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28 अक्टूबर : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण आत्मा द्वारा अमृत महोत्सव सह किसान चौपाल में किसानों ने किया जम कर हंगामा

मधुबनी : जिले के बिस्फी प्रखंड मुख्यालय स्थित किसान भवन के सभागार में गुरुवार को कृषि विभाग बिहार सरकार के तत्वाधान में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण आत्मा द्वारा अमृत महोत्सव सह किसान चौपाल का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व आत्मा अध्यक्ष कृष्ण देव यादव एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी विश्वनाथ प्रसाद ने संयुक्त रुप से किया, जबकि कार्यक्रम का संचालन प्रखंड कृषि समन्वयक मोहम्मद जुबेर अहमद ने की।

इस मौके पर कृषि से संबंधित विभागों के द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी विश्वनाथ प्रसाद ने विस्तार से दिया एवं प्रखंड के सभी पंचायतों के रवि महोत्सव में उपलब्ध बीजों को लक्ष्य से अवगत कराया। भारी संख्या में उपस्थित किसानों को खेती संबंधी जानकारी देते हुए प्रशिक्षक राम सुन्दर महतो, शिव कुमार चौपाल ने कहा कि यह मिथिला की जमीन है।

यहां की जमीन बड़ी उर्वर है। उन्होंने कहा कि यह साबित हो पाया है कि रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से जहां मिट्टी की उर्वरा शक्ति घट गई है। वहीं उत्पादित अनाज फल एवं सब्जियां भी बिल्कुल घट गई है। अब जैविक खेती अपनाने की जरूरत है, अनाज और सब्जियों पुरानी किस्मों को ढूंढ रहा है। मछलियां भी पुरानी किस्म की ही खोजी जा रही है।

अतिवृष्टि के कारण इस बार गहरी जमीन मे गेहूं समेत रवि की फसलें नही उगाई जा सकती है, ऐसी हालत में सात किस्म के बीज बोने पड़ेंगे। उन्होंने मरुआ, सामा, कौनी, गंभरी, मक्का, बाजरा खेती करने की सलाह दी गई। इस दौरान आक्रोशित किसान बिजय यादव, उमेश यादव, महेंद्र यादव, पप्पू कुमार, मुकेश कुमार पासवान सहित ने प्रखंड कृषि पदाधिकारी से कृषि विभाग द्वारा आये बीच वितरण में हुए घोर धांधली को लेकर जम कर बवाल किया गया। साथ ही इस बाबत में इसकी जानकारी देने को कहा गया।

इस मौके पर बीटीएम विनोद कुमार यादव, किसान सलाहकार सुनील कुमार राम, मोहम्मद जलालुद्दीन, बिंदेश्वर झा, ज्ञान पासवान, बिंदेश्वर यादव, बिजय यादव, सुनील यादव, श्याम यादव, विश्वनाथ झा सहित भारी संख्या में किसान उपस्थित थे।

नगर पंचायत जयनगर की हुई आम बैठक

मधुबनी : जिले के जयनगर में नगर पंचायत जयनगर की एक साधारण बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता नगर पंचायत के मुख्य पार्षद कैलाश पासवान ने किया। इस बैठक में विभिन्न एजेंडा पर चर्चा हुई व सर्वसम्मति से एजेंडा पास हुआ।

बैठक में जयनगर नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी अमित कुमार, वार्ड नं-01 से लेकर वार्ड नं-14 में वार्ड नं-01, 08,13 को छोड़ कर सभी जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। गत बैठक पर संपुष्टि प्रदान करना, दीवाली और छठ पर्व को देखते हुए अन्यायन मुद्दों पर विचार करना। इन सभी मुद्दों पर विचार कर सर्वसम्मति से एजेंडा पास किया गया।

आदि काल से ही प्रगति प्रदत मिट्टी का प्रयोग होता आ रहा है दैनिक उपयोग में बर्तनों और आभूषणों के रूप में

