04 अगस्त : सारण की मुख्य खबरें

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स्वैच्छिक सेवानिवृति प्राप्त चौकीदार एवं दफादार के द्वारा नामित 13 आश्रितों को जिलाधिकारी ने दिया नियुक्ति पत्र

छपरा: जिलाधिकारी डाॅ नीलेश रामचन्द्र देवरे के द्वारा समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में स्वैच्छिक सेवानिवृति प्राप्त चौकीदार एवं दफादार के द्वारा नामित 13 आश्रितों को नियुक्ति पत्र दिया गया। जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि गृह (आरक्षी) विभाग, बिहार, पटना से प्राप्त निदेश एवं जिला नियोजन चयन समिति के बैठक में लिये गये निर्णय के आधार पर स्वैच्छिक सेवानिवृति प्राप्त चौकीदार एवं दफादार के आश्रितों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया।

जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि चयनित आश्रित जिनकी शैक्षणिक योग्यता 10वीं अथवा उसके समकक्ष है, को सामान्य शर्तों एवं निर्धारित नियमों के अंतर्गत वेतनमान पे मैट्रीक्स लेबल-01 रुपया 18000 एवं अन्य देय भत्ता में सरकार के शर्ताे एवं निदेश के अधीन चौकीदार के पद पर नियोजित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित जीवन यापन भत्ता एवं अन्य सुविधाएं चतुर्थवगीय कर्मचारी के रुप में देय होगा।

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नियुक्ति पत्र पाने वाले आश्रितों में अमर कुमार यादव, पिता- गणेश राय, ग्राम-एकमा टोला विशुनपुरा , सुदेशवर राय पिता-कवल देव राय, ग्राम-पकड़ी महम्मद, अमनौर, श्रीकांत माॅझी, पिता,- काशी माॅझी ग्राम-ढ़ोरलाही कैथल, अमनौर, संतोष कुमार माॅझी, पिता- द्वारिका माॅझी, ग्राम-आतानगर, इसुआपुर, श्याम बाबू प्रसाद, पिता-अषर्फी राय, ग्राम-रामपुर अटौली, इसुआपुर, राजेश राय, पिता-गामा राय, ग्राम-टेढ़ा, इसुआपुर, जितेन्द्र राउत, पिता-श्री दशरथ राउत, ग्राम-अमरदह, इसुआपुर, पंकज कुमार सिंह, पिता- रामशंकर सिंह, ग्राम-सतजोड़ा, पानापुर, प्रमोद कुमार तिवारी, पिता-चन्द्रमा तिवारी, मषरक, विकेश कुमार तिवारी, पिता- देवेन्द्र तिवारी, ग्राम-मषरक शास़्त्री टोला, मशरक, रोहित कुमार सिंह, पिता- दूघनाथ सिंह, ग्राम-रसुलपुर, अमनौर, मुन्ना राय, हुलास राय, ग्राम-मशरक मदारपुर एवं टुनटुन कुमार सिंह, पिता- भोला सिंह, ग्राम-बहुआरा, मशरक शामिल है। इस अवसर पर जिलाधिकारी के साथ अपर समाहर्ता विभागीय जाँच श्री भरत भूषण प्रसाद, जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी श्री कन्हैया कुमार जिला सामान्य शाखा के कर्मीगण उपस्थित रहे।

एसडीएस पब्लिक स्कूल के प्रांगण में अगामी कार्यक्रमों को लेकर हुई भाजपा की बैठक

छपराः भारतीय जनता पार्टी छपरा सारण की बैठक एसडीएस पब्लिक स्कूल छपरा के प्रांगण में हुई। जिला अध्यक्ष रामदयाल शर्मा ने बताया बैठक में जिला पदाधिकारी गण सभी मंडल अध्यक्ष सभी मंडल प्रभारी सभी प्रकोष्ठ तथा मोर्चा के अध्यक्ष एवं संयोजक उपस्थित हुए। बैठक में अगामी होने वाले कार्यक्रमों पर विस्तृत चर्चा की गई।

बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष ओम प्रकाश यादव, क्षेत्रीय सत्यापन प्रभारी बृजेश रमन, जिला प्रभारी अनूप श्रीवास्तव, जिला अध्यक्ष रामदयाल शर्मा, जिला सत्यापन प्रभारी बृज मोहन सिंह, पूर्व पूर्व प्राचार्य अरुण सिंह, जिला महामंत्री शांतनु कुमार, रमाशंकर मिश्र शांडिल्य, राजेश ओझा, लालबाबू कुशवाहा, जयशंकर बैठा, डॉ धर्मेंद्र सिंह,

