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24 मार्च : मधुबनी की मुख्य खबरें

जनांदोलन से ही टीबी हारेगा-देश जीतेगाः मंगल पांडेय

मधुबनी : सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार विभिन्न स्तरों पर कार्य कर रही है। स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि टीबी उन्मूलन की दिशा में शत-प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके। 24 मार्च को विश्व यक्ष्मा (टीबी) दिवस पर हमें संकल्प लेना होगा की टीबी की रोकथाम के लिए हम मिलकर लड़ें। जनांदोलन से ही टीबी हारेगा-देश जीतेगा।

राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत साल 2021 में राज्य में सराहनीय कार्य किए गये। स्वास्थ्यकर्मियों ने उल्लेखनीय योगदान देकर टीबी उन्मूलन लक्ष्य के प्रति अपनी संवेदनशीलता दर्शायी। यह सिलसिला अनवरत जारी है। श्री पांडेय ने कहा कि साल 2021 में सरकारी अस्पतालों में 61 हजार 916 टीबी मरीज पाए गये। निजी सेक्टर में पाए गये टीबी मरीजों की संख्या 70 हजार 229 रही। निक्षय पोषण योजना अन्तर्गत वर्ष 2021 में 64 हजार 275 रोगियों को पोषण प्रोत्साहन राशि 12 करोड़ रुपये उनके खातों में सीधे जमा किये गये।

गैर सरकारी स्वयंसेवी संस्थाओं, सिविल सोसाइटी के माध्यम से कार्यक्रम को जनांदोलन ‘‘टीबी हारेगा-देश जीतेगा’’ के रूप में संचालित करने के उद्देश्य से राज्य टीबी फोरम तथा 38 जिला टीबी फोरम का गठन किया जा चुका है। हर स्तर पर रिकार्डिंग-रिपोर्टिंग के लिए डिजिटल माध्यमों का क्रियान्वयन आयुष, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों, हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर के साथ प्रभावी समन्वयन सामुदायिक सहभागिता के लिए राज्य एवं जिला टीबी फोरम का गठन हुआ। आईजीआईएमएस, पीएमसीएच, पटना सहित भागलपुर, गया, दरभंगा व मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में नोडल (ड्रग रेसिस्टेंट टीबी) डीआर टीबी सेंटर संचालित है।

श्री पांडेय ने कहा कि 495 टीबी सर्वाइवर को प्रशिक्षित कर यक्ष्मा चैम्पियन के रूप में नामित किया गया। चौदह जिलों में रोगियों को उपचार पूरा करने हेतु लगातार प्रेरित करने तथा समाज में टीबी रोगी के साथ भेदभाव अथवा बहिष्कार कम करने के लिए टीबी चैम्पियन की भूमिका अहम साबित हो सकती है। अब तक नौ हजार 500 टीबी रोगियों को परामर्श दिया गया। 75 टीबी चैम्पियन एंटी स्टीगमा अभियान द्वारा समाज से टीबी में भेद-भाव दूर करने में सहयोग कर लगभग दो हजार 800 लोगों को जागरूक किया गया है।

भारत और नेपाल के बीच जल्द शुरू होगी रेल सेवा, 619 करोड़ का है प्रोजेक्ट, फाइनल हो चुका स्पीड ट्रायल एवं ड्राई रन

मधुबनी : भारत और नेपाल के बीच सहमति के बाद आवश्यक तकनीकी और परिचालन आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा, और इसके साथ ही आने वाले समय में जल्द ही इस रूट पर ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जाएगा।भारत और नेपाल के बीच जल्द ही पटरी पर ट्रेन दौड़ेगी। बिहार के जयनगर से ट्रेन लाइन नेपाल से जोड़ी जा चुकी है। लगभग 619 करोड़ रुपये लागत से भारत-नेपाल मैत्री रेल परियोजना के तहत पहले चरण का काम तेजी से हो रहा है। पिछले दिनों समस्तीपुर मंडल के जयनगर और नेपाल के कुर्था के बीच ट्रैक पर ट्रेन का स्पीड ट्रायल हुआ।

