18 अगस्त : मधुबनी की मुख्य खबरें

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एसएसबी व पुलिस ने सीमा पर की ज्वाइंट पेट्रोलिंग

मधुबनी : भारत-नेपाल बार्डर पर तैनात 48वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल गंगौर कैम्प के एसएसबी जवानों ने थाना पुलिस के सहयोग से इंडो नेपाल बॉर्डर के विभिन्न सीमा स्तंभों का निरीक्षण किया।

ज्वाइंट पेट्रोलिंग के दौरान गंगौर एसएसबी कैम्प के इंचार्ज ने बताया कि पेट्रोलिंग का मुख्य उद्देश्य सीमा स्तंभो की जांच करना, सीमा पर अपराध, अवैध एवं संदिग्ध अवागमन के लिए प्रयोग हो रहे रास्ते को चिन्हित कर सख्ती बरतने आदि है। ज्वाइंट पेट्रोलिंग में एएसआई धर्मेंद्र कुमार समेत अन्य पुलिस बल के साथ साथ दर्जनों एसएसबी के जवानों मौजूद थे।

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ताजिया के जुलूस नहीं निकालने को लेकर एसडीओ ने दिए निर्देश, मोहर्रम को लेकर नगर थाने में हुई शांति समिति की बैठक

मधुबनी : आगामी मोहर्रम त्योहार को लेकर नगर थाना पर शांति समिति की बैठक आयोजित की गई। शांति समिति की बैठक में थाना क्षेत्र के सभी मुखिया, वार्ड आयुक्त एवं गणमान्य व्यक्ति के साथ एसडीओ सदर अभिषेक रंजन, डीएसपी सदर कामिनी वाला एवं पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष नगर थाना अमित कुमार मौजूद थे।

बैठक में एसडीओ सदर अभिषेक रंजन ने कहा कि कोविड-19 के तहत आगामी 25 अगस्त तक गृह विभाग पटना द्वारा किसी भी सार्वजनिक आयोजन एवं धार्मिक जुलूस आदि प्रतिबंधित है। ऐसे में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि धार्मिक आयोजनों को घरों तक ही सीमित रखा जाए। मोहर्रम के मौके पर पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी मोहर्रम में जुलूस नहीं निकलने है।

ताजिया के साथ सड़क पर प्रदर्शन ना करें, साथ ही डीजे का प्रयोग प्रतिबंधित है। सभी डीजे मालिकों को नोटिस जारी किया गया है की वे डीजे को भाड़े पर न लगाएं, ताकि कोई भी ब्यक्ति या समूह डीजे का प्रयोग ना करें। उन्होंने सभी समुदाय के लोगों से शांति व सद्भाव बनाए रखने की अपील की।डीएसपी कामिनी बाला ने शांति समिति की बैठक में उपस्थित गणमान्य लोगों से अनुरोध किया कि समाज के प्रबुद्ध लोग आपसी वैमनस्यता बिगड़ने ना पाए इसके लिए पहल करें और सावधान रहें।

शांति समिति के बैठक के बाद नगर थाना क्षेत्र के विभिन्न संवेदनशील इलाकों में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च निकाला गया। फ्लैग मार्च में बड़ी संख्या में पुलिस के पदाधिकारी व जवान शामिल थे। इस बैठक में समाजसेवी निर्मल राय, मनीष सिंह, सुरेंद्र मंडल, मनोज कुमार मुन्ना, टिंकू कसेरा, अमानुल्लाह खान, समितुल्लाह खान, मोहम्मद मुस्तकीम राइन, मोहम्मद जहांगीर, एजाज खान, चांद बाबू, मोहम्मद शफीक, सहित सभी वार्ड पार्षद मौजूद थे।

रास्ते पर पड़ी बच्ची को उठा ले गयी महिला, सूचना मिलने पर चाइल्ड लाइन ने करवाई करते हुए बच्ची को छुड़ाया

मधुबनी : यूं तो बचाने वाला मारने वाले से बलवान होता है, ऐसा ही एक कहावत चरितार्थ हुआ है मधुबनी जिले के जयनगर शहर में। जहाँ एक नन्ही सी जान को किसी ने मरने के लिए नाले में फेंक दिया था, पर एक स्थानीय महिला की नजर उस बच्ची पर पड़ी और वो उसको अपने साथ अपने घर ले गयी। इसकी सूचना किसी अन्य व्यक्ति ने चाइल्ड लाइन सब-सेन्टर,जयनगर को फ़ोन करके दिया।

