जिले में महज तीन नलकूल बिजली की कमी के कारण बंद पड़े हैं। बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता को इस संबंध में सूचित कर व्यवस्था सुचारू करने का आग्रह किया गया है।
कहते हैं अधिकारी
जिले के सारे राजकीय नलकूपों को पंचायत में हस्तांतरित करा दिया गया है। अभी 72 नलकूप चालू हैं। बाकी बंद पड़े 50 नलकूपों को चालू कराने के लिए विभाग द्वारा राशि पंचायतों में भेज दी गयी है। यह सभी ठीक हो जाएंगे तो कुल 122 नलकूप कार्यरत हो जाएंगे। खरीफ की फसल को पटवन के लिए एकदम उचित समय पर पानी उपलब्ध रहेगा। नलकूपों को चालू कराने के लिए डीएम खुद मॉनिटरिंग कर रही हैं।
06 दिनों से लापता किसान का नहीं मिला सुराग
नवादा : नगर थाना क्षेत्र के गोनावा से पिछले छह दिनों से लापता किसान दामोदर वर्मा का अब तक कोई सुराग नही मिला है। ऐसे में परिजनों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। परिजनों ने मोती बीघा गोणावां निवासी रमेश कुमार उर्फ रामू पिता पवित्र यादव, जल मंदिर गोनवा निवासी उपेंद्र कुमार पिता रामेश्वर प्रसाद, नवीन नगर निवासी विनय कुमार पिता निरंजन कुमार और शिव शंकर कुमार उर्फ चीकू पर अपहरण करने का आरोप लगाया है।
बावजूद पुलिस एक भी आरोपी के घर पर दस्तक देना तक मुनासिब नहीं समझ रही है। परिजन अपहृत की सकुशल बरामदगी के लिए थाना से लेकर एसपी कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी आवाज सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है.
दबंगों द्वारा मिर्जापुर में आहर भरकर गैरकानूनी तरीके किया जा रहा कब्जा
– ग्रामीणों ने डीएम से की कार्रवाई की मांग
नवादा : जिले में भू-माफियाओं की नजर अब आहर और पोखर पर है। माफिया गैरकानूनी तरीके से आहर- पोखर और सरकारी जमीन को भरकर कब्जा कर बिक्री किया जा रहा है, जिस ओर जिला प्रशासन का ध्यान नहीं है।
बताते चलें कि नगर के लाईनपार मिर्जापुर में मौजूद आहर, जो नेहालुचक रोड के साथ बहते हुए खुरी नदी की ओर जाती है, इसी आहर के द्वारा पुराने समय में खुरी नदी से बरसात का पानी का प्रवाह होता था, जिससे मिर्जापुर, कुर्मा , साहेबचक तथा नेहालुचक के खेतों में सिंचाई की जाती थी । लेकिन विगत कुछ सालों से वर्षा में आयी कमी के कारण इस आहर में पानी का आना बंद हो गया है, जिसके कारण अवैध तरीके से अतिक्रमण कर मकान बनना प्रारंभ होता गया और इसका आकार दिनोंदिन सिकुड़ता चला गया। जिसके कारण उसमें बहने वाले नालियों का पानी भी नहीं निकल पाता है व जहां-तहां जलजमाव का स्थिति रहता है।
गौरतलब हो कि लाईनपार मिर्जापुर में पवन मैरेज हॉल के पास मिर्जापुर से निकलने वाले मुख्य नाले का निकास इसी आहर में था, जिसे बंद करके कुछ दिनों से अज्ञात लोगों द्वारा मनमानी करते हुए पुरी तरह गैरकानूनी तरीके से भरकर उसपर कब्जा करने का कार्य चल रहा है।
स्थानीय निवासी रंजीत यादव, चंद्रिका प्रसाद, ईश्वरी प्रसाद यादव, कौलेश्वर राय, मनीष कुमार समेत अन्य दर्जनों लोगों ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, सदर एसडीओ,एसडीएम, अंचलाधिकारी, कार्यपालक पदाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी को संयुक्त रूप से लिखित रूप से आवेदन देकर कहा आहर में मिट्टी भरकर कब्जा किए जाने से कृषि पर भी असर पड़ रहा है। घरों के नालियों का निकास बंद है। नाली का पानी कृषि योग्य जमीन में बहता है, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। स्थानीय उक्त लोगों ने तत्काल आहर की जमीन को कब्जामुक्त कराकर प्रकृति जल निकास को बचाने और किसानों को देखते हुए आहर को चालू करने का मांग किया है।