दोनों स्टेशनों के बीच करीब 34.50 किलोमीटर लंबे नव-आमान परिवर्तित रेलखंड पर लोकोमोटिव इंजन द्वारा 110 किमी प्रतिघंटा की गति से सफलतापूर्वक स्पीड ट्रायल किया गया। इस दौरान इरकॉन और नेपाल रेलवे के कई वरिष्ठ उच्चाधिकारी मौजूद रहे थे। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस रेलखंड पर ट्रेन सेवाएं शुरू होंगी। बता दें कि वर्ष 2014 से जयनगर- जनकपुर के बीच ट्रेनों का परिचालन बंद है। परिचालन फिर से शुरू होने की संभावना से सीमावर्ती भारत और नेपाल क्षेत्र के लोगों में इसको लेकर उत्साह है।

क्या है भारत-नेपाल मैत्री रेल परियोजना?

भारत-नेपाल मैत्री रेल परियोजना के तहत 619 करोड़ की अनुमानित लागत से कुल 69.08 किलोमीटर लंबी जयनगर-बिजलपुरा-बर्दीबास रेल परियोजना पर काम हो रहा है। पहले चरण में 34.50 किलोमीटर लंबा जयनगर-कुर्था (नेपाल) रेलखंड इसी प्रोजेक्ट का हिस्सा है। प्रोजेक्ट के पहले चरण में बिहार के मधुबनी जिले के जयनगर स्टेशन को नेपाल के कुर्था से जोड़ा जाना है। भविष्य में इसका विस्तार कुर्था से लगभग 18 किलोमीटर आगे बीजलपुरा तक किया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह परियोजना दोनों देशों के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

सात साल से बंद है ट्रेन परिचालन

जयनगर से नेपाल के जनकपुर तक वर्ष 2014 तक नेपाली ट्रेनों का परिचालन होता रहा है। यह रेल सेवा दोनों देश के लोगों की लाइफलाइन मानी जाती है। भारत सरकार ने वर्ष 2010 में मैत्री योजना के तहत जयनगर से नेपाल के वर्दीवास तक 69.5 किमी की दूरी में नैरो गेज को मीटर गेज में बदलने यानी छोटी लाइन को बड़ी लाइन में बदलने और नई रेल लाइन बिछाने के लिए 548 करोड़ रुपये बजट की स्वीकृति दी थी। वर्ष 2012 में इरकॉन ने जयनगर में कैंप कार्यालय खोल कर इस योजना पर निर्माण कार्य शुरू किया।

अब आगे क्या होगा?

स्पीड ट्रायल के सफल होने के बाद अब रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। रेल संरक्षा आयुक्त की अनुमति मिलने और भारत और नेपाल के बीच सहमति के बाद आवश्यक तकनीकी और परिचालन आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा, और इसके साथ ही आने वाले समय में जल्द ही इस रूट पर ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जाएगा। भारतीय रेल संचालन और रख-रखाव की प्रक्रिया आदि की जानकारी साझा कर भारत बड़ी रेल लाइन यात्री सेवा के संचालन में नेपाल को पूर्ण सहयोग दे रहा है।

भारत से 2 डीएमयू ट्रेन खरीद चुका है नेपाल, जल्द बहाल होगी सेवा रेलवे के मुताबिक, ट्रायल के बाद इरकॉन इंटरनेशनल, दिल्ली मुख्यालय के कार्यकारी निदेशक सुरेंद्र सिंह नेपाल की राजधानी काठमांडू में परियोजना के पहले फेज के पूर्ण काम को नेपाल सरकार को हैंडओवर कर चुके हैं। ट्रेन परिचालन को लेकर नेपाल सरकार ने कोंकण रेलवे, भारत से 2 डीएमयू ट्रेन पूर्व में खरीद कर ली है, जो नेपाल में कई महीनों से लगी हुई है। चालक, गार्ड और अन्य रेल कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही ट्रैक पर ट्रेनें दौड़ेंगी।

 ‌विश्व यक्ष्मा दिवस पर यक्ष्मा जागरूकता को लेकर एएनएम स्कूल की छात्राओं ने निकाली प्रभात फेरी, क्विज प्रतियोगिता का भी हुआ आयोजन, विजेताओं को किया गया पुरस्कृत