त्वरित करवाई करते हुए चाइल्ड लाइन की कर्मी साबित देवी ने उस व्यक्ति के माध्यम से उक्त महिला के घर तक पहुंचीं। जब उस महिला से अनाथ बच्ची को चाइल्ड लाइन के कर्मियों द्वारा मांगा गया, तो वो महिला बच्ची देने में आनाकानी करने लगी। तुरंत ही इसकी सूचना चाइल्ड लाइन कर्मी साबित देवी ने अनुमंडल पदाधिकारी, जयनगर एवं थानाध्यक्ष, जयनगर को लिखित सूचना दी। तत्पश्चात जयनगर थाना के हस्तक्षेप पर उक्त महिला से उस बच्ची को सही सलामत हालात में बरामद कर उसके मेडिकल हालात जानने के लिए जयनगर अनुमंडल अस्पताल लाया गया, जहाँ चिकित्सक ने बच्ची को स्वस्थ बताया।

तत्पश्चात चाइल्ड लाइन कर्मियों ने उस बच्ची को चाइल्ड लाइन, जयनगर के कार्यालय पर लाया गया, और रात भर रखा। आज सुबह प्रेसवार्ता कर उक्त सारी जानकारी चाइल्ड लाइन कर्मी साबित देवी ने दिया। उन्होंने बताया कि अग्रेतर करवाई हेतु अब इस बच्ची को चाइल्ड लाइन सेन्टर,मधुबनी भेजा जा रहा है। इस पूरे प्रकरण के दौरान चाइल्ड लाइन कर्मी कन्हैया कुमार, रंजीता कुमारी मौजूद रहे।

नशे की हालात में चार लोगों ने किया गैंग रेप, मरा समझ फेक गए, पर लड़की जिंदा निकली

मधुबनी : जिले के झंझारपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में नाबालिग के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया है। चार युवकों द्वारा बेहोश कर पूरी रात घटना को अंजाम दिया गया और मरा हुआ समझ कर लड़की के गोइठा (गोबर का उपला) घर में फेंक दिया। पीड़िता के पिता के आवेदन पर चार को नामजद करते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई है।

पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए सोमवार की रात ही मधुबनी भेजा गया एवं मंगलवार को 164 का बयान अब दर्ज कराया जा रहा है। इस बाबत डीएसपी आशीष आनंद मंगलवार को पीड़ित नाबालिग एवं उनके परिजनों से पूछताछ की है। घटना 13 अगस्त के रात की बताई गई है, जबकि थाने में आवेदन 16 अगस्त को दी गई है।

प्रशिक्षु डीएसपी सह थानाध्यक्ष नेहा कुमारी ने बताया कि 16 अगस्त को ही आवेदन के आलोक में प्राथमिकी दर्ज की गई है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 16 वर्षीय लड़की जब 13 अगस्त की रात अपने चापाकल पर थाली धोने के लिए गई थी, तो घात लगाए चार युवकों ने उनका अपहरण कर लिया। एक ने मुंह दबाया, दो ने हाथ पकड़ा और तीसरे चौथे ने बेहोशी की सुई लगा दी। रात भर लड़की गायब रही, सुबह मरणासन्न स्थिति में गोइथा घर के एस्बेस्टस पर बेहोश अवस्था में मिली।

पीड़िता के पिता का दावा है कि चारों वहशी दरिंदों ने मेरी बेटी को मरा हुआ समझकर फेंक दिया था। लड़की की स्थिति बता रही थी, कि चारों ने इनके साथ बुरा काम किया होगा। तत्काल पिता ने उसे अनुमंडल अस्पताल लाया, जहां होश में आने के बाद लड़की ने रात में अपने साथ हुई सारी बातें बताई। जिसके अनुसार उसी गांव के 25 वर्षीय सुनील भंडारी, 25 वर्षीय सुशील भंडारी, 26 वर्षीय प्रदीप कुमार कामत एवं 21 वर्षीय सुरेंद्र कुमार भंडारी ने इसके साथ गैंगरेप किया है, और इनको दर्ज हुए प्राथमिकी में नामजद अभियुक्त बनाया गया है।

