बैंकर्स कमिटी एक्स्पोज़र भीजिट को लेकर हुई बैठक, दी गयी अहम जानकारियां
मधुबनी : नाबार्ड संपोषित कृषक उत्पादक संगठन प्रभावती फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, बिस्फ़ी हाट, बिस्फ़ी, मधुबनी के प्रधान कार्यालय में निदेशक मंडल के सदस्यों के साथ प्रखंड स्तरीय बैंकर्स कमिटी एक्स्पोज़र भीजिट को लेकर बैठक का आयोजन किया गया।
इस बैठक की अध्यक्षता सुमित कुमार (डीडीएम, नाबार्ड मधुबनी) के द्वारा की गई, जिसमें अजय कुमार (एलडीएम, मधुबनी), शिवशंकर कुमार(बीएम,पीएनबी बिस्फ़ी), विजय कुमार पासवान(बीएम,कारपोरेशन बैंक, बिस्फ़ी), दिलीप कुमार साफी(बीएम,उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक, परसौनी), नवनीत कुमार(बीएम,उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक बिस्फ़ी), मनीष कुमार(बीएम, उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक, नुरचक) ने भाग लिया।
बैठक में अमित रंजन, परियोजना समन्यवक के द्वारा बिहार सेवा समिति और हिफ़र इंटरनेशनल इंडिया द्वारा संपोषित बिहार स्थायी आजीवका परियोजना अंतर्गत बनाये गए महिला के स्वयं सहायता समूह एवं उनके परियोजना अंतर्गत बकरी कर व्यावसायिक स्तर पर किये जा रहे पालन और कृषि संबंधित उत्पादों को लेकर प्रभावती कृषक उत्पादक संगठन निर्माण के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की गई। महिलाओं द्वारा अपने बकरी व्यापार और एफपीओ के विकास को लेकर बैंक स्तर पर वितीय सहायता के साथ-साथ बैंक बचत खाता खुलवाने को लेकर बात कही गयी। जिसपे सभी शाखा प्रबंधक और एलडीएम द्वारा हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
इसी के साथ सभी महिलाओं को प्रधानमंत्री सुरक्षा और जीवन बीमा योजना के बारे में जानकारी साझा की और सभी लोगों को इस बीमा के फायदे और करवाने को लेकर सुझाव दिया। इस बैठक में बिहार सेवा समिति से तारानंद ठाकुर और अपर्णा श्री (सीईओ, पीएफपीसीएल) के साथ अन्य परियोजना क्षेत्रीय कर्मी ने भाग लिया और बैंक स्तर पर समुह की महिलाओ को उनके आजीवका और व्यावसाय संवर्धन को लेकर सहायता प्रदान करने की बात कही।
स्वतंत्रता दिवस की पचहत्तरवीं वर्षगांठ के पूर्व संध्या 14 अगस्त को महान स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान सह अभिनंदन समारोह का भब्य आयोजन
मधुबनी : स्वतंत्रता दिवस की पचहत्तरवीं वर्षगांठ के पूर्व संध्या 14 अगस्त को जिला कांग्रेस कमिटी मधुबनी के द्वारा आज शहीद अकलू, गणेशी स्मारक, नीलम चौक पे मधुबनी कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रो० शीतलाम्बर झा के अध्यक्षता में देश के आजादी आंदोलन में भाग लेने बाले महान स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान सह अभिनंदन समारोह का भब्य आयोजन किया।
