प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में जर्जर भवन में होगा 1 एपीएचसी एवं 05 एचएससी निर्माण का कार्य
मधुबनी : जिले के प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में एक ए.पी.एच.सी. एवं 05 05 एचएससी. (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) का निर्माण होगा। जारी पत्र में बताया गया है कि जिस भवन की स्थिति जर्जर है वहां निर्माण होगा। इस संबंध में जिला पदाधिकारी अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति ने पत्र जारी कर निर्देश दिया है। इस पत्र के अनुसार सरकार प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, एवं पाँच उप स्वास्थ्य केन्द्र के लिए चाहरदीवारी के साथ भवन निर्माण कराना चाहती है, ताकि स्वास्थ्य व्यवस्था को उन्नत एवं बेहतर किया जा सके।
क्या है हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर :
स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण स्तर पर ब्लड शुगर बीपी,एचआईवी, टीवी, कोलेस्ट्रॉल इत्यादि 30 से ज्यादा प्रकार की जांच सुविधाएं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर होती है| इसके अलावा संबंधित बीमारियों के लिए सभी प्रकार की दवाइयां भी दी जाती हैं| उन दवाओं का किस प्रकार उपयोग किया जाए इसका भी परामर्श अस्पताल में आने वाले सभी लोगों को दिया जाता है।
पहले प्राइमरी हेल्थ सेंटर में मां और बच्चे के स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाता था| अब उसी केंद्र को ‘हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ के तौर पर विकसित किया गया है| इस सेंटर पर कम्युनिकेबल और नॉन कम्युनिकेबल दोनों तरह की बीमारियों का इलाज होता है| इस महत्वाकांक्षी योजना का 60 प्रतिशत खर्च केंद्र और 40 प्रतिशत खर्च राज्य सरकार वहन करती है|
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोलने का उद्देश्य :
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोलने का मुख्य उद्देश जनमानस को सौहार्दपूर्ण वातावरण में विश्वसनीय गुणवत्तापूर्ण एवं विस्तारित प्राथमिक स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराना है| केंद्र सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत गरीब कमजोर एवं मध्यम वर्ग के लोगों को सभी तरह की स्वास्थ्य उपलब्ध कराई जाती है|
ग्रामीणों को समय रहते हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ब्लड प्रेशर, डायबिटीज व कैंसर, मैटरनल हेल्थ और डिलीवरी की सुविधा, नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य सुविधा, कॉन्ट्रासेप्टिव सुविधा और संक्रामक, गैर संक्रामक रोगों के प्रबंधन की सुविधा, आंख, नाक, कान व गले से संबंधित बीमारियों का इलाज किया जाता है। गंभीर बीमारियों का लक्षण पता चलने के बाद मरीज को जिला अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है।
इन मानकों का करें पालन और कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर :
– मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।
– विटामिन-सी युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करें।
– अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकलें और भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें।
– लक्षण महसूस होने पर कोविड-19 जाँच कराएं।
– बारी आने पर निश्चित रूप से वैक्सीनेशन कराएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।
अंधराठाढ़ी प्रखण्ड के प्रसिद्ध गंगद्वार कमला नदी में लग रहा कांवरियों का भीड़
