11 सितंबर : आरा की मुख्य खबरें

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आरा की मुख्य ख़बरें

सुसुप्तावस्था में पुजारी की गोली मार हत्या

आरा : भोजपुर जिले के हसन बाजार ओपी अंतर्गत जमुनीपुर गांव में शुक्रवार की मध्यरात्रि हथियारबंद अपराधियो ने सो रहे बुजुर्ग पुजारी की गोली मारकर हत्या दी। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम आज सुबह आरा सदर अस्पताल में करवाया।

मृतक की पहचान रोहतास जिले के बिक्रमगंज थानान्तर्गत मुंजी गाँव निवासी स्व टुकारी सिंह के 65 वर्षीय पुत्र राम चन्द्र सिंह के रूप में की गयी है जो वे कई वर्षो हसन बाजार ओपी क्षेत्र के जमुनीपुर गांव अपने ससुराल में रह रहे थे। वे पुजारी थे तथा झाड़-फूंक का भी काम किया करते थे। ह्त्या का कारण स्पष्ट नहीं है| पुलिस मामले की छान-बिन कर रही है| हसन बाज़ार ओपी थानाध्यक्ष शिवेंद्र कुमार के अनुसार रामचंद्र सिंह अपनी झोपड़ी में सोये थे तभी कुछ अज्ञात अपराधियों ने उनकी गोली माल कर ह्त्या कर दी| उन्हें पीरो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उन्हने मृत घोषित कर दिया|

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मास्टर ट्रैफिक प्लान: सेक्टर, जोन और सुपर जोन में बंटेगा आरा शहर

आरा : मास्टर ट्रैफिक प्लान के तहत अब आरा शहर को अलग अलग इन-चार्ज के नेतृत्व में सेक्टर, जोन और सुपर जोन में बांटा जायेगा। सेक्टर से सभी इंचार्ज आपस में समन्वय स्थापित कर ट्रैफिक को सुचारू बनायेंगे ताकि शहर में जाम की समस्या उत्पन्न नहीं हो। इसके लिये सभी को वायरलेस से लैस किया जायेगा। इसके जरिये सेक्टर, जोन और सुपर जोन तक के इंचार्ज और कर्मी आपस में कनेक्ट रहेंगे। इससे सेक्शन से सुपर जोन तक की ट्रैफिक की हर खबर मिलती रहेगी। एक से दो दिन में सेक्टर, जोन और सुपर जोन बना कर इंचार्ज की तैनाती कर दी जायेगी।

एसपी विनय तिवारी ने बताया कि पूरे शहर को जाम से पूरी तरह निजात दिलाने के लिये सेक्टर, जोन और सुपर जोन बनाया जा रहा है। सेक्टर से सुपर जोन में तैनात इंचार्ज और सभी जवान वायरलेस से आपस में कनेक्ट रहेंगे। इस दौरान सभी ट्रैफिक का हाल लेते रहेंगे ताकि कहीं जाम हो, तो तुरंत उसे हटाया जा सके। उन्होंने बताया कि सुपर जोन के इंचार्ज ट्रैफिक थानाध्यक्ष, जोन के इंचार्ज एसआई या एएसआई स्तर के अधिकारी और सेक्टर के इंचार्ज हवलदार बनाये जायेंगे।

आरा शहर में बन रहे ट्रैफिक पोस्ट का एसपी विनय तिवारी ने देर रात तक जायजा लिया। उन्होंने बताया कि ट्रैफिक पोस्ट का निर्माण तेजी से चल रहा है। तीन से चार दिनों में पोस्ट का निर्माण कर लिया जायेगा। कुछ जगहों पर पोस्ट का निर्माण पूरा हो गया है। उन्होंने बताया कि पोस्ट का निर्माण पूरा हो जाने के बाद सिग्नल ट्रैफिक सिस्टम पूरी तरह पटरी पर आ जाएगा।

स्ट्रेचर नहीं मिलने पर मरीज को पॉलीथीन में लपेट कर लाया गया अस्पताल

आरा : बिहार सरकार के स्वास्थ्य व्यवस्था में आमूलचूल सुधार के दावे को धता बताते हुए भोजपुर जिले के आरा सदर अस्पताल की एक घटना सामने आई है जहां ब्रेन हैमरेज से पीड़ित बुजुर्ग महिला को स्ट्रेचर के अभाव में इलाज के लिए परिजनों को अस्पताल में इधर-उधर भटकना पड़ा. अस्पताल प्रबंधन ने मरीज को स्ट्रेचर नहीं मुहैया कराया गया तो मजबूरी में परिजन पॉलीथीन शीट में मरीज को लपेट कर एक वार्ड से दूसरे वार्ड का चक्कर लगाने लगे.

अस्पतालकर्मियों के मनमानी रवैये की वजह से गंभीर अवस्था में अस्पताल पहुंची वृद्ध मरीज को न तो अस्पताल से एम्बुलेंस मिला और न ही स्ट्रेचर. उल्टे उन्हें अस्पतालकर्मियों की ओर से स्ट्रेचर कहीं और व्यस्त होने का हवाला देते हुए उन्हें इंतजार करते रहने का सुझाव जरूर मिल गया कि इलाज कराना है तो वो कुछ देर रूके नहीं तो मरीज को टांग कर ले जा सकते हैं.

मरीज के परिजनों ने बताया कि हमने अस्पतालकर्मियों से मरीज को ले जाने के लिए स्ट्रेचर की मांग की तो बोले कि अभी स्ट्रेचर खाली नहीं है. कुछ देर इंतजार करिये. मरीज की हालत ज्यादा खराब थी इस लिए हम लोग जैसे-तैसे उनको इलाज के लिए ले गए. जबकि सदर अस्पताल के मैनेजर ने कहा कि स्ट्रेचर व्यस्त होने के कारण मरीज के परिजनों को कुछ देर इंतजार करने के लिए बोला गया था. लेकिन बिना बताये ही परिजन मरीज को किसी तरह टांग कर इलाज करवाने के लिए निकल गए.

आरा सदर अस्पताल में इलाज कराने आई बीमार वृद्ध महिला तरारी प्रखंड के बिहटा गांव निवासी फुलझारों देवी हैं. परिजनों ने बताया कि अचानक उनकी तबियत खराब हो गई और जब चिकित्सक से उनको दिखाया गया तो उनका ब्रेन हैमरेज होने की बात बताई गई. जिसके बाद हम लोग उनका इलाज कराने के लिए आरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड लाये जहां चिकित्सक ने उन्हें सीटी स्कैन कराने को कहा. सीटी स्कैन कराने के लिए अस्पतालकर्मियों से स्ट्रेचर की मांग की तो वहां मौजूद कर्मियों ने स्ट्रेचर कहीं और जगह व्यस्त होने की बात कह कर इंतजार करने को कहा. लेकिन मरीज की तबियत ज्यादा खराब देख परिजन किसी तरह पॉलीथीन शीट का सहारा लेते हुए उन्हें उसमें लपेट मरीज को इलाज के लिए गए.

हॉस्पिटल मैनेजर गोल मटोल जवाब देते हुए कहा कि जो भी स्ट्रैचर है वो पोस्टमार्टम रूम में गया था और जो स्ट्रेचर था वो कहीं वार्ड में गया था. इसलिए समय पर उन लोगों को स्ट्रेचर उप्लब्ध नहीं हो पाया जबकि अस्पतालकर्मियों द्वारा उन्हें कुछ देर रूकने की बात कही गई थी. लेकिन वो लोग नहीं माने और वो अपने तरीके से मरीज को लेकर इलाज के लिए चले गए|बताते चले कि आरा सदर अस्पताल की यह कोई नई बात नहीं है| आये दिन ऐसा होता है और मरीजों को अस्पताल कर्मियों की उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है|

आरा में फायरिंग, एक गिरफ्तार

आरा : भोजपुर जिला मुख्यालय आरा नगर थानान्तर्गत बिंद टोली में आपसी विवाद को लेकर दो पक्षों में भिड़ंत के बाद गोली भी चली हालांकि गोली किसी को लगी नहीं। पुलिस ने फायरिंग में एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। वह उसी मोहल्ले का रहने वाला हिमांशु कुमार है। एक खोखा और दो गोली भी बरामद की गयी है। इसे लेकर काशी प्रसाद के बयान पर नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। टाउन थाना की पुलिस द्वारा इसकी पुष्टि की गयी है।

पुलिस के अनुसार हिमांशु कुमार द्वारा हथियार नहर में फेंक दिये जाने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि आपसी विवाद को लेकर दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया। गाली-गलौज से बात बढ़कर मारपीट तक पहुंच गयी। इसी दौरान एक पक्ष की ओर से फायरिंग कर दी गयी। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गयी और हिमांशु कुमार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मौके से एक खोखा और दो गोली बरामद की गयी जबकि पुलिस को देख हथियार नहर में फेंक दिया गया।

विद्युत प्रवाहित तार की चपेट में आने से युवक की मौत

आरा : भोजपुर जिला के मुफस्सिल थानान्तर्गत बसंतपुर गांव में विद्युत प्रवाहित तार की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई। मृतक बसंतपुर गांव निवासी स्व. राजदेव रजक का 26 वर्षीय पुत्र भीम कुमार रजक है। वह पेशे से मजदूर था। मृतक के परिजनों ने बताया कि वह सुबह शौच करने बधार में जा रहा था। जहां रास्ते में पहले से बिजली का तार टूट कर गिरा पड़ा था। रास्ते में जाने के दौरान वह उसी विद्युत प्रवाहित तार के चपेट में आ गया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

स्थानीय ग्रामीणों ने उसे बीच रास्ते में मृत अवस्था में पड़ा देखा, तो उन्होंने इसकी सूचना मृतक के परिजनों को दी। सूचना पाकर मृतक के परिजन घटनास्थल पर पहुंचे और उसे इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल ले आये। जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके पश्चात परिजनों ने इसकी सूचना टाउन थाना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही टाउन थाना पुलिस सदर अस्पताल पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में करवाया।

शिशुओं को निमोनिया से बचाने को रहें सतर्क, संक्रमण से बच्चों की सुरक्षा जरुरी

आरा :  निमोनिया छींकने या खांसने से फ़ैलने वाला संक्रामक रोग है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के शोध बताते हैं कि निमोनिया से ग्रसित होने का खतरा 5 साल से कम उम्र के बच्चों को सबसे ज्यादा है। दुनिया भर में होने वाली बच्चों की मौतों में 15 प्रतिशत केवल निमोनिया की वजह से होती हैं। यह रोग शिशुओं की मृत्यु के 10 प्रमुख कारणों में से एक है जिसका कारण कुपोषण और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता भी है। ज्यादातर निमोनिया से बच्चों के ग्रसित होने की संभावना सर्दियों के मौसम में अधिक होती है लेकिन विगत एक महीने से बच्चों में निमोनिया से संक्रमण के आंकड़ों में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजय कुमार सिन्हा ने बताया यह रोग बैक्टीरिया, वायरस या फंगस से फेफड़ों में संक्रमण से होता है। एक या दोनों फेफड़ों के वायु के थैलों में द्रव या मवाद भरकर उसमें सूजन पैदा हो जाती है जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है।बच्चों को सर्दी में निमोनिया होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है जो जानलेवा भी हो सकता है। सुखद बात यह है की इस गंभीर रोग को टीकाकरण द्वारा पूरी तरह रोका जा सकता है। इसलिए अपने बच्चों को सम्पूर्ण टीकाकरण के अंतर्गत सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलव्ध पीसीवी का टीका जरूर लगवाएँ। पीसीवी या न्यूमोकॉकल कॉन्जुगगेट वैक्सीकन का टीका शिशु को दो माह, चार माह, छह माह, 12 माह और 15 माह पर लगाने होते हैं। यह टीका ना सिर्फ निमोनिया बल्कि सेप्टिसीमिया, मैनिंजाइटिस या दिमागी बुखार आदि से भी शिशुओं को बचाता है।

कोरोना का खतरा पूरी तरह टला नहीं है। ऊपर से बारिश के मौसम में ऐसे भी संक्रमण का खतरा बच्चों के लिए अधिक होता है। ऐसे में आपके शिशुओं को कई तरह के संक्रामक रोग हो सकते हैं। यदि शिशु में कंपकपी के साथ बुखार हो, सीने में दर्द या बेचैनी, उल्टी, दस्त सांस लेने में दिक्कत, गाढ़े भूरे बलगम के साथ तीव्र खांसी या खांसी में खून, भूख न लगना ,कमजोरी, होठों में नीलापन जैसे कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। ये निमोनिया के संकेत हैं जिसमें जरा सी भी लापरवाही आपके शिशु के लिए खतरनाक हो सकता है।

डॉ. सिन्हा ने बताया निमोनिया एक संक्रामक रोग है इसलिए भीड़-भाड़ और धूल-मिट्टी वाले स्थानों से बच्चों को दूर रखें, जरूरत पड़ने पर मास्क और सैनिटाइज़र का उपयोग करवाएं। समय-समय पर बच्चे के हाथ धुलवायें। उन्हें प्रदूषण और धूम्रपान से बचाएं ताकि सांस संबंधी समस्या न रहें। रोग-प्रतिरोधक क्षमता से बीमारी से लड़ना आसान होता है इसलिए 6 माह तक के शिशुओं को पूर्ण रूप से स्तनपान और उससे बड़े शिशुओं को पर्याप्त पोषण दें।

जिला प्रशासन ट्रैफिक नियम पर पुन:विचार करे

आरा : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माले के कयामुद्दीन अंसारी ने भोजपुर जिला पदाधिकारी रौशन कुशवाहा को पत्र लिखर कर कहा है की आरा नगर मे जिन महोदयों द्वारा ट्रैफिक नियम बनाया गया है उसमें केवल जाम न लगे इस को प्राथमिकता दी गयी पर जन सुविधा, स्वास्थ्य, और टेम्पू चालकों की समस्या को नजर अंदाज किया गया है इसलिए एक बार पुन:इस ट्रैफिक नियम पर विचार करना चाहिए|

कयामुद्दीन ने कहा कि कि स्टेशन से शिवगंज दूर्गा मंदिर तक एक रुट करना चाहिए, जिससे आम गरीब मरीज आसानी से सदर अस्पताल पहुंचे और उसकी जान बच सके। दूसरी बात यह है कि दूर्गा मंदिर के पास आपका एक पोस्ट हो जो किसी भी प्रकार की गाड़ी को चौक की ओर जाने न दे। तीसरी बात यह करना चाहिए कि मठिया से टेम्पू सीधे धर्मन चौक से आगे बिचली रोड़ होते हुए बडी चौक पहुंचे और वह टेम्पू शिवगंज होते हुए स्टेशन पहुंचे। कयामुद्दीन ने जिलाधिकारी से निवेदन किया कि यह एक छोटा सा प्रस्ताव है इस पर विचार किया जाय।यह आरा नगर के आम आदमी ,बिमार आदमी को मदद पहुंचायेगा।

राजीव एन अग्रवाल की रिपोर्ट 

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