17 नवम्बर : आरा की मुख्य ख़बरें

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आरा की मुख्य ख़बरें

मिसेज इंडिया इंटरनेशनल क्वीन-2021 फर्स्ट रनर-अप रुचिका को किया गया सम्मानित

आरा : भोजपुर जिला मुख्यालय आरा के प्रसिद्ध व्यापारी विमल सरावगी की पुत्री तथा चेन्नई स्थित स्टीन व्यवसाई सुनील कानोई की पत्नी 30 वर्षीय रुचिका कानोई मिसेज इंडिया इंटरनेशनल क्वीन-2021 के लिए फर्स्ट रनर अप चुनी गयी है। रुचिका मूल रूप से आरा शहर के गुरुनानक मार्केट की रहने वाली है। वर्तमान में वह चेन्नई में रहती है।

रुचिका के चयन से आरा ही नही बल्कि पुरा बिहार गौरवान्वित हुआ है। इन्हें ड्राइविंग तथा डांस का बहुत शौक है तथा समाज सेवा से भी जुडी है| उनकी इस सफलता के लिए अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मलेन के भोजपुर जिलाध्यक्ष मातादीन अग्रवाल तथा अखिल भारतीय अग्रवाल महासभा के भोजपुर बिहार राज्य अध्यक्ष अशोक सिंघानिया ने सम्मानित किया|

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मिसेज इंटरनेशनल क्वीन-2021 की फर्स्ट रनर अप रुचिका ने मीडिया से वार्ता के क्रम में बताया कि बिगत 6 एवं 7 नवम्बर को दिल्ली में आयोजित प्रतिस्पर्धा में 1500 प्रतिभागियों ने भाग लिया था जिसमे 53 लोगों का चयन हुआ और फिर उन 53 सफल प्रतिभागियों में से उनका चयन हुआ|

उन्होंने कहा कि यह सिर्फ दिमाग में होता है कि आप छोटे शहर से है। ऐसा कुछ होता नहीं है। हर इंसान में वही टैलेंट होता है। जरूरी यह है की आप किस तरह से अपने टैलेंट को निकाल कर बाहर लाते है। वह महत्वपूर्ण है। आप किस शहर से हैं। बड़े शहर से हैं या छोटे शहर से। वह मायने नहीं रखता। हर इंसान में वो ताकत होती है। बस अपने छिपे हुए टैलेंट को बाहर लाने की जरूरत है|

उन्होंने बताया कि मुझे अपने ससुराल से बहुत ज्यादा सपोर्ट मिला है। मेरे पति मुझे बहुत ज्यादा सपोर्ट करते हैं। आज मैं जो भी हुई हूँ, उन्हीं के सपोर्ट से हूँ। वह हर चीज में आगे बढ़ाते हैं और मुझे एक दोस्त की तरह समझते है। उन्होंने बताया कि मेरी उम्र 30 वर्ष है। मेरे दो बच्चे हैं। दोनों बच्चे कॉलेज में पढ़ते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं आरा के लोगों को यही मैसेज देना चाहती हूं कि आरा कितना बड़ा उदाहरण पेश कर रहा है। यहां के सभी लोगो में यह ताकत है यह सब करने की। महिलाओं से मैं यही कहना चाहूंगी कि आप अपने ड्रीम पर विश्वास करे। अपनी अंधेरी दुनिया से बाहर निकलिए।

अपराधियों ने महिला को मारी गोली

आरा : भोजपुर जिला मुख्यालय आरा के नगर थानान्ताराग्त धनुपरा मोम फैक्ट्री के समीप मंगलवार की देर शाम हथियारबंद अपराधियों ने एक महिला को गोली मार दी। उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। जहां से उसे पटना रेफर कर दिया गया। घटना का स्पष्ट कारण पता नहीं चल पाया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

