07 अप्रैल : आरा की मुख्य ख़बरें

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आरा की मुख्य ख़बरें

भोजपुर-बक्सर एमएलसी चुनाव में एनडीए प्रत्याशी राधाचरण साह उर्फ सेठजी जीते

आरा : आरा-बक्सर बिहार विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन-2022 में एनडीए प्रत्याशी राधा चरण साह उर्फ़ सेठ जी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी यूपीए प्रत्याशी अनिल सम्राट को 1038 वोटों से हराकर दूसरी बार चुनाव जीता| एनडीए प्रत्याशी राधाचरण साह उर्फ सेठ जी को 3343 मत तथा महागठबंधन के राजद प्रत्याशी अनिल सम्राट 2305 मत मिले।

भोजपुर सह बक्सर का मतगणना स्थानीय समहारणालय भवन में कडी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गुरुवार को हुआ। मतगणना को लेकर 7 टेबल बनाये गये थे। आरा के समहारणालय भवन में मतगणना के दौरान मतगणना के दौरान ऑब्जर्बर संजीव हंस, भोजपुर डीएम रोशन कुशवाहा, बक्सर डीएम सुमन कुमार, सदर एसडीओ लाल ज्योतिनाथ शाहदेव, पीरो एसडीओ अमरेन्द्र कुमार, जगदीशपुर एसडीओ सीमा कुमारी तथा बक्सर जिले के दो एसडीओ मौजूद रहें।

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चार अप्रैल को भोजपुर सह बक्सर विधान परिषद चुनाव हेतु प्रखंड मुख्यालयों में बनाये गये सभी 25 बूथों पर मतदान कराया गया था। भयमुक्त, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान के लिए सभी मतदान केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी एवं सशस्त्रत्त् बलों की तैनाती की गई थी। भोजपुर जिले में 14 और बक्सर जिले में 11 मतदान केंद्र बनाये गये थे। भोजपुर और बक्सर जिला को मिलाकर कुल 5,969 मतदाता,इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 2,815और महिला मतदाताओं की संख्या 3,154 थी।

इसी बीच आरा-बक्सर में NDA प्रत्याशी राधा चरण साह की जीत की खुशी में एनडीए प्रत्याशी के समर्थकों ने लौंडा डांस का आयोजन किया। बीच सड़क पर समर्थक लौंडा डांस करते हुए दिखे। देखने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग जुट गए। भोजपुरी गानों पर भोजपुर इलाके में जमकर लौंडा डांस हुआ।

इमरजेंसी वार्ड में अचानक उठ खड़ा हुआ युवक

आरा : भोजपुर जिला मुख्यालय आरा के मीरगंज में दोपहर एक विक्षिप्त युवक ने रोडेबाजी शुरु कर दी जिसमे चार लोगो को चोटे आयी। पुलिस और स्थानीय लोगो की मशक्कत के बाद वह पकडा गया। सडक के दोनो ओर वाहन खडे हो गये। पुलिस ने उसे आरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया।

सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भी युवक ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया। वह इधर-उधर भागने लगा। वहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों एवं सुरक्षाकर्मियों ने उसे धर दबोचा और उसके दोनों हाथों को बांध दिया। उसके बाद इमरजेंसी में स्थिति समान्य हुई।

बताया जाता है कि दो दिन पूर्व उक्त युवक रेलवे स्टेशन पर किसी ट्रेन से गिर पड़ा था। रेल पुलिस ने उसे आरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया था लेकिन वह अस्पताल से भाग गया था। आज वह टाउन थानान्तर्गत मीरगंज मे उत्पात मचा रहा था और लोगों पर पत्थर फेंक रहा था। जिसके बाद वहां के स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस मौके पहुंची और उसे जख्मी हालत में दुबारा इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल ले आई थी।

विक्षिप्त युवक का आरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर जहां उसका बेहतर इलाज चल रहा है। इसी बीच उक्त युवक अचानक उठ खड़ा हुआ और उसने एक बार फिर उत्पात मचाना शुरू कर दिया। जिसको लेकर इमरजेंसी वार्ड में लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई। बताया जारहा है कि उक्त युवक मानसिक रुप से विक्षिप्त है। वह अपना नाम और पता नही बता रहा है।

