करोड़ों रुपये की लागत से बन रहा कमला बराज के निर्माण कार्य प्रगति पर
मधुबनी : जिले के जयनगर मे करोड़ों की लागत से कमला नदी पर कमला बराज का निर्माण का शिलान्यास सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने किया था, पर अब इसके समय रहते कार्य पूरा होने पर संदेह नजर आता दिखाई देता है। बता दें कि हर साल बाढ़ की विषम परिस्तिथि में इस कमला नदी के किनारे राह रहे लाखों लोग परेशान और हजारों लोग तबाह हुए हैं। इस इलाके के लाखों लोग बाढ़ की विभीषिका से त्रस्त होकर अपने घर और परिवार को छोड़कर बांधों के ऊपर शरण लिये हुए हैं। हर मानसून में इस क्षेत्र में बाढ़ की विभीषिका के ऊपर लाखों-लाख रुपये खर्च होते हैं।
सरकार को सुझाव दिये जाते हैं, एक के बाद एक सरकारें आती और जाती हैं। बाढ़ की विभीषिका से बचने के लिए दूरगामी प्रस्ताव पास होते हैं, विशेषज्ञों की समति नियुकत होती है। उसकी संस्तुति आती है और उस सारी संस्तुति के ऊपर गर्द जम जाती है। उसके स्थायी समाधान के लिए जिस तरह के संकल्प की सरकारों में आवश्यकता है, उस तरह का संकल्प हमको दिखाई नहीं देता। हर साल लोग इस बात से परेशान रहते हैं कि आने वाले बाढ़ में हमारे पीने के पानी का सर्वथा अभाव हो जाएगा। आज भूगर्भीय जलस्तर निरंतर नीचे जा रहा है, बावजूद इसके कोई निराकरण नही हो पा रहा।
वहीं, एक अन्य परेशानियों में भू-अर्जन का मामला भी है। आज भी जब कमला बराज का निर्माण शुरू है, पर अतिक्रमण खत्म ही नहीं हो पा रहा है। अक्सर लोग ऐसी जगहों पर कई सालों से रह रहे हैं, तो आसानी से नहीं जा पा रहे हैं। हालांकि सरकार के द्वारा उचित मुआवजा भी दिया जा रहा है, बावजूद इसके अड़चन जारी है। इस कार्य मे लगे विभागीय लोग और अन्य कर्मी भी इस बाबत काफी परेशान हैं।
एक अन्य परेशानी का सबब बन रहा यहाँ के स्थानीय लोग और स्थानीय व्यापार। कुछ स्थानीय लोग अनावश्यक ही रोज सुबह, दोपहर, शाम को भीड़ बना कर कमला नदी में चल रहे काम को देखने को मौजूद रहते हैं। इस कारण से मौके पर मौजूद कर्मियों को असुविधा और जान-माल का नुकसान होने का खतरा बना रहता है, जिससे वो सभी कर्मी काफी ज्यादा परेशान रहते हैं। जब हमने इस बाबत मौके पर मिले इसमें कार्य कर रहे विभागीय लोगों से बात की तो उन्होंने उपरोक्त बातें बताई, और प्रशासन और मीडिया से मदद की बात कही।
बता दें कि सीएम नितीश कुमार ने कुछ महीने पहले जयनगर में लगभग 750 करोड़ रुपये की प्रस्तावित परियोजना का किया शिलान्यास किया था। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री, बिहार के कर-कमलों द्वारा मधुबनी जिला अन्तर्गत जयनगर में कमला नदी पर बराज निर्माण कार्य लागत राशि अनुमानित 405.66 करोड एवं कमला बलान बायां एवं दायां तटबंध का उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं पक्कीकरण कार्य फेज वन लागत राशि अनुमानित 325.12 करोड़ है, जो पिपराघाट से ठेंगहा पुल तक 80 किलोमीटर की लंबाई में है।
इस कार्यक्रम का आज शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किया गया था। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संजय कुमार झा(मंत्री, जल संसाधन विभाग, बिहार) एवं शैलेंद्र कुमार (सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, मधुबनी) बिहार द्वारा किया गया।
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रुप में लेसी सिंह(प्रभारी मंत्री) एवं डॉ० रामप्रीत पासवान(मंत्री, पीएचइडी) एवं शीला कुमारी(परिवहन मंत्री, बिहार) की उपस्थिति रही थी। साथ में नीतीश मिश्रा(सदस्य, बिहार विधानसभा), घनश्याम ठाकुर(एमएलसी, बिहार), रामप्रीत मंडल(सदस्य,लोकसभा), मीना कामत(सदस्य, बिहार विधानसभा) अरुण शंकर प्रसाद(सदस्य, बिहार विधानसभा), हरी भूषण ठाकुर “बचोल”(सदस्य,बिहार विधान सभा) की मौजूदगी रही थी।