बालू के अबैध खनन से पकरीबरावां भी अछूता नहीं
नवादा : बालू के अबैध खनन से पकरीबरावां भी अछूता नहीं है. भले ही खनन विभाग की अबतक कार्रवाई नहीं हो पायी हो लेकिन यह कटु सत्य है कि यहां से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रैक्टरों के माध्यम से प्रतिदिन बालू की चोरी की जा रही है।
कुछ इसी प्रकार स्थिति नवादा-जमुई पथ पर मायाबिगहा के पास देखी गयी। दर्जनों की संख्या में ट्रैक्टर लाइन लगाकर बालू ले जाते देखा गया। जाहिर है ऐसा पहली बार हो रहा था ऐसी भी बात नहीं थी। इस प्रकार का धंधा प्रतिदिन का है बावजूद शासन-प्रशासन मौन साधे तमाशा देख रही है या फिर सबकुछ मैनेज कर किया जा रहा है।
शासन-प्रशासन को सबूत चाहिए सो दृश्य को कैमरे में कैद किया गया है ताकि शासन-प्रशासन को झूठ लाने का कोई मौका न मिल सके। वैसे बुधवार को अकबरपुर प्रखंड क्षेत्र के गोसाईं बिगहा बालू घाट पर व्यापक पैमाने पर छापामारी कर बालू लदे ट्रैक्टर व ट्रक के साथ दो धंधेबाजों को गिरफ्तार किया गया है। बावजूद अन्य क्षेत्रों में धंधा चालू आहे।
लोक अदालत का प्रचार-प्रसार को ले बैठक
नवादा : सिविल कोर्ट, में श्री प्रवीण कुमार सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार की अध्यक्षता में राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन को व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए श्री सत्येन्द्र प्रसाद जिला सूचना एवं जन सम्पर्क पदाधिकारी के साथ विस्तृत समीक्षा की गयी।
उन्होंने कहा कि व्यवहार न्यायालय परिसर में दिनांक 13.08.2022 को 10ः00 बजे पूर्वा0 में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा। विभिन्न माध्यमों से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए रणनीति बनायी गयी है, जिसमें नुक्कड़ नाटक, होर्डिंग/फ्लैक्सी, माईकिंग आदि कराये जायेंगे। अभी जिले के चयनित महादलित टोलों में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से समाज सुधार अभियान और राष्ट्रीय लोक अदालत का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है।
13.08.2022 को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत में सभी तरह के सुलहनीय वादों जैसे:- अपराधिक वाद, दिवानी वाद, बैंक ऋण वाद, बीमा वाद, बिजली वाद, जल वाद, विवाह संबंधी वाद, राजस्व वाद, धारा 138 एन.आई.एक्ट. के वाद, भूमि अधिग्रहण मामले, भरण-पोषण वाद, श्रम वाद, अन्य दिवानीय मुकदमें जैसे-किराया आदि मामलों का निष्पादन दोनों पक्षों के आपसी सुलह के आधार पर यथाशीघ्र निष्पादन किया जायेगा।
पूर्व मुकदमा का भी निष्पादन सुलह के आधार पर किया जायेगा। जिलेवासियों से अनुरोध किया गया है कि यदि किसी प्रकार का वाद हो तो इस राष्ट्रीय लोक अदालत में उपस्थित होकर निष्पादन करायें। यहां निःशुल्क सुनवाई की जाती है और तत्काल फैसला भी सुना दी जाती है, जो दोनों पक्षों को मान्य होता है।
डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति में सिविल सर्जन कार्यालय भी लपेटे में, गलत तरीके से बनाये जा रहे प्रभारी, सरकार के आदेशों की उड़ रही धज्जियां
नवादा : बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के उप सचिव शैलेश कुमार का एक पत्र असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, दरभंगा को जारी किया गया है। जिसका लेटर नंबर 2/एम-02/2021-903(2) है। यह पत्र बिहार के सभी जिलों के सिविल सर्जन को भी भेजा गया है। पत्र का विषय है -बिना विभागीय पूर्वानुमति के विभाग द्वारा स्थान विशेष पर पदस्थापित चिकित्सकों को अन्यत्र पदस्थापित/प्रतिनियुक्त/प्राधिकृत करने के संबंध में।
