टोला सेवक और तालिमी मरकज के प्रतिनियोजन में लाभ-शु्भ का खेल, प्राथमिक शिक्षक संघ का डीपीओ पर गंभीर आरोप
नवादा : जिले के टोला सेवकों और शिक्षा सेवक तालिमी मरकज के प्रतिनियोजन में लाभ-शु्भ का बड़ा खेल हुआ है। रुपये का लेन-देन कर नियमों के विपरीत प्रतिनियोजन किया गया है। ऐसा आरोप नवादा जिला प्राथमिक शिक्षक संघ ने संबंधित डीपीओ मो. मोकिमुद्दीन पर लगाते हुए प्रतिनियोजन को रद्द करने की मांग की है। साथ ही सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरुप प्रतिनियोजन करने की मांग की गई है। टोला सेवक और तालिमी मरकज संघ के आग्रह पर प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा यह मांग की गई है।
जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा कि प्रति नियोजन दूर दराज में कर दिया गया है। जो कि अनुचित है। इस प्रतिनियोजन में निवर्तमान जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मुकीम उद्दीन के द्वारा घोर अनियमितता बरती गई है, जिसके खिलाफ प्राथमिक शिक्षक संघ ने निवर्तमान जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार चौधरी को पत्र लिखकर एतराज जताया था।
निवर्तमान जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा दिनांक 30.6.22 को एक संशोधित सूची जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि भूलवश टंकण के कारण अशुद्धियां रह गई है जिसे सुधार किया गया है। इन लोगों की संख्या 25 है। इसके पूर्व 7 जून की तिथि में प्रतिनियोजन का आदेश निकाला गया था। जिसके बाद से ही विवाद हो रहा है।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष श्रीसिंह ने इस पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा है कि यह भूलवश नहीं इसमें रुपये-पैसे का बड़ा खेल हुआ है। जिन लोगों ने रुपये दिया उन्हें मनचाहा टोलो मोहल्लों में प्रतिनियोजित किया गया तथा जिसने चढ़ावा नहीं किया उन्हें दूरदराज के टोलों में प्रतिनियोजित कर दिया गया। हैरत की बात तो यह है कि कल जो संशोधित सूची 30 जून को प्रकाशित हुआ है वह बैकडेटिंग 15 जून के डेट में है।
निवर्तमान डीपीओ मुकीम मुद्दीन ने अपने काले कारनामे को छुपाने के लिए संशोधित सूची जारी किया। यह आईवाश के अलावा कुछ भी नहीं है। हम इसके खिलाफ जिला शिक्षा पदाधिकारी को पुनः पत्र लिखकर विरोध दर्ज कराएंगे तथा इस प्रतिनियोजन को तत्काल रद्द करने की मांग करेंगे। निवर्तमान डीपीओ के खिलाफ उच्चाधिकारियों को उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा।
बताया गया कि पहली सूची जारी होने के बाद काफी विरोध हुआ था। जिसके बाद जाते-जाते डीपीओ द्वारा संशोधित सूची जारी की गई, फिर भी विवाद थमा नहीं है। इस संबंध में डीपीओ का पक्ष लेने का प्रयास किया गया लेकिन वे उपलब्ध नहीं हो सके।
डाक्टर्स डे पर सम्मानित हुए चिकित्सक, समारोह का हुआ आयोजन
नवादा : जिला कुशवाहा सेवा समिति के तत्वाधान में नगर के मिर्जापुर स्थित समिति कार्यालय में शुक्रवार को राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस पर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में नगर एवं विभिन्न जिलों में पदस्थापित चिकित्सकों को सम्मानित किया गया। अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त शिक्षक महेश्वरी प्रसाद ने की। इस अवसर पर चिकित्सकों के सम्मान में उपस्थित सदस्यों ने चिकित्सा सेवा की महत्ता पर प्रकाश डाला।
अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि बदलते वैश्विक माहौल में चिकित्सकों के ऊपर मानव स्वास्थ्य सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। कोरोनाकाल का जिक्र करते हुए कहा कि पूरे विश्व में लाखों लोगों की मौत हो गई परंतु चिकित्सकों ने करोड़ों लोगों की जान भी बचाई। कोविड-19 की स्थिति काफी भयावह हो गई थी, अस्पताल में मरीजों के लिए बेड नहीं था, श्मशान घाट में शव दाह संस्कार करने के लिए लंबी कतारें लगी हुई थी, लोगों में अनजाने डर का माहौल पैदा हो गया था।
ऐसे समय में चिकित्सकों ने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए मरीजों की जान बचाने में अपने प्राणों की आहुति दे दी। उन्होंने कोरोना काल के दौरान चिकित्सा सेवा और कर्तव्य निर्वहन करते हुए अपने प्राण देने वाले चिकित्सकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।अन्य वक्ताओं ने कहा कि चिकित्सक को भगवान का दूसरा रूप दिया गया है जो सचमुच में सही है। वर्तमान समय में बदलते वातावरण में विभिन्न प्रकार के रोगों की समस्या आम लोगों को जूझना पड़ता है, चिकित्सक लोगों के प्राणों की रक्षा करते हैं। सही मायने में कहा जाए तो जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे मानव को नई जिंदगी चिकित्सक देते हैं।
उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र को सेवा का क्षेत्र भी कहा परंतु भौतिकवादी युग में चिकित्सा के क्षेत्र में व्यापक बदलाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने उपस्थित चिकित्सकों से मानवीय मूल्यों की रक्षा करने एवं गरीब असहाय लोगों के प्रति अपनी संजीदगी दिखाने का आग्रह किया। समारोह में नगर के कई चिकित्सकों ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया।
मौके पर समिति के सचिव विजय प्रसाद, कोषाध्यक्ष संजय कुमार, दीपक कुमार, बसंत प्रसाद ,बैजनाथ प्रसाद कुशवाहा, डॉ भोला प्रसाद कुशवाहा, रामचंद्र कुमार सोनी, अर्जुन प्रसाद कुशवाहा, यमुना प्रसाद, श्रीमती ललिता देवी , मेहता पेट्रोल पंप के संचालक अरुनजय मेहता, शीतल प्रसाद, विक्की कुशवाहा ,रविकांत बर्मा, नागेंद्र प्रसाद ,राजेश कुमार, राम किशुन महतो, सहित दर्जनों चिकित्सक मौजूद थे। सम्मान समारोह में आए चिकित्सकों को राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस पर अंग वस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह तथा बुके देकर सम्मानित किया गया। समारोह में दर्जनों चिकित्सकों को सम्मान मिला।
इन्हें किया गया सम्मानित
डॉ अमित कुमार, डॉ नागेंद्र कुमार, डॉ अवधेश कुमार पीएमसीएच,पटना, डॉ शशिभूषण कुमार, डॉ विपिन कुमार, डॉ अभिषेक राज, डॉ विकास कुमार, डॉ सुधीर कुमार, डॉ सुबोध कुमार, डॉ रामचन्द्र प्रसाद, डॉ मनोज कुमार, डॉ हितेंद्र कुमार, डॉ कृति सुमन, डॉ0 प्रियंका कुमारी।
पथ दुर्घटना में शिक्षक की मौत
नवादा : जिले के गोविन्दपुर-नेमदारगंज पथ पर देर शाम अकबरपुर थाना क्षेत्र के लेदहा गांव के पास अनियंत्रित वाहन के पलटने से शिक्षक की मौत हो गयी. इस क्रम में वाहन पर सवार कई लोग जख्मी हो गये। मृत शिक्षक की पहचान न्यू एरिया के प्रशांत कुमार उर्फ बुलु के रूप में की गयी है।
बताया जाता है कि मृतक अपने ससुराल झारखंड राज्य के गांवा से वापस नवादा लौट रहे थे। वाहन वे स्वयं चला रहे थे। स्थानीय लोगों के अनुसार सभी शराब के नशे में धुत थे. लेदहा गांव के पास वाहन पैन में पलट गया।
मृतक सीट बेल्ट लगा रखा था. स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर सीट बेल्ट नहीं होता उनकी जान बचायी जा सकती थी। बता दें मृतक रोह प्रखंड क्षेत्र के गोयठाडीह में शिक्षक के पद पर कार्यरत थे. मौत की खबर मिलते ही परिजनों व शुभ चिंतकों में कोहराम मच गया है।