जबान खुलेगी या फिर गूंगे हो जाओगे? पूर्व सीएम मांझी के ट्विट पर राजनीत गरम

आरा : भोजपुर जिला के मुफस्सिल थानान्तर्गत पिरौंटा गांव में पुलिस की उपस्थिति में पिछले दिनों दो पक्षों में हुई मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इस घटना के जरिये कथित हिन्दुवादी संगठनों और नेताओं पर तंज कसा है। साथ ही भोजपुर एसपी से मारपीट करने और मुकदर्शक बने पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है|

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्विट किया है कि ‘दलित बेटियों को उठा लो, केस करें तो केस उठाने के लिए जानलेवा हमला करो। भोजपुर के पिरौंटा में घटित इस घटना पर किसी तथाकथित हिन्दुवादी संगठनों/नेताओं की जबान खुलेगी या फिर गूंगे हो जाओगे? आइपीएस विनय तिवारी जी इस घटना में शामिल लोगों एवं मुकदर्शक पुलिसकर्मियों पर अविलंब कारवाई करें।

बता दें कि 30 मार्च को पिरौंटा गांव में पूर्व के विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई थी जिसमें दोनों पक्षों के दर्जन भर लोग जख्मी हुये थे। इस सम्बन्ध में दोनों पक्षों की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई गयी थी। पुलिस ने दोनों पक्षों के दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया। उसी मामले को लेकर मंगलवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। उसमें पुलिस की उपस्थिति में कुछ लोगों की लाठी-डंडे से पिटाई करते हुये देखा जा रहा है। साथ ही ईंट-पत्थर से हमला करते भी देखा जा रहा है।

बताया जा रहा है कि दलितों की पिटाई की जा रही है। उसके बाद ही पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्विट किया है। भोजपुर एसपी विनय तिवारी ने कहा कि दो पक्षों में पूर्व के विवाद में मारपीट हुई थी। जांच के दौरान बच्चों के विवाद में मारपीट होने की बात आ रही है। उस मामले में कार्रवाई की जा रही है। दो आरोपितों को जेल भी भेज दिया गया है।

पिरौंटा कांड पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के ट्विट के बाद राजनीति गरमा गयी है। ट्विटर हैंडल पर उनको ट्रोल भी किया जा रहा है। आरजेडी के अंशु यादव ने ट्विट कर कहा कि आपके शासन में हो रहा है। आप किससे सवाल कर रहे हैं। साहब, आपलोग कुर्सी की लालच में फिर से बिहार को 1990 के पीछे लेकर जायेंगे।

वहीं नवनीत कुमार मुकुल ने ट्विट कर कहा कि आपकी सरकार है, तो आप याचना किससे कर रहे हैं या केवल अपने पुत्र को मंत्री मंडल मे शामिल करा देना है। अपने पुत्र को निर्देश दीजिये कि बिहार के सुदुर गांव में दलित समुदाय के बीच जाकर उनके हक के लिये जागृत करें।

भोजपुर में लड़की के मामले में दो गुटों में जमकर मारपीट हुई। इस खूनी संघर्ष का वीडियो वायरल हो रहा है। पुलिस के सामने ही लाठी-डंडे चले। मामला जिले के मुफ्फसिल इलाके के पिरौटा गांव का है। जहां पुलिस के सामने ही पहले तीन-चार लोग एक दलित युवक पर लाठी-डंडे और ईंट से हमला कर दिए। युवक को सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। इसी दौरान दूसरे पक्ष के लोग भी आ जाते हैं। फिर दोनों पक्षों में जमकर मारपीट होती है। पुलिस रोकने की कोशिश करती है, लेकिन वे नहीं मानते हैं।

बताया जा रहा है कि खूनी संघर्ष 30 मार्च को हुआ था। जिसका वीडियो अब सामने आया है। इसके बाद से राजनीति शुरू हो गई है। दरअसल, गांव के संतोष राम की नाबालिग बेटी 12 मार्च 2020 को अचानक गायब हो गयी थी। परिजनों ने पहले अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई। बाद में जानकारी मिली कि लड़की के गायब होने के पीछे गांव के ही मुकेश यादव का हाथ है। फिर परिजनों ने उसके खिलाफ नामजद केस कराया। इसके बाद से ही केस उठाने को लेकर दबाव बनाया जा रहा था। इस बीच कई बार मारपीट की घटनाएं हुई। केस अभी कोर्ट में है और लड़की अभी तक गायब है।

