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22 दिसंबर : मधुबनी की मुख्य खबरें

टूटान वाली जगह को छोड़ दूसरे जगह बना दी दो पुलिया, लोगों को हो रही अब परेशानी

मधुबनी : जिले के रहिका प्रखंड के कनैल गांव में करीब सवा पांच करोड़ 96 लाख की लागत से उच्चस्तरीय पुल व सड़क का निर्माण कार्य हो रहा है। यह सड़क कनैल मसोमात पुल से लेकर राम टोल तक बननी है। इसमें विभागीय नियमों को ताक पर रखकर सरकार के लाखों रुपये का नुकसान किया गया है। इस निर्माण के दौरान कई तरह की खामियां उजागर हो रही हैं।

पुल तो बना दिया गया, पर सड़क निर्माण के दौरान जहां पर हर वर्ष बाढ़ में सड़क टूटती है। उस टूटान वाली जगह पर पुलिए न बनाकर ऐसे जगह पर पानी निकासी के लिए पुलिए बना दिए गये, जहां तक कभी बरसात का पानी पहुंचता ही नहीं है। इस बार भी बरसात में उसी जगह पर सड़क टूटी। ऐसे में लाखों की राशि का नुकसान होने की आशंका है बावजूद संवेदक ने इस बात को नजरअंदाज कर अन्य जगहों पर कोरम पूरा करने के लिए पुलिए का निर्माण कर डाला। इस बात को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।

ग्रामीणों का कहना है कि सरकार के करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी मुख्यमंत्री सड़क संपर्क योजना से बन रही सड़क का संपर्क अगली ही बारिश में भंग हो जाएगा। इस बाबत ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से बताया कि जिस जगह पर पानी का अत्यधिक दवाब रहता है, और हर बरसात में वहां की सड़क का कटाव होता है। उस जगह को मिट्टी डालकर भर दिया गया है। जबकि कायदे से वहीं आसपास ही दोनों पुलिए का निर्माण होना चाहिए था।

वहीं लोगों ने बताया कि जानबूझकर उस जगह पर पुलिए नहीं बनाए गये, क्योंकि वहां पर पुलिए बनने से खर्च की अधिक बढ़ता। ये पुलिए वैसे जगहों पर डाल दिए गये, जिसका आगे कभी उपयोग होगा ही नहीं। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस बार भी बाढ़ में सड़क खोरा के समीप टूटी थी। वहां पर पुलिया नहीं देना समझ में नहीं आता है। अभी भी वहां सड़क के दोनों तरफ पानी जमा है।

इस बाबत संवेदक प्रदीप कुमार झा ने बताया विभाग के इंजीनियर की सलाह पर वर्तमान जगहों पर सड़क निर्माण के दौरान दो छोटे-छोटे पुलिए बनाए गये हैं। इस बाबत ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता रामबाबू ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है। वे शीघ्र ही स्थल निरीक्षण करेंगे, अगर वहां पर कमी मिलेगी तो उसे दूर किया जाएगा।

एक दिवसीय वैक्सीन प्रीवेंटबल डिजिज विषयक कार्यशाला में बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों को दी गयी जानकारी

मधुबनी : जिले के रामपट्टी स्थित कोविड केयर सेंटर में बुधवार को (वीपीडी) वैक्सीन प्रीवेंटबल डिजिज विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने किया। कार्यशाला का आयोजन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की ओर से आयोजित की गयी। कार्यशाला में टीकों से बचाव वाली बीमारी जैसे पोलियो डिप्थीरिया (गलघोटू), परट्यूसिस (काली खांसी) नियोनेटेल टेटनस (नवजात टेटनस) के सर्विलेंस के बारे में बताया गया। इसमें एएफपी, मिजिल्स, डिप्थीरिया, काली खांसी व नवजात टेटनस जैसी गंभीर बीमारियों के बेहतर इलाज की जानकारी दी गयी। कार्यशाला में सिविल सर्जन ने चिकित्सकों को इन जानलेवा बीमारियों के लक्षण, जांच के तौर तरीके व लैब सैम्पल की जानकारी दी। एसएमओ (डब्लूएचओ) डा. आदर्श वर्गीज ने बताया कि अगर 15 साल तक के बच्चे का कोई अंग छह माह तक लुंज या कमजोर दिखे तो ये एएफपी के लक्षण हैं।

लक्षण की पहचान कर बेहतर इलाज प्रबंध करें

एसएमओ डॉ आदर्श वर्गीज ने बताया कि बुखार, गले में दर्द, टांसिल लाल व उसके आसपास व्हाइट व डार्क ग्रे थक्का और झिल्ली आदि गलघोटु और कम से कम दो सप्ताह से खांसी, खांसने के बाद उल्टी होना आदि काली खॉसी के लक्षण हैं। इसी तरह नवजात टेटनस के लक्षण व बचाव के बारे में बताया गया। उन्होने कहा कि इन गंभीर बीमारियों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इन बीमारियों के लक्षण के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही मरीज में कैसे इन बीमारियों के लक्षण को तलाशेंगे और इसके क्या उपाय होंगे। इसपर विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. आदर्श वर्गीज ने कार्यशाला में प्रोजेक्टर के माध्यम से विस्तार पूर्वक जानकारी दी।