ग्राम गौरव विकास दूत के कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कुरितियों को दूर करने का दिया संदेश
नवादा : उदिता सिंह जिला पदाधिकारी के आदेश के आलोक में अकबरपुर प्रखंड के पचगावाॅ, भनैल, और पैजुना में गीत-संगीत और नृत्य के माध्यम से नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन ग्रामीण गौरव विकास दूत के द्वारा किया गया। दहेज प्रथा, नशामुक्ति उन्मूलन, बाल विवाह के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के महत्वकांक्षी और जन कल्याणकारी योजनाओं को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से स्थानीय नागरिकों को बताया गया।
स्थानीय लोगों को बताया गया कि हमारे समाज के लिए दहेज प्रथा अभिशाप बन गया है। दहेज की कुरीतियों पर लोगों को विशेष रूप से जागरूक किया गया और इस कुप्रथा से बिहार को मुक्त करने के लिए लोगों को आगे आने का आह्वान किया। टीम ने ’’ जन जन तक पहुंचे पैगाम, दहेज लेना और देना दोनों हराम है
’’दहेज मिटायें, खुशहाली का दीप जलायें’’
सत्येंद्र प्रसाद जिला जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि दहेज प्रथा एक सामाजिक कुरीति है जो कानून अपराध घोषित होने के बावजूद समाज में व्याप्त हैं। वर पक्ष इसे लड़के पर बचपन से युवा अवस्था तक खर्च की गई राशि की वसूली का माध्यम समझता है, कन्या पक्ष के लिए दहेज देना मजबूरी हो जाती है और इस क्रम में हुए वे कर्जदार हो जाते हैं। कई परिवारों में लड़के वाले लालच में आकर अधिक दहेज के लिए नई ब्याह की गई लड़कियों को तंग तबाह करते हैं जो कई मामलों में आत्महत्या का कारण भी बनता है, अन्यथा दहेज हत्या का मामला बनता है।
दहेज प्रथा की वजह से समाज में लड़कियों को उनके जन्म से ही वोझ समझा जाता है और उनके प्रति शुरू से भेदभाव पूर्ण आचरण किया जाता है ।खानपान से लेकर शिक्षा तथा स्वास्थ्य तक में कमी देखी जाती है। उन्हें लड़कों की तुलना में बेहतर जीवनशैली नहीं मिल पाती है। दहेज प्रथा को दूर करने के लिए कई कानून भी बनाए गए हैं, जिसका व्यापक प्रचार-प्रसार नुक्कड़ नाटक के माध्यम से किया गया। नुक्कड़ नाटक प्रदर्शन में नाटक के लीडर विनोद कुमार सिंह, संतोष कुमार, विक्की, राजकुमार, रंजीत, मुन्नी कुमारी, सपना, निक्की, शंकर पाण्डेय आदि कलाकारों ने भाग लिया।
फुटबॉलर मेवालाल के जन्मदिवस पर सम्मानित किये गये खिलाड़ी
नवादा : भारत के महान फुटबॉलर और साईकिल किक के जन्मदाता मेवालाल के जन्मोत्सव पर हिसुआ स्थित गायत्री शक्तिपीठ मंदिर में एक कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया गया ।श्री कृष्ण मेवालाल टीम के संयोजक एवं इस कार्यक्रम के आयोजन परमेन्द्र कुमार द्वारा इस मौके पर फुटबॉल खिलाड़ियों एवं कलाकारों को मैडल, प्रशस्ति पत्र एवं कप देकर सम्मानित किया । कार्यक्रम की शुरुआत फुटबॉलर मेवालाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ऑल इंडियन रिपोर्ट्स एशोसियेशन के नवादा जिलाध्यक्ष सुनील कुमार एवं जिला परिषद सदस्य उमेश यादव एवं गायत्री परिवार की चंपा देवी थे। कार्यक्रम को संबोधित करते कहा सुनील कुमार ने कहा स्व. मेवालाल भारतीय टीम में एक स्ट्राइकर के रूप में खेले और अपनी फिटनेस, साइकिल किक और गोल करने की क्षमताओं के लिए जाने जाते थे। विशेष रूप से वे रबोना किक का उपयोग करते हुए। भारतीय फुटबॉल जगत में मेवालाल एक महान शख्सियत थे।