प्राथमिकी में बताया है कि लड़की का गला दबाया गया था, जिसके कारण वह ठीक से बोल नहीं पा रही है। लिखकर और इशारा कर अपने साथ हुए बातों को बताया है। डीएसपी आशीष आनंद ने कहा कि 376डी, 366 पोक्सो अधिनियम सहित अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद और अनुसंधान के बाद गैंगरेप की पुष्टि की बात कही जा सकती है।

उन्होंने यह भी बताया कि नामजद लोगों से पीड़ित लड़की के घर वाले की पुरानी पहचान है। नामजादो में एक सुशील कुमार पीड़ित लड़की के भाई का दोस्त भी बताया गया है। इसी वर्ष अप्रैल महीने में सुशील उक्त लड़की को अपने साथ ले जाकर एक होटल में छोड़ दिया था, जिसके बाद पंचायत हुई थी। फिर यह घटना हुई है। फिलहाल सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। उचित कानूनी कार्रवाई होगी और पीड़िता को न्याय मिलेगा। वहीं, घटना की जानकारी पाकर स्थानीय लोग हतप्रभ है।

आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 76वां पुण्यतिथि पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया उनको याद

मधुबनी : देश के महान स्वतंत्रता संग्राम के सेनापति, कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष, आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 76वां पुण्यतिथि आज जिला कांग्रेस कमिटी के सभागार में मधुबनी जिलाध्यक्ष प्रो० शीतलाम्बर झा के अध्यक्षता में सादगीपूर्ण ढंग से मनाई गई। उनके तैल चित्रों पर कांग्रेसजनों ने पुष्पांजलि अर्पितकर श्रदांजलि दिया।

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष प्रो० शीतलाम्बर झा ने कहा नेताजी सुभाषचंद्र बोस मातृभूमि के आजादी के लिए सर्वस्व न्योछावर करने बाले सेनापति थे। नेताजी के नाम से ही आंग्रेज़ों को डर लगता था। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के परम सहयोगी थे। वे 1938 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने, फिर उन्होंने आजाद हिंद फौज के स्थापना कर देशभर के नौजवानों को सेना में भर्ती आंग्रेज़ों को ललकारने लगे।

1941 में उन्होंने जपान एवं जर्मनी से सहायता प्राप्त करने के लिए विदेश चले गए। 5 जुलाई 1943 को सिंगापुर में टाउन हॉल के सामने सुप्रीम कमांडर के रूप में अपने सेना को संवोधित करते हुए दिल्ली चलो का नारा दिए। 21 अक्टूबर 1943 को सरवोच्च सेनापति की हैसियत से अस्थायी सरकार बना ली और ग्यारह देशों ने मान्यता भी दिया।

प्रो० झा ने कहा 1944 को हिन्द फ़ौज ने दुबारा आंग्रेज़ों पर हमला किया, फिर महात्मा गांधी जी से सहयोग की अपील की और सबसे पहले उन्होंने ही महात्मा गांधी जी को राष्ट्रपिता कह कर सर्वप्रथम सम्बोधित किए औऱ जय हिंद के नारा भी दिए। इस कार्यक्रम में ज्योतिरामन झा बाबा, ऋषिदेव सिंह, प्रफुल्ल चन्द्र झा, माया नंद झा, मो० साबिर अहमद, कौशल किशोर चौधरी, मुकेश कुमार झा पप्पू, मिथिलेश कुमार झा, मो० आकिल अहमद, आलोक कुमार झा, चंद्रपति नारायण लाल, अनिल चन्द्र झा, रमेश पासवान, बलराम सिंह आदि थे।

आयुष्मान भारत योजना में प्रगति की समीक्षा जिला पदाधिकारी अमित कुमार की अध्यक्षता में हुई

मधुबनी : आयुष्मान भारत योजना/डी.ई.सी से संबंधित बैठक जिला पदाधिकारी के कार्यालय प्रकोष्ठ में सम्पन्न हुई। बैठक में निजी अस्पतालों से सूचीबद्ध करने संबंधित आवेदन को स्वीकृत/अस्वीकृत कर राज्य कार्यालय को भेजने पर निर्णय लिया गया।

