बाल पर्यवेक्षण गृह में किशोर ने की आत्महत्या, 10 बाल बंदी गेट तोड़ हुए फरार
आरा : भोजपुर जिला मुख्यालय आरा के नगर थानान्तर्गत धनुपरा स्थित बाल पर्यवेक्षण गृह में शुक्रवार रात एक किशोर बंदी ने बाथरूम के अंदर गले में गमछा बांधकर खुदकुशी कर ली। मृतक की पहचान मोनू के रूप में हुयी है जो बक्सर जिले के नगर थानान्तर्गत बुधनपूरा गाँव का निवासी था| उस पर गांव की एक लड़की को दिल्ली भगा ले जाने का आरोप था। इस अव्यवस्था का फायदा उठाकर 10 अन्य किशोर बंदी मेन गेट तोड़कर फरार हो गए। पुलिस ने शव का अन्त्परिक्षण आरा सदर अस्पताल में करवाया| प्रशासन भागे हुए बाल बंदी की तलाश में छापेमारी कर रहा है|
बाल पर्यवेक्षण गृह के प्रभारी अधीक्षक रविशंकर वर्मा ने बताया कि बाल पयर्वेक्षण गृह में 87 बाल बंदी है। इनमें 14 बाल बंदी क्वारैंटाइन रूम में रहते हैं। इसी में मृतक भी था। उसे अपहरण के मामले में 6 अक्टूबर को बाल सुधार गृह में लाया गया था। उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात करीब साढ़े सात बजे हर रोज की तरह बाल गृह माता रेखा देवी ने सभी बाल बंदियों को खाना दिया। खाने के बाद मोनू ने बाथरूम में जाकर अन्दर से दरवाजा बंद कर लिया तथा गले में गमछा बांध कर फांसी लगा ली। कुछ देर बीत जाने के बाद जब बाथरूम का दरवाजा नहीं खुला तो अन्य बाल बंदियों ने शोर मचाना शुरू किया। शोर सुनकर कर्मचारी वहां पहुंचे और बाथरूम का दरवाजा तोड़ा तो देखा वह गमछे के फंदे से लटक रहा था। उसे तुरंत आरा सदर अस्पताल ले जाने लगे, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
प्रभारी अधीक्षक रवि शंकर वर्मा ने बताया कि बाल गृह में आने के कुछ दिन बाद भी उसने फिनाइल पीकर जान देने की कोशिश की थी। उस समय डॉक्टरों की मदद से उसे बचा लिया गया था। वहीं फरार होने वाले 10 बाल किशोर की तलाश में छापेमारी की जा रही है। कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है। मामले में आगे की कार्रवाई चल रही है।
मृतक किशोर के बड़े भाई ने बताया कि वह गांव की ही एक लड़की को लेकर दिल्ली भाग गया था। इस सम्बन्ध में लड़की के परिवार वालों ने अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिसिया दबिश के कारण हम लोग दिल्ली से दोनों को पकड़ कर लाए और पुलिस को सौंप दिया था।
पानी में तैरता मिला साड़ी से लिपटी हुई महिला का शव
आरा : भोजपुर जिला के शाहपुर थानान्तर्गत सरना गांव में वृद्ध महिला की मौत पानी से भरे गढ्ढे में डूबने से हो गई। मृतक महिला सरना गाँव निवारी स्व द्वारिका यादव की 75 वर्षीय पत्नी बचनी देवी थी। शुक्रवार की देर रात अपने घर से शौच के लिए निकली थी। गांव के पश्चिम की तरफ पानी के भरे गढ्ढे में उनका पैर फिसल गया और गहरे पानी मे डूब गई।
घरवालों ने उनकी काफी खोज की पर निष्फल रहे। उनका शव शनिवार की सुबह गढ्ढे के समीप शौच करने गए लोगो ने देखा कि पानी में साड़ी से लिपटी हुई एक महिला का शव तैर रहा है। लोगो ने इसकी सूचना घरवालों एवं पुलिस को दी। ग्रामीणों ने चौकीदार के सहयोग से महिला के शव को पानी से बाहर निकाला।बाद में पुलिस ने शव का अंत्यपरीक्षण आरा सदर अस्पताल में करवाया। उनके पति द्वारिका यादव की मृत्यु कुछ वर्ष पहले ही हो गई है।