इस अवसर पर शहीद अकलू साह एवं गणेशी ठाकुर के स्मारक पे पुष्पांजलि अर्पित कर कांग्रेसजनों ने नमन किया एवं पांच महान स्वतंत्रता सेनानियों जिनमें मख्खन झा, कुशेश्वर यादव, चंद्रकांत झा, केदार सिंह, मो० अब्दुल अजीज को चादर एवं गांधी टोपी देकर सम्मानित किया गया।सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में मधुबनी के गौरव, महान शिक्षाविद, टाईम्स ऑफ इंडिया के बरिष्ट संवाददाता डॉ० चंद्र शेखर झा आजाद थे।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष प्रो० शीतलाम्बर झा ने कहा आज ही के दिन 14 अगस्त को मधुबनी के दो देशभक्त शहीद अकलू साह एवं गणेशी ठाकुर को अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ मधुबनी थाना को कब्जा करने के क्रम में अंग्रेजों के सिपाहियों ने गोली मारकर हत्या कर था।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में तत्कालीन कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने देश के आजादी के लिए सैकड़ों वर्षों के लम्बी संघर्ष के उपरांत हमे आजादी मिली। गुलामी के जंजीरो को तोड़ने के लिए कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में देश मे लाखो लाख लोगों ने अपना प्राण न्योछावर कर दिया। अंग्रेजी हुकूमत ने कांग्रेस के नेताओं जवाहरलाल नेहरू, अब्दुल गफ्फार खान, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, राजेन्द्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री, डॉ० भीमराव अंबेडकर, मौलाना आजाद सहित हजारों नेताओं को नजरबंद कर दिया।
इस स्वर्णिम इतिहास को सरकार बदलना चाहती है, जो पार्टी आजादी के आंदोलन में भाग नही लिया। बल्कि अंग्रेजों की दलाली करते थे, वह आज राष्ट्रवाद की परिभाषा को बदलना चाहती है। जिस संगठन ने आजादी के पच्चास वर्षों के बाद भी अपने कार्यालय तक मे राष्ट्रीय झण्डा नही फहराया, वह संगठन देशभक्ति की बात करते शर्म नही होता।
प्रो० झा ने कहा कांग्रेस के ही नेतृत्व में आज देश सभी क्षेत्र में आत्मनिर्भर हुआ है। आधुनिक भारत के निर्माता सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस पार्टी है। आज हमे संकल्प लेना है कि देश की एकता और अखंडता को अक्षुण रखने के लिए कांग्रेस पार्टी का बलिदान की इतिहास रहा है, उस पर हमें फिर से कायम रहना है।
इस कार्यक्रम को संवोधित करते हुए मुख्यातिथि डॉ० चन्द्र शेखर झा आजाद ने कहा कांग्रेस पार्टी का इतिहास को लोग दुनिया मे जानती है। यदि कांग्रेस पार्टी नही होती, तो देश आजाद नही हो पाता।
मोदी जी एवं उनकी पार्टी इस सच्चाई को साफगोई से नकारने का प्रयास कर रहे हैं। इतिहास को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। आज देश मे लोगों के निजता के अधिकारों को समाप्त किया जा रहा है। देश को धर्म के नाम पे फिर से बांटने का खड़यंत्र हो रहा है। देश के लोगों को सचेत रहने की जरूरत है।
