01 अक्टूबर : आरा की मुख्य खबरें

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आरा की मुख्य ख़बरें

मंडल कारा में हत्या के आरोपित विचाराधीन बंदी की मौत, सिपाही को पीटा

आरा : आरा मंडल कारा में गुरुवार की शाम एक विचाराधीन बंदी राम प्रवेश पासवान की इलाज़ के दौरान आरा सदर अस्पताल में मौत हो गयी। मृतक नगर थानान्तर्गत गौसगंज निवासी रामप्रवेश पासवान (72) थे। वह जेल में बंद आशीष पासवान के दादा थे और हत्या के मामले में करीब एक साल से जेल में बंद थे। मौत की सूचना पर परिजन सहित काफी संख्या में लोग आरा सदर अस्पताल पहुंच गये और जमकर हंगामा किया। उनलोगों ने जेल के सिपाही को भी पीट दिया। परिजन  जेल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने और मौत की सूचना नहीं देने का आरोप लगा रहे थे। टाउन और नवादा थाने की पुलिस ने मौके पर पहुँच कर किसी तरह मामले को शांत कराया।

जेल प्रशासन ने बताया कि शाम में बंदी की तबीयत अचानक खराब हो गयी। उसे आरा सदर अस्पताल भेजा गया जहां उनकी मौत हो गयी। जिला और जेल प्रशासन की ओर से बंदी की मौत की जांच करायी जा रही है। भोजपुर एसपी विनय तिवारी ने सिपाही के साथ मारपीट की घटना को काफी गंभीरता से लिया। उन्होंने बताया कि मारपीट करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जायेगी। उन सभी को चिन्हित किया जा रहा है। विचाराधीन बंदी के शव का पोस्टमार्टम दंडाधिकारी की मौजूदगी में तीन सदस्यीय डॉक्टर की टीम ने किया तथा उसका वीडियोग्राफी भी कराया गया।

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बंदी की मौत के बाद उसके परिजन भड़क उठे। बंदी के साथ आये सभी जवान भाग गये जबकि सिविल ड्रेस में आया जेल पुलिस का एक जवान परिजनों के हत्थे चढ़ गया। परिजनों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया। जख्मी जवान संतोष कुमार ने बताया कि वह मंडल कारा में लिपिक का कार्य करता है। वह अपना ड्यूटी खत्म कर चुका था। बंदी की तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद इमरजेंसी केस होने के नाते उसे भी साथ सदर अस्पताल भेज दिया गया। सदर अस्पताल लाने के दौरान बंदी की मौत हो गई। इसके बाद इमरजेंसी वार्ड में बंदी के परिजनों द्वारा उसकी जमकर पिटाई कर दी गई। उसने बताया कि उसका कोई कसूर नहीं है। वह तो सिर्फ साथ में आया था। हालांकि इस मामले में अभी तक एफआईआर दर्ज होने की सूचना नहीं है। इस घटना के बाद भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई तथा आरा सदर अस्पताल पुलिस छावनी में तब्दील हो गया।

पुलिस को देखते ही जेल जवान की पिटाई करने वाले बंदी के परिजन भाग खड़े हुए। मृतक के छोटे पोते अविनाश पासवान ने जेल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने एवं सही खाना नही देने का आरोप लगाया है। उसने बताया कि दादा की तबीयत करीब 10 दिनों से खराब चल रही थी। इसी माह के 23 तारीख को जब वे सिविल कोर्ट में तारीख पर आए थे तब उनकी तबीयत खराब हुई थी। आज दोपहर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा फोन से सूचना मिली कि उनके दादा की मौत हो गयी है|

बता दें कि शहर के गौसगंज इलाके में 8 जून 2020 की शाम हथियारबंद अपराधियों ने प्रोपटी डीलर नंद किशोर पासवान के पुत्र मिथुन पासवान को गोलियों से भून दिया था। हत्या के बाद मिथुन पासवान के परिजनों ने आशीष पासवान सहित नौ लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिसिया दबिश के कारण 3 जुलाई 2020 को आशीष पासवान ने कोर्ट में आत्म समर्पण कर दिया था जबकि उसके दादा रामप्रवेश पासवान ने 18 सितंबर 2020 में कोर्ट में समर्पण किया था। जिसके बाद वह जेल में ही थे।

तीन सगे भाइयों को उम्र कैद

आरा : आरा व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश हर्षित सिंह ने ह्त्या के मामले में आरोपित अनिल कुमार यादव, उसके दो भाइयों धनजी यादव तथा जीतेन्द्र कुमार यादव को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनाई है| साथ ही उनपर 65-65 हज़ार आर्थिक दंड भी लगाया है| ऐसा ही एक मामला है भोजपुर जिले के आयर थाना बलिगांव का। इस गांव के छात्र अंकित की हत्या के मामले में कोर्ट ने तीन सगे भाइयों को उम्रकैद की सजा सुना दी है।

विशेष लोक अभियोजक सत्येन्द्र सिंह दारा ने बताया कि कि आयर थानान्तर्गत बलिगांव गांव निवासी पिन्टू बैठा ने थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि वेलेंटाइन -डे 14 फरवरी 2020 को उसका बेटा अंकित कुमार मोबाइल लेकर शौच के लिए गया था पर वापस नहीं आया था। 16 फरवरी 2020 को शव मिला था। इस मामले में अज्ञात के खिलाफ थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। अनुसंधान के दौरान पुलिस को जानकारी हुई थी कि लड़की के साथ प्रेम-प्रसंग का मामला चल रहा था। इसके बाद लड़की के परिवार वालों से पुलिस ने पूछताछ की थी तो मामला उजागर हुआ था।

अनुसंधान में यह बात आई थी कि लड़की से फोन करवाकर अंकित कुमार को घर से बुलाने के बाद उसकी हत्या कर नहर के किनारे फेंक दिया गया था। इसके बाद पुलिस ने बोरा में उसका शव नहर के किनारे से बरामद किया था। पुलिस ने इस मामले में उस लड़की समेत सात को अभियुक्त बनाया था। दारा ने बताया कि मारा गया लड़का स्कूल में नौवीं कक्षा में पढ़ता था और उम्र लगभग 15 वर्ष थी। उसी स्कूल में लड़की भी पढ़ती थी। दोनों में प्रेम हो गया था।

दारा ने बताया कि अभियोजन की ओर से आठ गवाहों की गवाही कोर्ट में हुई थी। कोर्ट ने 13 सितंबर 2021 को तीन आरोपियों को दोषी पाया था। जबकि संदेह का लाभ देते हुए तीन आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया था। लड़की को नाबालिग होने के कारण जुबेनाइल बोर्ड में भेज दिया गया था। कोर्ट में 25 सितंबर 2021 को सजा के बिंदु पर बहस हुई थी। कोर्ट ने 30 सितंबर को आरोपी अनिल कुमार यादव, धनजी यादव व जितेन्द्र कुमार यादव को दोषी पाते हुए भादवि की धारा 302/34, 201/34 तथा एससी एसटी की धारा 3(2)(वी) के तहत सश्रम आजीवन कारावास व 25 हजार अर्थदंड, तीन वर्ष के सश्रम कैद व 15 हजार रुपया अर्थदंड तथा सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा 25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है। सभी सजाएं साथ -साथ चलेंगी।

छात्र अंकित के गायब होने की गुत्थी सुलझाने में लगी आयर पुलिस को मोबाइल के सीडीआर से क्लू मिला था। छात्र के गायब होने की सूचना मिलने के बाद से ही भोजपुर के तत्कालीन एसपी सुशील कुमार ने जगदीशपुर एसडीपीओ श्याम किशोर रंजन के नेतृत्व में टीम का गठन किया था। इस दौरान सीडीआर के जरिए पुलिस को कल्लू मिला था कि गायब छात्र और लड़की के बीच रात में वार्ता हुई थी। जिसे केंद्र में रखकर पुलिस ने अनुसंधान शुरू किया था तो परत दर परत अपहरण और कत्ल के राज से पर्दा उठना शुरू हो गया था। पुलिस को मृत छात्र का मोबाइल तो हाथ नहीं लगा था लेकिन  जिस मोबाइल फोन से छात्रा बात करती थी उसे जब्त कर लिया गया था।

आरा दुर्गा मंदिर के सामने खोलना पड़ा जूता तो सामने आया बड़ा राज, असम से आए तीन लोग गिरफ्तार

आरा : नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, पटना की टीम ने आरा में छापेमारी कर हेरोइन की खेप के साथ तीन धंधेबाजों को रंगे हाथ धर दबोचा। करीब 650 ग्राम हेरोइन बरामद किया गया। इसे लेकर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, पटना की टीम ने नारकोटिक्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। टीम पकड़े गए धंधेबाजों से पूछताछ कर रैकेट से जुड़े और लोगों के बारे में पता लगा रही है। पकड़े गए धंधेबाजों में शाहपुर निवासी बासुकीनाथ गुप्ता, आदित्य राय और तियर निवासी संतोष कुमार साह शामिल हैं। ये तीनों लोग अपने जूतों में छिपाकर नशे का सामान असम से बिहार लाए थे।

बताया जाता हैं कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, पटना को गुप्त सूचना मिली थी कि दीमापुर से आरा में हेरोइन की खेप आ रही है। जिसके बाद सुप्रीटेंडेंट के निर्देश पर पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया। धंधेबाज आरा रेलवे स्टेशन पर उतरकर डिलेवरी देने के लिए खड़े थे, तभी नारकोटिक्स विभाग की टीम ने रेलवे स्टेशन के समीप दुर्गा मंदिर के समीप से शाहपुर निवासी बासुकीनाथ गुप्ता व आदित्य राय को धर दबोचा। तलाशी के दौरान दोनों के जूता के अंदर से 650 ग्राम हेरोइन की पुड़िया बरामद की गई। टीम के अनुसार पुलिस से बचने के लिए धंधेबाज जूता के अंदर हेरोइन छिपाकर लाए थे। बाद में पूछताछ करने पर टीम को बताया कि तियर निवासी संतोष कुमार साह को हेरोइन देने के लिए खड़े थे।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो टीम ने दोनों की निशानदेही के आधार पर छापेमारी कर धंधें में संलिप्त संतोष कुमार साह को धर दबोचा। रात में छापेमारी कर पकड़ा गया। टीम के अनुसार संतोष मुख्य रिसीवर है। पकड़े गए धंधेबाजों से पूछताछ कर तस्करी से जुड़े और सदस्यों के बारे में पता लगाया जा रहा है। इस दौरान टीम ने पकड़े गए तीनों आरोपियों को कोर्ट में भी प्रस्तुत किया।

नवादा थाना क्षेत्र अन्तर्गत पश्चिमी रेलवे गुमटी- जगदेवनगर के समीप पुलिस ने जनवरी 2020 में 238 ग्राम हेरोइन के साथ एक तस्कर को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। पकड़े गए तस्कर के पास से चार लाख रुपये नकद, दो पासबुक और दो आधार कार्ड भी बरामद किया गया था। पकड़ा गया तस्कर जगरनाथ तेली उर्फ ललक तेली भोजपुर जिले के ही शाहपुर का निवासी था। मणिपुर की राजधानी इंफाल से कनेक्शन जुड़े होने की बात सामने आई थी। साल 2019 के सितंबर महीने में भी टीम ने हेरोइन के साथ तीन धंधेबाजों को पकड़ा था। नगर थाना क्षेत्र के गांगी गौसगंज इलाके में छापेमारी के दौरान 300 ग्राम हेरोइन के साथ तीन धंधेबाज पकड़े गए थे।

रक्त दान दिवस पर रक्तदान

आरा : आज राष्ट्रीय रक्तदान दिवस के अवसर पर स्थानीय रेड क्रॉस ब्लड बैंक रमना रोड में 5 बिहार बटालियन एनसीसी कैडेट्स ने सूबेदार सी एस कुमार के नेतृत्व में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया। रक्तदान शिविर में हवलदार पी .के. सिंह एवं कुल 20 एनसीसी कैडेट्स ने भाग लिया। इस अवसर पर 5 बिहार बटालियन एनसीसी के सूबेदार सी. एस. कुमार ने बताया कि एकता और अनुशासन जो एनसीसी का मोटो है और सेवा तथा सहायता ही हमारा उद्देश्य| इसी के तहत स्कूलों और कालेजों में भी एनसीसी यूनिट की स्थापना की गई है, जिससे  हमारे युवा समाज और राष्ट्र दोनों के प्रति जिम्मेदार बने। आज राष्ट्रीय रक्तदान दिवस के अवसर पर हमारे यह युवा स्वैच्छिक रक्तदान करने आए है|

शिविर के प्रारंभ में सर्वप्रथम वरिष्ठ लैब टेक्नीशियन प्रभात मिश्रा एवं धर्मेंद्र पांडे द्वारा सभी कैडेटस को रक्तदान से संबंधित सारी जानकारी दी गई और रक्तदान की पूरी प्रक्रिया से अवगत कराया गया ।आज कुल 15 कैडेटस ने रजिस्ट्रेशन करवाया, जिसमें 12 यूनिट रक्तदान हुए। आज के रक्तदाताओं के नाम इस प्रकार रहे -अभिषेक कुमार पांडे ,अंशु पाठक ,रितेश कुमार, सूरज कुमार, रितेश तिवारी, अंकित कुमार, राहुल कुमार सिंह, हरिशंकर कुमार सिंह ,आदि।

इस अवसर पर डॉक्टर विभा  कुमारी सचिव  रेड क्रास आरा ने NCC के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि,कोविड महामारी एवं युवा वर्ग के टीकाकरण  के कारण एक बहुत बड़ा वर्ग रक्तदान से अभी वंचित है जिसके कारण हम लोग जरुरतमंद की समुचित मदद नहीं कर पा रहे है। ऐसी स्थिति मे लगातार हर संस्थान से संपर्क स्थापित कर उन्हें रक्तदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसी कड़ी कल जनता दल यूनाइटेड की तरफ से  भी रक्तदान शिविर आयोजित किया जाएगा ।रेड क्रास ब्लड बैंक को जिस प्रकार से लगातार विभिन्न स्वैच्छिक रक्त दाताओं एवं संस्थाओं का रक्तदान में सहयोग मिलता रहा है उसके लिए रेड क्रॉस आभारी है।

इसी कड़ी में एक सबसे महत्वपूर्ण सूचना भी डॉ विभा कुमारी सचिव द्वारा दी गई कि वर्ष 2020 -2021 में कोविड-19 महामारी के बावजूद पूरे राज्य में जिन महिला एवं पुरुष तथा संस्थाओं ने लगातार रक्तदान किया है ,आज उन्हें बिहार राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी द्वारा पटना में सम्मानित भी किया जा रहा है। हमें अपने नियमित रक्तदाता श्री राज बाबू केसरी पर गर्व है कि इस विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने पूरे वर्ष में चार बार शैक्षिक रक्तदान दिया और आज उन्हें पटना में भोजपुर के विशिष्ट रक्तदाता के रूप में सम्मानित किया जा रहा है। हम उनके प्रति हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।आज का कार्यक्रम  डा के के सिंह की देखरेख मे हुआ और सभी रक्तदाताओ को प्रमाणपत्र भी दिए गये।

राजीव एन० अग्रवाल की रिपोर्ट

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