आरा के अर्णव आदित्य सिंह ने जेईई एडवांस्ड में पूरे देश में 9वां रैंक हासिल किया
आरा : आरा के अर्णव आदित्य सिंह ने जेईई एडवांस्ड में पूरे देश में 9वां रैंक हासिल किया है। वह भोजपुर जिले के शाहपुर थानान्तर्गत ईश्वरपुरा गांव के रहने वाले हैं। शुक्रवार को IIT खड़गपुर ने जेईई एडवांस्ड 2021 की प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया। राजस्थान के मृदुल अग्रवाल ने परीक्षा में 360 में से 348 मार्क्स हासिल टॉप किया है। वही अर्णव आदित्य सिंह ने 360 में 324 मार्क्स हासिल कर 9 वां स्थान प्राप्त किया है ।
अर्णव के पिता सियाराम सिंह कंप्यूटर इंजीनियर हैं और अर्णव वही रह कर पढ़ाई कर रहा था| सियाराम सिंह ने कहा कि वे ‘बेंगलुरु में जॉब करते थे लेकिन बेटे की फिजिक्स व केमिस्ट्री की पढ़ाई के लिए सपरिवार कोटा शिफ्ट हो गए। उसने वहीं से एक निजी कोचिंग संस्थान से परीक्षा की तैयारी की।
अर्णव के दादा राजनाथ सिंह आरा व्यवहार न्यायालय में जीपी में हैं। उन्होने कहा कि अर्णव बचपन से ही पढ़ने में बहुत तेज है। वह वैज्ञानिक बनना चाहता है। इसके लिए वह बहुत मेहनत करता है। दादा ने बताया- ‘अर्णव की पूरी पढ़ाई बेंगलुरु से ही हुई है। उसका जन्म चेन्नई में हुआ था। उस समय उनके पिता वहीं रहते थे।
अर्णव बचपन से ही मेधावी था ‘कतर के दोहा में 2019 में आयोजित 16वें इंटरनेशनल साइंस ओलंपियाड में अर्णव ने गोल्ड मेडल जीता था। उस दौरान 55 देशों के 322 छात्रों ने उस ओलिंपियाड में भाग लिया था, जिसमें अर्णव को गोल्ड मिला था। इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलिंपियाड के 16 साल के इतिहास में पहली बार भारत के सभी 6 छात्रों को गोल्ड मेडल हासिल हुआ था।
इंडियन सोसाइटी ऑफ फिजिक्स टीचर्स के अध्यक्ष प्रो. विजय सिंह और उनके छात्र अर्णव आदित्य सिंह ने सर विलियम जोंस के 236 साल पहले किए गए दावों को गलत ठहराया था। अर्णव और प्रो सिंह का कहना था- ‘करीब 236 साल पहले प्रसिद्ध ओरिएंटलिस्ट और एशियाटिक सोसाइटी के संस्थापक सर विलियम जोंस ने भागलपुर से भूटान के माउंट जोमोल्हरी चोटी को नहीं बल्कि कंचनजंघा को देखा होगा।
उनका कहना था- “लॉकडाउन के दौरान वायुमंडल में हानिकारक कणों के घनत्व में गिरावट और हवा साफ होने से भारत के उत्तरी मैदानी भाग से हिमालय के कई चोटियां देखी गई थीं। यह दावा किया कि माउंट जोमोल्हरी 7326 मीटर ऊंचा है। इसके शिखर से अधिकतम दूरी 216 KM तक देखी जा सकती है। जबकि माउंट जोमोल्हरी शिखर और भागलपुर के बीच की दूरी 366 किलोमीटर है।
पूर्णिया से भी 1790 में माउंट जोमोल्हरी और हिमालय की कुछ चोटियों के दृश्य देखने की बात विलियम जोंस के उत्तराधिकारी रहे हेनरी कॉल ब्रिज ने कही थी। कोलब्रुक के पूर्णिया आधारित टिप्पणियों का विश्लेषण कर प्रो सिंह और अर्णव ने पाया था कि विलियम जोंस द्वारा देखी गई चोटी कंचनजंघा रही होगी।
राजीव एन० अग्रवाल की रिपोर्ट