इस कार्यक्रम में पर्यवेक्षक सिदयार्थ क्षत्रिय, तरुण कुमार , ज्योतिरामन झा बाबा, मनोज कुमार मिश्र, ऋषिदेव सिंह, जय कुमार झा, अकील अंजुम, मो० साबिर अहमद, ज्योति झा, सुरेश चंद्र झा रमन, कौशल किशोर चौधरी, मिथिलेश कुमार झा, कपिलदेव झा, सोहन भगत, मुकेश कुमार झा, महेश चौधरी, अनुरंजन सिंह, अशोक प्रसाद, कुशेश्वर यादव, इंतजार अहमद, सुंदर झा, संजय झा, सुरेंद्र मिश्रा, मुकेश कुमार पप्पू, राज कुमार साह, गंगाधर पासवान, मनोहर ठाकुर, तारिक अनवर, प्रफुल्ल चन्द्र झा आदि सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
प्रखंड प्रमुख ने लाखों की लागत से किया सड़कों की शिलान्यास
मधुबनी : जिले के बिस्फी प्रखंड प्रमुख सह पंचायत समिति परामर्शी समिति अध्यक्ष शीला देवी ने 15वीं वित्त आयोग के अनटाइड मद से शनिवार को पांच योजनाओ का शिलान्यास किया गया। प्रखंड क्षेत्र के भौजपंडोल मे शशिकांत मिश्र के घर से गोपाल दास के घर तक 3,00000 से सड़क निर्माण ग्राम सीमरी मे सहदेव मंडल के घर से किशोरी कामत के घर तक 4,00000 कि राशि से सड़क निर्माण ग्राम बेलोजा मे रामसागर पासवान के घर से अनुप राम के घर तक 3,50,700 कि राशि से सड़क निर्माण ग्राम नाहस पुरब के मध्यविदालय मे 4,00000 कि राशि से चारदीवारी का निर्माण ग्राम दुलहा के परिक्षण राम के घर से विमल चौधरी के घर तक 3,08,100 कि राशि से सड़क निर्माण किये जाने है।
इस मौके पर प्रखंड प्रमुख शीला देवी ने उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुए कहा कि जनता जनार्धन ने मुझे अपना आशीर्वाद दिया, जिससे हम पुरे कर्मठ और ईमानदारी से विकास कार्य करने की प्रयास किया हैं। आगे जनता जनता ने मुझे आशीर्वाद दिया, तो बांकी बचे कार्य भी पूर्ण एवं लोगो के मदद को हर क्षण तैयार रहेंगे।
इस मौके पर जिला पार्षद अनीता देवी, पंचायत समिति सदस्य उदगार यादव, महेश्वर कामत, अजीत मंडल, महावीर साह, मुखिया नवल किशोर यादव, लक्षमी कान्त गिरी, गणेश मंलिक, डा० शशिकांत मिश्र सहित लोग मौजूद थे।
इंदिरा गाँधी के द्वारा दिए गये ताम्रपत्र को हाथ में लिए स्वतंत्रता सेनानी यदुनाथ मिश्र उर्फ महानंद बाबू को आज भी आजादी की पहली सुबह है याद
मधुबनी : आजादी किसे प्यारी नहीं होती? कौन है ऐसा जिसे पराधीनता अच्छी लगती है? लेकिन आजादी की कीमत उनलोगों को अधिक पता है, जिन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी है। इस आजादी का स्वाद हरलाखी के पिपरौन निवासी यदुनाथ मिश्र ने भी महशुश की है। आज भी वे अंग्रेजो के जुल्मो सितम को नहीं भूल पाए है।
पूछने पर श्री महानंद बाबू बताते है कि जो प्रसन्नता आजादी की सुबह प्राप्त की, वैसी खुशी आज तक जीवन मे कभी नहीं मिली। जब देश आजाद हुआ, उस वक्त श्री बाबू का उम्र करीब 18 वर्ष था, और उस समय वे कलकत्ता में एक मालिक के यहां 12 रूपये मासिक की मजदूरी करते थे। उस समय सुचना तंत्र इतना मजबूत भी नहीं था, जिससे देश की गतिविधियों की जानकारी आमलोगों को हो पाता।