घायल राजकुमार ने बताया कि दूसरे पक्ष के लोग केस सुलह कराने का दबाव बना रहे थे। उस दिन जब घर से निकलकर बाजार की ओर जा रहा था, तभी दूसरे पक्ष के लोगों ने रास्ते में जमकर पिटाई कर दी। दूसरे पक्ष के लोगों ने आरोप लगाया कि उनके घर के रास्ते में इन लोगों ने गोबर रख दिया गया था। इसको लेकर उनके बीच पहले तीखी नोकझोंक हुई और मारपीट हो गई।

इस खूनी संघर्ष में पिरौटा गांव निवासी गामा राम, उसका बेटा राधा किशुन राम, पत्नी जोनिहा देवी, चंद्रभान राम, उसकी पत्नी विमला देवी, दो पुत्र चंदन, नंदन राम, चांद किशोर राम का बेटा राजकुमार, इंद्रजीत और दूसरे पक्ष से पिरौटा गांव निवासी भोला शंकर राय के तीन पुत्र छोटू कुमार, अंकित और बिट्टू कुमार शामिल हैं।

नौ सूत्री मांगों को लेकर भाकपा का धरना चौथे दिन भी जारी

आरा : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर तले कार्यकर्ताओं का अनिश्चितकालीन धरना अपने नौ सूत्री मांगों को लेकर प्रखंड कार्यालय के समक्ष आज पांचवे दिन भी जारी रहा। भाकपा कार्यकर्ताओं ने सीओ पर मनमानी का आरोप लगाते हुए उन पर कार्रवाई करने, भूमिहीन परिवारों को 10 डीसमिल जमीन देने, बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा दिये जाने समेत 9 सूत्री मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की।

धरना में शंकर पासवान, नरेन्द्र कुमार सिंह, शिवमुनी पासवान, महादेव गोंड़, चन्द्रमा पासवान, जगदीश राम, वंशी यादव, मीना कुंअर, मुनी देवी, मीना देवी, शैलेन्द्र पासवान, अजित कुमार, शिव शंकर साह, उदय पासवान व जिला सचिव मंडल सदस्य उतम प्रसाद समेत दर्जनों लोग शामिल रहे।

अगलगी में तीन मवेशियों की मौत

आरा : भोजपुर जिला के बिहिया प्रखंड के कल्याणपुर गांव में बुधवार की शाम झोपड़ीनुमा घर में आग लग जाने से तीन मवेशियों की जलकर मौत हो गयी जबकि दो मवेशी बुरी तरह से झूलस गये। आग में जलकर एक बाईक समेत लाखों की संपति नष्ट हो गयी।

जानकारी के अनुसार कल्याणपुर निवासी लक्ष्मण यादव के घर के लोग कटनी करने के लिए बधार में गये हुए थे. इसी दौरान उनके झोपड़ीनुमा घर में अचानक आग लग गयी। आग लगने के बाद जब तक लोग कुछ करते तब तक पछुआ हवा के कारण आग ने विकराल रूप धारण कर लिया जिससे झोंपड़ी में मौजूद तीन मवेशियों की मौत हो गयी तथा दो बुरी तरह से झूलस गये।बताया जाता है कि आग से झोपड़ी में खड़ी बाईक की टंकी फट गयी जिससे जोरदार धमाका हुआ।

बाद में ग्रामीणों ने किसी तरह आग को फैलने से रोकने के लिए आग पर काबू पाया। इस दौरान गांव में अफरा-तफरी मची रही।मामले की सूचना पाकर मौके पर पहुंच पशु चिकित्सा अस्पताल के डॉक्टर ने झूलसे हुए मवेशियों का इलाज किया।वहीं अंचल कार्यालय के कर्मी ने क्षति का मुआयना किया। पंचायत के उपमुखिया आशीष ओझा व सरपंच राम अशीष यादव ने प्रशासन से पीड़ित परिजनों को मुआवजा दिये जाने की मांग की है।