यूं तो उन्होंने भारत को कई मैचों में जीत दिलाई थी। लेकिन, 1951 के एशियन गेम में उन्हें फुटबॉल जगत में काफी लोकप्रियता मिली। उस गेम में ईरान के खिलाफ उन्होंने जब विजयी गोल दाग कर हिंदुस्तान को गोल्ड मेडल दिलाया था, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उनकी पीठ थपथपाई थी। उनकी प्रशंसा में उन्होंने कहा था कि इस अद्धितीय खिलाड़ी को देश कभी नहीं भूलेगा। कारण, उस समय भारत ने हाल ही में आजाद हुआ था। खेल के लिए न पैसे थे, न संसाधन। फिर भी खिलाडिय़ों में खेलने का जोश और जज्बा ऐसा दिखाया कि दूसरे देश अचंभित रह गए थे।
हिसुआ जिला परिषद उमेश यादव ने कहा मेवालाल की प्रतिभा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे दो-दो बार लंदन (1948) और हेलसिंकी (1952) ओलंपिक में भारतीय फुटबॉल टीम का हिस्सा रहे। प्रथम श्रेणी के मैचों में इस खिलाड़ी ने प्रतिष्ठित मोहन बगान टीम के खिलाफ हैट्रिक लगाकर सबको चकित कर दिया था। कोयलांचल का सौभाग्य रहा था कि मेवालाल न केवल यहां आए थे, बल्कि उस समय के फुटबॉल खिलाडिय़ों को खेल के विशिष्ट गुर भी बता गए।
मौके पर युवा खिलाड़ी सौरव कुमार के अलावे महिला खिलाड़ी नीलम कुमारी, दिव्या कुमारी, काजल कुमारी, नीशू कुमारी, मुस्कान कुमारी, सौरभ कुमार, नाजुक कुमारी, राजनंदिनी, नैना कुमारी, नेहा कुमारी, रिया कुमारी, वर्षा ज्योति, निक्की कुमारी, स्वाति कुमारी, ज्योति कुमारी को सम्मानित किया गया। मौके पर पत्रकार राजेश कुमार, गुड्डू मास्टर, गोरे यादव आदि को सहयोग के लिए कप देकर सम्मानित किया गया। अन्त में आयोजक प्रमेन्द्र कुमार ने उपस्थित लोगों का धन्यवाद ज्ञापन किया।
ईंट भट्टा के संचालकों की मनमानी से बंजर हो रही भूमि
नवादा : घर बनाने के लिए लोगों को लाल ईंट की जरूरत होती है। इसके लिए जिले के विभिन्न भागों में वैद्य व अवैध करीब 300 ईट भट्टे संचालित हो रहे हैं, लेकिन नियमों की अनदेखी के कारण हर दिन एक बड़ा उपजाऊ भू-भाग बंजर होता जा रहा है। वर्षा आने से पहले जिले के ईंट भट्ठों पर मिट्टी का पहाड़ बनना शुरू हो गया है। जिले में 150 से अधिक जेसीबी मशीन मिट़्टी के नाम पर किसानों के खेतों की जान निकाल रही है। प्लाट दर प्लाट खेत विरान और खाई बन रहा है।
कहीं पैसे तो कहीं खेत में पानी ठहरने के लालच में किसान अपना खेत ईंट भट्ठा व्यवसायियों को सौंप रहे हैं। यद्यपि यह उपज और पर्यावरण की दृष्टि से बेहद खतरनाक है। कृषि वैज्ञानिकों की माने तो यह खेतों की हत्या करने जैसा है। ऊपजाऊ खेतों में तीन फुट से ज्यादा खोदाई जलस्तर और उपज दोनों के लिए विनाशकारी है। रिपोर्ट के अनुसार ऐसा पाया गया है कि मिट्टी काटने के बाद गड्ढा छोड़ दिया जाता है। ऐसे में उक्त भूमि खेती योग्य भी नहीं रह जाती। इससे वह बंजर जैसा हो जाता है।
हर साल बंजर हो रही एक हेक्टेयर भूमि
ईट भट्ठेदार बताते हैं कि एक सामान्य चिमनी भट्ठे के लिए साल भर में 6500 मीट्रिक घन मीटर मिट्टी की आवश्यकता होती है। जिले में 250 रजिस्टर्ड और करीब 50 अवैध चिमनी संचालित हैं। ऐसे में हर साल करीब 25 लाख मीट्रिक घन मीटर मिट्टी का खनन होता है। जिले की अधिकांश मिट्टी ऊपजाऊ है। इसके अनुसार हर साल करीब एक हजार हेक्टेयर भूमि बंजर हो जा रही है।
घट गया धान का रकबा