मधुबनी : प्राचीन काल से ही मनुष्य एक कुशल कारीगर रहा है। घर की सजावट से लेकर त्योहार में जलने वाले दीपक के लिए कुम्हार समाज को याद करना आवश्यक हो जाता है। आज के बदलते तकनीकी परिवेश में माटी शिल्पकारों के कौशल विकास की आवश्यकता तो जरूर महसूस की जाती है, पर इनकी जिंदगी आज भी मिट्टी में सिमट कर रह गई है।

जिंदगी से संघर्ष करते कुम्हार समाज की दशा को सुधारने को लेकर घोषणाएं तो खूब हुई, लेकिन इन्हें केवल कोरा आश्वासन पर मिला।कुम्हार कला में इस्तेमाल होने वाले मिट्टी को निकालने के लिए ग्राम पंचायतों में कुम्हारों को निशुल्क पट्टों का आवंटन करने की घोषणा की गई थी।कुम्हार का घूमता चाक आज भी यह बताता है कि इंसान की जिंदगी भी ऐसे ही घूम रही है।

दीपावली में जब हम अपने घरों में दीए जलाते हैं, तो सबसे पहले याद उस कुम्हार की आती है, जिसने इन दीयों को तैयार किया। घरों में आज भी घड़ा की अहमियत को समझा जा सकता है। दीपावली में बच्चों द्वारा सजाए जाने वाले ग्वालिन, मिट्टी के खिलौने, मिट्टी की हांडी, गुल्लक आदि सामानों की अहमियत बरकरार रखने के लिए इन्हें तैयार करने की योजना से जोड़ने को लेकर नई पीढ़ी को कुम्हार के परंपरागत व्यवसाय की ओर आकर्षित करने की कोशिश नाकाम हो रही है।

स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि और कच्चे माल की प्राप्ति के लिए नियमों के सरलीकरण की घोषणाएं भी हुई थी। बिजली, पानी, पहुंच मार्ग आदि की व्यवस्था एवं काम करने के लिए शेड का आवंटन सहित कई बातें कही गई हैं। तकनीकी कार्यशाला आयोजित करने की बातें भी हुई, फिर भी कुम्हार समाज को मिला तो बस कोरा आश्वासन। उनकी आर्थिक स्थिति उनके हालात को बयां करती है।

सालों भर इसी के भरोसे भरोसे अपनी जिंदगी की गाड़ी को खींचते हैं। भले ही इन्हें आज तक सिर्फ कोरा आश्वासन मिला हो, परंतु यह नहीं चाहते कि पीढ़ी दर पीढ़ी चले आ रहे इस रोजगार को वह बंद कर दें। नई पीढ़ी अब इसमें काम करना नहीं चाहती है। मजबूरी है कि जब तक कर रहे हैं, तब तक व्यवसाय छोड़ नहीं सकते। अब इनके पास फिर से उसी हाथ से घुमाने वाले चाक में काम करने की मजबूरी है। परिवार का पेट पालना है, तो परंपरागत व्यवसाय से मुंह नहीं मोड़ सकते।

यह आत्मनिर्भर भारत के कुटीर उद्योग है, जहां दिवाली और छठ के लिए कुम्हार के द्वारा मिट्टी के अनेक तरह के बर्तन बनाया जा रहा है। आप लोग कम से कम इस दिवाली खुशियों वाली अपने घरों में सिर्फ मिट्टी का ही दिया जलाएं, साथ ही संकल्प ले कि हर घर मिट्टी का बना दीप ही जले।

बेनीपट्टी में कल कई प्रत्याशीयों ने किया जिला परिषद के लिए नामांकन, प्रत्याशीयों में दिखा खासा उत्साह

मधुबनी : पंचायत चुनाव को लेकर मधुबनी जिले के बेनीपट्टी अनुमंडल में 29 अक्टूबर तक होने वाले नामांकन को लेकर चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है। नामांकन को लेकर विभिन्न काउंटर बनाए गए हैं। अनुमंडल कार्यालय के मुख्य गेट सहित अन्य जगहों पर बांस-बल्ले से बैरिकेड‍िंग की गई है। निर्वाची पदाधिकारी सह एसडीओ ने अनुमंडल कार्यालय में 29 अक्टूबर तक होने वाले नामांकन कार्यों का निरीक्षण भी किया।एसडीओ ने नामांकन कार्य में प्रतिनियुक्त पदाधिकारी व कर्मियों को समय पर उपस्थित होने का निर्देश दे रखा हुआ है।

