अनुसंधान में नवाचार व तर्कसंगत सोच से ही होगा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार – डॉ आर पी पंकजा
पटना वीमेंस कॉलेज में आईक्यूएसी द्वारा नैक कार्यशाला का चौथे दिन
पटना : वीमेंस कॉलेज में चल रहे छः दिवसीय क्षमता विकास कार्यशाला का आज चौथा दिन था। कार्यक्रम की शुरुआत में प्राचार्या डॉ० सिस्टर एम० रश्मि एसी ने अतिथि वक्ता डॉ० आर० पी० पंकजा को अंग वस्त्र देकर स्वागत किया। एस. एम. के. फोमरा कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स एंड साइन्स ,चेन्नई की प्राचार्या पंकजा ने आज नैक के तीसरे और पाँचवे मापदंड पर बातचीत की। यह कार्यशाला दो सत्रों में सम्पन्न हुआ।
पहले सत्र में अनुसंधान नवाचार और विस्तार पर विचार किया गया। इसमें उन्होंने कहा कि नैक की तैयारी को लेकर चिंतित होने की ज़रूरत नहीं है बल्कि शुरू से व्यवस्थित ढंग से चलने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी संस्थान में एक अनुसंधान संस्कृति का होना ज़रूरी है जो कि फ़ैकल्टी रीसर्च और स्टूडेंट रीसर्च को जोड़ कर बनता है। स्वायत्तता एक कॉलेज को शक्ति देती है जिसका सही इस्तेमाल ज़रूरी है। वहीं एक संस्थान के लिए छात्र की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाना बहुत महत्वपूर्ण है। डॉक्टर पंकजा ने सिस्टेमैटिक मेंटॉरिंग के द्वारा तर्कसंगत सोच, लीक से हटकर सोच को प्रोत्साहित करने की सलाह दी और रूढ़िवादी सोच और अंधविश्वास को दूर कर भावनात्मक सहारा देने पर ज़ोर डाला।
दूसरे सेशन में छात्रों के कार्यकुशलता और प्रगति पर बातचीत की गयी। उन्होंने स्वस्थ्य तन और मन के विषय में बात की। जिसमें शारीरिक स्वास्थ्य के अलावे मानसिक स्वस्थ्य की महत्ता को केंद में रख बात की। उन्होंने कहा की छात्र के सर्वांगीण विकास के लिए उनका आत्मविश्वास बढ़ाना बहुत ज़रूरी है जिसके लिए योगा, मेडिटेशन, फ़िज़िकल एजुकेशन, स्टूडेंट फ़िट्नेस और ब्रिज कोर्स का बहुत महत्व है। उन्होंने बदलते समय के साथ टेक्नॉलजी में बदलाव और शिक्षा के प्रति बदलते दृष्टिकोण पर भी अपने विचार साझा किया और शिक्षकों को अप टू डेट रहने की सलाह दी।
सत्र के अंत में उन्होंने प्रतिभागी शिक्षकों के सवालों का जवाब दिया। सत्र के समापन पर उप -प्राचार्या डॉक्टर सिस्टर एम तनीषा एसी ने अतिथि वक्ता डॉक्टर आर पी पंकजा को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। डॉ सहर रहमान, विभागाध्यक्ष, अंग्रेज़ी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।