वहीं, शिलान्यास के बाद सीएम नीतीश कुमार जयनगर के डी.बी. कॉलेज में आम जनसभा को सम्बोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि इस कमला बियर के निर्माण से इस क्षेत्र के साथ अन्य लोगों को भी काफी लाभ मिलेगा, एवं जन सुविधाओं से जुड़ी चीजों का लगातार विस्तार किया जाता रहेगा। वहीं इस कार्य से जुड़े लोग और अन्य स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय पर नही बन पाया तो एक बार फिर लाखों लोगों को प्रभावित करेगा।
जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के चिकित्सकों को दिया गया एईएस का प्रशिक्षण
मधुबनी : कोविड केयर सेंटर में जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के चिकित्सकों को एईएस (चमकी बुखार) का एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, एक-एक एमबीबीएस डाॅक्टर, आरबीएसके के डाॅक्टर समेत बीएचएम, बीसीएम और कालाजार के वीबीडीएस शामिल हुए। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ० विनोद कुमार झा ने बताया प्रशिक्षण में सभी प्रतिभागियों को चमकी बुखार के कारण, लक्षण, बचाव और समुचित इलाज की विस्तृत जानकारी दी गई है। ताकि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी प्रतिभागी संबंधित मरीजों का सुविधाजनक तरीके जरूरी इलाज कर सकें और मरीजों को भी इलाज के लिए जिले से बाहर नहीं जाना पड़े।
डॉ० झा ने बताया कि अप्रैल से जुलाई तक जिले में छह माह से 15 वर्ष तक के बच्चों में चमकी/मस्तिष्क ज्वर की संभावना बनी रहती है। लोग चमकी को सही समय पर जान सकें, ताकि इसके लक्षण जानकर समय पर इलाज कराकर सुरक्षित रह सकें, इसके लिए जिले में स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है। लोगों को बताया जा रहा है कि चमकी के लक्षण मिलते ही बच्चों को तुरंत सरकारी अस्पताल ले आएं, बिल्कुल भी देरी न करें। अस्पताल से दूरी होने पर एम्बुलेंस किराए पर लेकर तुरंत पहुंचे, यात्रा का भाड़ा अस्पताल द्वारा दिया जाएगा।
चमकी के लक्षणों व उससे बचाव के सिखाए जा रहे हैं तरीके
क्षेत्रीय स्वास्थ्य प्रबंधक विनय कुमार चौधरी ने बताया कि जिले भर में जीविका दीदियों, आशा फैसिलिटेटरों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग से चमकी बुखार के लक्षणों को समझाते हुए स्वास्थ्य कर्मी इससे बचाव के गुर अपने पोषक क्षेत्र में बताएंगे। जैसे कि बच्चे रात में खाली पेट न सोएं, बेवजह धूप में निकलें, कच्चे आम, लीची व कीटनाशकों से युक्त फलों का सेवन न करें, आदि बातें सिखा रहे हैं। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर ओआरएस के पाउडर व पारासिटामोल की गोली पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखने का निर्देश दिया गया है, ताकि जिले में चमकी के प्रभाव को रोका जा सके।
चमकी से बचने के लिए चौपाल का करें आयोजन
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ० विनोद झा ने बताया कि जिले के सभी प्रखण्ड अस्पतालों के प्रभारियों को गर्मियों में होने वाले चमकी बुखार से बचाव को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिले के तमाम मेडिकल टीमों को जन जागरूकता व मेडिकल व्यवस्था के साथ एईएस से लड़ने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों में तैयारियां की जा रही हैं। जिले की जीविका दीदियों, आशा फैसिलिटेटरों, नर्सो को समय समय पर एईएस से सम्बंधित जानकारी दी जायगी। बच्चों को एईएस से बचाने के लिए माता-पिता को शिशु के स्वास्थ्य के लिए अलर्ट रहना चाहिए। समय-समय पर देखभाल करते रहना चाहिए। स्वस्थ बच्चों को मौसमी फलों, सूखे मेवों का सेवन करवाना चाहिए। साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। छोटे बच्चों को मां का दूध पिलाना बेहद आवश्यक है।