जख्मी महिला मुफस्सिल थानान्तर्गत दौलतपुर शुभकरगंज गांव निवासी मो. शमशेर की 35 वर्षीया पत्नी नसीमा है। जख्मी महिला के पिता मो. शहादत ने बताया कि वह दस रोज पूर्व अपने मायके धनपुरा गांव आई थी। मंगलवार की देर शाम जब वह घर से शौच के लिए खेत में जा रही थी तभी घर से कुछ दूरी पर ही हथियारबंद अपराधियों ने उसे गोली मार दी।

जिससे वह जख्मी हो गई। उसे इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल लाया गया। जहां से प्राथमिक उपचार करने के बाद उसकी हालत को चिंताजनक देखते हुए पटना रेफर कर दिया गया। हालांकि महिला को गोली किसने और क्यों मारी? इसका कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस अपने स्तर से मामले की छानबीन कर रही है।

मुखिया हत्याकांड में पूर्व प्रखंड प्रमुख और दो बेटों सहित आठ लोगों पर प्राथमिकी

आरा : भोजपुर के चरपोखरी प्रखंड के बाबूबांध पंचायत के नव निर्वाचित मुखिया संजय सिंह की हत्या में मुखिया के छोटे भाई रुपेश सिंह के बयान पर पूर्व प्रखंड प्रमुख अनिल सिंह उनके बेट दीपक कुमार और दीपू कुमार सहित आठ लोगों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी है। पूर्व प्रखंड प्रमुख अनिल सिंह चरपोखरी थानान्तर्गत अगनूचक प्रीतमपुर गांव के रहने वाले हैं। अबकी पंचायत चुनाव में वह मुखिया पद के प्रत्याशी थे और संजय सिंह से पराजित हो गये थे।

वहीं अन्य आरोपितों में उसी गांव के सुरेश यादव, बलवंत उर्फ तेजस्वी यादव, बिजेंद्र यादव उर्फ लंगड़ा, भलुआना गांव निवासी धनंजय राय और बजेन निवासी वीर बहादुर सिंह शामिल हैं। चुनावी रंजिश में मुखिया की हत्या करने का आरोप लगाया गया है। अनिल सिंह पर मुखिया संजय सिंह को गोली मारने, जबकि उनके दोनों बेटों पर हाथ पकड़ने का आरोप है।

प्राथमिकी के बाद पुलिस आरोपितों की धरपकड़ में जुटी है। इसके लिये पीरो एसडीपीओ राहुल सिंह के नेतृत्व में गठित टीम छापेमारी कर रही है। बता दें कि सोमवार की दोपहर चरपोखरी थानान्तर्गत भलुआना गांव के समीप बजेन गांव निवासी मुखिया संजय सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी।

प्राथमिकी में कहा गया है कि रुपेश सिंह सोमवार की दोपहर ठेंगवा गांव गए थे। दोपहर करीब दो बजे वह बाइक से गांव लौट रहा था। रास्ते में बड़े भाई मुखिया संजय सिंह भी बुलेट से मिल गये। दोनों भाई भलुआना और प्रीतमपुर गांव के बीच पहुंचे तो भलुआना की ओर से प्रीतमपुर गांव की तरफ जा रही एंबुलेंस ने बड़े भाई मुखिया संजय सिंह की बाइक में ठोकर मार दी। इस कारण वह चार्ट में गिर पड़े।

तबतक अनिल सिंह सहित आठों आरोपित एंबुलेंस से उतरे और मुखिया को घेर लिया गया। गाली-गलौज भी की। उसके बाद अनिल सिंह के दोनों बेटों ने उनके भाई को पकड़ लिया जबकि अनिल सिंह ने कमर से पिस्टल निकाल उनके भाई के सिर में गोली मार दी। बाद में सुरेश यादव और तेजस्वी यादव उसे भी गोली मारने के लिये दौड़े। तब उसने किसी तरह भागकर अपनी जान बचायी। उसके बाद सभी आरोपित एंबुलेंस से भागने लगे। लेकिन जल्दबाजी के कारण एंबुलेंस पलट गया।

राजीव एन० अग्रवाल की रिपोर्ट

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