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17 सितंबर : आरा की मुख्य खबरें

16 वर्षों के फरारी सहित छह वांटेड गिरफ्तार

आरा : भोजपुर जिले में शांतिपूर्ण पंचायत चुनाव को लेकर जिला स्तर पर विशेष टीम बना कर तथा विशेष अभियान चला कर जिले में विभिन्न जगहों पर छापेमारी कर केशवां, रशु टोला, बरांव, जैसीडीह, राजापुर, बचरी, जितौरा, जगदेवपुर, तेलाढ़, गंगसर, अमेहता, एयार, लहठान, इनरपतपुर, कचनथ, पचरूखिया, रसौली, सुखरौली, नोनार, वैशाडीह और उदनडीहड सहित अन्य गांवों से वर्षों के फरारी सहित छह वांछितों को गिरफ्तार किया।

भोजपुर एसपी विनय तिवारी ने बताया कि फरार चल रहे अपराधियों की धरपकड़ अभियान शुरू किया गया है। इसके लिये विशेष टीम बनायी गयी है। टीम में एसडीपीओ, सर्किल इंस्पेक्टर और कई थानों की पुलिस के साथ विशेष रूप से प्रशिक्षित बल शामिल हैं। कहा कि हर थानों द्वारा फरार चल रहे अपराधियों की रोज सूची दी जायेगी। उस आधार पर विशेष टीम द्वारा छापेमारी की जायेगी।

भारतीय जीवन बीमा निगम के मुख्य प्रबंधक को सौंपा ज्ञापन

आरा : स्थानीय एलआईसी कार्यालय में व्याप्त कुव्यवस्था व कर्मचारियों के मनमानी को लेकर लियाफी के पदाधिकारियों ने मुख्य प्रबंधक से मिलकर पदाधिकारियों द्वारा अभिकर्ताओं के साथ कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे दुर्व्यवहार से अवगत कराया तथा इस संबंध में उन्हें ज्ञापन सौंपा। लियाफी संगठन के बैनर तले मुख्य शाखा प्रबंधक एस.एन बंदोपाध्याय, बीएम सेल्स उमेश्वर वत्स, बीएम सेल्स रश्मिकांत के साथ बैठकर आरा कार्यालय में मृत्यु दावा भुगतान एस. बी भुगतान लोन भुगतान पॉलिसी सरेंडर भुगतान महीनों से भुगतान नही होने के चलते बीमाधारकों को हो रही परेशानी से अवगत कराया।

लियाफी से जुड़े पदाधिकारियों ने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम के आरा शाखा कार्यालय की साख गिर रही है। ग्राहक एवं अभिकर्ता के बीच नोक झोंक की समस्या से अवगत कराया गया। बीमा से जुड़े विभिन्न कार्यो को लेकर प्रति दिन कार्यालय आने वाले अभिकर्ताओं के साथ कार्यालय के कुछ कर्मचारियों द्वारा दुर्व्यवहार किया जा रहा है।

उक्त बातों को मुख्य प्रबंधक द्वारा गम्भीरता से लिया गया। भविष्य में सुधार की बात की गई। बैठक का नेतृत्व लियाफी संगठन आरा बेस के अध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह, सचिव बिमलेश प्रताप सिंह, मंडल अध्यक्ष जवाहर लाल, उपसचिव अरुण मिश्रा ने किया। जिसमें सुनील कुमार, संतोष कुमार सिंह, नरेंद्र कुमार, अनिल सिंह, विजय कुमार, शिवशंकर ओझा, राज कुमार सिंह, दिनेश मिश्रा रणविजय सिंह सुधाकर सिंह अनुज कुमार सिंह सहित कई अभिकर्ता उपस्थित थे।