बता दें कि सीसीटीवी कैमरा से निगरानी की जा रही है। नामांकन को लेकर कई मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात किया गया है। एक नवंबर को संवीक्षा होगी, साथ ही तीन नवंबर को नाम वापसी की अंतिम तिथि व प्रतीक आवंटन होगा व 29 नवंबर को मतदान होगा।इसी क्रम में कल जिला परिषद पद के लिए कल्पना सिंह, ललित यादव सहित अन्य कई प्रत्याशीयों ने अपने समर्थकों के साथ नामांकन किया। इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का भी खास खयाल रखा गया।

विश्व स्ट्रोक दिवस आज, बेहतर व संतुलित जीवनशैली से स्ट्रोक से बचाव संभव

मधुबनी : हृदयाघात (हार्ट अटैक) की तरह स्ट्रोक भी एक गंभीर बीमारी है। भागदौड़ भरी जीवनशैली और स्वास्थ्य के प्रति ध्यान नहीं देने से मस्तिष्क घात के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बुजुर्गों के साथ युवाओं में भी यह समस्या बढ़ रही है। लोगों को स्ट्रोक के बारे में जागरूक करने और समय पर उपचार कराने के उद्देश्य से हर साल 29 अक्टूबर को विश्व स्ट्रोक दिवस मनाया जाता है। स्ट्रोक, मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति की बाधा के कारण होता है। यह आक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति में कटौती करता है।

व्यक्ति किसी तरह अपने रक्त संचार को नियंत्रित कर ले तो इस बीमारी से बचा जा सकता है। इसके लिए खानपान में विशेष ध्यान देना चाहिए। स्ट्रोक किसी भी उम्र के व्यक्ति को किसी भी समय हो सकता है। मस्तिष्क की कोशिकाओं में आक्सीजन नहीं मिलने से ये मर जाती हैं और जिस कारण व्यक्ति याददाश्त खोने लगता है। धूमपान, तंबाकू का सेवन, संतुलित खानपान के प्रति गंभीर नहीं होना, मोटापन, शराब का सेवन करने से उच्च रक्तचाप, मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्राल, हृदय रोग, दिमाग में जा रही धमनियों में कोलेस्ट्रोल जमा होने से स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।

स्ट्रोक के उपचार की जगह बचाव पर अधिक बल दें –

सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया स्ट्रोक के उपचार की जगह इससे बचाव पर अधिक बल देने की जरूरत है।स्ट्रोक आने पर दिमाग में खून की सप्लाई रुक जाती है। इससे ब्रेन सेल्स को काफी नुकसान पहुंचता एवं कभी-कभी तो ब्रेन सेल्स मर भी जाते है। जिससे पैरालिसिस एवं गंभीर स्थिति में मृत्यु भी हो सकती है।

अत्यधिक धूम्र-पान, शराब का सेवन एवं ख़राब जीवन-शैली स्ट्रोक के कारण होते हैं। संतुलित जीवन-शैली को अपनाकर स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्या से बचा जा सकता है। विगत कुछ सालों में नवयुवक भी स्ट्रोक के शिकार हो रहे हैं। किशोरवस्था बदलाव का समय होता है जिसमें शारीरिक एवं मानसिक विकास काफ़ी तेजी से होता है। इस दौरान ख़राब जीवन-शैली, धूम्र-पान एवं शराब सेवन जैसी आदतों से बचने की जरूरत होती है। बेहतर जीवन-शैली एवं अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होकर स्ट्रोक से बचा जा सकता है।

एक साल में लगभग 1.45 करोड़ लोग स्ट्रोक से ग्रसित होते- 

स्ट्रोक(आघात) से कोई भी किसी भी समय पीड़ित हो सकता है। विश्व स्ट्रोक संस्थान के अनुसार स्ट्रोक मृत्यु के कारणों में दूसरा सबसे बड़ा कारण है। विश्व भर में लगभग एक साल में लगभग 1.45 करोड़ लोग स्ट्रोक से ग्रसित होते हैं। जिसमें लगभग 55 लाख लोगों को जान भी गंवानी पड़ती है। विश्व भर में लगभग 8 करोड़ लोगों ने स्ट्रोक से जंग जीती है। 90 प्रतिशत स्ट्रोक के मामलों में बचाव संभव है। बेहतर जीवन-शैली एवं शराब सेवन से दूरी बनाकर स्ट्रोक से बचा जा सकता है।

शुरूआती लक्षणों से बचाव में आसानी:

स्ट्रोक एक जटिल मेडिकल समस्या है। लेकिन स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों के आधार पर इससे बचाव संभव है।

चेहरा: चेहरे का एक तरफ मुड़ने लगना

बाँह : किसी एक बाँह में दर्द का होना

आवाज: आवाज लड़खाड़ने लगना या बोलने में तकलीफ होना

यदि ऐसे लक्षण दिखाई दें तब तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।  

इस्केमिक स्ट्रोक: यह स्ट्रोक मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाले रक्त वाहिका में बाधा के परिणामस्वरूप होते हैं। रक्त प्रवाह में बाधा रक्त के थक्के के रूप में पैदा कर सकता है। इसे सेरेब्रल थ्रोम्बोसिस कहा जाता है। सेरेब्रल थ्रोम्बोसिस का मुख्य कारण रक्त वाहिकाओं और धमनियों (एथेरोस्क्लेरोसिस) में वसा का जमना होता है।

रक्तस्रावी स्ट्रोक : रक्तस्रावी स्ट्रोक तब होता है जब एक कमजोर रक्त वाहिका टूट जाती है और मस्तिष्क में खून बहता है। रक्त बहाव आसपास के मस्तिष्क के ऊतकों पर दबाव बनाता है। इससे गंभीरता बढ़ जाती है। यदि सही समय पर चिकित्सकीय सेवा नहीं ली जाए तब यह जानलेवा हो जाती है।

स्ट्रोक से बचाव के उपाय: 

– उच्च एवं अत्यधिक कम रक्त दबाव स्ट्रोक के कारण होते हैं। इसे नियंत्रित रखें ।

– अत्यधिक मोटापा को कम करें. शरीर में वसा संग्रहण नहीं होने दें।

– नियमित व्यायाम करें ।

– धूम्र -पान एवं शराब सेवन से परहेज करें ।

– अत्यधिक वसा वाले खाने से दूर रहें।

– लक्षण दिखाई देने पर, तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।

चिह्नित जगहों पर आशा खोजेंगी कालाजार मरीज, दिया जाएगा प्रशिक्षण

मधुबनी : जिले में कालाजार रोगी खोज अभियान चलाया जाएगा। कालाजार उन्मूलन अभियान के तहत जिले की आशा कार्यकर्ता कालाजार मरीजों की खोज करेंगी। इसके लिए आशा कार्यकर्ता को प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि लक्षण व पहचान के आधार पर मरीजों को आसानी से पहचान सके। कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विनोद कुमार झा ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बीसीएम एवं प्राथमिक स्वास्थ्य प्रबंधक को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है।

डॉ झा ने बताया कालाजार प्रभावित गांव में कालाजार रोगी की पहचान की जानी है। इसके लिए जिले के 500 आशाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद आशा अपने क्षेत्र में दी गयी समयावधि में सभी घरों में कालाजार के लक्षण वाले मरीजों को खोजेंगी एवं प्रतिदिन की रिपोर्ट अपने आशा फैसिलिटेटर को देंगी। वहीं केटीएस और केबीसी कालाजार लक्षण के रोगियों का सत्यापन कर उसके जांच को सुनिश्चित करवाएगी।