15 अगस्त 1947 की सुबह आज भी उन्हें याद है। वे जिस मालिक के पास काम कर रहे थे, उनके द्वारा इनको पैसे देकर लड्डू लाने को कहा गया। वे लड्डू ला दिए। कुछ देर बाद मालिक के घर पर काफी लोगों का भीड़ जमा हो गया, और उनके जो मालिक थे वे लोगों को लड्डू बाटने लगे। चूंकि वे नौकर थे, इसलिए किसी तरह हिम्मत करके पूछे कि मालिक ये लड्डू आज किस ख़ुशी में बाट रहे है। तो मालिक ने बताया कि आज अपना देश आजाद हो गया है। यह बात सुनते ही श्री महानंद बाबू की आँखों में आँशु भर आया। फिर वे खुशी से फुले नहीं समा रहे थे। उस समय बड़ा ही मार्मिक माहौल हो गया। हर व्यक्ति के आँखों में खुशी के आँशु थे। एक दूसरे के गले से लीपट कर मानों आंशु के नीर से ही देश की आजादी की बधाई दे रहे हो।
संपत्ति हो गयी निलाम :
बताते है कि अंग्रेजो के द्वारा इनकी सभी संपत्ति को जब्त कर निलाम कर दी गयी, और श्री मिश्र सहित अन्य कई सेनानियों के नाम से वारंट जारी कर गिरफ्तारी के लिए जगह जगह खोजबीन शुरु कर दिया गया। गिरफ्तारी से बचने के लिए सभी सेनानियों ने मोकामा से ट्रेन पकड़ कर हैदराबाद जाकर आर्मी मे भर्ती हो गए। लेकिन सेनानियों का वारंटी होने का भनक लगते ही वहीं से गिरफ्तार करवा दिया गया, और सिकंदराबाद के जेल भेज दिया गया। जहां तीन महीने जेल में बंद रहने के बाद अंग्रेजी शासक के द्वारा 19 महिने की सजा सुनाकर मधुबनी जेल भेज दिया गया।
श्री बाबू बताते है कि सजा के दौरान जेल में उनके साथ वेनिपट्टी निवासी पूर्व मंत्री डॉ० वैधनाथ झा भी सजा काट रहे थे। जेल से छूटने के बाद घर चलाने के लिए कलकत्ता के भवानीपुर में एक मालिक के यहाँ 12 रुपये मासिक के हिसाब से नौकरी करने लगे।
स्वतंत्रता सेनानी महानंद बाबू को सन 1972 में स्वतंत्रता के 25वें वर्ष के अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम में स्मरणीय योगदान के लिए राष्ट्र की ओर से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हाथों एक ताम्रपत्र भेंट किया गया, एवं श्रीमती गांधी के द्वारा सभी सेनानियों को 200 रुपये प्रति माह पेंशन सहित ट्रेन पास दिया गया।
वहीं चंपारण सत्याग्रह सन 2017-18 को स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समारोह पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा श्री मिश्र को गांधी जी का प्रतिमा भेंट कर अन्य कई उपहारों से सम्मानित किया गया। इन्हें राज्य सरकार के द्वारा पांच हजार तथा केन्द्र सरकार के द्वारा 26 हजार प्रति माह पेंशन के रुप में मिल रहा है, जिससे इनके परिवार का भरण-पोषण हो रहा है।
13 वर्ष की उम्र में आंदोलन में कूद गये श्री मिश्र :
आपको बताते चले कि हरलाखी सीमावर्ती इलाके के पिपरौन गांव निवासी स्वतंत्रता सेनानी यदुनाथ मिश्र उर्फ महानंद बाबू ने आजादी की लड़ाई में बहुत योगदान दिए है। करीब सौ वर्षीय श्री मिश्र बताते है की 8 वर्ष की उम्र में इनके पिता का देहांत हो गया था। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण पठन-पाठन भी नहीं हो सका, पर बचपन से ही देश के लिए कुछ करने की ललक व जोश थी। अंग्रेजो के अत्याचारों को देख उनके खून खौलने लगते थे।