बड़े प्रतिष्ठान व क्लीनिक बने पर वाहनो की पार्किंग की व्यवस्था नहीं

आरा : भोजपुर जिला मुख्यालय आरा में सभी प्रयास के बावजूद जाम से मुक्ति नही मिल पा रही है| सड़के पतली हैं तथा पार्किंग नाम की कोई चीज़ नहीं है| साथ ही दिन प्रति दिन वाहनों की संख्या कई गुनी बढ़ रही है| ऐसे में सड़कों पर ही पार्किंग होगी। फलस्वरूप रोड जाम। पार्किंग की व्यवस्था नही होने से पुलिस का मास्टर प्लान भी रफ़्तार नही  पकड़ पा रहा है| हाल के वर्षों में आरा में बहुत ज्यादा विकास कार्य निजी लोगों द्वारा हुए है| बड़े-बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान, माल और प्राइवेट अस्पताल तो बने पर पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गयी हालांकि कुछ प्रतिष्ठानों और अस्पतालों ने पार्किंग की मामूली व्यवस्था की गयी है पर वह पूरी तरह नाकाफी है।

ग्राहक और इलाज करने आये लोगों को सड़क किनारे ही गाड़ी पार्क करनी पड़ती है और जाम लग जाता है जिसकी वजह से गाड़ियों के आवागमन तथा लोगों को पैदल चलने में भी परेशानी हो रही है| आश्चर्य की बात है कि कोई भी मकान, दूकान या बहुमंजिली इमारत बनाने से पहले आरा निगर निगम से नक्शा पास करवाना होता है| पर आरा नगर निगम किस तरह बिना पार्किंग के नक्शा पास करता है यह तो जांच का विषय है और जिला प्रशासन के उच्च पदाधिकारियों को चाहिए कि नक्शा पास करने वाले जिम्मेदार पदाधिकारी की भूमिका की जांच कर गलत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे| इसके अतिरिक्त पटना उच्च न्यायालय ने 20 फीट से कम वाली सड़क के किनारे 11 मीटर से अधिक ऊँची बहुमंजिला इमारत नहीं बनाने का आदेश दिया था|

बावजूद इसके आरा शहर में आरा नगर निगम के पदाधिकारियों की मिलीभगत से आरा शहर में ऐसी कई इमारत हैं जिससे लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है| पटना कमिश्नर के सामने इस मुद्दे के उठाने के तथा आरा के पूर्व अनुमंडलाधिकारी की रिपोर्ट के बावजूद जिला प्रशासन ने आज तक इस पर कोई कार्रवाई नही की| बताते चलें कि आरा शहर की आबादी काफी अधिक है। दो पहिया और चार पहिया वाहनों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। वहीं जिला मुख्यालय होने के कारण भी काफी लोगों का आना-जाना लगा रहता है।

बड़े-बड़े प्रतिष्ठान, मॉल और सदर अस्पताल सहित अन्य बड़े क्लीनिक भी हैं। ऐसे में खरीदारी और इलाज कराने भी काफी लोग आरा आते-जाते रहते हैं। लेकिन पार्किंग नहीं होने के कारण रोड किनारे ही गाड़ी पार्क कर देते हैं। इससे अक्सर ही जाम की समस्या उत्पन्न होती रहती है। शहर में जाम और लोगों की समस्या को देखते हुये पुलिस ने मास्टर प्लान लागू किया है। इसके तहत वनवे, नो इंट्री, और लेन ड्राइविंग शुरू की गयी है। ट्रैफिक सिस्टम को भी काफी हद तक बदल दिया गया है। हर चौक पर ट्रैफिक पोस्ट बना दिया गया है। सिग्नल सिस्टम ट्रैफिक लागू किया गया है। नगर निगम के सहयोग से सड़क से अवैध कब्जे को हटाया जा रहा है। इसका काफी असर भी पड़ा है और जाम की समस्या काफी हद तक कम हुआ है लेकिन पार्किंग के अभाव में अभी भी पब्लिक को परेशानी हो रही है।

पहले फर्स्ट डिवीजन, फिर फेल हो गए, रिजल्ट बदलने से छात्रों के नामांकन पर ग्रहण

आरा : वीर कुवर सिंह विश्वविद्यालय अपने स्थापना काल से ही विवादों से घिरा रहा है| इसके काम करने का तरीका भी बड़ा विचित्र है| मेरिट में नाम आने के बाद भी इस विश्वविद्यालय में सैकड़ों विद्यार्थियों के दाखिले पर खतरा उत्पन्न हो गया है। पीजी एडमिशन के लिए आवेदन करने वाले सैकड़ों विद्यार्थियों के नामांकन पर फिलहाल ग्रहण लगता दिख रहा है। इसे लेकर पीजी एडमिशन के लिए विवि प्रशासन बार-बार तिथि बढ़ा रहा है। इस पेच ने विद्यार्थियों के साथ विवि के अधिकारियों की मुश्किलें भी बढ़ा दी है। नामांकन से जुड़े अधिकारियों को अब समझ नहीं आ रहा है कि वे करें तो क्या करें।

स्नातक पार्ट थर्ड सत्र 2017-20 के जारी रिजल्ट में सैकड़ों विद्यार्थियों को पहले कुछ और अंक पत्र दिया गया और बाद में कुछ अन्य दिया गया है। पूर्व में मिले कंप्यूटराइज्ड अंक पत्र से सैकड़ों विद्यार्थियों ने पीजी एडमिशन के लिए आवेदन भी कर दिया है। अब पीजी दाखिले के ऑनलाइन आवेदन के बाद उनके अंक पत्र में अंक बदल गये हैं। यानी पहले के अंक पत्र से जो विद्यार्थी प्रथम श्रेणी से पास थे, वे अब सेकंड डिवीजन से पास हो गये हैं। इनमें कुछ तो फेल भी हो चुके हैं।

स्नातक पार्ट थर्ड सिर्फ पांच विषयों से जुड़ा यह मामला है। कंप्यूटर सेंटर की ओर से रिजल्ट तैयार करने के दौरान पहले गलत आंसर की से ओएमआर की जांच कर ली गयी। बाद में मामला उजागर होने पर सही आंसर से कॉपी जांची गयी। इस कारण अंक बदल गए। पहले फर्स्ट डिवीजन हुए सेकंड हो गये जबकि कुछ फेल भी हो गये हैं। इन विषयों में मनोविज्ञान, गृह विज्ञान, भौतिकी, रसायनशास्त्र और भूगोल विषयों के विद्यार्थी हैं। डिवीजन बदलने से सिर्फ पीजी एडमिशन में ही नहीं बल्कि बीएड एडमिशन में भी समस्या आई है। बहुत सारे ऐसे विद्यार्थियों ने पहले के अंक पत्र के आधार पर बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा दी थी। अब वे बीएड परीक्षा पास भी हो गये हैं जबकि उनका डिवीजन चेंज हो गया है। काउंसलिंग में ये विद्यार्थी कौन सा अंक पत्र देंगे, उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा है।

पीजी सत्र 2020-22 में दाखिले को ले अचानक पेच फंस गया है। पूर्व में ऑनलाइन आवेदन की बढ़ाई गई तिथि 14 सितंबर बीत जाने पर मेरिट लिस्ट जारी किये जाने की हो रही तैयारी पर बुधवार को विराम लग गया। कारण यह है कि अगर विवि प्रशासन मेरिट लिस्ट जारी कर रहा है तो बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो रही है। क्योंकि वैसे विद्यार्थियों ने जिन्होंने स्नातक के फर्स्ट डिवीजन के अंक पत्र के आधार पर ऑनलाइन आवेदन किया है, वे अब सेकंड हो गये हैं। अगर उनका मेरिट में नाम आता है तो वे किस अंक पत्र के आधार पर दाखिला लेंगे। उनका अंक पत्र और डिवीजन ही चेंज हो गया है। पीजी हेड कागजात का सत्यापन भी किस अंक पत्र का करेंगे, यह समस्या खड़ी हो गयी है।

सूत्रों की मानें तो कुछ ऐसे विद्यार्थी हैं, जिन्होंने नौकरी आदि में भी पूर्व में मिले अंक पत्र को दे दिया है। अब उनका अंक पत्र बदल गया है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि करें तो वे क्या करें। विवि प्रशासन इस मामले पर स्पष्ट तौर पर कुछ कहने से इनकार कर रहा है। छात्र कल्याण अध्यक्ष प्रो सिधेश्वर नारायण सिंह  ने कहा कि पीजी दाखिले को ले विचार-विमर्श चल रहा है। इस मामले का समाधान निकाला जायेगा। विद्यार्थी का दूसरी बार जारी अंक पत्र जो सही है, वही मान्य होगा। वहीं सूत्रों की मानें तो ऐसे विद्यार्थियों से पुन: पीजी के लिए आवेदन लिया जा सकता है।