जिले में पांच साल पहले 85 हजार हेक्टयर में धान की खेती होती थी, लेकिन अब 75 हजार हेक्टेयर में धान की खेती होती है। यह आंकड़ा बंजर व बर्बाद हो रही भूमि की भयावहता दिखाने के लिए काफी है। लालच में मिट्टी कटवा रहे किसानों को पिछले कुछ सालों में वर्षा कम होने से पटवन करने में परेशानी हो रही है। ऐसे में किसान यह सोच कर मिट्टी कटवा रहे हैं कि खेत के गड्ढा हो जाने से पानी खेत में लंबे समय तक टिकेगा। कुछ किसान पैसा के लोभ में अपने खेत की मिट्टी कटवा रहे हैं। जबकि यह आत्मघाती कदम है। कृषि विज्ञानी कहते हैं कि खेत बहुत ज्यादा टीले हैं तो मिट्टी कटवाना ठीक है, लेकिन सामान्य खेतों को चार फीट तक गहरा करवाना जोखिम भरा है। इससे जमीन की उर्वरा शक्ति कमती है। इतनी खुदाई के बाद मिट्टी को उर्वर बनाने में कई साल लग जाएंगे।
लगातार गिर रहा जलस्तर
आंकड़े बताते हैं कि मिट्टी की लगातार हो रही कटाई से हर साल हजारों एकड़ भूमि बंजर हो रही है। इससे प्रदूषण का खतरा बढ़ने के साथ-साथ जलस्तर भी गिर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार खनन के बाद उस स्थान पर मिट्टी का दबाव कम होने से पानी ऊपर आ जाता है। इससे दूसरे स्थान का जलस्तर नीचे चला जाता है। वहीं मिट्टी के अंदर रहने वाले सूक्ष्म जीवों के नष्ट हो जाने से पर्यावरण को खतरा उत्पन्न होता है।
वैध से ज्यादा अवैध भट्ठे
जिले में करीब 300 ईंट भट्ठे संचालित हैं। कई ऐसे भट्ठे हैं जो बगैर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से निबंधन के ही संचालित हैं। इनमें से 150 ईंट भट्ठे खनन विभाग में मिट्टी रायल्टी के लिए निबंधित हैं। ईंट भट्ठे सरकार को मिट्टी का राजस्व देते हैं। इनके लिए कई प्रावधान है। लेकिन प्रावधानों का अनुपालन मात्र कागज पर हो रहा है। तीन फिट से अधिक गहराई में मिट्टी की खुदाई नहीं करनी है। जिले में अब भी कई बंगला ईंट भट्ठों का संचालन किया जा रहा है। जिस पर सरकार ने पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर रखा है।
कहते हैं अधिकारी
जिले में संचालित ईट भट्ठे पर प्रशासन की नजर है। सरकारी नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। राजस्व जमा नहीं करने वाले मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। -सुमन कुमारी, खनन पदाधिकारी, नवादा:
सर्पदंश से महिला की मौत
नवादा : जिले के वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र के कोरमा गांव में सर्पदंश से महिला की मौत हो गयी. मौत के बाद परिवार वालों में कोहराम मच गया। बताया जाता है कि हारो मांझी की पत्नी वीणा देवी घर में सोयी थी। अचानक एक बजे रात्रि में विषैले सर्प ने सुप्तावस्था में डंस लिया.परजन ईलाज के लिए वारिसलीगंज स्वास्थ्य केन्द्र ले गये जहां से चिकित्सक ने सदर अस्पताल स्थानांतरित कर दिया।
सदर अस्पताल में इलाज के क्रम में महिला की मौत हो गयी. मौत की खबर मिलते ही परिवार वालों में कोहराम मच गया। बता दें बरसात आरंभ होते ही जिले में वज्रपात व सर्पदंश से मौत की खबरें लगातार कहीं न कहीं से प्रतिदिन प्राप्त हो रही है।
केजी रेलखंड पर तिलैया-वजीरगंज के बीच दोहरी पटरी पर जल्द दौड़ेगी यात्री ट्रेनें
नवादा : किउल-गया रेलखंड के यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। जल्द ही इस रेलखंड पर तिलैया जंक्शन से वजीरगंज तक दोहरी पटरी पर ट्रेनें दौड़ेगी। इससे यात्रा सुगम होगा। सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले एक माह के अंदर नई पटरी पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। बता दें कि केजी रेलखंड के दोहरीकरण का काम चल रहा है।