एएफपी कोई बीमारी नहीं है

डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉक्टर आदर्श वर्गीज ने बताया एएफपी कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह एक ग्रुप है। शरीर को अचानक लकवा मारने या लुंजपुंज होने की दशा में उसे एएफपी केस (संदिग्ध पोलियो) मानकर पोलियो वायरस की जांच की जाती है। भ्रांतिवंश लोग उसे ही पोलियो ही मान लेते हैं।

समुदाय को भी जागरूक करें

सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने कहा कि समुदाय (कम्युनिटी )को भी जागरूक करें कि कम से कम हर बच्चों को वैक्सीन जरूर दिलायें, क्योंकि वैक्सीन उपलब्ध रहने के बाद भी जानकारी के अभाव में जान चली जाती है। ऐसे मरीज दिखे तो तुरंत डब्लूएचओ व डीआईओ को जानकारी दें। मौके पर सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा, एसीएमओ डॉ सुनील कुमार, एनसीडीओ डॉक्टर एस पी सिंह, केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी आदि उपस्थित थे।

गिदरगंज के लोगों में टीके लेने का मचा होड़, रिफ्यूजल रिस्पांस टीम ने भ्रम को किया दूर

मधुबनी : कोरोना सभी स्ट्रेन से बचाव के लिए एकमात्र उपाय कोविड टीकाकरण ही है। टीके की प्रथम डोज के बाद दूसरा डोज़ लिए बिना पूर्ण सुरक्षा संभव नहीं है। कोविड की दूसरी डोज़ के बाद ही शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण होता है। तब शरीर कोरोना से लड़ने के लिए तैयार होता है ।

कोरोना का टीका जिले के सभी व्यक्तियों तक पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने 22 व 24 दिसम्बर को मेगा अभियान चलाकर अब तक टीकाकरण के दूसरे डोज से वंचित 15% लोगों को टीकाकृत किया जाएगा। उन्होंने बताया जिले में 75% लोगों का प्रथम डोज का टीकाकरण किया गया है वही प्रथम डोज लेने वाले 85% लोगों को टीके की दूसरी डोज दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इसके लिये टीकाकरण की मुहिम में जुटे तमाम विभागीय अधिकारी व कर्मी बधाई के पात्र हैं। सामूहिक प्रयास से ही बेहतर नतीजे हासिल किये जा सकते हैं।

अभी संक्रमण के फैलाव का खतरा बरकरार है।खासकर नए स्ट्रेन ओमिक्रोम को देखते हुए विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है। जिन्होंने किसी कारण अब तक कोरोना का टीका नहीं लिया है। प्राथमिकता के आधार पर टीका लगायें। इस वैश्विक महामारी से आम जनमानस को निजात दिलाने का यही एक उपाय है। संबंधित विभागीय अधिकारियों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि जिले के आखिरी व्यक्ति के टीकाकृत होने तक हमें अपना प्रयास जारी रखना होगा। ताकि इस महामारी को करारी शिकस्त दी जा सके। वही मेगा टीकाकरणअभियान को लेकर सिविल सर्जन अंधराठाढ़ी प्रखंड के गिदरगंज गांव पहुंच 50 से अधिक लोगों का टीकाकरण करवाया।

विदित हो की इस ग्राम के लोग टीकाकरण नहीं करवाना चाह रहे थे कई बार स्वास्थ्य विभाग की टीम इस गांव के लोगों को समझाने में असमर्थ रहे विगत 17 दिसंबर को सामुदायिक बैठक कर लोगों को टीकाकरण के बारे में समझाया गया तब कुछ छूटे लोगों ने अपना टीकाकरण करवाया बुधवार को सिविल सर्जन के नेतृत्व में रिफ्यूजल रिस्पांस टीम इस गांव का दौरा कर शेष बचे 50 से अधिक लोगों का कोविड-19 का टीकाकरण करवाया। इस दौरान सिविल सर्जन ने 250 से अधिक घरों का सर्वेक्षण किया।

नए स्ट्रेन से बचने के टीकाकरण आवश्यक 

सिविल सर्जन ने बताया कि देश में नए स्ट्रेन ओमिक्रोम ने दस्तक दे दी है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर कई परिवारों ने खुद व दूसरों की सुरक्षा के लिए कोरोना की संपूर्ण डोज ले ली है। टीका का सुरक्षा कवच होने के बावजूद लोगों को मास्क पहनने की आदत हो गई है। जिले में टीकाकरण के साथ साथ कोविड टेस्टिंग के प्रति भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

