23 अक्टूबर : आरा की मुख्य ख़बरें

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आरा की मुख्य ख़बरें

मुखिया अपने अंगरक्षकों के साथ गिरफ्तार

आरा : भोजपुर पुलिस ने आचार संहिता उल्लंघन मामले में ननऊर पंचायत के नाढी गांव के बभनटोली नामांकन पत्र बांट रहे ननऊर पंचायत के मुखिया बमभोला प्रसाद को उनके निजी अंगरक्षकों तथा बाऊंसर्स के साथ गिरफ्तार कर आज आरा की एक अदालत में प्रस्तुत किया गया। उनके खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ है।

मुखिया बम-भोला प्रसाद ने बताया कि पुलिस ने उन्हें आवश्यक सुरक्षा नहीं दी जबकि उनको सुरक्षा की सख्त आवश्यकता है। उनके आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई जिस कारण उन्हें अपने खर्च पर निजी गार्ड रखना पड़ा। उन्होंने इसकी सूचना भी दी। मुखिया ने बताया कि थाना को उन्होंने हीं फोन कर बुलाया परन्तु पुलिस से न्याय नहीं मिला। उल्टा उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है।उधर रायल सिक्युरिटी, पटना के बाऊंसर्स ने बताया कि उन्हें चुनाव की जानकारी नहीं थी। इस मुकदमे में उन्हें बेवजह फंसाया गया है।

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जमीन बिक्री के नाम पर साढ़े दस लाख की ठगी, मां-बेटा गिरफ्तार

आरा : भोजपुर जिला मुख्यालय आरा की नगर थाना पुलिस ने जमीन बेचने के नाम पर साढ़े दस लाख की ठगी करने में मां-बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। थानाध्यक्ष शंभू कुमार भगत के अनुसार गिरफ्तार आरोपितों मे टाउन थानान्तर्गत चिकटोली निवासी मो. मुस्तफा की पत्नी माजदा खातून और पुत्र मो. सलमान शामिल हैं।

नगर थानाध्यक्ष ने बताया कि चौरी थानान्तर्गत डिलियां गांव निवासी शमशाद आलम की पत्नी अजमेरी खातून द्वारा पिछले 14 सितंबर को जमीन बेचने के नाम पर साढ़े दस लाख रुपये की ठगी करने की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। उसमें चिकटोली निवासी मो. मुस्तफा, उनकी पत्नी मजदा खातून, पुत्र सलमान, सलमान की पत्नी रोशनी परवीन, मोमताज, मो. मुबारख और अलीगंज निवासी साबिर अली व बाबर को नामजद किया गया था। उसी मामले में मो. मुस्तफा की पत्नी और पुत्र को गिरफ्तार किया गया है। वहीं अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है।

जाली हस्ताक्षर कर आरा में बेच दी 12 कट्ठा जमीन

आरा : दिल्ली में रहने वाली आरा की एक महिला का जाली हस्ताक्षर कर इस साल सितम्बर में उनकी 12 कट्ठा जमीन बेच दी गयी तथा उसकी रजिस्ट्री भी की गयी है। दस्तावेज पर महिला की ही दिल्ली में रहने वाली बेटी को पहचान कर्ता बनाया गया है। इस सम्बन्ध में उदवंतनगर थानान्तर्गत अख्तियारपुर गांव निवासी सुनील कुमार वर्मा की पत्नी मधु वर्मा ने नवादा थाने में उदवंतनगर थानान्तर्गत चौकिपुर गाँव के राजेश कुमार चौधरी, चौरासनी गाँव के दिनेश्वर सिंह, आरा मुफ्फसिल थानान्तर्गत धमार गाँव के द्वारिका यादव, अमरपुर मरवटिया निवासी शशि कुमार सिंह तथा शाहपुर थानान्तर्गत भेडिया गाँव के श्रीकांत यादव के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। चार पर जमीन बेचने तथा शशि कुमार सिंह पर गवाह बनाने का आरोप है|

प्राथमिकी में कहा गया है कि महिला बेटी और परिवार के साथ दिल्ली में रहती हैं। उनकी जमीन पकडियावर मौजा में है। सभी आरोपितों द्वारा साजिश के तहत एक होकर 13 सितंबर को उनका फर्जी हस्ताक्षर कर 12 कट्ठा जमीन बेच दी गयी। इतना ही नहीं दिल्ली में रहने वाली बेटी को पहचानकर्ता भी बना दिया गया है। सूचना मिलने पर वह आरा पहुंची और प्राथमिकी दर्ज करायी। प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस मामले की छानबीन और आरोपितों की धरपकड़ में जुटी है।

