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पेयजल समस्या का समाधान होने पर ही पहनेंगे जूता चप्पल – पूर्व मुखिया

नवादा : राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर रविवार को नारदीगंज प्रखंड के ओड़ो पंचायत की सामाजिक कार्यकर्ता सह पूर्व मुखिया अरविन्द मिश्र ने अजीबोगरीब संकल्प लिया है। उन्होंने अपने संकल्प में कहा है कि नारदीगंज प्रखंड के हंडिया पंचायत की सीतारामपुर गांव में पेयजल समस्या का जबतक समाधान नहीं होगा तबतक अपने पैर में जूता चप्पल नहीं पहनेंगे। इस मामले को लेकर डीएम यशपाल मीणा को पत्र भेज कर ज्वलंत समस्या का समाधान करने का अनुरोध किया है।

सामाजिक कार्यकर्ता सह पूर्व मुखिया श्री मिश्रा ने बहुत ही विनम्रता से अनुरोध किया है जिसमें कहा है कि पुनः आपका ध्यान आकृष्ट नारदीगंज प्रखंड के हंडिया पंचायत की अनुसूचित गांव सीतारामपुर में पानी की घोर समस्याओं का समाधान हेतु स्मरण कराना चाहता हूं। इस गांव में 1000 से अधिक आबादी मांझी परिवार की है। वर्ष 2006 के पूर्व इस क्षेत्र के ग्रामीण पत्थर तोड़कर जीवन यापन करते थे। सरकारी आदेशानुसार पत्थर तोड़ने का कार्य बंद हो गया।

उन्होंने कहा कई दशकों से सीतारामपुर, सुंदरबन, गोपाल नगर, आजाद नगर विजय नगर, रूस बीघा, जनकपुर आदि गांव में पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, जैसी मूलभूत समस्याओं का घनघोर अभाव रहा है। यह सब अनुसूचित गांव बनगंगा से जेठीयन जानेवाली सड़क मार्ग में राजगीर की पहाड़ी के किनारे बसा है। इन क्षेत्रों के गरीब गुरबा लाचार व्यक्तियों के लिए मैंने वर्ष 1990 से लगातार काफी संघर्ष किया हूं। इतना ही नहीं मैं सीतारामपुर ग्राम में रह कर, बच्चों को पढ़ाई से लेकर उस गांव के अलावा पहाड़तली में बसे अनुसूचित गांव के ज्वलंत समस्याओं के समाधान के लिए अपने आप को भी आहुति दे दिया हूं। समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष करते हुए 32 वर्ष बीत रहा है।

उन्होंने कहा इस जिले में एकमात्र सीतारामपुर ही ऐसा ग्राम है, जहां श्रमदान से सामुदायिक भवन, और श्रमदान से कुआं बनवाया था। मैंने काफी संघर्ष के बाद उस गांव में बच्चों के पठन-पाठन हेतु प्राथमिक विद्यालय की स्वीकृति भी दिलवाई,आज बच्चें विद्यालय में पढ़ भी रहें हैं। कहतें हैं कि कई दफा डीएम महोदय, माननीय शिक्षा मंत्री, सहित कई गणमान्य पदाधिकारियों, समाजसेवियों पत्रकार बंधुओं को वहां ले जाकर उस क्षेत्र के जन समस्याओं से रूबरू करवाया, उस गांव को आदर्श गांव सीतारामपुर बनाने के लिए कई तत्कालीन डीएम के माध्यम आश्वासन ही मिला, लेकिन फिर सारे कार्य दिवास्वप्न ही रह गये।

हमारे लगातार प्रयास और आप जैसे कर्मठ पदाधिकारी के सहयोग से आज हर गांवों में और उस क्षेत्र में पानी का समस्या समेत कई ज्वलंत समस्याओं का समाधान हुआ है, लेकिन सीतारामपुर के ग्रामीण आज भी पानी के लिए तरस रहे हैं, आप सचमुच न्याय के साथ विकास के लिए प्रयत्नशील रहते हैं, तो मेरा आपसे व्यक्तिगत अनुरोध होगा कि एक बार श्रीमान का कदम क्षेत्र में पहुंचता है तो, स्वत ही सारी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

उन्होंने पत्र में अपनी वेदना प्रकट करते हुए कहा एक समाजसेवी व मानवता के नाते, दुखी और परेशान जनता के हितों के लिए, अपनी बात आपसे रख रहा हूं। कहा गया 10,000 से अधिक क्षेत्र की जनता पत्थर तोड़ कर अपना जीवन यापन करते थे, आज रोजगार के अभाव में लगभग पलायन कर चुके हैं। वैसे भी एक डीएम राजा होते हैं, जो पूरी निष्ठा से प्रजा का दुख तकलीफ को देखकर निष्पादन करते हैं। पुनः आपसे निवेदन करता हु, कृपया, एक बार श्रीमान जरूर सीतारामपुर गांव जाने का कृपा करें, ईश्वर आपको यशस्वी व स्वस्थ बनाए रखें, और आपका हर कार्य समाज के लिए विभाग के लिए, प्रेरणादायक बने।