अंतिम सोमवारी पर प्रशासन के कड़े तेबर से मंदिरों व गंगा घाटों पर पसरा सन्नाटा

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बाढ़ : सावन माह की अंतिम सोमवारी पर प्रशासन के कड़े तेबर से मंदिरों व गंगा घाटों पर पसरा सन्नाटा और यहां उत्तरायण गंगा नदी के तट पर अवस्थित “उमानाथ धाम” के भगवान शंकर के मंदिर एवं गंगा घाट पर सावन की अंतिम सोमवारी पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ नही हुई। करोना संक्रमण एवं गंगानदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर अनुमंडल प्रशासन के कड़े तेबर के कारण सुप्रसिध्द “उमानाथ धाम” पर श्रद्धालु नहीं आये।

सोमवारी को सुबह से ही “उमानाथ धाम” परिसर में एसडीएम, एसडीपीओ, डीसीएलआर एवं पुलिस के जवान मौजूद थे। अनुमंडल प्रशासन द्वारा “उमानाथ धाम” के सभी दुकानों को सुरक्षा के मद्देनजर बंद करा दिया गया। वहीं कानून के उल्लंघन करने वाले लोगों के साथ प्रशासन ने अपनी सख्ती भी दिखाई और वहां कई वाहनों को प्रशासन द्वारा जब्त भी किया गया।

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एसडीएम सुमित कुमार ने बताया कि अभी करोना संक्रमण काल को लेकर सरकारी गाइडलाइन के अनुसार मंदिर में ताले लगा दिये गये हैं तथा गंगानदी में बढ़ते जलस्तर को लेकर एसडीएम ने लोगों से अपील किया कि थोड़ी सी असावधानी के चलते कोई बड़ी घटना हो सकती है। लोग अपने घर में ही स्नान करें तो बेहतर होगा और गंगा घाटों पर नही जायें। ज्ञात हो कि आषाढ़ पूर्णिमा से चातुर्य मास के प्रारंभ होते ही सावन से कार्तिक माह के पूर्णिमा तक सुप्रसिध्द “उमानाथ-धाम”, अलखनाथ, बनारसीघाट, बाल शनिधाम, गोरीशंकर मंदिरों एवं घाटों पर काफी संख्या में श्रध्दालुओं का भीड़ हुआ करता था पर वैश्विक महामारी कोरोना के कारण इन मंदिरों में सन्नाटा पसरा हुआ है।

सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट

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