आशा फैसिलिटेटर आशा के द्वारा किए जा रहे कार्यों पर नजर रखेंगी। प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक घर-घर कालाजार खोज कार्यक्रम की निगरानी एवं अपने प्रखंड के कालाजार तकनीकी पर्यवेक्षक एवं जिला सामुदायिक उत्प्रेरक को व्यौरा उपलब्ध कराएंगे। आशा ,कालाजार के लक्षण वाले मरीज को पीएचसी रेफर करेगी जहां डॉक्टर मरीज की डाइग्नोसिस करेंगे उसके बाद आर. के. 39 कीट से जांच की जाती है । इन सभी कार्यवाहियों में केयर इंडिया भी सहयोग करेगा।

500 आशाओं का होगा प्रशिक्षण:

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार नीरज कुमार सिंह ने बताया जिले के बिस्फी प्रखंड के 75, बेनीपट्टी के 75, लदनिया 50, रहिका 25, खजौली 25, कलुआही 25, जयनगर 25, राजनगर 25, बासोपट्टी 25, पंडौल 25, लखनौर 25, लौकही 25, बाबूबरही 25, झंझारपुर 25, मधवापुर 25 के आशाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कालाजार मरीजों के मिलता है प्रोत्साहन राशि:

सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया कालाजार मरीजों को इलाज के बाद राशि दी जाती है। जिसके तहत मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के अंतर्गत कालाजार मरीजों को इलाज के बाद 6600 रुपैया एवं भारत सरकार की तरफ से 500 रु की राशि देने का प्रावधान है। जबकि पीकेडीएल के मरीज को इलाज के बाद एकमुश्त 4,000 की राशि दी जाती है।

कैसे होगी कालाजार रोगियों की पहचान:

वैसे मरीज कालाजार के रोगी हो सकते हैं जिन्हें

•15 दिन से ज्यादा से बुखार हो

•जिन्हें भूख नहीं लगती हो, उदर बड़ा हो रहा हो

•जिनका वजन लगातार कम हो रहा हो

•शरीर का काला पड़ रहा हो

•वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार न हो पर उनके शरीर पर दाग हो और पूर्व में कालाजार के रोगी रह चुके हों।

एसएसबी पिपराही कम्पनी के जवानों ने 73 बोतल नेपाली देसी शराब सहित बाइक किया जब्त। धंधेबाज गिरफ्तार

मधुबनी : एसएसबी कम्पनी मुख्यालय पिपराही के जवानों ने गुरुवार की सुबह माखन टोला में बाइक समेत 72 बोतल नेपाली देसी शराब जब्त किया। जवानों को देखते ही धंधेबाज रफ्फूचक्कर हो गया। इस बाबत एसआई तेज राम ने बताया कि गुरुवार की सुबह भारत नेपाल पीलर संख्या 253 होते हुए बाइक सवार माखन टोला में प्रवेश किया।

असहज लगने पर बाइक सवार बाइक छोड़कर नेपाल की ओर भाग खड़ा हुआ। 72 बोतल नेपाली देसी शराब के साथ बाइक लदनियां थाना के हवाले कानूनी कार्रवाई के कर दिया गया। थाना अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने बताया कि आवेदन के आलोक में अज्ञात बाइक मालिक और बाइक चालक के विरुद्ध केस दर्ज कर दिया गया।

लदनियां थाना क्षेत्र के पद्मा गांव में पेड़ से फंदा लगाकर विक्षिप्त युवक ने किया खुदकुशी

मधुबनी : जिले के लदनियां थाना क्षेत्र के पद्मा गांव के बघार में पेड़ से फंदा लगाकर एक विक्षिप्त युवक द्वारा आत्महत्या का मामला प्रकाश में आया है। शव की पहचान पद्मा गांव के ही परीक्षण कामत के इकलौता पुत्र अर्जुन कुमार कामत (24) के रुप की गई।

सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को छानबीन शुरू कर दी। एएसआइ सच्चिदानंद सिंह के अनुसार मृतक की माता, बहन के अलावा परिजनों एवं ग्रामीणों के अनुसार मृतक विक्षिप्त था। मृतक की मां पानो देवी पति परीक्षण कामत के लिखित आवेदन पर पुलिस कानूनी कार्रवाई शुरु कर दी है।

सुमित कुमार की रिपोर्ट