ज़िले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जिले से बाहर रहने वाले अपने घर परिवार के पास वापस आते हैं, उस दौरान जिले के सभी बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर कोविड-19 जांच अतिआवश्यक है। साथ ही जिन्होंने टीका नहीं लिया है, उन्हें वैक्सीनेशन की सुविधा प्रदान की जाए। इस दौरान किसी व्यक्ति के संक्रमित होने की पुष्टि होने पर विभागीय प्रोटोकॉल का अनुपालन किया जाए।

टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकाल का पालन करना बहुत आवश्यक है। वह भी तब तक जब तक यह संक्रमण पूरी तरह खत्म ना हो जाए। इसलिए आवश्यक होने पर ही घर से बाहर मास्क लगाकर निकलें। घर से बाहर निकलने के दौरान संयम बरतें व भीड़-भाड़ से बचें।टीम में सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा केयर इंडिया के डी टी एल महेंद्र सिंह सोलंकी लैब टेक्नीशियन इस्माहतुल्लाह उर्फ गुलाब , आदि उपस्थित थे।

एडीजे-पुलिस प्रकरण में सौपे गये केस डायरी

मधुबनी : जिले के झंझारपुर के एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के साथ मारपीट व पिस्टल तान धमकी दिए जाने के मामले में झंझारपुर कोर्ट में समर्पित केस डायरी करीब 113 पन्ना का है। जिसमें घटनास्थल के ब्योरा देते हुए केस के वादी एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के अलावा झंझारपुर व्यवहार न्यायालय के एसीजेएम प्रथम अजय शंकर प्रसाद, प्रथम क्षेणी न्यायिक दण्डाधिकारी शैलेन्द्र कुमार के भी बयान को उल्लेख किया गया है।

साथ ही बतौर गवाह एसडीओ शैलेश कुमार चौधरी, एसडीपीओ आशीष आनन्द व फुलपरास के डीएसपी, झंझारपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष प्रशिक्षु डीएसपी नेहा कुमारी, नगर पंचायत के जेई दीपक राज समेत 8-10 अधिवक्ताओं के भी बयान को सीआईडी ने अपने केस डायरी में अंकित किया है।

बता दे कि कोर्ट के आदेश पर सोमवार को सीआईडी के एएसपी राजेश कुमार ने बन्द लिफाफा में केस डायरी सौंपा। मंगलवार को जब जमानत याचिका पर सूनवाई हुई, तो इन सब बातों का जिक्र सामने आया। केस डायरी में दर्ज है आरोपी पुलिस अधिकरियों के अलग-अलग दो फर्दबयान की बातें। कोर्ट को सौंपे केस डायरी में सीआईडी के अनुसंधान कर्ता ने एडीजे प्रथम द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आरोपी घोघरडीहा के पूर्व थानेदार गोपाल कृष्ण व एसआई अभिमन्यु शर्मा का भी बयान का उल्लेख किया है।

मिली जानकारी के मुताबिक सीआईडी ने अपने डायरी में उल्लेख किया है कि आरोपी थानेदार व एसआई ने यह स्वीकार किया है कि गत 19 नवम्बर को डीएमसीएच में पुलिस को दो फर्दबयान दिया था। एक फर्दबयान सुबह में और दुसरा शाम में दी। इसके पीछे पुलिस अधिकारी ने सुबह में तबियत ठीक नहीं रहने के कारण उन्होने शाम में दुसरा फर्दबयान दिया।

मेडिकल बायो वेस्ट अस्पताल में पसरे रहने से संक्रमण का खतरा

मधुबनी : 30 बेड वाले मधुबनी जिले के बाबूबरही सीएचसी में बायो मेडिकल वेस्ट भले ही लाल, ब्लू, काला और पीला रंगों के चार अलग डब्बे में रखी जाती है, और डब्बे से हर दिन वेस्ट निकाली जाती है। लेकिन खून से सने हुए कपड़ें इस वेस्ट में नहीं आते हैं। जो सीएचसी के सामने झाड़ी में फेंके जाते हैं।

इसके ईर्द-गिर्द आवारा कुत्तों का झूंड जमा रहती है, जो इसे विचरण करने की ताक में रहते हैं। इससे मरीज और कर्मी खौफजदा हैं। मरीज के परिजन नवटोली के रवि राउत बताते हैं कि सुबह और शाम में कुत्तों के भौंकने से डर लगा। उन्होंने देखा कि झाड़ियों में झूंड में जमा कुत्ते आपस में लड़ रहे हैं। कुछ देर पहले लेबर रूम से गंदा कपड़ा निकाल फेंका गया।