मधुबनी : विश्व यक्ष्मा दिवस पर गुरुवार को जिले में कई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सदर अस्पताल में सुबह एएनएम छात्राओं द्वारा प्रभात फेरी निकाली गई। प्रभात फेरी को सीडीओ डॉक्टर जीएम ठाकुर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रभात फेरी शहर के विभिन्न चौराहों से होते हुए सदर अस्पताल पहुंची जहां सभा में तब्दील हो गयी। सभा में सीडीओ डॉ० जी.एम. ठाकुर के द्वारा टीबी उन्मूलन एवं जागरूकता विषय पर विस्तार से बताया गया। उसके बाद सदर अस्पताल सभागार में एवं छात्राओं के बीच क्विज प्रतियोगिता हुई, जिसमें प्रथम तीन स्थान करने वाले को पुरस्कृत किया गया। जिसमें प्रथम पुरस्कार अंजलि रानी, द्वितीय पुरस्कार अनुराधा कुमारी वह तृतीय पुरस्कार शबनम कुमारी को दिया गया।

सीडीओ ने कहा कि टीबी एक ड्रॉपलेट इंफेक्शन है। यह किसी को भी हो सकता है। शुरुआत में इसके लक्षण भी सामान्य से ही दिखते हैं, पर दो हफ्ते ही खांसी या बुखार हो तो तुरंत ही टीबी की जांच कराएं। उन्होंने बताया टीबी संक्रमित होने की जानकारी मिलने के बाद किसी रोगी को घबराने की जरूरत नहीं है। बल्कि, लक्षण दिखते ही नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच करानी चाहिए। क्योंकिं यह एक सामान्य सी बीमारी है और समय पर जाँच कराने से आसानी के साथ बीमारी से स्थाई निजात मिल सकती है। उन्होंने बताया मरीज को पूरे कोर्स की दवा करनी चाहिए। इसके लिए अस्पतालों में मुफ्त समुचित जाँच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया टीबी हारेगा देश जीतेगा के थीम पर जिले में समेकित प्रयास से टीबी उन्मूलन के लिए कार्य किया जा रहा है।

एसीएमओ डॉ० आर.के. सिंह ने कहा टीबी के मरीजों को इलाज के लिए खर्च की चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार के द्वारा टीबी इलाज को सहायता राशि दी जाती है। चिह्नित टीबी के मरीजों को उपचार के दौरान उनके बेहतर पोषण के लिए प्रति माह 500 रुपये की सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे खाते में भेजी जाती है।

2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाना लक्ष्य

सिविल सर्जन डॉ० सुनील कुमार झा ने कहा कि भारत सरकार ने टीबी उन्मूलन के लिए 2025 का वर्ष निर्धारित किया है। जिसके लिए जमीनी स्तर (ग्रास रूट) पर कार्य करने की आवश्यकता है। वहीं लोगों को भी समेकित रूप से जागरूकता हेतु प्रयास करना होगा। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रखंड में समुदाय स्तर तक कार्य कर रही है और ज्यादा से ज्यादा रोगियों की खोज और उपचार हमारा संपूर्ण लक्ष्य है। जिससे टीबी पर विजय पाई जा सके।

नियमित रूप से लें दवा

सिविल सर्जन ने कहा कि टीबी पूर्ण रूप से ठीक होने वाली बीमारी है, बशर्ते वह नियमित रुप से दवा का सेवन करें। टीबी के रोगियों को नि:शुल्क दवा का वितरण सरकारी अस्पतालों के द्वारा किया जाता है। प्रत्येक प्रखंड में स्पुटम जांच की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया वर्ष 2019 में यक्ष्मा के जिले में 2346 मरीज को चिह्नित किया गया, जिसमें सरकारी संस्थानों से में 2304 तथा प्राइवेट संस्थानों से 42 मरीजों को चिह्नित किया गया।

जिसमें 2296 मरीजों को डीबीटी के माध्यम से निश्चय पोषण राशि दी गई। वर्ष 2020 में कुल 2375 मरीजों को चिह्नित किया गया है, जिसमें सरकारी संस्थानों से 1443, प्राइवेट संस्थानों से 932, जिसमें डीबीटी के माध्यम से 2683 मरीजों को राशि दी गई। वर्ष 2021 में 3837 मरीज को चिह्नित किया गया है, जिसमें 1955 मरीज सरकारी संस्थानों से तथा 1912 मरीज प्राइवेट संस्थानों से चिह्नित किया गया है। इसमें 2956 मरीज को डीबीटी के माध्यम से 85,18,500 राशि खाते में ट्रांसफर की गई है। वहीं 2022 में फरवरी तक 433 मरीजों को चिन्हित किया गया है, जिसमें 13 मरीज एमडीआर के हैं।