ज्ञानचंद मांझी, प्रेम नारायण सिंह, अमरजीत कुमार सिंह, वीरेंद्र पांडेय, निशांत राज, नितिन राज वर्मा, अनु सिंह, पुष्पेंद्र उपाध्याय, सुशील सिंह, विश्वास गौतम, अनुरंजन कुमार, रवि भूषण मिश्रा,अनिल सिंह, विधि प्रकोष्ठ मनोज सिंह, हेम नारायण सिंह,त्रिभुवन तिवारी जिले के सभी मंडल अध्यक्ष, विधानसभा प्रभारी, मंडल प्रभारी आदि उपस्थित हुए।

5 से 15 अगस्त तक प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के क्रियान्वयन को लेकर विशेष कैंप

छपराः जिले में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के क्रियान्वयन को लेकर 5 से 15 अगस्त यानी दो सप्ताह तक विशेष कैंप आयोजन किया जायेगा। इसको लेकर आईसीडीएस के निदेशक ने पत्र जारी कर सभी जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि विशेष कैंप आयोजित कर योजना के अंतर्गत नये योग्य लाभुकों को पंजीकृत करते पीएमएमवीवाई-कैस के सभी लंबित आवेदनों का निष्पादन किया जाये। सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विशेष कैंप आयोजित कर लंबित आवेदनों का निष्पादन किया जाये। इसके साथ ही द्विवतिय व तृतिय किस्त का भुगतान करना सुनिश्चित किया जाये। पीएमएमवीवाई कैस के लाभार्थियों के आवेदन प्रपत्र प्रत्येक दिन सत्यापित किया जायेगा।

महिलाओं को दी जाती है 5000 रूपये की प्रोत्साहन राशि :

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को शिशु होने तक तीन किस्तों में कुल 5000 रुपये की राशि सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत दी जाती है. पहली किश्त 1000 रुपये दी जाती है जिसके लिए किसी भी सरकारी स्वास्थ्य इकाई में गर्भ धारण करने के 150 दिनों के अंदर पंजीकरण कर जरूरी दस्तावेज देने पड़ते हैं। कम से कम 1 प्रसव पूर्व जांच करवाने पर 180 दिनों बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये एवं शिशु के जन्म के बाद उनके पंजीकरण व प्रथम चरण के टीकाकरण के बाद तीसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये की राशि दी जाती है।

क्या है आंकड़ा :

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत जिले में जुलाई माह 2021 तक 79430 आवेदन पीएमएमवीवाई-कैस पोर्टल पर अपलोड किया गया है। प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्रों को 18 आवेदन प्राप्त करने का टारगेट दिया गया है। जिले में द्वितिय किस्त के 199 तथा तृतीय किस्त के लिए 5507 लाभार्थियों का आवेदन पेंडिंग है। सारण जिले में 21 परियोजना कार्यालय है तथा आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 4638 है।

प्रधान मंत्री मातृत्व वंदना योजना का उद्देश्य :

गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार और नकदी प्रोत्साहन के माध्यम से अधीन-पोषण के प्रभाव को कम करना। इस योजना से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले जीवित बच्चे के जन्म के दौरान फायदा होगा। योजना की लाभ राशि डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे भेजी जाती है।

सुरक्षित व सही तरीके से गर्भपात को लेकर चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक

छपराः कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं को कई तरह के समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसमें सुरक्षित गर्भपात करना भी एक चुनौती रहा। इसको लेकर जिले के मांझी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम, आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को आईपास डेवलपमेंट फाउंडेशन के सीनियर रिसर्च एंड ट्रेनिंग कोऑर्डिनेटर अभिरंजन ने सुरक्षित गर्भ समापन और कानून के बारे में विस्तृत जानकारी तथा सही तरीके से गर्भपात को लेकर चर्चा की। उन्होंने बताया कोरोना के समय में लोगों को कई विषम परिस्थितियों से गुजरना पड़ा। इस दौरान कई ऐसी महिलाएं है जो अनचाहे रूप से गर्भवती हो गई।

संक्रमण के मद्देनजर वह अपना सुरक्षित रूप से गर्भपात भी नहीं करा सकी। सरकारी अस्पतालों में व्याप्त चिकित्सकीय सुविधा का लाभ से वह वंचित रह गई। लिहाजा उन महिलाओं का गर्भ अब 2 से 3 माह का हो चुका है। इसलिए उनका सुरक्षित रूप से चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक है। ताकि उनका सुरक्षित रूप से गर्भ समापन किया जा सके। इसे लेकर सभी को प्रयास करने की आवश्यकता है। खासकर सामाजिक स्थिति में इसको लेकर जागरूकता लानी होगी। इस प्रशिक्षण में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रोहित कुमार, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक विश्वजीत कुमार, आईपास फांउडेशन के अभिरंजन शामिल थे।

20 सप्ताह तक के गर्भ को कानूनी रूप से समाप्त करने की है इजाज़त :

एमटीपी( मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ़ प्रेगनेंसी) एक्ट 1971 में निहित कुछ निहित शर्तों के तहत कोई भी महिला 20 सप्ताह तक के गर्भ को कानूनी रूप से हटा सकती है। लेकिन एमपीटी एक्ट में कुछ शर्तों का जिक्र किया गया है। जिसका अनुपालन अनिवार्य है तथा इसे लेकर जरूरी दस्तावेज होनी चाहिए। लेकिन इस दरमियान ख्याल रखना होगा कि उनका सुरक्षित रूप से गर्भपात हो सके। इसके लिए उनके परिजनों को खास ध्यान रखने की आवश्यकता है। किसी भी बिचौलियों के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। किसी तरह की समस्या होने पर निकट के सरकारी अस्पताल में संपर्क करना चाहिए।

सरकारी अस्पतालों में निशुल्क रूप से कानूनी रूप से गर्भपात कराने की सुविधा उपलब्ध है। इस दौरान विशेष परिस्थिति होने पर एंबुलेंस की मदद से महिला मरीज को नि:शुल्क रूप से हायर सेंटर भेजने की सरकारी सुविधा उपलब्ध है। लोगों को इसका लाभ लेना चाहिए। 20 सप्ताह तक गर्भ समापन कराना वैध है. लेकिन 12 सप्ताह के अंदर एक प्रशिक्षित डॉक्टर एवं 12 सप्ताह से ऊपर तथा 20 सप्ताह के अंदर तक में 2 प्रशिक्षित डॉक्टर की उपस्थिति में सदर अस्पताल या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल में प्रशिक्षित डॉक्टर की मौजूदगी में गर्भपात होनी चाहिए। इस दौरान माहवारी के समय साफ -सफाई के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी।

असुरक्षित गर्भपात से 8 प्रतिशत महिलाओं की हो जाती मौत :

भारत में होने वाली मातृ मृत्यु में से लगभग 8% मृत्यु असुरक्षित गर्भपात के कारण होती है। यदि किसी महिला को माहवारी के दिन चढ़ गए हो या उससे अनचाहे गर्भ के ठहरने की आशंका हो तो उसे बिना किसी देरी के नजदीकी आशा एएनएम से संपर्क करना चाहिए या डॉक्टर को दिखाना चाहिए अगर गर्भधारण की पुष्टि होती है और महिला गर्भ नहीं रखना चाहती है तो उसे गर्भपात का निर्णय जल्दी ले लेना चाहिए अगर गर्भ 9 सप्ताह तक का हो तो गोलियों द्वारा गर्भपात भी किया जा सकता है।

गर्भपात जितना जल्दी कराया जाए उतना ही सरल और सुरक्षित होता है। कई बार ऐसा हो सकता है कि गर्भपात सेवाएं लेने के लिए पहुंचने तक गर्भ 12 हफ्ते से ऊपर का हो इसके पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं -जैसे कि गर्भ की जानकारी बाद में लगना होने वाले शिशु में जन्मजात विकृति होना अस्पताल समय से ना पहुंच पाना। सुरक्षित गर्भपात के मद्देनजर समय पर निर्णय न ले पाना इत्यादि। यदि महिला 12 हफ्ते या 3 महीने से ज्यादा अवधि के गर्भ का गर्भपात करवाना चाहती है तो उसमें उसे घबराने की आवश्यकता नहीं है।

20 सप्ताह तक गर्भपात से जुड़ी सेवाएं लेने के लिए महिला को बड़े अस्पताल जैसे कि जिला अस्पताल 24*7 उपलब्ध सीएससी तथा मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाना होगा। गर्भावस्था की अवधि के आधार पर महिला को इन सेवाओं के लिए अस्पताल में भर्ती किया जाता है। महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए कि वह गर्भपात के साथ तुरंत ही किसी गर्भनिरोधक साधनों का उपयोग शुरू कर दें। क्योंकि गर्भपात और अगले गर्भधारण के बीच में कम से कम 6 महीने का अंतर रखना उचित होता है।

परिवार व समाज की खुशहाली व विकास में महिलाओं की भागीदारी रही है महत्वपूर्ण

छपरा :परिवार व समाज की खुशहाली व विकास में महिलाओं की भागीदारी शुरू से ही महत्वपूर्ण रही है। आज महिलाएं सामाजिक स्तर पर हर बड़े बदलाव का सूत्रधार बन रही हैं। समाज के समक्ष खड़ी किसी बड़ी चुनौती के वक्त महिलाएं आगे बढ़ कर अपने नेतृत्व के दम पर इससे निपटने का साहस दिखाने के लिये भी अब आगे आने लगी हैं। वैश्विक महामारी के इस दौर में भी ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं।

जब क्षेत्र की महिलाओं ने सामुदायिक स्तर पर संक्रमण के प्रसार को रोकने व बचाव संबंधी उपायों तथा कोविड टीकाकरण बढ़ावा देने के प्रयासों में जुटे रह कर अपनी सफलता का मिसाल पेश किया है। जिला मुख्यालय से महज 40 किलो मीटर की दूरी पर स्थित मांझी प्रखंड के मोहम्मदपुर पंचायत की मुखिया शिया देवी का नाम भी कुछ ऐसी ही महिलाओं की सूची में शामिल है। 75 वर्षीय मुखिया शिया देवी ने कोविड टीकाकरण अभियान को गति देने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है।

मुखिया ने विषम परिस्थतियों व उम्र की नजाकत को दरकिनार करते हुए घर-घर जाकर पंचायत के लोगों कोविड टीकाकरण के प्रति जागरूक किया। टीकाकरण के प्रति लोगो में फैली भ्रांतियों को दूर कर पंचायत के अधिकतर लोगों का टीकाकरण करा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन के साथ जागरूकता अभियान में मुखिया ने कदम से कदम मिलाकर चली और पंचायत के लोगों को जागरूक की। मुखिया द्वारा फैलाई जागरूकता का प्रभाव इतना हुआ कि आज इस पंचायत के लगभग 80 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण किया जा चुका है।

पहले खुद और परिवार सभी सदस्यों का टीकाकरण करायी :

75 वर्षीय मुखिया शिया देवी ने कहा “जब पंचायत में लोगों को टीकाकरण के बारे में जानकारी देने जाते थे तो अधिकतर लोगों के जुबान यही बात होती थी कि आप और घर के लोगों ने टीका लिया है? तब मैनें पहले खुद टीकाकरण कराया उसके बाद परिवार सभी लोगों को टीका दिलावा। उसके बाद पंचायत हर लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक किया। ताकि कोरोना संक्रमण से हर किसी को सुरक्षा मिल सके। ” अब लोगों में इतनी जागरूकता आ गयी है कि लोग टीकाकरण के लिए काफी आतुर दिखते हैं एवं ख़ुद इसके बारे में जानकारी लेते रहते हैं। इस गांव में 25000 की आबादी है। अब 80 प्रतिशत से अधिक टीकाकरण हो चुका है।

वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से भी दी वैक्सीन की सही जानकारी:

मुखिया शिया देवी ने टीकाकरण के प्रति लोगों को घर-घर जाकर तो जागरूक किया ही. इसके अलावा सोशल मीडिया का सदुपयोग करते हुए वाट्सएप ग्रुप बनायी। इस ग्रुप में पंचायत के हर वर्ग के लोगों को शमिल किया गया और टीकाकरण के प्रति फैली अफवाहों को दूर किया गया। स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन के सूचनाओं, टीकाकरण के बारे में जानकारी इत्यादि मैसेज शेयर किया गया ताकि अधिक अधिक लोगों तक सही जानकारी मिल सके।

लॉक डाउन के दौरान भी की सेवा :

जब संक्रमण का प्रसार रफ्तार में था। सरकार ने लॉकडाउन का ऐलान कर दिया था। लोग अपने-अपने घरों में कैद थे। तब मोहम्मदपुर पंचायत की मुखिया शिया देवी लोगों की सेवा में जुटी थी। घर-घर मास्क व साबुन का वितरण किया गया। संक्रमित क्षेत्रों में सेनिटाइजेशन कराया गया। इसके साथ आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद की गयी। ताकि कोई भी परिवार भूखा नहीं रहें। इतना नहीं मुखिया के पुत्र निजी स्कूल भी चलाते हैं। लॉक डाउन में लोगों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए सभी बच्चों का स्कूल का फीस माफ कर दिया। पिछले साल भी मुखिया के द्वारा यह पहल की गयी थी।

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