इस पत्र में कहा गया है कि विभागीय पत्रांक -839(2) दिनांक-01.07.2015, पत्रांक-1161 (2),दिनांक 4.8.2016 एवं पत्रांक-1350(2) दिनांक 18.07.2019 की ओर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूं कि उक्त विभागीय पत्रों के द्वारा सभी असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि ” विभाग द्वारा स्थान विशेष पर पदस्थापित चिकित्सकों को अन्यत्र स्थानांतरित-पदस्थापित नहीं किया जाये और न विभागीय पूर्वानुमति के अन्यत्र प्रतिनियुक्त किया जाए।”
दरअसल, दरभंगा जिले के चिकित्सक डॉ प्रेम चंद्र प्रसाद को बिना विभागीय पूर्वानुमति के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरिहरपुर सिंघवाड़ा में कार्य करने को सिविल सर्जन द्वारा आदेशित किया गया था। डॉ प्रेम की शिकायत के बाद सरकार के उप सचिव ने नया पत्र जारी करते हुए सिविल सर्जन के आदेश को रद्द कर दिया। इस आदेश की प्रति सूबे के सभी सिविल सर्जन को भेजी गई। पत्र साफ करता है कि डाक्टरों का पदस्थापना/प्रतिनियुक्ति के मामले में सिविल सर्जन के हाथ बंधे हुए हैं।
अब समझिए हमने उप सचिव के उक्त पत्र का जिक्र खबर के शुरुआत में क्यों किया। इस पत्र के माध्यम से जारी आदेश का कितना अमल नवादा में हो रहा है इसकी पड़ताल की है। पता चला कि दरभंगा में महज एक चिकित्सक का मामला था। नवादा में तो आधा दर्जन से ज्यादा प्रभारी प्रतिनियुक्त कर दिए गए हैं।पड़ताल में यह बात सामने आई है कि 14 प्रखंडों के इस जिले में 7 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी प्रतिनियुक्ति वाले हैं।
इन दिनों नरहट पीएचसी में प्रभारी और डॉक्टरों के बीच ठनी हुई है। प्रभारी डॉ राम कुमार की पदस्थापना वारिसलीगंज पीएचसी में है। वे वहां प्रभारी थे। आशा कार्यकर्ताओं से पंगा के बाद प्रभारी की कुर्सी छिन गई थी। उनके स्थान पर उनकी पत्नी डॉ आरती अर्चना को प्रभारी बना दिया गया था। जबकि डॉ आरती रेफरल अस्पताल वारिसलीगंज में पदस्थापित हैं। कायदे से डॉ राम कुमार को हटाया गया था तब पीएचसी के किसी वरीय चिकित्सक को प्रभारी बनाया जाना चाहिए था। नरहट, वारिसलीगंज से आगे की चर्चा करते हैं, काशीचक के प्रभारी डॉ अभिषेक की पदस्थापना मूलतः पकरीबरावां पीएचसी में है।
इसी प्रकार गोविंदपुर के प्रभारी डॉ धनंजय की पदस्थापना वारिसलीगंज, अकबरपुर प्रभारी डॉ राजीव का पदस्थापन सिरदला, खनवां के डॉ ओम प्रकाश का नरहट, सिरदला के प्रभारी डॉ राम प्रवेश सिंह का रोह में मूल पदस्थापन है। नियमानुकूल इन लोगों की प्रतिनियुक्ति ही सही नहीं है। लेकिन, प्रतिनियुक्ति कर प्रभारी बनाए गए और सभी को वित्तीय प्रभार दे दिया गया है। फिलहाल जिले में कौआकोल, रोह, मेसकौर, हिसुआ, नारदीगंज, रजौली और नवादा सदर पीएचसी के प्रभारी ही अपने मूल पदस्थापन वाले स्थान पर हैं।
बड़ा सवाल यह है कि जब मूल पदस्थापन वाले प्रखंडों में वे चिकित्सक काम कर सकते हैं तो प्रतिनियुक्ति का औचित्य क्या है? इस मसले पर जानकार बताते हैं कि नियम और सरकार का आदेश अपने जगह, यहां तो बस कृपा उसी पर बरसती है, जो लाभ-शुभ के लिए आगे आते हैं। यह काम कोई आज से नहीं हो रहा है। पूर्व के सिविल सर्जन भी सरकार के आदेश को रद्दी की टोकरी में डालते रहे हैं।
