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12 नवंबर : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

घर में आग लगने से मवेशी सहित सामग्री जल कर राख

मधुबनी : जिले के बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के सिंगिया पूर्वी पंचायत स्थित सिंगराहा गांव के वार्ड नंबर सात के निवासी मिथिलेश यादव के घर में आग लग जाने से हजारों की संपत्ति जलकर राख हो गया। वही भीषण अग्नि में दो भैंस, एक बाइक, एंव एक साईकिल बुरी तरह जल गया। घर में रखे खाना बनाने का सामग्री सहित अनाज, कपड़ा, फर्नीचर, बर्तन, बक्सा सहित घर में रखें महत्वपूर्ण कागजात जल कर राख हो गया। वही इस आग के चपेट में इसी वार्ड के निवासी कमलेश यादव के घर भी चपेट में आ गया। घर का कुछ सामान भी जल गया। मिली जानकारी के अनुसार आग बिजली के शार्ट-सर्किट से लगने से हुई, जिसकी जानकारी लोगों ने दी।

इस घटना की जानकारी तत्काल प्रशासन को दिया गया। मौके पर पहुंचे सीओ श्रीकांत सिन्हा ने बताया कि अधीनस्थ कर्मचारियों को इसकी जांच करने का आदेश दिया गया है, एवं इसमें क्षति का आकलन कर रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है। मौके पर समाजसेवी दिलीप साफी ने बताया कि रात्रि में करीब 12 बजे आग लग गई, तथा घर में सोये व्यक्ति को लोगों के सहयोग से बाल-बाल बचाया गया।

विश्व निमोनिया दिवस के अवसर पर बचाव की दी गयी जानकारी

मधुबनी : बच्चों एवं माताओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए कई पहल किए गए हैं। संस्थागत प्रसव एवं यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम जैसे कई स्वास्थ्य कार्यक्रम मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की बुनियाद को मजबूत कर रहे हैं। प्रत्येक वर्ष 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है। इसके पीछे निमोनिया को लेकर सामुदायिक जागरूकता बढ़ाना है। निमोनिया की सही समय पर पहचान न होने से शिशुओं को बेहतर इलाज प्राप्त होने में देरी हो जाती है, जो बच्चों के लिए जानलेवा भी साबित हो जाता है।

निमोनिया के लक्षणों की सही समय पर पहचान होने से निमोनिया के कारण बच्चों में होने वाली मौतों में कमी लायी जा सकती है। बच्चों में होने वाले न्यूमोनिया दर में कमी लाने एवं समुचित उपचार के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा (सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रीलाइज निमोनिया सक्सेसफुली (सांस) कार्यक्रम का आरंभ किया गया। इस क्रम में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्देश दिया गया कि 12 नवंबर 2021 से विश्व निमोनिया दिवस से 28 फरवरी 2022 तक सांस अभियान आयोजित किया जाना है।

विदित हो कि प्रतिवर्ष 15 नवंबर से 21 नवंबर तक नेशनल न्यू बोर्न वीक मनाया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इस वर्ष नेशनल न्यू बोर्न वीक का थीम “सेफ्टी क्वालिटी एंड न्यूट्रिन केयर बर्थ राइट ऑफ एवरी न्यू वन” निर्धारित किया गया है। सांस अभियान 2021 तथा नेशनल न्यू बोर्न वीक के दौरान की जाने वाली गतिविधियों के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए शुक्रवार को राज्य स्तर से वेबिनार के माध्यम से लांच उन्मुखीकरण बैठक आयोजित किया गया।

‘सांस’ कार्यक्रम बच्चों को निमोनिया से दिलाएगी राहत:

निमोनिया के कारण बच्चों में होने वाली मौतों को सरकार ने गंभीरता से लिया है। इसको लेकर केंद्र सरकार द्वारा सांस (सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रीलाइज निमोनिया सक्सेसफुली) कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य निमोनिया के दंश से बच्चों को सुरक्षित करना है ।