निवर्तमान मुखिया पर फायरिंग

आरा : पंचायत चुनाव के चौथे चरण का मतदान 20 अक्टूबर को समाप्त हो गया था। मतगणना को लेकर मतदान केन्द्रों पर सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम भी किये गए हैं। इस बीच निवर्तमान मुखिया कल देर शाम को अपराधियों ने गोली चलाई हालाँकि वे बाल-बाल बच गए| घटना तब हुई जब वह अपने नामांकन में समर्थकों को बुलाने के लिए गांव के घर-घर में आमंत्रण पत्र बांट रहे थे। मामला अगिआंव प्रखंड के सहार थानान्तर्गत नाड़ी गांव का है।

अगिआंव प्रखंड के नोनउर पंचायत के मुखिया बम भोला प्रसाद पर बाइक सवार हथियारबंद बदमाशों ने ताबातोड़ फायरिंग की। फायरिंग की घटना में निवर्तमान मुखिया बम भोला प्रसाद बाल-बाल बचे हैं। निवर्तमान मुखिया ने कहा कि हम अपने समर्थकों के साथ नाड़ी गांव में आमंत्रण पत्र बांट रहे थे तभी बाइक सवार हथियारबंद बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दिया। फायरिंग के समय हम और हमारे समर्थक किसी भी तरीके से जान बचाकर भागे।

उन्होंने कहा कि पहले भी इस तरीके की घटना मेरे साथ हो चुकी है। हमने अपनी सुरक्षा के लिए पीरो पुलिस उपाधीक्षक और थाना को आवेदन दिया है| मुझे अंगरक्षक भी दिया गया है। अंगरक्षकों के रहने के बाद भी मुझपर जानलेवा हमला किया गया। पीरो पुलिस उपाधीक्षक राहुल सिंह ने कहा कि पूरे मामले की छानबीन की जा रही है। पूछताछ के लिए मुखिया को पीरो बुलाए है| घटना में जो भी शामिल होंगे, उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

एम्बुलेंस चालकों की हड़ताल

आरा : भोजपुर जिला मुख्यालय आरा के सदर अस्पताल परिसर में एसएनसीयू के समीप भोजपुर जिले के सभी सरकारी एंबुलेंस चालकों ने मानदेय भुगतान नही होने के कारण हड़ताल कर दिया। चालकों के हड़ताल करने से स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह प्रभावित रहीं। फलतः जिले के सभी प्रखंडो के अस्पतालों में मरीजों एवं उनके परिजनों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

बड़हरा पीएचसी के एंबुलेंस चालक राकेश कुमार उर्फ मुन्ना ने बताया कि उन्हें तीन महीना से मानदेय नहीं मिला है। मजबूर होकर चालकों ने हड़ताल की है। उन्होंने बताया कि उनकी मांग है कि समय पर मानदेय, गाड़ी का तेल एवं पीएफ जो हमें नहीं दिया जाता उसे भी दिया जाये। उन्होंने कहा की मांग पूरी नहीं होने तक हड़ताल जारी रहेगी| उन्होंने कहा कि हमारा वेतन कमीशन के कारण नहीं मिल पा रहा है और इस मामले में भोजपुर सीएस भी हमलोगों का साथ नहीं दे रहे है। मरीजों के परिजन हमारे पास आते हैं और हमारे साथ झगड़ा करते हैं।

बिहिया सीएचसी के चालक भुवनेश्वर कुमार ने बताया कि दशहरा जैसे पर्व के अवसर पर भी उन्हें मानदेय नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में हमलोगों ने अपनी जान की परवाह किये बिना जिले के दूर-दराज क्षेत्रों से मरीजों को लाने और ले जाने का कार्य किया है| अपनी जान को जोखिम में डालकर महामारी के समय निर्वाध सेवा करते रहें। इसके बावजूद हमें समय पर मानदेय नहीं दिया जाता है।

प्रेमिका की तुड़वायी शादी तो घरवालों ने काट डाला

आरा : भोजपुर जिला के जगदीशपुर थानान्तर्गत जागा के पीपरा वार्ड न. 16 निवासी राजेश कुमार उर्फ अनुज गोंड़ की हत्या के रहस्य से पर्दा हटाते हुए पुलिस ने हत्याकांड में गिरफ्तार राजेश की प्रेमिका, उसके भाइयों और पिता को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया। पूछताछ में चारों ने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया गया है।

पुलिस की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मोर्चा गांव निवासी राकेश सिंह ने बताया कि राजेश उर्फ अनुज गोंड का संबध उसकी बहन के साथ था। इस बात की जानकारी राजेश के घरवालों को दे दी गयी थी। उसके बाद उसने अपनी बहन की शादी दूसरी जगह तय कर दी थी। राजेश उर्फ अनुज गोड़ की शादी भी कहीं तय हो गयी थी। इसके बावजूद राजेश उर्फ अनुज द्वारा उसकी बहन की ससुराल में दोनों का संयुक्त फोटो भेज दी। इसके कारण उसकी बहन की शादी टूट गयी थी। तब से ही वह राजेश उर्फ अनुज को सबक सिखाने के फिराक मे था। इसके लिये दशहरा में प्लान तैयार किया गया।