ये निम्न है चमकी बुखार के लक्षण
– लगातार तेज बुखार चढ़े रहना।
– बदन में लगातार ऐंठन होना।
– दांत पर दांत दबाए रहना।
– सुस्ती चढ़ना।
– कमजोरी की वजह से बेहोशी आना।
– चिउंटी काटने पर भी शरीर में कोई गतिविधि या हरकत न होना आदि।
चमकी बुखार से बचाव को ये सावधानियां हैं जरूरी
– बच्चे को बेवजह धूप में घर से न निकलने दें।
– गन्दगी से बचें, कच्चे आम, लीची व कीटनाशकों से युक्त फलों का सेवन न करें।
– ओआरएस का घोल, नीम्बू पानी, चीनी लगातार पिलायें।
– रात में भरपेट खाना जरूर खिलाएं।
– बुखार होने पर शरीर को पानी से पोछें।
– पारासिटामोल की गोली या सिरप दें।
इस मौके पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार नीरज कुमार सिंह, केयर इंडिया के डिटेल महेंद्र सिंह सोलंकी सहित कई कर्मी उपस्थित थे।
सीसीसी में एचएमआईएस पोर्टल का दिया गया प्रशिक्षण
मधुबनी : कोविड केयर सेंटर में हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम(एचएमआईएस पोर्टल) का प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के एमवाईसी, बीएचएम, बीसीएम,डाटा प्रबंधक, कम्प्यूटर आपरेटर,भाग लिया। इस दौरान बताया गया कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपकेंद्र स्तर का एचएमआईएस का डाटा कैसे अपलोड करना है, इसे बताया गया।
साथ ही शुद्ध डाटा को अपलोड करने की विधि बतायी गयी। इतना ही नहीं जो त्रुटि है उसको सुधारने की प्रक्रिया पर भी जोर दिया गया। इस दौरान सभी को निर्देश दिया गया कि नए एचएमआईएस पोर्टल पर एपीएचसी, पीएचसी, अनुमंडलीय अस्पताल, जिला अस्पताल में डाटा एंट्री करना है। डाटा वैलिडेशन कैसे करना है और उसके महत्व के बारे में प्रशिक्षण दिया गया और डाटा एंट्री कब तक कर लेनी है, सारी बिंदुओं पर केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी तथा जिला अनुश्रवण एव मूल्यांकन पदाधिकारी सुनील कुमार ने चर्चा की।
कैसे अपलोड होता है डाटा
जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी सुनील कुमार ने बताया एचएमआईएस पोर्टल पर डाटा अपलोड करने के लिए प्रखंड स्तर पर डाटा वैलिडेशन कमेटी बनी हुई है, जिसमें कोई भी फाइनल डेटा के हार्ड काफी चेक किया जाता है। जिसके बाद बैठक में चर्चा होता है, सारा डाटा चेक होने के बाद कमेटी की अनुशंसा पर डाटा को एचएमआईएस पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।
स्वास्थ विभाग के सभी आंकड़े होते है अपलोड
एमआईएस पोर्टल पर स्वास्थ्य विभाग के सभी आंकड़ों को अपलोड किया जाता है, जिसमें संबंधित गर्भवती महिला के प्रसव पूर्व जांच, संस्थागत प्रसव, सी सेक्शन, एचबीएनसी, मैटरनल डेथ, न्यू नेटल डेथ,परिवार नियोजन के साधन अंतरा, छाया, माला डी, पीपीआईयूसीडी, सी सेक्शन शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, गैर संचारी रोग से संबंधित आंकड़े अपलोड किए जाते हैं।
प्रशिक्षण में यह रहे मौजूद
प्रशिक्षण में सिविल सर्जन डॉ० सुनील कुमार झा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ० दयाशंकर निधि, एसीएमओ डॉ० सुनील कुमार जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी सुनील कुमार जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास तथा यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा सभी प्रखंड के एमवाईसी बीएचएम, बीसीएम, डाटा प्रबंधक, कम्प्यूटर आपरेटर उपस्थित थे।
मिथिला में पांडुलिपि संरक्षण की वर्तमान स्थिति एवं कठिनाइयों के बारे में हुई परिचर्चा
