वाहनों की धुलाई में हजारों लीटर पानी प्रतिदिन हो रहा बर्बाद, बावजूद अधिकारी मौन

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नवादा : पूरे देश में जल संकट दिन-प्रतिदिन गहराता जा रहा है। सुदूरवर्ती इलाकों में पेयजल की समस्या से लोग जूझ रहे हैं। केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जल संरक्षण के लिए जल-जीवन हरियाली समेत कई योजनाएं चलाई जा रही है। योजना के तहत पौधारोपण, तालाब निर्माण एवं आहर-पइन आदि का जीर्णोद्वार किया जा रहा है। लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पानी की बर्बादी नहीं करने की सलाह दी जा रही है। बावजूद लोग जल संरक्षण के प्रति उदासीन बने हुए हैं।

वाहनों की सर्विसिग व धुलाई में नित्य दिन हजारों लीटर पानी बर्बाद किया जा रहा है। नगर के गोनावां, केंदुआ बाइपास, प्रसाद बिगहा, जवाहर नगर समेत कई स्थानों पर संचालित वाहनों के वाशिग सेंटर की पड़ताल की गई। एक भी वाशिग सेंटर पर वाटर टैंक नहीं लगा था और ना ही वाटर रिसाइकिल के लिए शोख्ता आदि का निर्माण नहीं कराया गया है। वाहनों की धुलाई के बाद पानी नाली में बहकर बर्बाद हो जाता है। जल संरक्षण के प्रति वाशिग सेंटर के संचालक उदासीन बने हुए हैं। विभागीय अधिकारी द्वारा भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो पेयजल संकट से लोगों को जूझना पड़ सकता है।

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शहर में करीब 60 वाशिग सेंटर संचालित

– नवादा शहरी इलाके गोनावां, केंदुआ बाइपास, प्रसाद बिगहा, तीन नंबर बस पडा़व, जवाहर नगर समेत अन्य स्थानों पर करीब दस चार पहिया एवं 50 दो पहिया वाहनों के लिए वाशिग सेंटर संचालित हो रहा है। जहां सुबह से देर शाम तक वाहनों की धुलाई होती है। वाहनों की धुलाई में प्रतिदिन हजारों लीटर पानी र्बबाद होता है।

बिना एनओसी लिए करा ली जाती है बोरिग

– सरकार के नियमानुसार किसी भी स्थान पर बोरिग कराने के पूर्व एनओसी लेना अनिवार्य है। बिना एनओसी के बोरिग कराने पर कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान है। लेकिन शहरी इलाके में संचालित वाशिग सेंटर के संचालकों द्वारा बिना अनुमति लिए बोरिग करा लिया गया है। वाहनों की धुलाई में प्रतिदिन हजारों लीटर पानी बर्बाद किया जा रहा है। बावजूद विभागीय अधिकारी का इस ओर कोई ध्यान नहीं जा पा रहा है।

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