पांच साल से कम उम्र के बच्चों में 14 से 15% मौतें निमोनिया के कारण:-

डॉ झा ने बताया कि यदि बिहार में शिशु मृत्यु दर एवं नवजात मृत्यु दर की बात की जाए तो पिछले कुछ वर्षों में इसमें कमी भी आई है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे के मुताबिक बिहार की शिशु मृत्यु दर 3 अंक घटकर राष्ट्रीय औसत के बराबर हो गयी है। वर्ष 2017 में बिहार की शिशु मृत्यु दर 35 थी, जो वर्ष 2018 में घटकर 32 हो गयी। बिहार की नवजात मृत्यु दर पिछले 7 वर्षों से 27-28 के बीच लगभग स्थिर थी। लेकिन वर्ष 2018 में 3 पॉइंट की कमी आई है। बिहार की नवजात मृत्यु दर जो वर्ष 2017 में 28 थी, वर्ष 2018 में घटकर 25 हो गयी। यह एक सकारात्मक संकेत हैं।

पांच साल से कम आयु के बच्चों में 14 से 15% मौतें सिर्फ़ निमोनिया के कारण हो जाती है। इसलिए निमोनिया प्रबंधन पर ध्यान देना काफी जरूरी है। इसके लिए प्रोटेक्ट, प्रीवेंट एवं ट्रीट मोड पर अधिक बल देने की जरूरत है। निमोनिया से बचाव के लिए पीसीवी का टीका निमोनिया से बच्चों को प्रीवेंट कर सकते हैं। वहीँ हाउस होल्ड स्तर पर वायु प्रदूषण में कमी लाकर निमोनिया को प्रीवेंट किया जा सकता है, साथ ही एंटीबायोटिक एवं ऑक्सीजन थेरेपी से निमोनिया को ट्रीट किया जा सकता है।

वर्ष 2025 तक निमोनिया के कारण होने वाली मौतों में कमी लाने का लक्ष्य:-

सिविल सर्जन ने बताया कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए निमोनिया गंभीर रोगों में शामिल है। आईएपीपीडी (इन्डियन एसोसिएशन ऑफ़ पार्लियामेंटेरियनस ऑन पापुलेशन एंड डेवलपमेंट) ने वर्ष 2025 तक 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में निमोनिया से होने वाली मृत्यु दर को प्रति 1000 जीवित जन्म 3 से भी कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

वहीं वर्ष 2010 की तुलना में वर्ष 2025 तक निमोनिया की गंभीरता में 75% कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य एवं पोषण दोनों बच्चे को निमोनिया से सुरक्षित रखने में भूमिका निभाते हैं। निमोनियाका टीका (पीसीवी) एवं नवजात संक्रमण प्रबंधन के द्वारा 30% बच्चों की जान बचायी जा सकती है। वहीं स्तनपान निमोनिया का उचित उपचार एवं स्वच्छ पेय जल के माध्यम से 36% शिशुओं को सुरक्षित किया जा सकता है।

गूजेंगी बच्चों की किलकारी, आंगनबाड़ी केंद्र होंगे फ़िर से गुलज़ार

मधुबनी : राज्य में एक बार फिर आंगनबाड़ी केंद्र गुलजार होंगे. इन आंगनबाड़ी केंद्रों पर लोगों को बच्चों की किलकारी और पोषण गीत सुनने को मिल सकेगी. वहीं पहले की तरह ही बच्चों को स्वास्थ्य जांच, शिक्षा, टीकाकरण और पोषण की सुविधा प्राप्त होगी. समेकित बाल विकास सेवाएं निदेशालय ने राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को 15 नवंबर से पुन: संचालित करने का निर्देश दिया है. कोविड संक्रमण काल के मद्देनजर आंगनबाड़ी केंद्रों को खोलने के लिए मार्गदर्शिका भी जारी की गयी है. ‘मास्क लगाओ- दूरी बनाओ, आंगनबाड़ी में इसे अपनाओ’ को आंगनबाड़ी केंद्र खुलने पर विशेष तरजीह भी दी जाएगी.