भोजपुर जिलाधिकारी ने किया अधिवक्ता के साथ दुर्वयवहार

आरा : प्रमोद राय, पूर्व सहायक सचिव बार एसोसिएशन, महासचिव बिहार प्रदेश कांग्रेश विधि एवं मानवाधिकार विभाग, पूर्व संगठन मंत्री बिहार प्रदेश युवा अधिवक्ता कल्याण समिति ने अधिवक्ताओं के मान-सम्मान पर हो रहे कुठाराघात पर चिंता व्यक्त करते हुए उनके सम्मान की रक्षा की गुहार लगाईं है|

प्रमोद राय ने कहा कि बार एसोसिएशन के अधिवक्ता सुरेंद्र प्रसाद सिंह के साथ जिलाधिकारी भोजपुर के कोर्ट में जिलाधिकारी ने अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए कोर्ट से बाहर निकलने के लिए गेट आउट कह कर संबोधित करना एवं अपने सिक्योरिटी गार्ड के माध्यम से अधिवक्ता को धक्का देकर बाहर किया जाना अधिवक्ता समाज के लिए कलंक की बात है| उन्होंने सभी अधिवक्ताओं से एकजुट होकर हो रहे अपमानजनक व्यवहार के प्रति कड़ा रुख अपनाना चाहिए जिलाधिकारी भोजपुर हो या कार्यपालक दंडाधिकारी आरा अनुमंडल हो सभी का व्यवहार अधिवक्ताओं के प्रति नकारात्मक रहा है|

उदंडता पूर्वक एवं  दुर्व्यवहार के साथ अधिवक्ताओं के साथ पेश आना जिलाधिकारी भोजपुर का अशोभनीय कदम निंदनीय है, आपत्तिजनक है मैं आरा बार एसोसिएशन के सचिव एवं अध्यक्ष से मांग करता हूं कि तत्काल आम सभा बुलाकर जिलाधिकारी के रवैए के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करके जिला अधिकारी के  कोर्ट का बहिष्कार करने का निर्णय लें इसकी सूचना जिलाधिकारी भोजपुर, पटना हाई कोर्ट को तत्काल दे तभी अधिवक्ताओं के मान सम्मान की सुरक्षा हो पाएगी|

हिंदी पखवाडा का आयोजन

आरा : नेहरू युवा केंद्र भोजपुर इकाई ने हिंदी दिवस पखवाड़ा कार्यक्रम के अंतर्गत राजभाषा संगोष्ठी का आयोजन निकिता सिंह, जिला युवा अधिकारी, नेहरू युवा केंद्र भोजपुर की अध्यक्षता में ऑनलाइन किया गया| हिंदी भाषा प्रचार प्रसार हेतु कुछ व्याख्याता, क्लब के सक्रिय सदस्य, नेहरू युवा केंद्र भोजपुर के राष्ट्रीय स्वयंसेवक एवं अतिथि ने भाग लिया।

डॉ दिनेश प्रसाद सिन्हा ने कहां की राजभाषा तभी समृद्ध होगी जब लोकसभा, राज्यसभा में इस पर खुलकर चर्चा हो सके और हिंदी में ही सभी काम हो उक्त क्रम में बाबा युवा क्लब के अध्यक्ष श्याम किशोर सिंह ने कहा कि हिंदी भाषा को समृद्ध बनाने के लिए  हमें अभियान चलाना चाहिए, विद्यासागर राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक अगिआव , कुमार राघवेंद्र राष्ट्रीय स्वयंसेवक आरा, प्रकाश बजरंगी राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक पीरो,ने भी हिंदी को समृद्ध बनाने के लिए अपनी बात रखी ।

उक्त संगोष्ठी में सरिता शर्मा लेखा एवं कार्यक्रम सहायक नेहरू युवा केंद्र भोजपुर ने  कहां कि अपनी भावनाओं को आसानी से व्यक्त कर सकें अपनी संवेदना को दूसरे तक पहुंचा सके वह हिंदी भाषा ही एक मात्र है।  अन्त में बैठक में जुड़े सभी अतिथि गण राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक पूर्व राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक को  जिला युवा अधिकारी ने धन्यवाद दिया।

राजीव एन० अग्रवाल की रिपोर्ट