मेहसी के नेशनल फ्रूट कम्पनी का फाटक तोड़ पैंतीस हजार रुपए नकद सहित कई सामान चुराए, जांच में जुटी पुलिस
मोतिहारी : जिले के मेहसी बस स्टैंड स्थित नेशनल फ्रूट कम्पनी का फाटक तोड़ चोरों ने हजारों रुपये की चोरी कर ली। घटना शुक्रवार के देर रात्रि की बताई जा रही है। शनिवार की सुबह चोरी की सूचना मिलने के बाद फल के थोक विक्रेता मोहम्मद नैमुल हक ने अज्ञात चोरों के विरुद्ध मेहसी थाना को आवश्यक कानूनी करवाई के लिए आवेदन दिया है।
आवेदन में अज्ञात चोरों पर फल दुकान में रखे अलमीरा को तोड़कर पैतालीस हजार रुपए नकद समेत अनार व सेव के पचपन पेटी चोरी करने के साथ अलमीरा में रखे सारे महत्वपूर्ण कागजात को फाड़ कर तीतर वितर कर देने का आरोप लगाया गया है। थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस करवाई में जुटी है। सूचना पर पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है। शीघ्र ही इसका उद्भेदन कर लिया जाएगा।
बताया जाता है कि रात्रि गश्ती के दौरान सअनि शिवजी राय के नेतृत्व में बस स्टैंड पहुंची मेहसी पुलिस ने संदेह होने पर एक युवक को खदेड़ा जो अंधेरे व कुहासे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहा। इस बीच पुलिस को छानबीन के दौरान सड़क पर बिना बैटरी का एक मोबाइल मिला। जिसका डिटेल्स खंगाला जा रहा है। सबसे अहम बात तो यह है कि मेहसी बस स्टैंड स्थित अतिव्यस्तम इलाके में चोर चोरी को अंजाम देते रहे व किसी को भनक तक नही लगी।
महान शिक्षाविद, पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी, सनातन संस्कृति के समाजसुधारक तथा आर्य समाज के संन्यासी के बलिदान दिवस पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि
मोतिहारी : पश्चिम चम्पारण जिला अंतर्गत नरकटियागंज स्थित हैदराबाद सत्याग्रह दयानन्द एंग्लो वैदिक विद्यालय सभागार में आर्य समाज नरकटियागंज ने स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती की 95 वीं पुण्यतिथि मनाया। जिसका शुभारंभ नरकटियागंज विधायक रश्मि वर्मा ने दीप प्रज्वलित कर किया। इसके पूर्व आचार्य रामायण शर्मा की अगुवाई में पुरोहित सुधीर कुमार, उत्तम प्रकाश ने देव यज्ञ संपन्न किया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि विधायक रश्मि वर्मा ने हैदराबाद सत्याग्रह में नरकटियागंज की धरती से शहीद हुए बलिदानियों के परिजनों को सम्मानित किया।
स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती के संबंध में वक्ताओं ने बताया कि उनका मूल नाम मुंशीराम विज रहा। उनका जन्म अविभाजित पंजाब में 22 फरवरी 1856 को हुआ। वे भारत के महान शिक्षाविद, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सनातन संस्कृति के समाजसुधारक तथा आर्य समाज के संन्यासी रहे। उन्होंने सनातन समाज के पाखण्डवाद को दूर कर ‘हिन्दुओं’ के समरस समाज के लिए अंतिम सांस तक संघर्ष किया।
स्वामी पण्डित श्रद्धानन्द सरस्वती समाजसुधारक, अध्यापक, पत्रकार और सच्चे राष्ट्रवादी रहे। अब्दुल रशीद नामक एक उन्मादी युवक ने 23 दिसंबर 1926 को गोलीमार उनकी हत्या कर दी। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय जैसी शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना किया। हिन्दू समाज व भारत को संगठित करने, 1920 के दशक में शुद्धि आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया। उनके शुद्धि आंदोलन से प्रभावित होकर डॉ. भीम राव अंबेडकर ने सन 1922 में कहा कि श्रद्धानन्द अछूतों के ‘महानतम और सबसे सच्चे हितैषी’ हैं।