आइसीडीएस के निदेशक श्री आलोक कुमार ने सभी जिला प्रोग्राम पदाधिकारियों तथा बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को पत्र लिखकर आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन संबंधी आवश्यक निर्देश दिए हैं। निर्देश में कहा गया है कि 15 नवंबर से आंगनबाड़ी केंद्रों पर पूर्व की भांति सभी गतिविधियों का संचालन प्रारंभ किया जाएगा।

आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक होगा. आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की उपस्थिति से पूर्व उनके माता—पिता या अभिभावक से सहमति लेना अनिवार्य होगा बच्चे के बुखार या बीमार होने की सूचना मिलने पर उसके परिवार के सदस्यों को बच्चों की समुचित देखभाल करने की सलाह देना सुनिश्चित किया जाएगा और उनके पूर्णत: ठीक होने तक आंगनबाड़ी केंद्र नहीं आने की सलाह दी जाएगी। साथ ही संबंधित पदाधिकारियों से आंगनबाड़ी केंद्रों के अंदर और आसपास सफाई और स्वच्छता सुनिश्चित करने और केंद्रों के नियमित सेनिटाइजेशन कराये जाने पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है।

आंगनबाड़ी सेविकाओं तथा सहायिकाओं तथा केंद्र पर आने वाले अभिभावकों द्वारा मास्क के इस्तेमाल आवश्यक रूप से सुनिश्चित करने तथा कोरोना संक्रमण के पहचान, ईलाज और रोकथाम के लिए दिशा निर्देशों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रदर्शन करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

आंगनबाड़ी केंद्रों पर होगी 50 प्रतिशत बच्चों की मौजूदगी:

मार्गदर्शिका में आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की 50 प्रतिशत उपस्थिति, हाथों की नियमित सफाई, स्वच्छता, सेनिटाइजर का इस्तेमाल सुनिश्चित किये जाने के लिए कहा गया है. अस्वस्थ, कमजोर, गर्भवती महिला तथा 65 वर्ष के आयु के व्यक्तियों का आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रवेश निषेध रहेगा।

केंद्रों पर गर्म पका भोजन भंडारण, तैयारी और वितरण के दौरान स्वच्छता एवं सामाजिक दूरी का पालन सुनिश्चित करना है। ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस के दौरान ग्रोथ मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के दौरान हाथों की नियमित सफाई तथा वजन मशीन का सेनेटाइजेशन आवश्यक है. आंगनबाड़ी केंद्र के सभी गेट को आगमन एवं प्रस्थान के समय खुला रखा जायेगा जाये ताकि एक जगह भीड़ जमा नहीं हो।

बच्चों को परस्पर एक दूसरे का मास्क अदला बदली नहीं करने के लिए निर्देश देने की बात कही गयी है। सभी बच्चों को आंख, नाक, कान, मुंह आदि छूने से बचने एवं कफ, सर्दी, बुखार आदि के बारे में जानकारी दी जानी है। बच्चों को जहां तहां नहीं थूकने के सलाह देने की बात कही गयी है। यदि आंगनबाड़ी केंद्र पर चम्मच उपलब्ध हों तो यथा संभव गर्म पका भोजन खाने समय चम्मच के प्रयोग करने की भी बात कही गयी है.