सन 1942 में करीब 13 वर्ष की उम्र में घर के कुछ सामान की खरीदारी करने उमगांव बाजार गये हुए थे। जहां हिसार, बासोपट्टी, खिरहर, हरसुवार सहित अन्य गावों से झुंड बनाकर आये सेनानियों के साथ इन्होंने भी अंग्रेजो भारत छोड़ो की आंदोलन में कूद गये, और झुंड के साथ अंग्रेजो के द्वारा बनाए गये। हरलाखी पुलिस चौकी जाकर अंग्रेजो मुर्दाबाद, इंकलाब जिंदाबाद, दरोगा भागो सहित अन्य कई तरह के नारेबाजी करते हुए अंग्रेजी पुलिस के साथ मारपीट किया एवं पुलिस चौकी में आगजनी कर काफी उत्पात मचाया गया, और वहीं से इनकी जंग की शुरुआत हुई थी। इसके बाद जगह-जगह आंदोलन शुरू कर दी गई।
अपनी माता देव माया मिश्र के द्वारा बार-बार मना करने के बावजूद बीना कुछ परवाह किए जंग लड़ते रहे, जिसके बाद अंग्रेजो के द्वारा इनके उपर वारंट निर्गत कर दी गयी थी। श्री मिश्र बताते है की आज भी 26 जनवरी एवं 15 अगस्त को तिरंगा फहराने का मन बहुत होता है। लेकिन शारीरिक कमजोरी के कारण विगत दो वर्षों से झंडोतोलन नही कर पा रहा हूँ, अब सुनाई भी कम देने लगा है।
दरभंगा एम्स के निर्माण में हो रहे देरी के खिलाफ, एमएसयू के द्वारा 8 सितंबर को एम्स के लिए प्रस्तावित जमीन पर किया जायेगा शिलान्यास
मधुबनी : इसको लेकर आज मधुबनी में गाँधी स्मारक पर माल्यार्पण करते हुऐ पैदल मार्च जिला समाहरणालय तक किया गया। पैदल मार्च का अगुवाई मधुबनी जिला संगठन मंत्री अंकित आजाद और मयंक विश्वास ने किया मार्च के बाद मीडिया को संबोधित करते हुऐ मधुबनी जिला अध्यक्ष विजय श्री टूना ने कहाँ की भारत सरकार द्वारा 2015 के बजट में बिहार के लिए दूसरे एम्स की घोषणा की गई थी।
घोषणा के 6 साल के बाद भी एम्स निर्माण के लिए आज तक एक ईंट तक नहीं जोड़ा जा सका है।दरभंगा के साथ घोषित कई एम्स का निर्माण हो चुका है, और कार्य शुरू है जैसे नागपुर एम्स 2014 में घोषित हुआ था, 2018 में बनकर तैयार हो गया। गोरखपुर एम्स 2014 में घोषित हुआ, 2019 में ओपीडी शुरू हो गया और अब सेवा में है। 2018 में तेलंगाना में एम्स घोषित हुआ, पार्शियली फंक्शनल है। 2017 में देवघर, राजकोट में एम्स घोषित हुआ, दोनों जगह क्लास शुरू है। 2015 में विजयपुर, विलासपुर, गुवाहाटी में घोषित हुआ जहाँ क्लासेज शुरू है।
दरभंगा में एम्स निर्माण में कई सारी तकनीकी कार्य होने है जैसे प्रस्तावित जमीन जहां एम्स बनना है उसे केंद्र सरकार को हस्तांतरित करना,भूमि को समतल करना,भूमि को अतिक्रमण मुक्त करना,भूमि से पुराने निर्माण को हटाना। आज तक बिहार सरकार भूमि को अतिक्रमण मुक्त नही कर सकी है। जमीन का समतलीकरण नही हुवा है। जिस रफ्तार से एम्स निर्माण से सम्बंधित निर्णय लिए जा रहे है इससे ऐसा प्रतीत होता है 2035 तक एम्स बनकर तैयार हो सकेगा।
