नवादा : हत्या के आरोप में छः लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनवाई गई। सप्तम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविन्द कुमार सिहं ने गुरूवार को सजा सुनायी। सजा पाने वाले आरोपित पगला उर्फ सत्येन्द्र प्रसाद, रूप लाल प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद, चान्दो प्रसाद, कुलदीप प्रसाद व रघु उर्फ रघुनन्दन प्रसाद है, जो सिरदला थाना क्षेत्र के लक्ष्मी बिगहा निवासी है। जिनमें से रूपलाल प्रसाद, चान्दो प्रसाद कुलदीप प्रसाद व रघु उर्फ रघुनन्दन सहोदर भाई बताये जाते हैं। मामला सिरदला थाना कांड संख्या-33/1988 से जुड़ा है।
जानकारी देते हुए अपर लोक अभियोजक अजित कुमार ने बताया कि 24 अप्रैल 1988 की संध्या उसी गॉव निवासी महावीर महतो आहर गया था। जहॉ आरोपित सभी अभियुक्त समेत बालमुकुन्द मिस्त्री एवं सकुर मियां ने मिलकर तेजधार हथियार से महावीर महतो की हत्या कर दी थी। घटना के बाबत मृतक के पुत्र रामस्वरूप प्रसाद ने सिरदला थाना में कांड दर्ज कराया था। कांड के विचारण के लम्बें अवधि में बालमुकुन्द मिस्त्री एवं सकुर मियां की मृत्यु हो गई।
गवाहों ने अदालत में अपना बयान दर्ज करा कर घटना को प्रमाणित किया। फलस्वरूप न्यायाधीष ने छः अभियुक्त पगला उर्फ सत्येन्द्र प्रसाद, रूप लाल प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद, चान्दो प्रसाद, कुलदीप प्रसाद व रघु उर्फ रघुनन्दन प्रसाद को भादवि की धारा 302/149 के तहत आजीवन कारावास तथा प्रत्येक आरोपियों को 10-10 हजार रूप्ये अर्थ दंड की सजा सुनाई। इसके अलावे धारा 148 के तहत तीन साल तथा प्रत्येक को 5 हजार रूपये अर्थ दंड की सुजा सुनाई।
जवानी में किया अपराध बुढापे में मिली सजा :
हत्या की घटना 24 अप्रैल 1988 की है। घटना के तिथि से 33 साल 5 माह 8 दिन गुजरने बाद अभियुक्तों को उनके जुर्म की सजा मिली। हलॉकि घटना के समय सभी आरोपित युवा अवस्था में थे लेकिन बुढापा में सजा काटने को विवश हुए। इस लम्बी अवधि के दौरान दो आरोपित की मृत्यु भी हो गई। लेकिन समय चाहे जो भी गुजरे पीडि़त परिवार को न्याय मिला।
वर्चुअल व्यवस्था के तहत सुनाई गई सजा :
सजा पाने वाले सभी आरोपित मंडल कारा में बंद हैं। अदालत ने वर्चुअल व्यवस्था के तहत आरोपितों से रूबरू हुए तथा उन सबो को सजा सुनाया। इसके पूर्व न्यायाधीश ने विडियो कंफ्रेसिंग के द्वारां बचाव पक्ष व अभियोजन पक्ष का सुना।