मधुबनी : आज यदुनाथ सार्वजनिक पुस्तकालय, पैटघाट, मधुबनी के सभागार में ‘मिथिला का धरोहर (खास कर के पांडुलिपि) पर कार्यशाला’ आयेजित किया गया। ये आयोजन यदुनाथ सार्वजनिक पुस्तकालय, इंटेक, नई दिल्ली एवं मिथिला ललित संग्रहलय के संयुक्त तत्वावधान में अनेको विद्वानों, पांडुलिपि विशेषज्ञों, पुरातत्वविदों के उपस्थिति में हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो० प्रबोध झा, सेवानिवृत अंग्रेजी विभागध्यक्ष, एमएलएस कॉलेज, सरिसब पाही; पुस्तकालय के अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त प्रोफेसर अशर्फी कामति के एवं मुख्य अतिथि शिवकुमार मिश्र, पुरातत्वविद एवं लक्ष्मीश्वर पुस्तकालय (दरभंगा) थे। पुस्तकालय अध्यक्ष के स्वागत भाषण एवं पुस्तकालय के संक्षिप्त गतिविधि की जानकारी के बाद इंटेक के निदेशक ज़ूम ऑनलाइन माध्यम डॉ० ममता मिश्र ने पांडुलिपि संरक्षण पर विस्तृत चर्चा की एवं कई प्रश्नों का समुचित उत्तर दिया।
इंटैक के पाण्डुलिपि संरक्षण विशेषज्ञ विनोद कुमार तिवारीजी द्वारा संरक्षित पाण्डुलिपि का प्रदर्शन किया गया तथा उपस्थित विद्वानों से अपने प्राचीन पाण्डुलिपि संग्रह का संरक्षण करने का निवेदन किया। शिव कुमार ने मिथिला में संरक्षण की वर्तमान स्थिति एवं कठिनाइयों के बारे में बताया। अध्यक्षीय भाषण में प्रबोध झा ने पाण्डुलिपि संरक्षण एवं मिथिला के धरोहर संरक्षण का आह्वान किया। साथ ही, रुपौली के गौरी शंकर मंदिर पर विशेष ध्यान देने की बात की एवं इंटेकएवं सभी संस्था को अच्छे काम के लिए साधुवाद दिया। अमल कुमार झा ने सभा का संचालन किया एवं इसहपुर एवं अमरावती नदी के खुदाई संबंधित बैकग्राउंड के बारे में बताया।
जिस पर बाद में शिव कुमार ने विस्तृत जानकारी की। कार्यक्रम के दौरान कुछ पंजी को, जो इंटेक के माध्यम से संरक्षित किया गया है, उसे उनके दाता को हस्तगत किया गया। धन्यवाद ज्ञापन के दौरान निर्भय नाथ मिश्र ने पुस्तकालय द्वारा पांडुलिपि एवं बहुमूल्य पुस्तको के संरक्षण मे उठाये गए कदमो की चर्चा की, साथ ही संरक्षण के लिए पंचायत राज, पुलिस, मंदिर प्रबंधन आदि को जागरूक करने पर बल दिया।
इस कार्यक्रम में प्रो० भैरवेश्वर झा, प्रो० विनोदानन्द झा, प्रो० दया कान्त झा, शोभाकान्त झा, महेन्द्र मिश्र, प्रो० रमेश झा, प्रो० बोधनाथ मिश्र, डा० अजीत मिश्र, सुशांत भास्कर, मुरारी कुमार, पुस्तकालय सचिव श्रीउदयनाथ मिश्र, कोषाध्यक्ष दिगम्बर कामति, महेंद्र मिश्र, दीनानाथ मिश्र, शिवशंकर श्रीनिवास, शैलेन्द्र आनंद, मिथिलेश मिश्र, चन्द्र प्रकाश, गौरव कुमार मिश्र, उमानाथ मिश्र, पृथ्वीपती कामति, अनुज झा, अमरनाथ मिश्र, सौरभ झा, ऋषि झा, सुश्री श्रुति कुमारी सहित अनेको सदस्य, विद्वान एवं विशेषज्ञ उपस्थित थे।
शराब के साथ अलग अलग जगहों से दो कारोबारी गिरफ्तार
मधबनी : जिले के बिस्फी के पतौना ओपी क्षेत्र के दमला गांव में गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने 30 बोतल नेपाली देशी शराब के साथ एक शराब धंधेबाज को दबोचा। गिरफ्तार शराब धंधेबाज की पहचान दमला गांव निवासी मोहन सहनी के रूप में हुई हैं। वही, तीसी चौंक से 4 बोतल नेपाली शराब के साथ एक धंधेबाज को गिरफतार किया गया है। शराब धंधेबाज तीसी गांव निवासी राज कुमार महतो बताये गये है।
इस बबात ओपी अध्यक्ष ने बताया कि दोनों शराब धंधेबाज के द्वारा बड़े पैमाने पर शराब का कारोबार करने की गुप्त सूचना पुलिस को मिली। उन्होंने बताया कि प्राप्त सूचना के आधार पर तत्क्षण छापेमारी टीम का गठन कर गिरफ्तार धंधेबाज के घर छापेमारी की गई। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार शराब धंधेबाज के विरुद्ध मद्य निषेध कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज कर न्यायिक हिरासत को भेज दी गई है। मौके पर एएसआई राजेश कुमार शर्मा सहित अन्य कई पुलिसकर्मी मौजूद थे।
एमएलसी प्रत्याशी सुमन कुमार महासेठ के सम्मान कार्यक्रम में उमड़ी जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य लोगों की भीड़
