1842 मेट्रिक टन खाद कृषि विभाग के मिलीभगत से हुई कालाबाजारी, कांग्रेस ने खड़े किए सवाल
मधुबनी : कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रो० शितलाम्बर झा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कृषि विभाग पर संगिम आरोप लगाए हैं। उन्होंने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि मधुबनी जिला के खाद की घोर अभाव एवं ऊंची कीमत पर ही किसानों को उपलब्ध हो पा रही है। वहीं जिले के ही एक दुकान संजीत ट्रेडर्स के साथ कृषि विभाग की मिलीभगत से लगभग 1842 मेट्रिक टन खाद कालाबाजारी कर बाजार में बेच दिया है। पटना से आई टीम ने 27 अक्टूबर को जांच की और जिला कृषि पदाधिकारी को नमूना लेने के लिए दायित्व दिया था। उन्होंने एक टीम को नमूना लेने भेजा। नमूना संग्रह के पश्चात गठित टीम के सदस्यों की दूरभाष पर जान मारने की धमकी कथित रंजीत स्टेटस से मिला।
30 अक्टूबर को भौतिक सत्यापन में टीम को सहयोग नहीं दिया, तो सदर अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा शाम में 4 काउंटर लगाकर गोदाम को सील किया था, जो रविवार 7 नवंबर को सील किए उस ताला टूटा मिला। अब प्रश्न उठता है कि इसमें बड़े पैमाने पर बर्बादी होने के बाद भी धमकी देने पर भी त्वरित मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया गया और कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं हुआ? साथ ही अवैध होने से कितना सभी बेचा गया? अतः मेरा स्पष्ट मानना है कि कृषि विभाग के मिलीभगत से यह गोरखधंधा भूतपूर्व से ही चला आ रहा है। इन सभी बिंदुओं की उच्च स्तरीय जांच एवं करवाई किया जाए।
स्वास्थ्य विभाग व केयर इंडिया के प्रयास से ओपीडी में शुरू हुआ गर्भवती महिलाओं का विशेष टीकाकरण
मधुबनी : स्वास्थ्य विभाग 18 वर्ष से ऊपर के सभी व्यस्कों के टीकाकरण को लेकर प्रयासरत है। इसी संदर्भ में सरकार द्वारा चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण अभियान चलाया गया। सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश के अनुसार गर्भवती महिलाओं को भी टीकाकरण कराने का निर्देश दिया गया है। इसी क्रम में सोमवार को जिले के ओपीडी में 15 से अधिक गर्भवती महिलाओं ने कोविड-19 का टीका लिया।
स्वास्थ्य विभाग एवं केयर इंडिया की पहल से प्रतिदिन 50 गर्भवती महिलाओं को टीकाकृत करने का लक्ष्य रखा गया है। सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया ‘गर्भवती मां के टीकाकरण से मां के गर्भस्थ बच्चे को भी बचाया जा सकता है। अगर मां के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है तो यह बच्चे में भी चली जाएगी। वैक्सीन और मां के शरीर में विकसित रोग प्रतिरोधक क्षमता का असर बच्चे में कम से कम जन्म के समय तक बना रहेगा।’
भ्रांतियों से बचने की है जरूरत:
टीका लेने वाली लाभार्थी संगीता देवी 8 महीने गर्भवती, फिरोज खातून 5 महीने के गर्भवती, मीना कुमारी 6 महीने की गर्भवती सभी ने बताया टीकाकरण करवाने के बाद किसी प्रकार का कोई लक्षण प्रतीत नहीं हुआ। संगीता देवी ने बताया बताया समाज में आस पास बहुत से गर्भवती महिलाएं हैं जो अभी भी टीके लेने से परहेज कर रही हैं उन्हें अभी तक सही जानकारी नहीं मिली है टीका उनके उनके तथा उनके बच्चे को कोई नुकसान नहीं करेगा और इस तरह की भ्रांतियां दूर करने की जरूरत है।
दो जिंदगियों की सुरक्षा का सवाल:
सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया कि हमारे पास भी बहुत तरह के भ्रम की जानकारी मिल रही थी। अभी भी ग्रामीण क्षेत्र में बहुत से महिलाएं टीका लेने से घबराती हैं। विभाग द्वारा निर्देश दिया गया कि क्षेत्रीय कार्यकर्ता द्वारा गर्भवती महिलाओं को लाइन लिस्टिंग कर उन्हें टीके के प्रति जागरूक किया जाए। समाज में सभी व्यक्ति तक टीके की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है कि सभी लोग जागरूक हों। टीका सिर्फ पुरुषों के लिए ही नहीं यह गंभीर बीमारियों से ग्रसित व गर्भवती महिला तथा दूध पिलाने वाली माताओं के लिए भी कारगर है। विभाग द्वारा निर्देश दिया गया है कि सामुदायिक बैठक के दौरान लोगों को टीके के प्रति जागरूक किया जाए। इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। अब गर्भवती महिलाएं भी आगे बढ़कर टीके लेने के लिए केंद्रों पर आ रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘दूसरी लहर के दौरान यह देखा गया कि कोविड-19 से संक्रमित गर्भवती महिलाओं की मृत्युदर में पहली लहर की तुलना में दो से तीन गुना वृद्धि हुई है। ऐसी स्थिति में, यह महसूस किया गया कि गर्भवती महिलाओं को भी कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगाना चाहिए। गर्भवती महिलाओं के मामले में, दो जिंदगियों की सुरक्षा शामिल है मां और उसके गर्भस्थ शिशु। इसीलिए, स्वास्थ्य विभाग ने गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करने का फैसला किया है।’ उन्होंने कहा कि इस टीके से माताओं को अधिक लाभ होगा।
गर्भवती महिलाओं के लिए टीके सुरक्षित:
केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया गर्भवती माताओं को भी टीका लगाया जाना चाहिए। क्योंकि इससे न केवल मां के शरीर में बल्कि बच्चे के लिए भी रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होगी।’ उन्होंने कहा, ‘कुल मिलाकर, टीके सुरक्षित पाए गए हैं। कुछ लोग पहले तीन महीनों में गर्भवती मां को टीका लगाने पर संदेह और भय व्यक्त कर रहे हैं क्योंकि इस अवधि में बच्चे के अंग विकसित होने शुरू होते हैं। इन शंकाओं को दूर करते हुए, सिंह ने मां के साथ-साथ बच्चे के लिए भी वैक्सीन को सुरक्षित बताया।
टीके से मां के गर्भस्थ शिशु पर टीके का कोई बुरा प्रभाव नही पड़ेगा।’ उन्होंने आगे कहा कि टीके लगवाने वाली गर्भवती महिलाओं की निगरानी की जाती है। जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा, ‘सभी गर्भवती महिलाओं को जिन्हें जिले में टीका लगाया जा रहा है, किसी भी तरह की असुविधा के लक्षणों की निगरानी के लिए स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से देखरेख की जाती है।
तंबाकू नियंत्रण के लिए सामाजिक जागरूकता जरूरी: सिविल सर्जन
मधुबनी : स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत अभियान को धरातल पर उतारने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर कदम उठा रही है। अभियान के तहत सार्वजनिक भवनों को स्वच्छ एवं साफ रखा जाना है। इसी उद्देश्य को ध्यान रखते हुए बिहार राज्य के सभी सरकारी कार्यालय, संस्थान, शिक्षण संस्थान आदि परिसर को तम्बाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है। अभियान की सफलता के लिए विभाग तंबाकू नियंत्रण के लिए कई उपाय कर रही है। लेकिन हाल में प्रकाशित ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे
के आंकड़ों में बिहार के युवाओं में 7.3% तंबाकू उत्पाद के प्रयोग के आंकड़े सामने आए हैं। विदित हो कि वर्ष 2019 में यह सर्वे बिहार के 38 जिला में किया गया था। जिसमें बिहार के 7.3 प्रतिशत छात्र के तंबाकू उत्पाद प्रयोग करने की बात सामने आई है। जिसमें 6.6% लड़के और 8.0% लड़कियां तंबाकू उत्पाद का प्रयोग करती हैं। सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया एक अभियान चलाकर स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राएं व कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं को जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने बताया स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी सरकारी परिसर एवं स्वास्थ्य संस्थानों में तम्बाकू मुक्त परिसर का बोर्ड, होर्डिंग अथवा साइनेज लगया गया है। मुख्य सरकारी संस्थानों एवं प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू मुक्त परिसर का बोर्ड अथवा साइनेज लगाने का काम किया जा रहा है। बताया कि सभी को एकजुट होकर प्रयास करने की जरूरत है, जिससे समाज को तंबाकू से दूरी बनाने के लिए प्रेरित किया जा सके।