वहीं इस बारे में प्रभारी चिकित्सक डॉ० उदय शंकर प्रसाद ने बताया कि सीएचसी स्तर पर हर दिन बायो मेडिकल वेस्ट का प्रबंधन होता है। वेस्ट लेने के लिए एनजीओ का वाहन आता है, और प्रसव कक्ष में तैनात एएनएम स्तर से उस वाहन का लाग बुक किया जाता है। ब्लू डब्बे में नुकीले सामान, काले में सामान्य कचरा, पीले में प्लासेंटा और लाल रंग की डब्बे में रूई बैंडेज जमा होता है।

जज-पुलिस प्रकरण के अनुसंधानकर्ता सीआईडी के एसपी का तबादला

मधुबनी : जिले के चर्चित झंझारपुर के एडीजे मामले की जांच कर रही सीआईडी के एसपी शैलेश कुमार सिन्हा का तबादला कर दिया गया है। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में उन्हे सीआईडी से हटा कर सिवान का एसपी बनाया गया है। बता दें कि एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के साथ झंझारपुर कोर्ट में उनके चैम्बर में घटी घटना की जांच का जिम्मा एक दिसम्बर को दिए हाईकोर्ट के आदेश पर सीआईडी को सौंपा गया था। जिसके बाद एडीजे प्रथम अविनाश कुमार द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसंधानकर्ता सीआईडी के एसपी श्री सिन्हा को बनाया गया।

वे दो बार झंझारपुर आकर केस की जांच पड़ताल भी किया। झंझारपुर कोर्ट में एडीजे केस में नामजद पूर्व थानेदार गोपाल कृष्ण एवं एसआई अभिमन्यु शर्मा की ओर से दाखिल जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 21 दिसम्बर को है। इसके पहले 20 दिसम्बर तक अनुसंधानकर्ता को केस डायरी कोर्ट में दाखिल करने का आदेश दिया गया है। दोनों आरोपी पुलिस अधिकारी 10 दिसम्बर से झंझारपुर जेल में बंद हैं।

एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के साथ मारपीट व पिस्टल से धमकी मामले में जेल में बन्द आरोपी पूर्व थानेदार गोपाल कृष्ण का आपराधिक हिस्ट्री अगर है, तो उसकी जानकारी जुटा कर सीआईडी को अपना प्रतिवेदन 20 दिसम्बर तक कोर्ट में जमा करने का आदेश दिया है। यह आदेश इस मामले में जेल में बन्द दोनों पुलिस अधिकारी की ओर से दाखिल किए गए जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए झंझारपुर के एसीजेएम प्रथम अजय शंकर प्रसाद की न्यायालय ने दी। जमानत याचिका पर बहस के दौरान कोर्ट के समक्ष बताया गया कि आरोपी पूर्व थानेदार का अपराधिक इतिहास रहा है। इसी पर कोर्ट ने साक्ष्य के साथ प्रस्तुत करने का आदेश दिया।

बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल प्रखंड इकाई की बैठक आयोजित

मधुबनी : जिले के बिस्फी प्रखंड मुख्यालय स्थित बीआरसी भवन के सभागार में बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल प्रखंड इकाई बिस्फी की बैठक आयोजित किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष दिनेश यादव ने की। बैठक का संचालन प्रखंड प्रधानसचिव दिलीप कुमार महतो ने किया। बैठक में मुख्य रूप से जिला उपाध्यक्ष मो साबीर उपस्थित थे।

बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि लंबित बकाया वेतन, डीपीई ऐरियर एवं नव नियुक्ति शिक्षकों का बकाया भुगतान अविलंब किया जाए साथ ही मूल वेतन में 15% वृद्धि अविलंब शिक्षकों को भुगतान नहीं करना विभागीय उदासीनता को दर्शाता है। सभी उपस्थित शिक्षकों के द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि बिस्फी प्रखंड के विभिन्न कार्यालयों में लंबी अवधि से प्रतिनियुक्ति शिक्षकों को विरमित कर अविलंब विद्यालय मैं योगदान कराया जाए, ताकि विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य सुचारु रुप से संचालित हो सके। नहीं होने की स्थिति में संगठन आंदोलन करेंगे।

वही 24 दिसंबर को जिला इकाई द्वारा प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी 16वॉ संकल्प दिवस वाटिका होटल सभागार, मधुबनी में आयोजित है, जिसमें सभी संघ के पदाधिकारी एवं सक्रिय शिक्षक निश्चित रूप से उपस्थित होकर सफल बनाएंगे। इस बैठक में उपस्थित रविंद्र मोहन, राजाराम यादव, रामबालक ठाकुर, फुलेश्वर सिंह भारती, महाराणा प्रताप, विभा कुमारी, संतोष कुमार शर्मा, विजय कुमार मंडल, अशोक कुमार, अमरेश कुमार, नरेश कुमार सहित कई लोग उपस्थित थे।

सुमित कुमार की रिपोर्ट