मौके पर सिविल सर्जन डॉ० सुनील कुमार झा, एसीएमओ डॉ० आर.के. सिंह, सीडीओ डॉक्टर जीएम ठाकुर, अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद, अनिल कुमार, डीएफआइटी के प्रदीप कुमार, डीपीसी पंकज कुमार, केयर डीटीएल महेंद्र सिंह सोलकी यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार, आईआईएच इंडिया अहाना के पितांबर सुरेन, डॉक्टर फॉर यू के आलोक सहित सभी एस टीएस, एसटीएसएलएस अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे।

लोकतंत्र बचाओ आंदोलन 14वे द्विन भी जारी रहा

मधुबनी : समाहरणालय के सामने बाबा भीमराव अंबेडकर प्रतिमा के निकट लोकतंत्र बचाओ आंदोलन 14वा दिन भी इंकलाब नारे के साथ जारी रहा। बिहार ग्राम रक्षा दल के प्रदेश अध्यक्ष राम प्रसाद राऊत ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारा लोकतंत्र खतरे में है इसे बचाने एवं मजबूत करने की जरूरत है। आज सिंहासन पर बैठे लोग ही लोकतंत्र को तार-तार कर रहे हैं।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आंदोलन का उपज है। नीतीश कुमार को लोकतंत्र में आंदोलन के महत्व को समझना चाहिए, जो बिल्कुल ही नहीं समझ रहे हैं, यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लोकतंत्र की मर्म को समझते हुए ग्राम रक्षा दल के जवानों के बारे में प्रतिक्रिया व्यक्त करना चाहिए, जो नहीं किया जा रहा है।

वर्षों से चल रहे गांधीवादी आंदोलन पर प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करना लोकतंत्र को कमजोर करने के जैसा है, जिसे हम ग्राम रक्षा दल के जवान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है। लोकतंत्र की रक्षा के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार है। लोकतंत्र जिंदाबाद, भारत का संविधान अमर रहे, बाबा भीमराव अंबेडकर अमर रहे, ग्राम रक्षा दल जिंदाबाद, हमारी मांगे पूरी हो चाहे जो मजबूरी हो और बिहार सरकार के विरोध में सर पर काला पट्टी बांधकर जमकर विरोध में नारेबाजी किए।

इस मौके पर श्री राऊत ने सरकार, प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि 28 मार्च से उग्र आंदोलन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है, विधि व्यवस्था भंग होने की पूर्ण संभावना है, उसकी सारी जवाबदेही सरकार एवं प्रशासन की होगी। हम ग्राम रक्षा दल के जवान मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रखेंगे, किसी भी कीमत पर लोकतंत्र बचाओ आंदोलन स्थल से मांग पूरी होने तक डटे रहेंगे।

वहीं, दल के प्रदेश महामंत्री विजय कुमार साह ने प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार, प्रशासन किसी अनहोनी घटना का इंतजार कर रही है। समय रहते हुए यदि लोकतंत्र बचाओ आंदोलन का संज्ञान नहीं लिया, तो इसका गंभीर परिणाम होंगे।

इस कार्यक्रम में देवेंद्र कुमार, लाल यादव, सुमन कुमार महतो, अनिल कुमार पासवान, हरीनाथ पासवान, अशोक माली, बबलू साफी, रंजीत पासवान, जय प्रकाश ठाकुर, रामधनी कामत, पवन यादव, भरत महतो, बलराम महतो सहित सैकड़ों की संख्या में ग्राम रक्षा दल के आन-बान-शान लोकतंत्र बचाओ आंदोलन में डटे रहे और मांग पूरी होने तक डटे रहेंगे।

विभिन्न मांगों के आलोक में मुखिया रूपम कुमारी ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को भेजा पत्र

मधुबनी : जिले के जयनगर प्रखंड के दुल्लीपट्टी पंचायत के मुखिया रुपम कुमारी ने पंचायत के सभी प्राथमिक और मध्य विद्यालय में व्यापक समस्या का निराकरण कर पंचायत के सभी बच्चों को शिक्षा के अधिकार के रक्षा के लिए प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी जयनगर को सभी कार्य के शीघ्र निष्पादन के लिए पत्र प्रदान किया गया।

इस पत्र के माध्यम से मुखिया रूपम कुमारी ने कहा है कि अंकित सभी मांगों की चर्चा विस्तारपूर्वक चर्चित पंचायत समिति के बैठक में कई थी। समस्या का हल नहीं होने पर इस पत्र के द्वारा पुनः पंचायत के शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त समस्या को संज्ञान में प्रदान कर रही हूँ। आशा है सभी समस्या का हल शीघ्र कर दुल्लीपट्टी पंचायत के बच्चों की शिक्षा अधिकार की रक्षा करें।

पूर्व नगर कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष के निधन पर जताया शोक, आयोजित की गई श्रद्धांजलि सभा

मधुबनी : जिला कांग्रेस कमिटी मधुबनी के सभागार में नगर कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष मायानंद झा एवं बरिष्ट कांग्रेसी नेता सह पूर्व मुखिया बेनीपट्टी, दामोदरपुर निवासी फकीर झा के आकस्मिक निधन पर शोकसभा जिलाध्यक्ष प्रो० शीतलाम्बर झा के अध्यक्षता में आयोजित कर श्रदांजलि दिया गया।

शोकसभा को सम्बोधित करते जिलाध्यक्ष प्रो० झा ने कहा नगर अध्यक्ष मायानंद झा कांग्रेस के समर्पित एवं कर्मठ कार्यकर्ता थे। वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे। उनका इलाज दिल्ली के निजी अस्पताल में चल रहा था, उनको हार्ट में प्रॉब्लम था। दुर्भाग्य से 21 मार्च को उन्होंने अंतिम सांस लिए। उनके निधन से कांग्रेस को अपूर्णीय क्षति हुई है, जो निकट भविष्य में भरा जाना मुश्किल है। वहीं फकीर बाबू बेनीपट्टी कांग्रेस के एक मजबूत स्तम्भ थे। उन्होंने जीवनपर्यंत कांग्रेस पार्टी के मजबूती के लिए संघर्ष करते रहे।

इस कार्यक्रम में जयोति रमण झा, मनोज मिश्रा, आकिल अंजुम, मो० सबीर, मो० शकील अख्तर, जयोति झा, रामचंद्र साह, पवन कुमार यादव, आनंद झा, मो० सनाउल्लाह, सुनील कुमार झा, रणधीर सेन, निशांत भास्कर, श्रीराम मंडल, शुभंकर झा, उपेन्द्र यादव, वीरेंद्र झा, अखिलेश्वर झा, मनोज कुमार झा, अनिल कुमार झा, सुरेन्द्र मिश्रा, बालेश्वर पासवान, सुशील झा, मो० अबू बकर, मो० सद्दाम, नीतीश झा, मो० शकील अहमद, महेश चंद्र झा, ऋषिदेव सिंह, सुनील झा, बिनय झा आदि दर्जनों कांग्रेसी थे।

मिट्टी का बर्तन बनाने वाले की स्थिति दायनीय, पेशा से पेट पालना मुश्किल

मधुबनी : जिले के खजौली पप्रखंड में वासंतिक नवरात्र के नजदीक आते ही मिट्टी के घड़ा निर्माण में तेजी आ गई है। नवरात्र में मिट्टी के घड़े की अधिक मांग को देखते हुए कुंम्भार महिनों पहले से ही इसके निर्माण में जुटे हैं, जैसे-जैसे नवरात्र नजदीक आते रहा हैं। वैसे-वैसे निर्माण में तेजी आ रहें हैं।

बता दे कि 2अप्रैल को शुरू हो रहे नवरात्र में कलश स्थापना से लेकर 9 अप्रैल को रामनवमी पुजन में मिट्टी के घड़े का बहुत महत्व होता है। श्रद्धालूओं द्वारा मिट्टी के घड़े में ही जाहिर है। रामनवमी व गर्मी में इसकी मांग को पुरा करने के लिए करने के लिए निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाना जरूरी हैं। यही कारण है कि मिट्टी के वर्तनों के निर्माण करने वाले दिन रात एक कर मिट्टी के घड़े का निर्माण कर रहे। मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों की जिंदगी तंगहाल में गुजर रही हैं।