बहरहाल, नरहट पीएचसी के विवाद ने अब वर्तमान और पूर्व के सिविल सर्जन कार्यालय को भी अपने लपेटे में ले लिया है। इस खेल में साहब के साथ बाबुओं की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। नरहट में प्रभारी के खिलाफ मोर्चा खोले चिकित्सक ही इन पत्रों को सार्वजनिक कर अपने साहबों की पोल खोल रहे हैं। प्रतिनियुक्ति के विवाद पर सिविल सर्जन डॉ निर्मला कुमारी की प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
पथ दुर्घटना में मृतक के आश्रितों को मुआवजा देने में आनाकानी पर विफर पड़ी डीएम
– मुआवजा के लिये आश्रितों से आवेदन लेने का आदेश
नवादा : उदिता सिंह जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई। बैठक में सड़क दुर्घटना और उससे होने वाली मृत्यु, मोटर वाहन दुर्घटना दावा संबंधित आंकड़े, वाहन जाॅच अभियान, गंभीर सड़क दुर्घटना के कारण एवं दुर्घटना स्थल पर आवष्यक परिमार्जन आदि की विस्तृत समीक्षात्मक बैठक हुई। वर्ष 2020 में सड़क दुर्घटना 206 जबकि 2021 में बढ़कर 229 हो गया। इसमें सर्वाधिक दुर्घटना वाला थाना अकबरपुर 42, मुफस्सिल 24, नगर थाना 14, वारिसलीगंज 20, रजौली 22, हिसुआ 19 और पकरीबरावां 14 है।
सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु होने वालों की संख्या 2020 में 152 और 2021 में 148 है। सर्वाधिक मृत्यु वाले थाना क्रमश: अकबरपुर 24, मुफस्सिल 17, नगर 14, वारिसलीगंज 16, रजौली 13, हिसुआ 10 आदि। जिलाधिकारी ने जिला परिवहन पदाधिकारी को पृच्छा किया कि किस सड़क पर और किस स्थल पर सड़क दुर्घटना अधिक हुई है, लेकिन वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। जिलाधिकारी ने कहा कि दुर्घटना स्थल को चिन्हित करें जहां पर दुर्घटना से बचने के लिए सभी आवश्यक कारगर कदम उठाये जायेंगे।
वाहन जनित दुर्घटना में अंतरिम मुआवजा के लिए मृतक के आश्रित से मात्र 43 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिसपर जिलाधिकारी ने आश्चर्य व्यक्त किय। उन्होंने कहा कि 2021 में सड़क दुर्घटना में 148 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है और मात्र 43 आवेदन ही क्यों प्राप्त हुए। जबकि सरकार के द्वारा सड़क दुर्घटना में मृतक के आश्रित को 05 लाख रूपये की परिवार की सहायता के लिए अनुदान के रूप में दी जाती है।
जिलाधिकारी ने कहा कि इसके लिए सड़क दुर्घटना में मृतक के आश्रित से आवेदन प्राप्त करें और निर्धारित समय अवधि में निवारण करते हुए सरकार के द्वारा निर्धारित मुआवजा की राशि देना सुनिश्चित करें। इसका विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिया।
वाहन दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को यथाशीघ्र आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हॉस्पिटल तक पहुंचाने में आम जन अथवा सरकारी कर्मी/पुलिस कर्मी, पुलिस अधिकारी को गुड समेटरिन के रूप में सम्मानित करते हुए 05 हजार रूपये पुरस्कार की राशि दी जाती है। सड़क दुर्घटना में किसी भी घायल व्यक्ति को नजदीक के अस्पताल में पहुंचाने पर पुलिस जबर्दस्ती पूछ-ताछ नहीं करती है, बल्कि सरकार के द्वारा उसे 05 हजार रूपये का ईनाम भी दिया जाता है।
जिले में सबसे बड़ी सड़क दुर्घटना दो स्थानों पर हुई यथा 18 मई 2022 को हिसुआ नवादा पथ पर बलियारी आहर हिसुआ के पास बस और मोटरसाईकिल के टक्कर में 04 परीक्षार्थियों/व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी। इसके अलावे सिरदला थाना के एसएच 70 पर कमलकुरहा ग्राम के पास 23 जून 2022 को ट्रक एवं मोटरसाईकिल के टक्कर में 03 व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी।जिलाधिकारी ने जिला सड़क सुरक्षा समिति के सभी सदस्यों को निर्देश दिया कि सड़क दुर्घटना को न्यूनतम करने के लिए हर कारगर कदम उठायें।