वही एमएसयू के पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री राघवेंद्र रमण ने कहाँ की महोदय कोरोना के समय सरकार की पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य है, और ऐसे समय में एम्स निर्माण में हो रही देरी से मिथिला के लोगो मे भारी निराशा है। इस क्षेत्र के लोग इलाज करवाने के लिए अन्य शहरों में जाने के लिए मजबूर है और इससे आर्थिक, मानसिक और शारीरिक नुकसान का उन्हे सामना करना पर रहा है। गरीब जो अन्य शहरों में नही जा सकते है, या निजी अस्पताल में इलाज नही करवा सकते है उन्हे विशेष कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। एम्स निर्माण के लिए फ़ॉर लेन कनेक्टिविटी दिया जाना है, जिसके लिए भी अभीतक सरकार द्वारा कोई विशेष पहल नही किया जा रहा है, सरकार की इस सुस्ती के खिलाप मिथिला के लोगो मे जनाक्रोश है।
6 सालों में सरकार से शिलान्यास नहीं हुआ, अब मिथिला की जनता खुद दरभंगा एम्स का शिलान्यास करेगी। अगले 30 दिन तक मिथिला स्टूडेंट यूनियन (MSU) के सेनानी टीम बनाकर गांव-गांव जाएंगे, घर-घर से दरभंगा एम्स के शिलान्यास के लिए ईंट जमा करेंगे, इसके बाद 8 सितंबर को दरभंगा में 5000 लोगों के समक्ष एम्स के लिए प्रस्तावित जगह पर उन इंटों से शिलान्यास करेंगे। मौके पर मिथिलावादी पार्टी जिलाध्यक्ष विवेक मैथिल नीतीश मिश्र, प्रवेश झा ,रौशन गणेश सहनी, अर्जुन बिहारी, नौसादआलम, सुमन सौरव, सागर कुमार, अविनाश कुमार, अजय कुमार यादव,समेत सैंकड़ो सेनानी उपस्थित थे।
एमडीएम का बोरा बेच रहे शिक्षक, वायरल वीडियो पर हुए शिक्षक के निलंबन का कर रहे विरोध
मधुबनी : बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू के आह्वान पर मधुबनी जिले के अंधराठाढ़ी प्रखंड मुख्यालय में सैकड़ों शिक्षकों ने एमडीएम का बोरा बेचने के लिए स्टॉल लगाया। प्रखंड अध्यक्ष अमरेश कुमार यादव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। बता दें कि कटिहार जिला के शिक्षक मो० तमीजुद्दीन ने निदेशक मध्याह्न भोजन के आदेश के आलोक में बाजार में घूम-घूम कर एमडीएम का बोरा बेचने का प्रयास किया था।
सोशल मीडिया और मीडिया में यह वीडियो वायरल होने पर सरकार ने शिक्षक पर सरकार की छवि खराब करने का मनगढ़ंत आरोप लगाकर मो० तमीजुद्दीन को निलंबित कर दिया। मधुबनी जिला सचिव बबीता चौरसिया ने कहा कि निदेशक मध्याह्न भोजन योजना में ही एमडीएम के चावल के बोरा को 10 रुपये प्रति बोरा बेचकर सरकारी खाते में राशि जमा करने का आदेश दिया है।शिक्षक इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करते हैं, तो इसे निलंबित किया जाता है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। सभी शिक्षक एकजुट होकर इस निलंबन कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं।
इस मौके पर प्रखंड सचिव वैद्यनाथी राम, अनुमंडल प्रवक्ता चंद्रशेखर सीताराम महतो, राज नारायण सिंह, तेतर राम, श्रवण कामती, दिनेश्वर राम, मोतिउर रहमान, भोगेंद्र कुमार, सुलेमान, मो. मुमाताज आलम, मो. कलाम, ललन कुमार चौधरी, ओबैद अहमद, शंभू प्रसाद, रमन कुमार चौधरी, निर्मल कुमार यादव, अशोक कुमार आदि दर्ज़नों शिक्षकों ने बोरा बेचने का शर्मनाक आदेश देने वाले अधिकारी पर कार्रवाई करने तथा बोरा बेचने का आदेश वापस लेने की मांग मुख्यमंत्री से की।