सप्तम चरण के पंचायत चुनाव हेतु 453 मतदान केंद्र पर लगभग-3257 मतदान कर्मियों की प्रतिनियुक्ति

मधुबनी : पंचायत आम निर्वाचन-2021 के अवसर पर जिला निर्वाचन पदाधिकारी (पं॰)-सह-जिला पदाधिकारी, मधुबनी अमित कुमार एवं सामान्य प्रेक्षक, पंचायत चुनाव, हरलाखी तथा मधवापुर के अध्यक्षता में सप्तम चरण के पंचायत चुनाव हेतु मतदान कर्मियों की प्रतिनियुक्ति रेंडोमाइजेशन के माध्यम से बूथवार की गई, जिसमें-453 मतदान केंद्र पर लगभग-3257 मतदान कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई।

इस दौरान नोडल पदाधिकारी, कार्मिक प्रबंधन कोषांग-सह-अनुमण्डलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, सदर मधुबनी निधि राज, जिला उप-निर्वाचन पदाधिकारी (पं०)-सह-जिला पंचायत राज पदाधिकारी, मधुबनी शैलेन्द्र कुमार, जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी, मधुबनी आलोक नंदन सिंह इत्यादि उपस्थित थे।

मिथिला पेंटिंग की मशहूर आर्टिस्ट दुलारी देवी को मिला पद्मश्री सम्मान

मधुबनी : 12 साल की उम्र में शादी, गरीबी की मार अलग… घरों में काम करने वाली दुलारी ने खुद नहीं सोचा था कि उनका संघर्ष उन्हें पद्मश्री दिलाएगा। देश का वो सम्मान जिसे पाने की चाह हर किसी में होती है। लेकिन दुलारी को पद्मश्री पुरस्कार मिलने के पीछे छिपा है, उनका अनवरत संघर्ष… वो संघर्ष जिसमें एक पुरुष तक हार मान जाए, लेकिन 54 साल की दुलारी ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया।

बिहार के मधुबनी जिले के रांटी गांव की रहने वाली दुलारी का माता-पिता ने 12 साल की उम्र में ही विवाह कर दिया। सात जन्मों के बजाए दुलारी सात साल में ही ससुराल से मायके वापस आ गईं और वो भी 6 महीने की बेटी की मौत के गम के साथ।

मायके से ही दुलारी ने फिर से संघर्ष शुरू किया। घरों में झाड़ू-पोंछा लगा कर कुछ आमदनी हो जाती थी। धीरे धीरे हाथों में पोंछे की जगह कूची ने ले ली। हाथों में जादू ऐसा कि एक वक्त पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी दुलारी की तारीफ की।
किस्मत कब किसे किस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दे, कौन जाने। यही दुलारी के साथ हुआ। अपने ही गांव में मिथिला पेंटिंग की मशहूर आर्टिस्ट कर्पूरी देवी के घर दुलारी को झाड़ू-पोंछा करने का काम मिल गया। खाली समय में दुलारी अपने घर-आंगन को ही माटी से पोतकर और लकड़ी की ब्रश बना मधुबनी पेंटिंग करने लगीं। कर्पूरी देवी का साथ मिलते ही मानों दुलारी के हाथों का जादू बाहर आ गया।

गीता वुल्फ की पुस्तक ‘फॉलोइंग माइ पेंट ब्रश’ और मार्टिन लि कॉज की फ्रेंच में लिखी पुस्तक मिथिला में दुलारी की जीवन गाथा व कलाकृतियां सुसज्जित हैं। सतरंगी नामक पुस्तक में भी इनकी पेंटिग ने जगह पाई है। इग्नू के लिए मैथिली में तैयार किए गए आधार पाठ्यक्रम के मुखपृष्ठ के लिए भी इनकी पेंटिग चुनी गई।

पटना में बिहार संग्रहालय के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुलारी देवी को विशेष तौर पर आमंत्रित किया। वहां कमला नदी की पूजा पर इनकी बनाई एक पेंटिग को जगह दी गई है। 2012-13 में दुलारी राज्य पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं।

जिले के सभी व्यस्क मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में शामिल हों :- जिलाधिकारी

