14 दिसम्बर : मधुबनी की मुख्य खबरें

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जिला के 600 से अधिक सत्र स्थलों पर चलाया गया टीकाकरण महाअभियान

मधुबनी : स्वास्थ्य विभाग की ओर से अधिक से अधिक लोगों को कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण किया जा रहा है। इस कड़ी में मंगलवार को एक बार फिर विभिन्न सत्र स्थलों पर कोरोना टीकाकरण महा-अभियान का आयोजन किया गया। इसे लेकर विभाग की ओर से 600 से अधिक सत्र स्थलों पर वेक्सीन भेज दिया गया है। इस टीकाकरण महा-अभियान के तहत सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना टीकाकर्मी कोरोना टीका से वंचितों को टीका दिया गया। साथ ही दूसरे डोज़ सेे छूटे लोगों को टीकाकृत करनेे का निर्देश दिया गया है।

विभाग के आधिकारिक के अनुसार कोरोना टीकाकरण महा-अभियान के तहत दूसरे डोज के टीकाकरण को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही, जिन्हें कोरोना टीका का पहला डोज भी नहीं मिला है, उन्हें भी टीका दिया जाएगा। जिलाा प्रतिरक्ष पदाधिकारी  स्वास्थ्य डॉक्टर एस.के विश्वकर्मा ने बताया कि पिछले दिनों विभाग की समीक्षा बैठक में कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत सभी लोगों को टीकाकृत करने का निर्देश दिया था। इस निर्देश के आलोक में स्वास्थ्य विभाग ने दिसंबर को टीकाकरण महाअभियान संचालित करने का निर्णय लिया है।

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रिफ्यूज टीम द्वारा कई जगह लोगों को किया गया टीकाकरण

स्वास्थ्य विभाग व केयर इंडिया के द्वारा बनाई गई रिफ्यूज रिस्पांस टीम के द्वारा राजनगर प्रखंड के भगवानपुर गांव में 20 रिफ्यूज लोगों को प्रथम डोज टीकाकरण किया गया। जिसमें कई गर्भवती महिलाएं, धात्री महिलाएं व बुजुर्ग लोग सम्मिलित थे।

केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया अभी भी समाज में कई ऐसे लोग हैं जिनमें कई प्रकार की भ्रांतियां है ऐसे लोगों को आशा के द्वारा चिन्हित किया जाता है और स्वास्थ्य विभाग की टीम उस क्षेत्र में पहुंचकर लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करती है इसी क्रम में आज आशा फैसिलिटेटर द्वारा 20 लोगों के टीकाकरण नहीं कराने की जानकारी दी गई पूर्व में भी इस गांव में कई बार स्वास्थ विभाग की टीम पहुंचकर लोगों को टीकाकरण के लिए मनाने में असफल रहे। आज केयर इंडिया, लैब टेक्नीशियन इस्मतुल्लाह उर्फ गुलाब,आशा फैसिलिटेटर मंजू कुमारी,जीएनएम सुमन द्वारा कुल 36 लोगों को टीकाकृत किया गया।

60 हजार लोगों को डोज़ देने का लक्ष्य

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि अभियान के तहत 60 हज़ार लोगों को टीकाकृत करने का लक्ष्य रखा गया है। इसे लेकर सभी स्वास्थ्य अधिकारियों एवं कर्मियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं। महा अभियान के साथ सभी पीएचसी, शहरी क्षेत्र एवं मोबाइल टीम की ओर से लोगों को डोज़ दिया जाएगा। जिला में करीब तीन सौ मोबाइल टीम घर घर जाकर लोगों को वैक्सीन का पहला एवं दूसरा डोज़ देंगे।

बताया कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर महा अभियान को लेकर एएनएम एवं आशा को अपने-अपने क्षेत्रों में जागरूक करने को कहा गया है, ताकि अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन का डोज दिया जा सके। अधिक से अधिक लोगों को आच्छादित करने को लेकर कुछ पीएचसी को दिया निर्देश डीआईओ ने बताया कि टीकाकरण अभियान मैं कुछ पीएचसी पीछे रह गए हैं। उन को अधिक से अधिक लोगों को टीकाकरण करने के लिए कहा गया है। बताया कि कुछ क्षेत्रों में अभी भी कुछ लोग टीकाकरण के लिए तैयार नहीं है। इसके लिए  जागरूकता फैलाने को कहा गया है।

जिले में अब तक 37.05 लाख लोगों का हुआ टीकाकरण

जिले में अब तक 37 लाख 05 हजार 896 लोगों का टीकाकरण किया गया है. जिसमें 22,73,893 लोगों को प्रथम डोज व 14,32,003 लोगों को दूसरा डोज दिया गया है. जिसमें 20,73,942 महिला एवं 16,31,039 पुरुष को टीकाकृत किया गया है. टीका लेने वाले में 32,39,525 लोगों को कोविशील्ड एवं कोवैक्सीन 4,66,371 डोज दिया गया है. वही 18 से 44 उम्र के 21,73,191 लोगों, 45 से 60 वर्ष के 8,04,378 लोगों तथा 60 वर्ष से ऊपर के 7,28,368 लोगों को टीका लगाया गया है। मेगा अभियान के दौरान शाम 4:00 बजे तक 25078 लोगों को टीकाकृत किया गया