लखीसराय से मानपुर तक करीब 124 किलोमीटर लंबी रेलखंड का दोहरीकरण किया जा रहा है। 2016 में इसकी स्वीकृति मिली थी। करीब 6 वर्षों से काम जारी है। अबतक वजीरगंज से मानपुर तक 18 किलोमीटर डबल लाइन का काम पूरा हो चुका है। अब तिलैया से वजीरगंज के बीच करीब 18 किलोमीटर का काम अंतिम चरण में है। इस बावत पीडब्लूआई तारकेश्वर प्रसाद से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि तिलैया से वजीरगंज 88 से 106 किलोमीटर यानी 18 किलोमीटर लंबी नई रेलपटरी पर ट्रेनों का परिचालन शुरू कराने के लिए काम तेज कर दिया गया है।
अगले एक माह में परिचालन शुरू होने की उम्मीद है। इसके पूर्व 106 से 124 किलोमीटर वजीरगंज से मानपुर तक का काम पूरा किया गया था। जिसपर ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। इसके बाद लखीसराय से शेखपुरा के बीच परिचालन शुरू कराने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। तिलैया से नवादा के बीच भी काम द्रुत गति से चल रहा है। नवादा में खुरी नदी पर नया पुल का निर्माण भी किया जाना है।
ट्रैफिक फ्री होगा नगर की सड़कें, राज्य ट्रांसपोर्ट का डिपो जल्द शिफ्ट होगा बुधौल, नगर को मिलेगा सुंदर पार्क
नवादा : नगर की सड़कों को ट्रैफिक फ्री करने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा बड़ा कदम उठाया जा रहा है। बिहार राज्य पथ परिवहन की बसों का ठहराव अब बुधौल बस पड़ाव में कराया जाएगा। सीधे शब्दों में कहें तो सरकारी बस डिपो अब बुधौल स्थानांतरित होगा। डीएम उदिता सिंह ने इसके संकेत दिए हैं। वैसे भी बुधौल बस पड़ाव की उपयोगिता फिलहाल नहीं हो रही है। 7 करोड़ रुपये खर्च कर इस बस पड़ाव का सौंदर्यीकरण किया गया था।
जिला प्रशासन द्वारा नगर के भगत सिंह चौक के पास स्थित बस डिपो को बुधौल शिफ्ट करने के बाद आगे बड़ा प्लान तैयार कर रही है। इसके तहत सरकारी बस डिपो की भूमि पर सुंदर पार्क का निर्माण कराया जाएगा। ऐसा हुआ तो शहर वासियों का सुंदर सपना, शहर में हो एक पार्क अपना की परिकल्पना साकार हो जाएगी। कहने को तो नवादा शहर है, नगर परिषद से नगर निगम बनने की ओर है, लेकिन अबतक एक भी पार्क नहीं है। मॉर्निंग वॉक करना हो या बच्चों को मनोरंजन के लिए साधन उपलब्ध कराना या फिर कुछ पल परिवार-दोस्त के साथ बिताना, एक पार्क की कमी हमेशा खटकती रही है।
29 जून को जिले के मीडियाकर्मियों के साथ बैठक के दौरान डीएम उदिता सिंह ने सरकारी बस डिपो की शिफ्टिंग की कवायद की बात स्वीकारी। कहा कि फिलहाल कुछ अड़चनें है जिसे दूर होने का इंतजार किया जा रहा है। दरअसल, शहर से बुधौल बस पड़ाव तक जाने के फिहलाल दो रास्ते हैं। एक गोंदापुर और दूसरा मंगर बिगहा। दोनों रास्ते के बीच खुरी नदी है।
गोंदापुर के रास्ते में खुरी नदी पर पुल निर्माणाधीन है, जबकि मंगर बिगहा के रास्ते का पुल जर्जर है, जिसपर बड़े व भारी वाहनों का परिचालन प्रतिबंधित है। मंगर बिगहा पुल निर्माण कार्य का शिलान्यास 2020 के विधानसभा चुनाव के पूर्व किया गया था, लेकिन काम अबतक शुरू नहीं हो सका है। खुरी नदी पर एक और पुल श्रीकृष्ण मेमोरियल कॉलेज के पास था। उसका अस्तित्व मिट गया।
नदी के दोनों ओर अतिक्रमण कर घर-मकान बना लिया गया है। अब तो रास्ता भी विलुप्त हो गया है। ऐसे में प्रशासन गोंदापुर और मंगर बिगहा पुल के निर्माण पर ही ध्यान केंद्रित कर रही है। गोंदापुर पुल का निर्माण जल्द पूरा होने की संभावना है। बहरहाल, जबतक दोनों पुल का निर्माण नहीं हो जाता है, बुधौल बस पड़ाव से शहर का एप्रोच सही से नहीं हो पाएगा। ऐसे में बुधौल बस पड़ाव में सरकारी बस डिपो को शिफ्ट होने में थोड़ा विलंब हो सकता है। तबतक, थोड़ा इंतजार करना होगा।