बढते महंगाई तथा मिट्टी के वर्तनों के प्रति लोगों की घंटी रुचि से इनका जीवन कठिन हो गया है। अब तो इस पारंपरिक पेंशा के सहारे पे पालना भी मुश्किल हो रहा है। मिट्टी के घड़ा बना रहे धनराज पंडित, संजय पंडित, अरूण पंडित, राजेन्द्र पंडित बताते हैं कि मंहगाई बढ़ने से मिट्टी भी महंगी हो गई है, जिससे इस व्यवसाय में अब में अब फायदा नहीं रहा उन्होंने बताया कि बारह सौ रुपए में एक काली मिट्टी मिल रही हैं।

एमएलसी प्रत्याशी सुमन कुमार महासेठ के सम्मान कार्यक्रम में उमड़ी जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य लोगों की भीड़

मधुबनी : जिले के झंझारपुर एवं लखनौर में निर्वतमान विधान पार्षद सह वर्तमान निर्दलीय विधान पार्षद प्रत्यासी सुमन कुमार महासेठ के द्वारा सभा परिसर में जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक कार्यकर्ता का सम्मान सह स्वागत व अभिनन्दन कार्यक्रम आयोजित की गई।इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मिहिर झा के द्वारा किया गया। निवर्तमान एमएलसी सुमन महासेठ के द्वारा उपस्थित जनप्रतिनिधियों सामाजिक कार्यकर्ताओं को मिथिला परंपरा अनुसार फूल माला, पाग, चादर से सम्मानित किया गया।

निर्वतमान एमएलसी निर्दलीय प्रत्यासी सुमन कुमार महासेठ के द्वारा कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मैंने आप सभी के साथ प्यार स्नेह आशीर्वाद से जीतकर सदन तक पहुँचा। सदन में आप सभी जनप्रतिनिधियों के सुझावों से अधिकार, मान, सम्मान, मानदेय बढ़ाने और समस्याओं को और निदान को ले आपकी आवाज बनकर बिना भेद भाव जात पात से ऊपर उठकर सदन में आवाज को बुलंद किया।

आम जन लोगों के जन समस्याओं को निदान हेतू कई विकास कार्यों को किया। यह चुनाव किसी दल का नहीं बल्कि आपके मत का चुनाव है। मैं जब पहली दफे चुनाव जीतकर आया और एमएलसी बना तो जनप्रतिनिधियों के स्वागत सम्मान कार्यक्रम आयोजित कर सम्मानित किया था। अब कईं प्रत्यासी चुनावी मैदान में हैं और लुभाने के कार्य कार्यक्रम और लुभावने वादे कर रहें है।

मैं सदैव क्षेत्र में आप सभी के बीच रहा और भर्मण करता रहा हूँ। जनसमस्याओं से अवगत होकर हर सम्भव निदान कर विकास कार्यो को किया। आप सभी जात पात दल से ऊपर उठकर आप अपना साथ और आपके मत स्वरूप आर्शीवाद प्राप्त कर आप मुझे सदन तक भेजने का कृपा करेंगे, और मैं पुनः आपका हक अधिकार मान सम्मान दिलाने कार्य आप सभी के आवाज बनकर सदन में उठाता रहूंगा। आम जनों के जनसमस्याओं का निदान करता रहूंगा। यह कार्य मेरा धर्म और कर्म भी हैं मैं सदैव आपका था और आपका ही रहूंगा।

इस मौके पर मंचासीन मुखिया पवन मिश्र, जगदीश साहनी, ज्योति कुमारी, शंकर प्रसाद, एवं पंचायत समितियों में सोनी देवी, अर्जुन चौपाल, रिंकू देवी, कुमर लाल कामत, रंजीत राम, नितेश कुमार शर्मा, राजेन्द्र साहू, विजय कुमार, गोपाल झा, विजय कुमार समेत लोहा सिंह, दानीलाल महतो, गंगा प्रसाद एवं अन्य कई सामाजिक कार्यताओं जनप्रतिनिधियों के द्वारा कार्यक्रम को संबोधित किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता सम्मान कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

सुमित कुमार की रिपोर्ट