यातायात नियमों का पालन करवायें। किसी भी गाड़ी के छत पर यात्रा नहीं हो। जीवन सुरक्षा के लिए लागातार हेलमेट और सीट बेल्ट का जाॅच कराने के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिये। यदि काई यात्री गाड़ी के छत पर यात्रा करता है तो संबंधित गाड़ी पर निर्धारित पैनाल्टी वसूलना सुनिश्चित करें। कार्यपालक अभियंता आरसीडी को निर्देश दिया गया कि दुर्घटना वाले रोड पर ब्लाॅक स्पाॅट बनाना सुनिश्चित करें। जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि ड्राईविंग जाॅच के लिए भवन बन गया है जहां पर कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
बैठक में श्री उज्ज्वल कुमार सिंह अपर समाहर्ता, मो0 नैय्यर एकबाल उप विकास आयुक्त, श्री सत्येन्द्र प्रसाद जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी, श्री कन्हैया कुमार कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद नवादा, श्री अर्चना कुमारी एमभीआई नवादा के साथ-साथ कई पदाधिकारी उपस्थित थे।
आवास सहायक ने कहा, एक पंचायत में पांच मुखिया को डील करना मुश्किल
नवादा : मुखिया प्रतिनिधि के साथ पीएम आवास में कमीशनखोरी को लेकर विवादों में घिरे नवादा जिले के ज्यूरी पंचायत के आवास सहायक का दिलचस्प बयान सामने आया है। आवास सहायक कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि एक मुखिया रहे तब न, पांच मुखिया को डील करना मुश्किल हो रहा है।
कहा कि मुखिया चंपा देवी हैं, उनके अलावा उनके पति, देवर और बेटे भी बतौर मुखिया ही पेश आते हैं। उनलोगों के बीच भी समन्वय नहीं है। पीएम आवास में उस पंचायत के किसी और गांव में कोई शिकायत नहीं है, सिर्फ मड़वा गांव से शिकायतें सभी जगह पहुंचाई जा रही है। मुखिया और उनके प्रतिनिधियों के भय से 2 माह से पंचायत नहीं गया। लेकिन, दूसरी क़िस्त लाभुकों को देनी है, इसलिए निर्माण की प्रगति का जायजा लेने गया था। आवास सहायक यहीं नहीं रुके, आगे कहा कि मंगलवार को अचानक से मेरा कॉलर पकड़ लिया गया। गांव की महिलाओं ने बचाया।
उन्होंने कहा कि मैंने घटना का वीडियो भी बनाया। हालांकि, वे वीडियो उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। बता दें कि मंगलवार को आवास सहायक ने मड़वा गांव में पहुंचने पर मुखिया के बेटे पर अभद्रता और पिटाई का आरोप लगाया था। पुलिस को गांव पहुंचना पड़ा था। दोनों ओर से थाने में शिकायत दी गई थी।
पूरा घटनाक्रम पीएम आवास में कमीशनखोरी और उसमें हिस्सेदारी का बताया जा रहा है। दूध के धुले तो कोई है नहीं। आवास सहायक कहते हैं कि मुखिया के प्रतिनिधि अपने अनुसार काम करने को कहते हैं, मैं ठहरा सरकारी मुलाजिम, भला मुखिया और उनके प्रतिनिधि के कहने पर कैसे चलें। सही लाभुक को आवास का आवंटन किया जा रहा है।
बहरहाल, दोनों पक्षों को जानने वाले बताते हैं कि विवाद के पीछे का सच कमीशन में हिस्सेदारी ही है। मुखिया के लोग अपना सिक्का चलाना चाहते हैं और आवास सहायक अपना। इसमें कुछ वार्ड सदस्यों की बड़ी भूमिका दोनों पक्षों में बीच तनाव बढ़ाने में बताई जा रही है। अब मसले की निष्पक्ष जांच से ही सच्चाई सामने आ सकती है। अधिकारी इस मामले पर पर्देदारी करना ही बेहतर समझ रहे हैं। बात जितनी दूर तक जाएगी परेशानी सभी की बढ़ेगी।