उन्होंने स्वामी दयानन्द सरस्वती की शिक्षा ‘वेदों की ओर लौटो’ का प्रसार किया। वे भारत के उन महान राष्ट्रभक्त सन्यासियों में अग्रणी रहे। जिन्होंने अपना जीवन स्वाधीनता, स्वराज्य, शिक्षा तथा वैदिक धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित किया। उनकी 95 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में विधायक रश्मि वर्मा ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती मानवतावादी राष्ट्रभक्त रहे।
उन्होंने पत्रकार, समाजसेवी, अध्यापक और समाजसुधारक की भूमिका का सफल निर्वहन किया। उनकी जीवन गाथा से प्रेरणा लेकर सनातन संस्कृति को संरक्षित करने की आवश्यकता है। इस कार्यक्रम में डीएवी प्रभारी ऋचा कुमारी, आर्य समाज मंदिर के प्रधान कैलाश राउत आर्य, मंत्री सुमन कुमार, कोषाध्यक्ष विजय प्रकाश, पूर्व मंत्री पुजारी प्रसाद आर्य, रामेश्वर प्रसाद आर्य, ओम प्रकाश शास्त्री, लालजी प्रसाद, पुरोहित पण्डित सुधीर कुमार, पण्डित उत्तम प्रकाश, विवेक आर्य, अटल भारती, संगीतज्ञ अनुप सहनी शामिल रहे। उपर्युक्त कार्यक्रम में विद्यार्थियों की भूमिका प्रशंसनीय रही। जिसमें भजन, प्रवचन, मंत्रोच्चारण, खेल-कूद प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।
भितिहरवा आश्रम में क्यूरेटर की हिटलरशाही, पर्यावरण संरक्षण की उड़ी धज्जियाँ
मोतिहारी : पश्चिम चम्पारण जिला अंतर्गत महात्मा गांधी का प्रसिद्ध भितिहरवा आश्रम है। जिसमें पदाधिकारी (क्यूरेटर) डॉ शिवकुमार मिश्र की मनमानी, स्वैच्छाचारिता, उच्श्रृंखलता के कारण आश्रम के इतिहास से छेड़छाड़ का मामला सामने आया। इस संबंध में अभी प्रशासनिक कार्रवाई लंबित है। स्वतंत्रता सेनानी परिवार के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाया है। इसके अतिरिक्त बिना विभागीय व प्रशासनिक अनुमति के शीशम व कच्चा आम का वृक्ष काट दिया गया।
इस बावत पूछे जाने पर क्यूरेटर डॉ शिव कुमार मिश्र ने कुछ भी स्पष्ट नहीं बताया, उन्होंने हमारे सूत्रों से कहा आप जानकर क्या करोगे? जिला प्रशासन भी इस मामले में उदासीन है। आश्रम के सुरक्षा कर्मियों का कहना है कि क्यूरेटर साहब पेंड़ कटवाने का आदेश पटना से लेकर आए हैं। एक बात ध्यान देने योग्य है कि वृक्ष कटवाने के बाद उसके जड़ को जलाने का प्रयास किया गया है।
सनद रहे कि क्यूरेटर अब केवल संरक्षक की भूमिका में है। आश्रम की मरम्मत व निर्माण कार्य भवन निर्माण विभाग के अधीन है। उसका नियमानुसार टेण्डर कर कोई कार्य किया जाना है, अलबत्ता क्यूरेटर डॉ शिवकुमार मिश्र की लालफीताशाही व स्वेच्छाचारी रवैये से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की धज्जियाँ उड़ाते हुए, आश्रम परिसर के वृक्ष पातन कर उसकी पटरियां आश्रम परिसर में बनवाई गई है। हमारे सूत्र बताते हैं कि मामला जब मीडिया के सामने आया तो डॉ मिश्र ने उन लकड़ियों को शुक्रवार की रात किसी गाड़ी से आश्रम से निकाल बाहर कर दिया। पूरे प्रकरण की स्वतंत्र जाँच कराई जाए तो एक बड़ा घालमेल उजागर होगा।