वीकेएसयू के विद्यार्थियों के अंकपत्र व सर्टिफिकेट होंगे ऑनलाइन

आरा : वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय प्रशासन विद्यार्थियों की सुविधा के लिए वीवी को डिजिटल कर रहा है साथ ही पीजी विभाग, सभी अंगीभूत व संबद्ध कॉलेजों से उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के सर्टिफिकेट व अंक पत्र ऑनलाइन होंगे। विवि के लाखों विद्यार्थी अपनी मार्क्सशीट व डिग्री एक क्लिक पर ऑनलाइन देख सकेंगे। बता दें कि विवि नैड (नेशनल एकेडमिक डीपोजेटरी पोर्टल) से जल्द जुड़ जायेगा। इसके बाद सर्टिफिकेट इस पर अपलोड किये जायेंगे। बुधवार को नैड को ले वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बैठक हुई। इसमें ऑनलाइन वीकेएसयू के कुलपति प्रो केसी सिन्हा व सीसीडीसी प्रो नीरज कुमार जुड़े।सीसीडीसी प्रो कुमार ने बताया कि इसके माध्यम से पूरे देश के सभी विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षा के सभी संस्थानों व सभी परीक्षा बोर्डों को जुड़ना है।

विद्यार्थियों के सभी प्रकार के सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी (कागज) के साथ-साथ उन सभी सर्टिफिकेट का डिजिटल कॉपी नैड के पास उपलब्ध रहेगा। यह सरकार की निःशुल्क सेवा है। इसके तहत सर्टिफिकेट को जब नैड के पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा, उसके बाद कहीं से सर्टिफिकेट की जांच हो जायेगी। संसार के किसी भी देश में बैठा इंप्लायर विवि के छात्रों द्वारा नौकरी के लिए दिये गये सर्टिफिकेट की सत्यता की जांच कर लेगा। इससे उस इंप्लायार को भी सुविधा होगी और छात्रों को भी सार्टिफिकेट की जांच कराने के लिए बार-बार विश्वविद्यालय में भागदौड़ करनी नही पड़ेगी। बताया कि वीकेएसयू का इससे पंजीयन हो चुका है।

विवि के छात्रों को अब प्रमाण पत्र या अंक पत्र गुम जाने या खराब हो जाने पर यहां-वहां भटकना नहीं पड़ेगा। वे नैड के पोर्टल पर लॉगिन कर अपना ई-प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकते हैं और प्रिंट निकाल सकते हैं। विभिन्न सत्रों के विद्यार्थी डिजिटल प्रमाण पत्र की सुविधा उठाने के लिए पोर्टल पर पंजीयन करेंगे। इसके बाद उनके प्रमाण पत्र ऑनलाइन हो जायेंगे। विवि प्रशासन जल्द ही पिछले कई सत्रों के विद्यार्थियों से नैड पोर्टल पर पंजीयन कराने को पत्र भी जारी करेगा ताकि उन्हें नैड की ओर से आईडी मिल सके।

नैड से जुड़ने के कई फायदे विवि व छात्रों को मिलेंगे। अंकपत्र, डिग्री सहित अन्य सर्टिफिकेट ऑन लाइन उपलब्ध होगा। इस पोर्टल पर डिजिटल फॉर्मेट में सभी सर्टिफिकेट मौजूद रहेगा। अंक पत्र व डिग्री को छात्रों के आधार से जोड़ा जायेगा। बताया जाता है कि इसमें पंजीयन दो प्रकार से होगा। एक आधार और दूसरा बिना आधार के। नैड पोर्टल पर आधार नंबर देने के बाद विद्यार्थियों को यूजर आईडी मुहैया कराया जायेगा। जबकि, वैसे विद्यार्थी जो बिना आधार के हैं, उन्हें एक नंबर मिलेगा, वे विवि से उसे अनुमोदित करायेंगे। इसके बाद उन्हें आईडी उपलब्ध कराया जायेगा।