उसके बाद बहन की मदद से 13 अक्टूबर की रात बहाने से राजेश उर्फ अनुज को मोर्चा गांव के बागीचे में बुलाया गया। देर रात राजेश बाइक से बागीचे में पहुंचा। बाइक खड़ी कर वह उसकी बहन के साथ बागीचे के अंदर जाने लगा तभी उसने भाई मिथिलेश सिंह और पिता अवध बिहारी सिंह के साथ मिलकर उसे पकड़ लिया।

तीनों ने राजेश कुमार का मुंह बंद कर दिया और सर पर डंडे से वार कर दिया। इससे उसका सर फट गया और वह जमीन पर गिर पड़ा। लाठी-डंडे से शांत हो जाने तक उसे पीटते रहे। मौत हो जाने के बाद कुटी काटने वाली लोहे की गड़ासी से उसका सिर काट धड़ से अलग कर दिया गया। उसके बाद सिर को बोरे में बंद कर दूसरी जगह फेंक दिया गया। वहीं कपड़ा उतार धड झाड़ी में जबकि गड़ासी, राजेश कुमार की बाइक, मोबाइल और बहन के मोबाइल का सिम पोखरे में फेंक दिया गया।

पुलिस के अनुसार जागा के पीपरा निवासी राजेश कुमार उर्फ अनुज गोंड़ के लापता होने की घटना को काफी गंभीरता से लिया गया था। एसपी विनय तिवारी के निर्देश पर एसडीपीओ श्याम किशोर रंजन के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। एसआइटी में शामिल जगदीशपुर थाना इंचार्ज संजीव कुमार द्वारा लापता युवक के मोबाइल की सीडीआर खंगाली गयी। उस आधार पर मोर्चा गांव के अवध बिहारी सिंह के पुत्र राकेश सिंह को पकड़ा गया। उससे पूछताछ में हत्या का खुलासा हो गया।

उसकी ही निशानदेही पर राजेश कुमार उर्फ अनुज गोड़ का शव बरामद किया गया। साथ ही उसकी बहन, पिता और भाई को गिरफ्तार भी कर लिया गया। बता दें कि जागा के पीपल निवासी राजेश कुमार उर्फ अनुज गोंड़ 13 अक्टूबर की रात दशहरा का मेला देखने गया था। उसके बाद घर नहीं लौट सका था। मंगलवार की सुबह मोर्चा गांव के बागीचे के समीप से उसकी सिरकटी लाश बरामद की गयी थी।

पुलिस संस्मरण दिवस पर शहीदों को किया गया नमन

आरा : भोजपुर जिला मुख्यालय पुलिस लाइन मैदान में गुरुवार को पुलिस संस्मरण दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शहीद अफसरों और जवानों को नमन किया गया। एसपी विनय तिवारी सहित अन्य अफसरों ने शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित किया तथा दो मिनट का मौन रख शहीदों को शोक सलामी दी गयी। वहीं श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर शहीदों की कुर्बानियों को याद किया गया। साथ ही शहादत देने वाले पुलिस कर्मियों द्वारा स्थापित आदर्शों से प्रेरणा लेते हुए शौर्यपूर्ण भाव से कर्तव्यों का पालन करने की प्रतिज्ञा ली गयी।

एसपी ने कहा कि कर्तव्यों की बलि बेदी पर अपने प्राण न्योछावर करने वाले पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिये देश में हर साल संस्मरण दिवस आयोजित किया जाता है। पिछले साल देश में 377 पुलिस कर्मियों ने देश की रक्षा करते हुये अपने प्राणों की आहूति दे दी थी। वीरगति को प्राप्त होने वालों में बिहार पुलिस के अफसर और जवान भी थे। उनमें शहीदों में इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार, दारोगा दिनेश राम, प्रवीण कुमार पंकज, हवलदार कांति कुमारी, सिपाही सोहन लाल और अर्जुन दयाल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सैकड़ों पुलिकर्मियों ने देश में अमन चैन, भाईचारा व सामाजिक सहिष्णुता कायम रखने के लिए अपने प्राणों की आहूति दी है। हम उनके बलिदानों के समक्ष नतमस्तक हैं। उन्होंने कहा कि अपने देश और समाज की सुरक्षा के लिए शहादत देना गौरव की बात है।

