नवादा से शोभा देवी, राणा विगहा से ललिता देवी व डभावां से रंजू देवी ने भरा नामांकन पर्चा
बाढ़ : पंचायत चुनाव के नामांकन के तीसरे दिन बाढ़ प्रखंड के नवादा पंचायत से शोभा देवी,राणा विगहा पंचायत से ललिता देवी एवं पंडारक प्रखंड के दभावां पंचायत से रंजू देवी ने अपना-अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया तथा इन तीनों प्रत्याशियों ने कहा कि जीत मिली तो निष्ठा और विश्वास के साथ अपने पंचायत के लोगों की सेवा के साथ पंचायत के टोले और गांव के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
बाढ़ एवं पंडारक में पंचायत चुनाव को लेकर मुखिया पद की दावेदार निवर्तमान मुखिया इस बार नये सिरे से विकास का दाबा कर लोगों से वोट मांग रहे हैं। शनिवार को बाढ़ प्रखंड के नवादा पंचायत के निवर्तमान मुखिया शोभा देवी अपना नामांकन पर्चा दाखिल करने के बाद कहा कि नवादा पंचायत मेरा घर है और पंचायत के लोग हमारे परिवार के सदस्य हैं और हम सेवा में भेद – भाव नही करते हैं और अपने पंचायत के हर लोगों के दुःख सुख में सह भागी हुआ करते हैं।
निवर्तमान मुखिया शोभा देवी ने कहा कि गत बाढ़ विधान सभा चुनाव में मेरे पति कर्णवीर सिंह यादव उर्फ लल्लू मुखिया को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में क्षेत्र के लोगों को काफी सेवा करने के कारण ही क्षेत्रीय लोगों का काफी सहयोग एवं मत प्राप्त हुआ है जो एक रिकॉर्ड है तथा निवर्तमान मुखिया शोभा देवी के नामांकन में बाढ़ विधान सभा के पूर्व प्रत्याशी कर्णवीर सिंह यादव,विजय यादव,धर्मवीर यादव,रणवीर यादव के अलाबे नवादा पंचायत के शत-प्रतिशत मतदाता शामिल थे
वैसे नवादा पंचायत के लोगों का कहना है कि शोभा देवी काफी मतों से विजयी होगीं। वहीं राणा विगहा पंचायत के पूर्व मुखिया ललिता देवी ने अपना नामांकन पर्चा दाखिल करने के बाद कहा कि पिछले पांच वर्षों में विकास के नाम पर लोगों को धोखा दिया गया है। यदि उनके पंचायत के लोगों ने इस बार मुखिया बनाया तो पुनःराणा विगहा पंचायत को आदर्श पंचायत बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।
मौके पर उनके पति जगदीश सिंह सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।वहीं दूसरी तरफ पंडारक प्रखंड के डभामा पंचायत की निवर्तमान मुखिया रंजू देवी ने भी नामांकन दाखिल किया है। उनका भी दावा है कि अगर इस बार उन्हें विजय मिला तो पंचायत में फिर विकास का कीर्तिमान रचा जायेगा नामांकन के दौरान उम्मीदवार के पति अंजनी कुमार के साथ काफी संख्या में समर्थक मौजूद थे।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट