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28 सितंबर : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

गर्भावस्था में टीकाकरण से सिर्फ मां ही नहीं, बच्चे को भी मिलेगी संक्रमण से सुरक्षा, बिना किसी सन्देह गर्भवती महिलाएं कोरोना से बचाव का लें टीका :- डॉ० सीमा

मधुबनी : कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए तमाम अध्ययनों में वैक्सीनेशन को सबसे प्रभावी और आवश्यक उपाय बताया जा रहा है। अध्ययनों से मिले सकारात्मक परिणाम के आधार पर हाल ही में सरकार ने देश में गर्भवती महिलाओं को भी टीकाकारण कराने की अनुमति दे दी है। हालांकि अब भी तमाम तरह के डर के कारण ज्यादातर गर्भवती महिलाएं वैक्सीनेशन कराने से डर रही हैं। इस बीच गर्भावस्था में कोविड वैक्सीन के प्रभावों को लेकर अध्ययन कर रही वैज्ञानिकों की टीम को बेहद महत्वपूर्ण बात पता चली है।

अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि गर्भावस्था के दौरान कोविड वैक्सीन लेने वाली महिलाएं, शिशु में उच्च स्तर की एंटीबॉडी पास कर सकती हैं। मतलब वैक्सीन न सिर्फ उस महिला में कोविड के खतरे को कम करती है, साथ ही यह गर्भस्थ शिशु को भी कोरोना से सुरक्षित रखने में सहायक हो सकती है।
गायनी विभाग की डॉ० सीमा कुमारी ने बताया कि जिस तरह के परिणाम देखने को मिले हैं, इसे ध्यान में रखते हुए सभी गर्भवती महिलाओं को वैक्सीनेशन जरूर करा लेना चाहिए। बच्चे को कोरोना से सुरक्षित रखने में यह बेहद सहायक हो सकता है।

गर्भवती के टीकाकरण से शिशु को भी लाभ :

डॉ० कुमारी ने कहा कि एक शोध में पाया कि वैक्सीन प्रभावशीलता, उच्च मात्रा में एंटीबॉडी और ब्लड प्रोटीन व्यक्तियों को संक्रमण से बचाने में सक्षम हैं। बताया मां के वैक्सीन लगवाने से बच्चे भी सुरक्षित हो सकते हैं। इस बारे में जानने के लिए अध्ययन कर रही वैज्ञानिकों की टीम को अच्छे और सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड वैक्सीन, मां और गर्भस्थ शिशु, दोनों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने में सहायक हो सकती है।

टीकाकरण से प्राप्त एंटीबाडीज से फायदा :

डॉ० सीमा ने बताया मां से शिशु को मिलने वाली एंटीबॉडी के बारे में जानने के लिए अध्ययनकर्ताओं ने शिशुओं पर अध्ययन किया। इनकी माताओं को गर्भावस्था के दौरान वैक्सीन लगाई गई थी। अध्ययन के निष्कर्ष में शोधकर्ताओं ने पाया कि शोध में शामिल सभी बच्चों में जन्म के समय सुरक्षात्मक एंटीबॉडी मौजूद थी। वैज्ञानिकों का कहना है कि टीकाकरण करा चुकी गर्भवती, बच्चों में कोरोना से सुरक्षा देने वाली एंटीबॉडीज पास कर सकती है। बताया कि यदि गर्भावती मां का टीकाकरण हो जाए तो बच्चों में एंटीबॉडीज पहुंच सकती है। अगर बच्चे एंटीबॉडी के साथ पैदा होते हैं, तो यह उनके जीवन के पहले कुछ महीनों में कोरोना जैसे गंभीर संक्रमण से उन्हें सुरक्षा देने में बेहद सहायक हो सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को भी कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण कराना चाहिए।

गर्भवती महिलाएं भी ले रही टीका :

डॉ० सीमा ने कहा अब गर्भवती महिलाएं भी बढ़ चढ़ कर टीकाकरण अभियान में भाग ले रही हैं। हालांकि कुछ जगहों पर अभी भी गर्भावस्था में टीका लेने से परहेज करती हैं। जबकि गर्भावस्था में टीकाकरण सुरक्षित है। इसे लेकर जागरूकता ज़रूरी है। टीकाकरण अभियान में समाज सेवी, स्वास्थ्य कर्मी, जनप्रतिनिधि, बुद्धिजीवियों के सहयोग से इन महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जा सकती है।

रेबीज का वायरस हो सकता है जानलेवा, 28 सितंबर को मनाया जाता है विश्व रेबीज दिवस

मधुबनी : 28 सितम्बर को विश्व रेबीज दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य रेबीज बीमारी तथा इसकी रोकथाम के बारे जागरूकता फैलाना है। रेबीज सिर्फ कुत्ते के काटने से ही नहीं अन्य जानवरों के काटने से भी होने का खतरा होता है। यह वायरस से फैलने वाला एक बेहद गंभीर रोग है। रेबीज एक ऐसा वायरल इंफेक्शन है, जो आमतौर पर संक्रमित जानवरों के काटने से फैलता है। कुत्ते, बिल्ली, बंदर आदि कई जानवरों के काटने से इस बीमारी के वायरस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।

रेबीज का वायरस कई बार पालतू जानवर के चाटने या खून का जानवर के लार से सीधे संपर्क में आने से भी फैल जाता है। रेबीज एक जानलेवा रोग है जिसके लक्षण बहुत देर में नजर आते हैं। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, जो यह रोग जानलेवा साबित हो जाता है। कोविड -19 को देखते हुए इस बार डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों में इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं ताकि लोग इसके प्रति अधिक से अधिक जागरूक हो!

क्या है रेबीज के लक्षण:

सिविल सर्जन डा. सुनील कुमार झा ने बताया कि बुखार, सिरदर्द, घबराहट या बेचैनी, व्याकुलता, भ्रम की स्थिति, खाना-पीना निगलने में कठिनाई, बहुत अधिक लार निकलना, पानी से डर लगना, नींद नही आना एवं शरीर के किसी एक अंग में पैरालिसिस यानी लकवा मार जाना आदि रेबीज के लक्षण है।

किसी भी जानवर के काटने पर क्या करें-

सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने कहा कि अगर रेबीज से संक्रमित किसी बंदर या कुत्ते आदि ने काट लिया तो तुरंत इलाज करवाएं। काटे हुए स्थान को कम से कम 10 से 15 मिनट तक साबुन या डेटौल से साफ करें। जितना जल्दी हो सके वेक्सिन या एआरवी के टीके लगवाएं। पालतू कुत्तों को इंजेक्शन लगवाएं।

किसी भी जानवर के काटने पर क्या न करें-

सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने कहा कि अगर रेबीज से संक्रमित किसी कुत्ते या बंदर आदि के काटने पर इलाज में लापरवाही न बरतें। घाव अधिक है तो उस पर टांके न लगवाएं। रेबीज के संक्रमण से बचने के लिए कुत्ते व बंदरों आदि के अधिक संपर्क में न जाए।

72 घटे बाद नहीं होता असर :

यदि किसी भी व्यक्ति को रेबीज संक्रमित किसी जानवर ने काट लिया और उसने 72 घंटे के भीतर अपना इलाज नहीं करवाया तो उसके बाद वेक्सिन या एआरवी के टीके लगावने का कोई फायदा नहीं है। इस लिए जितना जल्दी हो सके वेक्सिन व एआरवी के टीके अवश्य लगावाएं।

लापरवाही न बरतें :

आईडीएसपी एपिडेमियोलॉजिस्ट अनिल चक्रवर्ती ने बताया कुत्ते, बिल्ली या किसी अन्य जानवर के काटने पर बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें। अगर हल्का सा भी निशान है तो एंटी रेबीज इंजेक्शन जरूर लगाने चाहिए। रेबीज खतरनाक है मगर इसके बारे में लोगों की कम जानकारी और ज्यादा घातक साबित होती है। आमतौर पर लोग मानते हैं कि रेबीज केवल कुत्तों के काटने से होता है मगर ऐसा नहीं है। कुत्ते, बिल्ली, बंदर आदि कई जानवरों के काटने से वायरस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। कई बार कटे अंग पर पालतू जानवर के चाटने या खून का जानवर के लार से सीधे संपर्क से भी ये रोग फैल सकता है।

आजादी के 75 वे अमृत महोत्सव के अवसर पर दौड़ प्रतियोगिता आयोजित

मधुबनी : देश की आजादी के 75वे अमृत महोत्सव के अवसर पर हेल्थ एंड वेलनेस सेण्टर, खोजपुर (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बाबूबरही) में सुबह 10 से 11 बजे के बीच कम्युनिटी ऑफ़िसर विष्णु देव महतो के द्वारा फिट इंडिया फ्रीडम रन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। यह आयोजन आदर्श राजकीय मध्य विद्यालय खोजपुर के शिक्षक, विद्यार्थी और लोकल वालंटियर्स के योगदान से संपन्न हुआ। इस प्रोग्राम का आयोजन करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से निर्देश दिया गया था। सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेण्टर के क्षेत्र में आयोजन किया जाना है। यह आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में 13 अगस्त से 2 अक्टूबर के बिच किया जा रहा है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगो को रेगुलर एक्टिविटीज करके फिट रहने के लिए प्रेरित किया जा सके।

इस प्रोग्राम के आयोजन में सभी को मास्क और सैनिटाइजर दिया गया। दौडते समय एक दूसरे के बीच डिस्टेंस का भी पालन किया गया। इस फिट इंडिया फ्रीडम रन में कुल 127 लोगों ने भाग लिया और सभी प्रतिभागी ने 3 किलोमीटर का सफर दौर करके तय किया। सभी प्रतिभागी को फिट इंडिया पोर्टल के माध्यम से सर्टिफिकेट प्रदान किया जायेगा।

कम्युनिटी ऑफ़िसर के द्वारा ये भी बताया गया कि लोगों को प्रतिदिन आधा घंटा व्यायाम , योग मेडिटेशन या दौड करके अपने आपको फिट रख सकते हैं और खुद को नॉन कम्युनिकेबल डिजीज जैसे कि ब्लडप्रेशर , डायबिटीज, कैंसर और सांस सम्बंधित बीमारी से बचाया जा सकता और इस सारे डिजीज के रिस्क फैक्टर को कम किया जा सकता है। उनके द्वारा ये भी बताया गया कि अब हेल्थ एंड वेलनेस सेण्टर पर अब नियमित वेलनेस एक्टिविटी कराया जा रहा है ताकि सभी लोग फिट रहे और स्वस्थ रहे।

युवाओं को खेल प्रतियोगिता में अवश्य लेना चाहिए भाग:

डीपीसी पंकज कुमार ने बताया खेल जीवन का मुख्य उद्देश्य बनाकर जो युवा ऐसे प्रतियोगिता में प्रतिभाग करते हैं उन्हें मंजिल अवश्य मिलती है। युवाओं को खेलकूद में प्रतिभाग करके अपनी ऊर्जा को प्रदर्शित करना चाहिए एवं भविष्य में खेल के माध्यम से उनकी सफलता को प्राप्त करने का सशक्त माध्यम बताया। उन्होंने कहा आज के युवा ही कल के भविष्य हैं। हर गांव में खेलकूद क्लब की स्थापना होनी चाहिए। जिससे गांव में छिपी हुई प्रतिभागियों को प्रतिभा को मंच मिल सके जिसके माध्यम से प्रतियोगिता को प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा।

स्वस्थ समाज के निर्माण में फिटनेस बेहद जरूरी:

सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने कहा कि स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए प्रत्येक व्यक्ति को दैनिक जीवन में फिटनेस को अपनाना होगा। स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन का वास होता है। इससे दौड़ का महत्व और भी बढ़ जाता है। आपकी हर बीमारी का इलाज आप खुद हैं, जो नियमित योग व व्यायाम से ही संभव है। आजकल गलत खानपान व रहन सहन के तरीके में बदलाव से ज्यादा बीमारियां हो रही हैं । योग के माध्यम से हम उन बीमारियों पर काबू पा सकते हैं।

बछराजा नदी पर बना स्लुईस गेट पाँच साल में ही हुआ क्षतिग्रस्त, किसान फसलों के सिचाई से हुआ प्रभावित

मधुबनी : जिले के बासोपट्टी प्रखंड क्षेत्र स्थित सिरियापुर पंचायत के भैयापति गांव से गुजरने वाले बछराजा नदी पर करोड़ों के लागत से बना फाटक टूट कर जमींदोज हो गया है। इस स्लुईस गेट से किसानों को फसलों के सिंचाई में बहुत सुविधा होता था।

किसान ने बताया कि इस फाटक से हमलोग फसलों की सिंचाई करते थे। परंतु अब फाटक के टूट जाने से हमलोगों को बहुत क्षति पहुँचा है। वही ग्रामीणों ने बताया कि फाटक निर्माण कार्य में लापरवाही के कारण इस तरह की घटना हुई है।

कटैया गांव में बीते कुछ दिन पहले पानी में डूबकर हुई मृत्यु के मामले में पोस्टर्माटम रिपोर्ट में एक नया आया मोड़, पीड़ित लगाई एसपी से न्याय की गुहार

मधुबनी : जिले के बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के पतौना ओपी अंतर्गत जगवन पूर्वी पंचायत के कटैया गांव निवासी रामाधार सहनी की मृत्यु पानी में डूबकर होने के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पूरा मामला ही बदल गया है। सदर अस्पताल के चिकित्सक के द्वारा निर्गत पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण शरीर पर पाए गए जख्म एवं हेमरेज बताया गया है। इस संबंध में मृतक की पत्नी दायजी देवी ने एसपी को आवेदन देकर इस मामले में पतौना ओपी अध्यक्ष विजय पासवान के क्रियाकलापों पर भी कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

एसपी को दिए आवेदन में महिला ने कहा है कि उनके पति रामधारी सहनी 29 अगस्त को सामान लाने के लिए घर से बाजार गए थे। वापस घर को नहीं लौटे। दूसरे दिन खोजबीन के बाद गांव के बगल से ही गड्ढानुमा पानी में उनका शव मिला। उन्होंने ओपी अध्यक्ष को कहा कि गांव के ही श्रवण सहनी, मनोज सहनी, बिजेंद्र साहनी, दिलीप साहनी, रूपेश सहनी एवं अन्य लोगों ने मेरे पति की हत्या कर शव को पानी में फेंक दिया है, लेकिन ओपी अध्यक्ष ने अभियुक्तों से मिलकर सादा कागज पर महिला से अंगूठा का निशान ले लिया, जिसके बाद ओपी अध्यक्ष ने हत्या का मुकदमा दर्ज न कर पानी में डूबने से संबंधित यूडी केस दर्ज कर किया। ओपी अध्यक्ष से पूछने पर बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त हो गया है, वरीय पदाधिकारियों के निर्देश के आलोक में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बिजली करंट के चपेट में आने से माँ बेटे की हुई मौत गांव में मचा कोहराम

मधुबनी : जिले के बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के बखूरी गांव मेंं एक ही परिवार के मां-बेटे को बिजली की करंट लगने से मंगलवार को मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार रामचंद्र शर्मा की पत्नी 70 वर्ष सावित्री देवी अपने मवेशी घर में किसी काम से गई थी, जहां बिजली की नंगा तार की चपेट में आ गई। वह मौके पर ही गिर पड़ी जिसके कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई, जबकि उसका पुत्र राजकुमार शर्मा 40 वर्ष ने मां को गिरा हुआ देखा तो उसे उठाने गया, वह भी बिजली करंट के चपेट में आ गया।

मौके पर ही दोनों की मृत्यु हो गई। इस घटना की खबर फैलते ही गांव में कोहराम मच गया। परिजनों को रो-रो कर बुरा हाल है। इस बात की सूचना बिस्फी पुलिस को मिली सूचना मिलते ही थाना अध्यक्ष संजय कुमार अपने दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल मधुबनी भेज दिया। थाना अध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि मृतक राजकुमार शर्मा के पत्नी सुमन देवी के आवेदन पर यूडी केस दर्ज कर लिया गया है।

दूसरी ओर इस दर्दनाक घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय विधायक हरिभूषण ठाकुर बचोल, समाजसेवी व जाप के प्रखंड अध्यक्ष बेचन यादव, उमेश यादव, अनिल कुमार, अरुण कुमार यादव, सीमा मंडल, सोनी कुमारी समेत कई समाजसेवी ने पीड़ित परिवार से मिलकर सांत्वना देते हुए हर संभव मदद व सरकारी सहायता दिलाने का आश्वासन दिया।
वही बीडीओ मनोज कुमार, सीओ श्रीकांत सिन्हा ने परिवार के प्रति सांत्वना देते हुए सरकारी नियमानुसार आगे की कार्रवाई करने की बात बताया गया।

ह्यूमन ट्रैफिकिंग को लेकर उन्मुखीकरण और क्षमता बृद्धि के लिए प्लान इडिया के तहत कार्यशाला का आयोजन

मधुबनी : जिले के राजनगर में 18वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल मुख्यालय राजनगर के सभागार में राजनगर मुख्यालय के कार्यवाहक कमांडेनट अरविंद वर्मा के नेतृत्व में सोमवार को मानव तस्करी कि रोकथाम के लिए (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) के विषय पर सशस्त्र सीमा बल कर्मियों कि उन्मुखीकरण और क्षमता बृद्धि के लिए प्लान इडिया के तहत एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें बताया गया कि प्लान इडिया एक राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकृत गैर-लाभकारी संगठन है, जो बच्चों के अधिकारों और मानव तस्करी कि रोकथाम का प्रयास कर रहा है।

18वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल मुख्यालय राजनगर में प्लान इडिया के तहत प्रशिक्षण देने के लिए उमेश कुमार गुप्ता (प्लान इडिया प्रोजेक्ट मैनेजर), रविकांत (वकील, सुप्रीम कोर्ट), तथा महर्षि अग्निहोत्री ने वाहिनी के जवानों को मानव तस्करी से संबंधित विषयों से अवगत कराया और कई आवश्यक दिशा निर्देश दिये। इस मौके पर मौजूद 18वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल मुख्यालय राजनगर के उप- कमांडेनट अमित कुमार कुशवाहा, निरीक्षक प्रशासन प्रदीप कुमार मंडल, चन्दन, राजन कुमार सिंह समेत अन्य अधीनस्त अधिकारी एवं जवानों ने प्रशिक्षण लिये।

आरडब्लूडी की विजिलेंस टीम ने की सड़कों की जांच

मधुबनी : ग्रामीण कार्य विभाग के पटना मुख्यालय से भेजी गयी विजिलेंस टीम ने आरडब्लूडी जयनगर प्रमंडल क्षेत्राधीन कई सड़कों के निर्माण व गुणवत्ता की जांच की। विभाग के मुख्य अभियंता राजीव नयन सिंह ने टीम का नेतृत्व किया। उनके साथ राज्य मुख्यालय से दो एई भी टीम में शामिल थे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जांच हुई है।

ग्राम रक्षा दल के प्रदेश अध्यक्ष स्थानीय निवासी राम प्रसाद राउत ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिल कर जयनगर आरडब्लूडी डिवीजन कार्यालय में ब्याप्त भ्र्ष्टाचार, कार्यालय को जयनगर के बजाय मधुबनी से संचालित करने सहित विभिन्न प्रकार की अनियमितताओं की जांच के अलावे क्षेत्र की 11 सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता पर प्रतिवाद किया था। विजिलेंस टीम के हेड चीफ इंजीनियर ने बताया कि उन्होंने दो दिनों में आठ सड़कों की जांच की है।

अधिकांश सड़कों के निर्माण की बाबत शिकायतें सही पायी गयी हैं। वे फिर एक दौरा करेंगे व शेष शिकायतों की जांच करेंगे। वे एक सप्ताह में प्रतिवेदन विभाग को समर्पित करेंगे। सूचक राम प्रसाद राउत को इसकी सूचना नहीं देने के सम्बंध में पूछे गये एक सवाल के फवाब में उन्होंने कहा कि ऐसा कोई निर्देश विभाग के द्वारा प्राप्त नहीं है। उन्होंने स्वीकार किया कि जांच में कई विन्दुओं पर गड़बड़ियां पायी गयी हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार आरडब्लूडी प्रमंडल कार्यालय में सिवाय एक दो निम्न वर्गीय कर्मियों के अलावे कभी भी जेई, एई व कार्यपालक अभियंता नहीं रहते। सभी कार्य उनके मधुबनी स्थित आवास से संचालित होता है। अक्सर जयनगर में लोग इसको लेकर विरोध आंदोलन करते रहे हैं। कई अभियंता वर्षों से यहां जमे हुए हैं। सड़कों के निर्माण व मेंटिनेंस की गुणवत्ता का पर्यवेक्षण नहीं होने से यत्र तत्र सड़कें टूटी व क्षतिग्रस्त हैं। बाढ़ के नाम पर एफडीआर मद की राशि भी बिना काम के गबन कर दी जाती हैं। कई सड़कें कई वर्षों से अधूरी पड़ी रहने से लोगों को आवागमन में परेशानी झेलनी पड़ रही है।

सूचक आवेदक रामप्रसाद राउत ने कहा कि आरडब्लूडी जयनगर डिवीजन में करोड़ों की लूट व अभियंताओं की मनमानी की सही जांच के बाद प्रमाण मिलना तय है। वे फिर मुख्यमंत्री से मिल कर अवगत कराएंगे। इधर विजिलेंस जांच टीम गठन की सूचना मिलते ही विभागीय अभियंता व संवेदक सक्रिय हो गये हैं, और कुछ सड़कों पर काम शुरू कर दिया गया है।

मधुबनी में शुरू हुआ चौथे चरण का नामांकन, प्रत्याशियों में दिख रहा खासा जोश

मधुबनी : बिहार में पंचायत चुनाव के चौथे चरण को लेकर जिलों के राजनगर प्रखंड कार्यालय में नामांकन के तीसरे दिन विभन्न पदों के लिए प्रत्याशियों ने कोविड प्रोटोकॉल पालन करते हुए नामांकन किया। अपने समर्थकों के साथ नामांकन पर्चा दाखिल किया।नामांकन के तीसरे दिन सभी पदों के लिए अभी तक कुल 1111 प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिल किया।

जिसमे मुखिया पद के लिए कुल 101 प्रत्याशियों ने नामांकन किया, जिसमे 44 पुरुष एवं 57महिलाए हैं। वही पंचायत समिति के लिए 108 प्रत्याशियों ने नामांकन पर्चा भरा, जिसमे 58 पुरुष एवं 50 महिलाओं ने नामांकन पर्चा दाखिल किया।वहीं , सरपंच के लिए 63 प्रत्याशियों ने नामांकन पर्चा भरा, जिसमे 33 पुरुष एवं 30 महिला प्रत्याशी ने नामांकन पर्चा दाखिल किया।

बता दें कि पूनम मिश्र, राजिक रजा, अजित राय, शेखर सुमन, सरिता देवी, विनोद यादव, पंकज महतो समेत कई प्रत्याशीयों ने आज नामांकन किया है। बता दें कि आगामी पंचायत चुनाव को लेकर जिले भर में आज काफी गहमागहमी रही, वहीं, कई प्रत्याशी अपनि जीत के प्रति आश्वस्त दिखे, तो कइयों ने भारी बहुमत से अपनी जीत की दावेदारी तक कर दी।

सुमित कुमार की रिपोर्ट