नवादा : बिटिया की शादी के लिए पिता ने वर ढूंढ लिया था। कई शुभ मुहूर्त निकल गया, लेकिन शादी नहीं हुई। जिसे लड़के की शादी होनी थी वह बार-बार शादी टलने की वजह समझ नहीं पा रहा था। जब उसने अपने स्तर से जानकारी हासिल की तो पता चला कि शादी के रास्ते में दहेज अड़चन बना हुआ है।
जिस लड़की से शादी होनी थी उसके पिता रुपये का इंतजाम नहीं कर पा रहे थे। सच्चाई जानकर लड़का हैरत में पड़ गया। फिर उसने बड़ा फैसला लिया। बिना तिलक-दहेज की शादी करने का निर्णय लिया। समाज के लोगों के जरिए पिता को अपने निर्णय से अवगत कराया साथ ही लड़की वालों तक सूचना भिजवा दिया कि शादी होगी और वह भी बिना किसी प्रकार के लेन-देन का।
लड़के के इस फैसले से दोनों पक्ष के लोग पहले तो आश्चर्य में डूबे फिर शादी को सहमत हो गए। मंगलवार को मेसकौर प्रखंड क्षेत्र के सीतामढ़ी स्थित राजवंशी ठाकुरबाड़ी में दोनों का दहेज मुक्त विवाह हुआ। मामला नरहट थाना क्षेत्र के अबगिल निवासी राजकुमार राजवंशी के पुत्र मित्तल राजवंशी की शादी से जुड़ा था।
कई माह पूर्व नरहट थाना क्षेत्र के राजाबीघा गांव निवासी राजेंद्र राजवंशी की पुत्री सुष्मिता कुमारी के साथ मित्तल की शादी तय हुई थी। परंतु लड़की के परिवार के पास दहेज के लिए पैसा की व्यवस्था नहीं हो पा रहा था। इस कारण शादी टलती जा रही थी तब लड़का मित्तल ने स्वयं पहलकर शादी करने का निश्चय किया।
मंगलवार को दोनों पक्षों की मौजूदगी में दहेज मुक्त विवाह हुआ। लड़का के पिता शादी से खुश दिखे। कहा कि दहेज मुक्त शादी होनी चाहिए।बेटे के फैसले पर नाज है। मौके पर समाजसेवी उपेंद्र राजवंशी सहित कई लोग मौजूद थे। इस शादी की समाज के हर तबके में मुक्त कंठ से प्रशंसा हो रही है।