मधुबनी : जिले के राजनगर में निर्वतमान विधान पार्षद सह वर्तमान निर्दलीय विधान पार्षद प्रत्यासी सुमन कुमार महासेठ के द्वारा सभा परिसर में जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक कार्यकर्ता का सम्मान सह स्वागत व अभिनन्दन कार्यक्रम आयोजित की गई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता परमेश्वर ठाकुर के द्वारा किया गया, एवं मंच संचालन रंजीत चौधरी ने किया।
मौके पर निवर्तमान एमएलसी सुमन महासेठ के द्वारा उपस्थित जनप्रतिनिधियों सामाजिक कार्यकर्ताओं को मिथिला परंपरा अनुसार फूल माला, पाग, चादर से सम्मानित किया गया। निर्वतमान एमएलसी निर्दलीय प्रत्यासी सुमन कुमार महासेठ के द्वारा कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मैंने आप सभी के साथ प्यार स्नेह आशीर्वाद से जीतकर सदन तक पहुँचा। सदन में आप सभी जनप्रतिनिधियों के सुझावों से अधिकार, मान, सम्मान, मानदेय बढ़ाने और समस्याओं को और निदान को ले आपकी आवाज बनकर बिना भेद भाव जात पात से ऊपर उठकर सदन में आवाज को बुलंद किया।
आम जन लोगों के जन समस्याओं को निदान हेतू कई विकास कार्यों को किया। यह चुनाव किसी दल का नहीं बल्कि आपके मत का चुनाव है। मैं जब पहली दफे चुनाव जीतकर आया और एमएलसी बना तो जनप्रतिनिधियों के स्वागत सम्मान कार्यक्रम आयोजित कर सम्मानित किया था। अब कईं प्रत्यासी चुनावी मैदान में हैं और लुभाने के कार्य कार्यक्रम और लुभावने वादे कर रहें है। मैं सदैव क्षेत्र में आप सभी के बीच रहा और भर्मण करता रहा हूँ।
जनसमस्याओं से अवगत होकर हर सम्भव निदान कर विकास कार्यो को किया। आप सभी जात पात दल से ऊपर उठकर आप अपना साथ और आपके मत स्वरूप आर्शीवाद प्राप्त कर आप मुझे सदन तक भेजने का कृपा करेंगे, और मैं पुनः आपका हक अधिकार मान सम्मान दिलाने कार्य आप सभी के आवाज बनकर सदन में उठाता रहूंगा।
आम जनों के जनसमस्याओं का निदान करता रहूंगा। यह कार्य मेरा धर्म और कर्म भी हैं मैं सदैव आपका था और आपका ही रहूंगा। इस मौके पर कई सामाजिक कार्यताओं एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा कार्यक्रम को संबोधित किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता सम्मान कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
ट्रेड यूनियन के आह्वान पर जन स्वास्थ्य कर्मियों ने दिया धरना
मधुबनी : जिले के खजौली में बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ (ट्रेड यूनियन) के आह्वान पर सोमवार को स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के समक्ष धरना प्रारंभ किया। इस दौरान एएनएम मीना प्रभात की अध्यक्षता में आयोजित धरना सभा को संबोधित करते हुए संघ के प्रखंड मंत्री नरेंद्र कुमार गौर ने कहा कि ट्रेड यूनियन के आह्वान पर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दो दिवसीय हड़ताल प्रारंभ किया गया है।
इस क्रम में आपातकालीन सेवा को छोड़ स्वास्थ्य से जुड़ी सभी सेवाएं दो दिनों तक पूर्णतः बाधित रहेगी। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को लागू करने, सभी विभागों में स्थाई बहाली करने, ठेका प्रथा को समाप्त करने, बेरोजगारों को रोजगार देने सहित अन्य मांगों के समर्थन में जन स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मियों का सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन ही एकमात्र उनके जीवन का आधार होता है, किन्तु सरकार ने दुर्भाग्यवश 2005 से उसे भी बंद कर दिया है।
जबकि जन प्रतिनिधियों को अब भी पेंशन मिलना बदस्तूर जारी है। उन्होंने इसे सरकार की दोरंगी नीति बताया। इस मौके पर एएनएम आशा कुमारी, रिंकी कुमारी, राजीव भंडारी, सरिता कुमारी, शीला कुमारी, रशो देवी, गुलाब भंडारी, शुभकला देवी, रिंकी कुमारी, मंजुला कुमारी सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।
सुमित कुमार की रिपोर्ट