मधुबनी : जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी, मधुबनी की अध्यक्षता में अहर्ता तिथि 01/01/2022 के आधार पर मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम से संबंधित बैठक का आयोजन जिले के विभिन्न राजनैतिक दलों के साथ संपन्न हुआ।बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में मतदाता सूची का पुनरीक्षण निष्पक्ष मतदान के परिप्रेक्ष्य में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसकी महत्ता को देखते हुए आप सभी जनप्रतिनिधियों से सहयोग की अपेक्षा है।

उन्होंने कहा कि इसी पुनरीक्षित मतदाता सूची के आधार पर जिले के नगर निकायों एवं निगम के चुनाव संपन्न किए जाने हैं। ऐसे में 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों के नाम मतदाता सूची में शामिल हों यह अति आवश्यक है। ऐसे में मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम बेहद महत्वपूर्ण है। इसके लिए जिले में 21 नवंबर को व्यापक स्तर पर कैंप भी लगाया जाएगा।

मतदाताओं की सहायता के उद्देश्य से बहुउपयोगी “वोटर हेल्पलाइन मोबाइल एप” की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी मतदाता अपने नाम को मतदाता सूची में खोज सकते हैं। इसके अतिरिक्त अपनी जानकारी भी दर्ज करा सकते हैं। यदि किसी मतदाता का उम्र कुछ समय उपरांत मतदाता सूची में शामिल होने योग्य हो जायेगा तो वे भी अपनी जानकारी इस एप पर दे सकते हैं।

उन्होंने बताया कि मधुबनी जिले में कुल 3339 मतदान केंद्र हैं एवं कुल 3264471 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में शामिल हैं। पुनरीक्षित सूची का प्रकाशन 5 जनवरी 2022 को किया जाना है। इससे पूर्व हर नए मतदाता का नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाय। यदि कोई मतदाता मृत हो चुके हैं तो उनका नाम अचूक रूप से मतदाता सूची से हटा दिया जाय।

जिलाधिकारी ने बताया कि किसी नए मतदाता जिनके पास उनके जन्म तिथि सत्यापन हेतु निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित आयु संबंधी कोई प्रमाण पत्र नहीं है और उनकी आयु 18 वर्ष से 21 वर्ष के बीच है तो ऐसी स्थिति में उस मतदाता के अभिभावक स्व अभिप्रमाणित कर उनकी जन्मतिथि की घोषणा कर उस मतदाता का नाम मतदाता सूची में जुड़वा सकते हैं। इस घोषणा से संबंधित फॉर्मेट जिले के प्रत्येक प्रखंड कार्यालय में उपलब्ध है। मतदाता सूची संबंधी किसी दावे को 30 नवंबर 2021 तक स्वीकार किया जाएगा। मतदाता सूची के पुनरीक्षण में यदि कोई दिव्यांग मतदाता एवं महिला मतदाता अभी तक अपना नाम मतदाता सूची में जोड़ नहीं सके हैं तो उनके नाम जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया जाए।

बताते चलें कि इस मौके पर जिलाधिकारी ने विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से कई सुझाव भी लिए और अपने संवाद में उन्होंने सभी राजनैतिक दलों से कहा कि सभी राजनैतिक दल अपने बूथ लेवल एजेंट की नियुक्ति पूरी कर उनकी सूची निर्वाचन कार्यालय को दें, ताकि उसे निर्वाचन आयोग के वेब साइट पर अपलोड किया जा सके।

इस बैठक के अवसर पर विवेक कुमार, जिला उप-निर्वाचन पदाधिकारी, मधुबनी के साथ-साथ शंकर झा, जिलाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी, शीतलांबर झा, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस पार्टी, मिथिलेश झा, जिलाध्यक्ष सीपीआई, राजेश कुमार मिश्र, जिलाध्यक्ष सीपीआई (एमएल) एवं जदयू एवं बहुजन समाज पार्टी के प्रतिनिधि शामिल थे।

सुमित कुमार की रिपोर्ट