बैठक के दौरान जिला पदाधिकारी, अमित कुमार ने निर्देश दिया कि आयुष्मान भारत कार्ड सभी ग्राम पंचायतों में क्रियाशील लोक सेवा केन्द्र (आर.टी.पी.एस.)/वसुधा केन्द्र (सी.एस.सी.) एवं UTIITSL नाम की संस्था के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु निदेशित किया गया। बैठक में जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया की सेविका, सहायिका एवं जीविका दीदी द्वारा आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करें।

विदित हो कि गोल्डन कार्ड से 5 लाख तक का निःशुल्क इलाज प्रति बर्ष प्रति लाभार्थी को परिवार दिया जाता है। जिलाधिकारी ने कहा कि लोगों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। यदि उन्हें इस योजना के लाभ से भलीभाँति अवगत करा दिया जाए, तो काफी संख्या में लोग लाभान्वित होंगे।

जिलाधिकारी ने कहा कि यह केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। इसे सफल बनाने में सभी की सहभागिता अनिवार्य है। खासकर पंचायती राज के प्रतिनिधियों की इसमें अहम भूमिका है। बैठक में जिला पदाधिकारी ने बताया पात्र लाभार्थी को इस योजना के तहत 5 लाख रुपए तक प्रति वर्ष मुफ्त इलाज के लिए सरकार द्वारा सूचीबद्ध अस्पतालों में सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।

पात्र लाभार्थियों का बनता है गोल्डन कार्ड :

केंद्र सरकार ने सितंबर 2018 को गरीबी से परेशान लोगों के नि:शुल्क उपचार के लिए आयुष्मान भारत योजना की शुरूआत की थी। इसमें सोशल इकनॉमिक कॉस्ट सेंसेज 2011 (सेक डेटा) के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों को लाभ दिलाने के लिए पात्र माना गया था।

बीओसीडब्ल्यू के पंजीकृत मजदूरों का भी आयुष्मान कार्ड बनाया जाना है।इसी के तहत लोगों को लाभ दिलाया जा रहा है . कुमार प्रियरंजन ने बताया कि जिले भर में आयुष्मान भारत योजना के तहत सरकारी अस्पताल सहित 5 प्राइवेट अस्पताल पंजीकृत हैं। इसमें लाभार्थी लाभ लेने व गोल्डेन कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

जिलांतर्गत , मधुबनी मेडिकल कॉलेज, क्रिब्स हॉस्पिटल, हरसन हॉस्पिटल, मां उग्रतारा नेत्रालय एवं आस्था सर्जिकल अस्पताल सूचीबद्ध है एवं सभी सरकारी अस्पतालों में भी योजना का लाभ दिया जा रहा है साथ ही योग्य निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया भी को जा रही है।

जिले में 4 लाख 91 हजार 247 परिवार का बनेगा आयुष्मान कार्ड :

आयुष्मान भारत के जिला कार्यक्रम समन्वयक कुमार प्रियरंजन ने बताया बताया जिले में 4 लाख 91 हजार 247 परिवार को आयुष्मान कार्ड मिलना है जिसमें 23 लाख 70 हजार 685 सदस्य हैं, 1 लाख 14 हजार 938 परिवार को गोल्डन कार्ड बनाया गया है जिसमें 2 लाख 33 हजार 495 सदस्य को कार्ड मिल चुका है।

जिले में अब तक 9,732 मरीज का आयुष्मान योजना के तहत इलाज किया गया है जिसमें 7,142 मरीज का जिले में ही सूचीबद्ध सरकारी व निजी अस्पताल में इलाज किया गया है। इस दौरान सिविल सर्जन, मधुबनी, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा पदाधिकारी, मधुबनी, जिला कार्यक्रम समन्वयक, आयुष्मान भारत एवं जिला आई.टी. प्रबंधक इत्यादि उपस्थित थे।