उन्होने कहा कि सरकार यदि निलंबन आदेश वापस नहीं लेगी, तो 16 अगस्त को जिला मुख्यालय में सेल लगाकर सैकड़ों शिक्षक स्कूल अवधि के बाद एमडीएम का बोरा बेचेंगे तथा नियमानुसार सरकार के राशि में खाते में राशि जमा करेंगे। इसी प्रकार मधेपुर, रहिका समेत अन्य प्रखंडों में भी शिक्षकों ने मुख्यालय के सामने खाली बोरों का सेल लगाकर सरकार के प्रति अपने आक्रोश व विरोध का प्रदर्शन किया।
तीन कलाकारों को मिथिला चित्रकारी के क्षेत्र में अति विशिष्ट योगदान के लिए मिलेगा राष्ट्रीय सम्मान
मधुबनी : तीन मिथिला पेंटिंग कलाकारों को नेशनल मेरिट सर्टिफिकेट के लिए चुना गया है। भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय ने हस्तशिल्प अवार्ड 2018 के लिए कलाकारों का अंतिम रूप से चयन कर लिया है। हालांकि इस बार शिल्प गुरु और नेशनल अवॉर्ड में मधुबनी पेंटिंग के एक भी कलाकार का चयन नहीं किया गया है। नेशनल मेरिट सर्टिफिकेट के लिए जिले के सरिता दत्त, दिलीप पासवान और प्रेमलता कुमारी का चयन हुआ है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सारिका दत्त व दिलीप पासवान रहिका प्रखंड के जितवारपुर गांव के रहने वाले हैं। दिलीप पासवान को गोदना पेंटिंग में स्टोरी ऑफ राहु पूजा की टीम पर बनी पेंटिंग के लिए चयनित किया गया है। वहीं सरिता दत्त को मधुबनी पेंटिंग में शिव नंदी गणेश कलाकृति के लिए चुना गया है।
जबकि प्रेमलता कुमारी को मधुबनी पेंटिंग में सेव गर्ल चाइल्ड और विराट अवतार लॉर्ड विष्णु की थीम पर बनी पेंटिंग के लिए चुना गया है। इन कलाकारों को शीघ्र ही दिल्ली बुलाकर नेशनल मेरिट सर्टिफिकेट के अलावा शॉल व 75 हजार रुपये देकर सम्मानित किया जाएगा।
लूटकांड का तीनों अपराधी को युवकों ने पकड़ किया पुलिस के हवाले भेजा गया जेल
मधुबनी : जिले के बिस्फी में बीते शुक्रवार को प्रखंड क्षेत्र के कोकिल चौक से पश्चिम पूल के पास हुई रुपया लूटकांड का तीनों अपराधी आज न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। ये तीनों मो० परबेज, मो० शमीर एवं मो० गुलाब सीतामढी जिला के नानपुर थाना स्थित ददरी गांव निवासी हैं। लूटा गया एक लाख रुपैया भी बरामद कर लिया गया है। इनका बाइक एवं तीन मोबाइल भी जब्त कर लिया गया है। इस गिरफ्तारी में स्थानीय लोगो की भूमिका अहम रही।
अपराधियों की गिरफ्तारी करीब बीस किमी पीछा करने के बाद हुई। ये लोग दमला में एक बैरकेटिग लगाने के बाद हुई। मो० तौसीफ का कहना है कि इस बीस किमी में अपराधियों ने बीस राउण्ड फायरिंग किया। इसमें कोई जख्मी नहीं हुआ। बेनीपट्टी एसडीपीओ अरूण कुमार सिंह ने बताया कि इस गिरफ्तारी में कुछ नवयुवकों की भूमिका की सराहना करता हूँ। मुहर्रम के बाद ये सम्मानित किए जाएंगे। इन्होने पुलिस प्रशासन की काफी मदद की है। इस मौके पर एसडीओ अशोक कुमार, डीएसपी अरुण कुमार सिंह, बिस्फी थानाध्यक्ष संजय कुमार, पतौना प्रभारी विजय पासबान, औंसी प्रभारी हरेन्द़ शर्मा के साथ मो० अकरम, जाप नेता ब्रज कुमार भारती, इन्द्र कुमार कर्ण, उप-मुखिया मो० साकीर हुसैन आदि मौजूद थे।
सुमीत कुमार की रिपोर्ट