संस्मरण दिवस को मनाने की शुरुआत 1959 में चीन के कायराना हमले में जवानों की शहादत के बाद हुई थी। चीन के पीछे से किये गये हमले में देश के 11 जवान शहीद हो गये थे। बताते चलें कि 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग (क्यान) में चीनी घुसपैठ रोकने को लेकर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल सीआरपीएफ के 20 जवानों की टुकड़ी गश्त पर थी तभी घात लगाए चीनी सैनिकों ने अचानक उस टुकड़ी पर हमला कर दिया था। इस हमले में हमारे 11 जवान शहीद हो गए थे। इन जवानों की शहादत में हर साल, 21 अक्टूबर को पुलिस संस्मरण दिवस मनाया जाता है।

श्रीबाबू की जयंती मनी

आरा : बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीबाबू के कार्यकाल में बिहार की प्रति व्यक्ति आय तब पूरे राष्ट्र की तुलना में दूसरे स्थान पर थी। पारंपरिक दकियानुसी कृषि तंत्र को विकासोन्मुख, वैज्ञानिक एवं ठोस आधार प्रदान किया। जमींदारी प्रथा को खत्‍म करने वाले प्रथम मुख्‍यमंत्री थे श्रीबाबू। बिहार केसरी और आजाद भारत में सूबे के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की आज जयंती है। ‘श्रीबाबू’ के नाम से ख्याति प्राप्त श्रीकृष्ण सिंह का जन्म 21 अक्टूबर, 1887 को बिहार के मुंगेर ज़िले में हुआ था। लोग आज भी उन्‍हें समाजिक न्‍याय के पुरोधा और आधुनिक बिहार के निर्माता

श्रीबाबू अद्भुत कर्मठता उत्कृष्ट वाग्मिता, निःस्पृह लोक सेवा, प्रखर राजनीतिक सूझ-बूझ, अनुकरणीय त्याग, प्रकांड पांडित्य, गंभीर अध्ययनशीलता, अनुशासन, न्यायप्रियता, स्वाभिमानी देशभक्ति, प्रशासनिक दृढंता, दुर्जेय आत्मविश्वास, निष्पक्षता, धर्म निरपेक्षता एवं सर्वजनवरेण्य नेतृत्व के मूर्तिमान प्रतीक थे।

आजादी के 74 साल बाद भी हमारा देश समाज जातीय बंधन से नहीं निकल सका है। ऐसे में बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केसरी डॉ श्री कृष्ण सिंह के विचारों की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है। श्रीबाबू की देश की आजादी के साथ-साथ आजादी के बाद भी राज्य के नवनिर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वे जाति – पाती के बंधनों के शुरू से ही खिलाफ थे उनके प्रयास से ही देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में दलित जातियों को प्रवेश दिलाया गया था ।बिहार में अभी जमीदारी प्रथा उन्मूलन की बात की जाए तो इसके पीछे श्री बाबू का ही हाथ है।

1911 में महात्मा गांधी से उनकी मुलाकात हुई और उनके विचारों से प्रेरित होकर उनके अनुयायी बन गए। नमक सत्याग्रह के समय गांधीजी ने आग्रह किया था कि मुट्ठी टूट जाए पर खुले नहीं ।1930 में श्री बाबू जब गढ़पुरा में नमक बनाने लगे तब पुलिस ने नमक की कला को चूल्हे पर से उतारने का भरपूर प्रयास किया किंतु श्री बाबू ने तप्त कराह की डंडियों को अपनी मुट्ठी में कस कर पकड़ ली और उबलते पानी अपनी छाती सटा दी थी।असहनीय ताप से उनके हाथ और छाती में फफोले पड़ गए थे लेकिन मुंह से आह तक नहीं निकली। यह एक सच्चे सत्याग्रही के अदम्य साहस का परिचायक था राष्ट्रकवि दिनकर ने लिखा है कि जब पुलिस के जवान ने बलपूर्वक खींचकर हटाने लगे तो जवानों के आंखों से आंसू निकल रहे थे इस मार्मिक दृश्य से अभिभूत होकर राष्ट्रकवि दिनकर ने लिखा है।

उनके साहस एवं समर्पण से प्रभावित हो गांधीजी ने 1940 में उन्हें बिहार का प्रथम सत्याग्रही घोषित किया था।उनके कार्यकाल में बिहार में एशिया का सबसे बड़ा इंजीनियरिंग उद्योग, हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन भारत का सबसे बड़ा बोकारो इस्पात प्लांट, देश का पहला खाद कारखाना सिंदरी में, बरौनी रिफायनरी, बरौनी थर्मल पावर प्लांट, पतरातु थर्मल पावर प्लांट, मैथन हाइडल पावर स्टेशन एवं कई अन्य नदी घाटी योजना स्थापित किया गया। आज ऐसे महापुरुष को शत् शत् नमन है।

राजीव एन० अग्रवाल की रिपोर्ट

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