खुद टीका लगाकर गांव के सामने पेश किया मिसाल

मधुबनी : कोविड-19 से बचाव के लिए एकमात्र उपाय टीकाकरण ही है। लेकिन टीकाकरण को लेकर लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां भी है। इन भ्रांतियों को दूर करने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय की आसमा परवीन ने एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। आसमा परवीन जिले के कीरतपुर प्रखंड के नरकटिया भंडरिया पंचायत के भुभऊल ग्राम की सुरक्षा प्रहरी है। उन्होंने सामुदायिक एवं पारिवारिक दबाव को नजरअंदाज करते हुए कोरोना के विरुद्ध जंग में शामिल होकर एक जिम्मेदार प्रहरी की भूमिका अदा करने में सफ़ल हुयी है।

भ्रांतियों को दूर करने में मिली सफलता :

आसमा परवीन ने बताया कि शुरुआत में लोगों को स्वच्छता तथा कोविड-19 से बचाव के बारे में जानकारी कम थी। इसलिए पहले उन्होंने स्वच्छता तथा कोविड-19 से बचाव को लेकर समुदाय में अलख जगाना शुरू किया। कोविड टीकाकरण की शुरुआत के बाद कई लोगों में टीके के प्रति उदासीनता भी दिख रही थी। ऐसे में उन्होंने लोगों को टीकाकरण के फायदे के बारे में लोगों को जागरूक किया।

आसमा परवीन कहती हैं कि लोगों के मन में टीके लेकर कई तरह की भ्रांतियां थी। खासकर परिवार के लोग लड़कियों को टीके दिलाने के लिए राजी नहीं थे, क्योंकि उनके मन में यह धारणा थी कि टीके लेने से लड़की कभी मां नहीं बन सकती है। तब उन्होंने लोगों को समझाया कि टीका पुरुष और महिला दोनों के लिए एक तरह से ही कार्य करता है एवं टीका दोनों के लिए सुरक्षित भी है। इन भ्रांतियों को दूर करने के लिए उन्होंने पहले ख़ुद टीका लिया एवं समुदाय को अपना उदाहरण देकर टीके की महत्ता एवं सुरक्षा पर जागरूक भी की। धीरे-धीरे लोग उनकी बातों को समझने लगे और टीके लगवाने के लिए राजी हुए।

टोले के लगभग 200 लोगों ने लगवाया टीका :

आसमा के टोले के लगभग 200 लोग टीका लेने के लिए राजी किया, जिसमें 60 के आसपास लड़कियां हैं। आसमा ने उन सभी की सूची भी बना रखी थी। अपने क्षेत्र में टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए वह गांव में टीका कैंप लगवाने के लिए प्रयास किया जिसके लिए विभागीय स्तर से बात किया। अब गांव के सभी लोगों को टीका लग चुका है।

सामुदायिक बैठकों से फैलाई जागरूकता :

आसमा ने बताया शुरुआत में लोगों के मन में टीकाकरण को लेकर कई तरह की भ्रांतियां थी, जिसे सामुदायिक बैठक के द्वारा दूर किया गया। लोगों को समझाया गया कि वायरस से लड़ने का एकमात्र उपाय टीकाकरण ही है। इसलिए अपना टीकाकरण जरूर करवाएं। इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है।

आसमा ने सामुदायिक बैठक कर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ,उलेमाओं, इमामों ,गांव के बुद्धजीवियों एवं ज़िम्मेदार लोगों के साथ लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक किया। साथ ही उनके द्वारा टीकाकरण की अपील भी की गई। बैठक में कोरोना टीकाकरण के फायदे एवं लोगों के सवाल जवाब के बाद उनके अंदर फैली भ्रांतियों को दूर करते हुए टीकाकरण के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इसका काफी असर देखने को भी मिला। जो लोग टीकाकरण नहीं करवाना चाहते थे, वे भी अब जागरूक होकर टीकाकरण के प्रति उत्साहित दिख रहे हैं।

‘‘सुरक्षाग्रह – कोविड पर हल्ला बोल” से दरभंगा सहित 5 अन्य जिलों में जागरूकता पहल शुरू

कोविड-19 की दूसरी घातक लहर को देखते हुए राज्य सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए कई उपाय किए हैं। सरकारी प्रयासों में सहयोग देते हुए यूनिसेफ के सहयोग से दरभंगा सहित सुपौल, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, पूर्णिया और सीतामढ़ी के ग्रामीण इलाकों में ‘सुरक्षाग्रह’ पहल शुरू की है जो लगभग 36 लाख आबादी को कवर कर रही है।

सुमित कुमार की रिपोर्ट

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