जिले को स्वास्थ्य क्षेत्र में मिली तीन सौगात

मधुबनी : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को जिला स्वास्थ्य विभाग की 3 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उद्घाटन राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान शेखपुरा पटना के परिसर से किया गया। आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा फुलपरास में एएनएम स्कूल 6.30 करोड़ की लागत से, रामपट्टी में 81 लाख की लागत से आरटीपीसीआर लैब, 1.65 करोड़ की लागत से नरपत नगर में अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया।

अब जिले में रियल टाइम पेरीमिरेज चेन रिएक्शन (आरटीपीसीआर) जांच होने लगेगी। जिला मुख्यालय के रामपट्टी स्थित पारा मेडिकल कॉलेज में आरटीपीसीआर लैब के लिए बीएमएसआईसीएल द्वारा लैब की आधारभूत संरचना तैयार की गई थी। जिले में आरटीपीसीआर जांच सुविधा शुरू होने के बाद किसी भी प्रकार के सैंपल को परीक्षण के लिए मधुबनी मेडिकल कॉलेज तथा आरएमआई पटना नहीं भेजना पड़ेगा।

रिपोर्ट मिलने में होगी सहूलियत

आरटी-पीसीआर मशीन लग जाने के बाद अब जांच रिपोर्ट के लिए लोगों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वर्तमान में आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट आने में तीन से चार दिन का समय लग जाता है। लैब शुरू हो जाने से 12 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट उपलब्ध हो जाएगी। सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया कि आरटीपीसीआर जांच कोरोना की अंतिम जांच होती है। इसमें आने वाली रिपोर्ट को ही सबसे बेहतर माना जाता है।

एंटीजन की निगेटिव रिपोर्ट की होती है क्रास चेकिंग

एंटीजन किट से जांच में रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद लक्षण वाले मरीजों के कन्फर्मेशन के लिए आरटीपीसीआर जांच कराई जाती है। जिले में ही इसकी सुविधा हो जाएगी तो लोगों को राहत मिलेगी। वर्तमान में ट्रूनाट और एंटीजन किट से जांच कराने के बाद लोग बाहर घूमते रहते हैं। अगर तीन से चार दिन बाद आरटीपीसीआर की जांच में रिपोर्ट पाजिटिव आती है तो आइसोलेट होते हैं। इस कारण कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है।

खाद की गंभीर समस्या और कालाबाजारी पर कांग्रेस चिंतित, खाद उपलब्धता की मांग की

मधुबनी : प्रो० शीतलाम्बर झा अध्यक्ष, जिला कांग्रेस कमिटी मधुबनी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कहा है कि पूरे जिला के किसानों को गेहूँ बुआई के लिए डीएपी, मिक्चर एवं यूरिया खाद उपलब्ध नही हो पा रहा है। गेहूँ बुआई का अभी स्वर्णिम समय है, लेकिन किसान खाद के लिए त्राहि-त्राहि कर रहें है, और कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन चैन की नींद में है। गेहूँ की खेती प्रभावित हो रही है। अब लोग बिना खाद के गेहूँ बुआई करना शुरू कर लिए है, जिससे उपज में भारी कमी हो सकती है।

आज पन्द्रह दिनों के बाद जिला के कुछ बिस्कोमॉन में खाद उपलब्ध कराया गया, लेकिन बितरण नही हो सका। रहिका बिस्कोमॉन में पांच सौ बैग खाद आने की जानकारी मिली थी, लेकिन 12 बजे तक कोई कर्मचारी या पदाधिकारी मजूद नही थे। लोग चार बजे सुबह से ही हजारों की संख्या में महिलाओं एवं पुरुष भूखे प्यासे लाइन में लगे रहे, लेकिन बितरण काम प्रारंभ नही हो सका था। साथ खड़ा मैं भी वापस लौट आया। जानकारी मिली है कि कुछ लोगों को खाद उपलब्ध कराया गया बाद में लाठीचार्ज भी किया गया है, जो निंदनीय है। एक तरफ सरकार और प्रसाशन खाद उपलब्ध नही करा रहा है, वहीं दूसरी ओर लाठीचार्ज कर किसानों को घायल भी कर रहा है।

जानकारी मिली है मधुबनी कृषि विभाग मिलीभगत से जिला के बॉडर पर जो प्रखण्ड है, उसे आवंटन ज्यादा दिया है। वहीं अन्य प्रखण्डों में आवंटन कम कर दिया है, जो जांच का विषय है ऐसा क्यों किया गया? जिलाध्यक्ष प्रो० झा ने पूर्व में भी जिलापदाधिकारी को आवेदन पत्र देकर किसानों को खाद उपलब्ध कराने के दिशा में ठोस पहल करने का आग्रह किया था, लेकिन परिणाम शून्य निकला। खाद बितरण केंद्र रात के अंधेरे में खेल कृषि विभाग के पदाधिकारियों के मिलीभगत से खेला जा रहा है।

सुमित कुमार की रिपोर्ट

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