सभी को अवसर नहीं दे पा रही कॉलेजियम प्रणाली, करती है योग्यता को अनदेखी : उपेंद्र कुशवाहा
नवादा : पूर्व केंद्रीय मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कॉलेजियम प्रणाली पर सवाल खड़ा किया है। कहा कि यह प्रणाली योग्यता को अनदेखा करता है। कॉलेजियम व्यवस्था देश के सभी लोगों को अवसर नहीं दे पा रही है। यह प्रणाली हमारे लोकतंत्र के लिए अभिशाप है। वे मंगलवार 17 फरवरी को नवादा जिले के वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र के पैंगरी गांव में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर आयोजित कॉलेजियम प्रणाली पर सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे।
आगे उन्होंने कहा कि एक चाय बेचने वाला का बेटा पीएम बन सकता है,एक मछुआरा का बेटा वैज्ञानिक बन सकता है,लेकिन क्या एक नौकरानी का बच्चा न्यायाधीश बन सकता है?श्रीकुशवाहा ने सवालिया लहजे में कहा कि जज अन्य जजों की नियुक्ति नहीं करते हैं, सच तो यह है कि वे अपने उत्तराधिकारी नियुक्त करते हैं। उत्तराधिकारी चुनने के लिए यह प्रणाली क्यों बनाई गई है? उन्होंने कहा कि न्याय होना ही काफी नहीं है, यह तो हो रहा है। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट व हाइकोर्ट में जजों की नियुक्ति की स्थिति वही है, जैसे कोई अपना उत्तराधिकारी चुनता है।
श्रीकुशवाहा ने जातीय जनगणना पर कहा कि इससे सभी वर्ग के लोगों को लाभ मिलेगा। जातीय जनगणना के बाद ऐसे लोग जो आरक्षण का लाभ ज्यादा ले रहे हैं,उन्हें चिंहित किया जा सकेगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सबसे पहले जातीय जनगणना अंग्रेजी शासन काल में ही वर्ष 1931 में हुई थी। इसके बाद से इन्हीं आकंड़ों पर योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है। 1931और 2022 के हालात में काफी अंतर हैं। 1931के आकंड़ों पर चल रही योजनाएं वर्तमान समय में सफल नहीं हो सकती है, इसके लिए जातीय जनगणना जरूरी है। यही कारण है कि सभी दल जातीय जनगणना के समर्थन में हैं।
कार्यक्रम को पूर्व विधायक प्रदीप कुमार, अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिमांशु पटेल, इंद्रदेव कुशवाहा सहित अन्य लोगों ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डाॅ. राकेश रंजन व संचालन कुमुद रंजन ने की। इस अवसर पर पैंगरी पंचायत के मुखिया इंद्रदेव मांझी, राजेंद्र कुशवाहा, विनोद कुमार, रितेश कुमार, रामाशीष यादव, ललन वर्मा, सुधांशु कुमार, राजकुमार सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।