इससे एक लाभ यह भी होगा कि जो विद्यार्थी विवि से पढ़ाई करने के बाद अगर कहीं नौकरी कर रहे हैं, तो उनके दस्तावेजों का सत्यापन संस्था ऑनलाइन कर सकेगी। जबकि पहले कंपनियों की ओर से विद्यार्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन के लिए विवि को पत्र जारी किया जाता था। विवि की ओर से पहले सत्यापन कर कंपनी को सूचित किया जाता था, लेकिन अब ऑनलाइन ही संस्था सत्यापन कर सकेगी। इसके अलावा एक लाभ यह भी होगा कि विद्यार्थी कहीं से भी अपने अंक पत्र व डिग्री का प्रिंट निकाल सकेंगे। उन्हें किसी बहाली या नौकरी में जाने के दौरान पूरा दस्तावेज ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

बता दें कि यह मानव संसाधन विकास मंत्रालय की भी पहल है। डिजिटल इंडिया के तहत दस्तावेजों के डिजिटल रिकॉर्ड रखने में सहायता होगी। बता दें कि नैड में दो एजेंसी एनएसडीएल और सीडीएसएल राष्ट्रीय डाटाबेस सिस्टम से वेरिफिकेशन और एकेडमिक रिकार्ड का संचालन देख रही हैं। एकीकृत डाटाबेस से फर्जी सर्टिफिकेट का खेल खत्म हो जाएगा। यही नहीं अब छात्रों को प्रमाण पत्र साथ लाने व ले जाने के झंझट से भी मुक्ति मिल जायेगी।

वीकेएसयू के विवादित संबंद्ध कॉलजों का लौटेगा अनुदान

आरा : वीरकुंवर सिंह विश्वविद्यालय के विवादित संबद्ध कॉलेजों की अनुदान राशि जो वीवी में वर्षों से पड़ी है तथा जो खर्च नही की जा सकी है वो लौटेगी। राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने अनुदान वितरित नहीं होने पर राशि सरकार को भेजने को कहा है।

विभिन्न कारणों से राज्य सरकार से प्राप्त पिछले दो वित्तीय सत्र की अनुदान राशि का बंटवारा विवि के आठ संबद्ध कॉलेजों में नहीं हो पाया है। नियम के अनुसार अनुदान का बंटवारा उसी कॉलेज में होना है, जहां शासी निकाय कार्यरत है जबकि इन कॉलेजों में उत्पन्न विवाद के कारण तदर्थ समिति गठित है, जबकि कुछ जगह प्राचार्य पद का विवाद है। तदर्थ समिति की मौजूदगी में अनुदान वितरण नहीं हो सकता है। वहीं अनुदान की एक शर्त यह भी है कि सरकार की गाइड लाइन का पालन करने वाले कॉलेज को अनुदान दिया जा सकता है। स्थिति है कि चार से पांच कॉलेज ऐसे हैं, जिन्होंने अनुदान वितरण से पूर्व 12 बिंदुओ पर रिपोर्ट जमा नहीं की है। इस कारण उनका अनुदान भी नहीं भेजा जा सका है। बता दें कि पिछले वर्ष एक कॉलेज की अनुदान राशि सरकार को लौटा दी गयी थी। अब तक उस कॉलेज को अनुदान नहीं मिला।

विवि को बीते वर्ष में सरकार ने दो शैक्षणिक वर्ष का अनुदान जारी किया था। इसमें अधिकतर कॉलेजों में राशि का वितरण शिक्षक और कर्मियों के बीच हो चुका है। आठ कॉलेज ही ऐसे हैं, जहां अनुदान नहीं गया है। शैक्षणिक सत्र 2009-12 और 2010 -13 का अनुदान विवि के खाते में है। पीसी कॉलेज बक्सर, ईश्वर दयाल सिंह भगवत प्रसाद सिंह कॉलेज गढ़नोखा, बीएस कॉलेज हट्टा चेनारी, पटेल कॉलेज घुसिया खुर्द, महात्मा गांधी कॉलेज लहराबाद, वीर कुंवर सिंह महिला कॉलेज नासरीगंज, चौधरी चरण सिंह कॉलेज राजपुर और बीएन कॉलेज इंदौर रोहतास शामिल है। इन कॉलेजों को लाखों रुपये मिले हैं। अगर इन कॉलेजों में अनुदान जाता है तो एक शिक्षक को पांच लाख से अधिक अनुदान की राशि मिलेगी।

राजीव एन अग्रवाल की रिपोर्ट

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