बिहार में सबसे पहले दरभंगा प्रमंडल हुआ तंबाकू मुक्त घोषित :
सीड्स कार्यक्रम के कार्यक्रम पदाधिकारी मनोज कुमार झा ने बताया बिहार के सभी नौ प्रमंडल में दरभंगा प्रमंडल सबसे प्रथम तंबाकू मुक्त घोषित हुआ। जिसके तहत वर्ष 2016 में समस्तीपुर तथा 2017 में मधुबनी व दरभंगा जिला तंबाकू मुक्त घोषित किया जा चुका है। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना स्वास्थ्य के लिए खतरा है और संचारी रोग के फैलने का एक प्रमुख कारण है। तंबाकू सेवन करने वाले की प्रवृति यत्र-तत्र थूकने की होती है। थूकने के कारण कई गंभीर बीमारी तथा कोरोना, इंसेफ्लाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू आदि का संक्रमण फैलने की आशंका रहती है।
तम्बाकू सेवन मुख कैंसर का है प्रमुख कारण :
सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया सभी प्रकार के कैंसरों में तंबाकू के सेवन से जुड़े कैंसरों का हिस्सा 40 प्रतिशत एवं 90 प्रतिशत मुँह का कैंसर तंबाकू के प्रयोग से होते हैं। तंबाकू सेवन पर रोक लगाने एवं साथ ही तंबाकू से होने वाले विभिन्न प्रकार के कैंसर के बारे में वृहत पैमाने पर जन-जागरूकता फैलाने की जरूरत है। तंबाकू का दुष्प्रभाव सबसे अधिक स्कूली बच्चों एवं युवाओं पर पड़ रहा है।
छठ घाट पर इधर-उधर थूकने पर लगेगा जुर्माना:
सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया छठ घाट पर इधर-उधर थूकने वालों पर व ध्रूमपान करने वालों पर प्रशासन की पैनी नजर रहेगी। तंबाकू का सेवन करके यत्र तत्र थूकने पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है। साथ ही 6 माह की जेल भी हो सकती है। इधर-उधर थूकने से कोरोना वायरस के फैलने का खतरा ज्यादा है। किसी भी सरकारी या गैर सरकारी कार्यालय एवं परिसर में किसी भी प्रकार का तंबाकू पदार्थ, सिगरेट, खैनी, गुटखा, पान मसाला, जर्दा आदि का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित है।
छह लीटर देशी शराब के साथ एक कारोबारी गिरफ्तार
मधुबनी : जिले के बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के बखूरी गांव निवासी सिंघेश्वर सहनी को बिस्फी थाना के द्वारा सघन छापेमारी कर छह लीटर देशी शराब के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। बिस्फी थाना अध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर उनके घर पर छापेमारी की गई, जहां शराब के साथ तस्कर को गिरफ्तार कर ली गई।
वही मद्य निषेध कानून के तहत बिस्फी थाना में प्राथमिकी दर्ज कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। आगामी पंचायत चुनाव को लेकर पुलिस सख्ती से शराब तस्कर पर कड़ी नजर रखी जा रही हैं, शराब के खिलाफ छापेमारी की जा रही है।
छठ को ले पूजन सामग्री का वितरण
मधुबनी : छठ पर्व को लेकर माँ अन्नपूर्णा सेवा समिति द्वारा जयनगर शहर में छठ व्रतियों के बीच पूजन सामग्री वितरित की गयी। माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन परिसर में छठ पर्व में उपयोग होने वाले नारियल, फल, अगरबत्ती, सलाई, साड़ी व कलसूप वितरण समारोह आयोजित किया गया।
इस अवसर पर संस्था के सदस्यों ने संयुक्त रूप से कहा कि संस्था अपने दायित्वों को निभाते हुए छठव्रतियों के बीच अर्घ्य वितरण किया है। उन्होंने बताया कि संस्था आगे भी गरीब बच्चों के बीच कपड़ा बांटने का फैसला लिया।
मौके पर करीब 50 छठव्रतियों के बीच सामान वितरण किया गया। इस मौके पर संस्था के डॉ० सुनील कुमार राउत, मनोज सिंह, उपेंद्र नायक, राजेश गुप्ता, सुरेंद्र महतो, सियाराम महतो, संजय महतो, हरेराम चौधरी, रोहन रंजन सिंह, गौरव सिन्हा, संतोष शर्मा, लक्षमण यादव, सुमित कुमार एवं अन्य सदस्य मौजूद रहे।
सुमित कुमार की रिपोर्ट