मधुबनी : जिले के अंधराठाढ़ी प्रखण्ड के प्रसिद्ध गंगद्वार कमला नदी में इनदिनों कांवरियों का भीड़ लग रहा है। सावन के पवित्र महीनों में लगातार भक्तो का तांता लगा रहता है। सोमवार को भी सावन की दूसरी सोमवारी पर गंगद्वार कमला नदी में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान कर कमला नदी का पवित्र जल लेकर शिव मंदिर में पहुंचे थे।
मालूम को कि प्रखंड के गंगद्वार कमला नदी पर, भवानीपुर, भटसिमर, नकटी रतिकर, वसवानी, कोआही टोल, भुतहा बाजार, बलवाहा, जहर मोहरा, चपाही, मैलाम सहित गंगद्वार के अगल बगल के गांव के कांवरियों से माहौल भक्तिमय बना रहा। इस दौरान बोल-बम, हर-हर महादेव के जयघोष के साथ विभिन्न शिव मंदिर में जलाभिषेक किए।
इस बाबत डॉ० कुमार चंद्रशेखर भगत, दिनेश साहु, प्रमोद बिहारी, दिवाकर झा, कमलेश कुमार झा ने बताया कि वैसे तो गंगद्वार कमला नदी पर सावन महिने में कई दशक से एवं सालो भर अष्टयाम नवाह के लिए जल भरने के लिए श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन सावन महिने में यहा भारी संख्या में शिवभक्त पहुंचते है। गंगद्वार के कमला बलान नदी से कांवर में जल लेकर श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए उगना होल्ट, उगना महादेव मंदिर भी जाते हैं। यहां का माघ मेला और मकर बहुत ही चर्चित है। इस दौरान यहां मुडंन भी संपादित कीये जाते है।
पति की हत्या कर नदी में फेकने वाली पत्नी गिरफ्तार, प्रेम प्रसंग में प्रेमी व दो अन्य अपराधी के द्वारा की गई हत्या
मधुबनी : जिले के झंझारपुर अनुमंडल के मधेपुर थाना क्षेत्र स्थित भीठ भगवानपुर गांव में पत्नी ने प्रेम प्रसंग को लेकर पति की हत्या कर दी। पति की हत्या में अपने प्रेमी व दो अन्य अपराधियों के साथ मिलकर पति का गला दबाकर हत्या करने के बाद लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसे नदी में फेंक दिया। पुलिस ने वैज्ञानिक तरीके से तहकीकात कर पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है।
प्रेमी व दो अन्य अपराधी फरार चल रहा है। इसकी जानकारी डीएसपी कार्यालय प्रकोष्ठ में डीएसपी आशीष आनंद ने प्रेस वार्ता के दौरान दी है। उन्होंने बताया कि भीठ भगवानपुर की चांदनी सिंह ने अपने प्रेमी राजकुमार सिंह व दो अन्य साथी के मिलीभगत कर सोए अवस्था में पति की गला दबा कर हत्या कर दिया। शव को एक बाइक पर लादकर टेंगराहा गांव स्थित कोसी की धार में शव को फेक दिया। पुलिस की दबिश व वैज्ञानिक तरीके से की गई अनुसंधान में चांदनी सिंह ने अपने पति की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली है।
डीएसपी श्री आनंद ने कहा कि हत्या के बाद पत्नी के द्वारा ही पति की लापता होने की मधेपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जिसमें बताया गया है कि निरंजन सिंह गांव के ही सरोज कर्ण के यहां चालक का काम करता था। 10 जुलाई को रोज की तरह रात्रि 7बजे वह घर आया तो नशे में था। पैसा मांगने लगा, तो पैसा नहीं रहने की बात बताई गई, फिर वह मेरे साथ मारपीट करने लगा। फिर गाली गलौज करते हुए रात्रि 10बजे वह घर से निकल गया। 11 जुलाई को खोजबीन किया, लेकिन नहीं मिला।
विगत 8 दिन तक खोज करने के बाद नहीं मिले, तो या लापता होने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जब पुलिस वैज्ञानिक तरीके से इसका अनुसंधान मधेपुर थाना पुलिस के द्वारा की गई, तो पति के द्वारा खर्चा नहीं दिए जाने के कारण वह हमेशा परेशान रहती थी, इस बीच राजकुमार सिंह से इसके संबंध स्थापित हो गया। और राजकुमार सिंह के द्वारा ही घर का खर्चा चलया जाता था। राजकुमार सिंह से चांदनी सिंह का अवैध संबंध की बात सामने आयी। बीते 2 साल से चांदनी सिंह का घर में राजकुमार सिंह का आना जाना चुपके से चलता रहा।
फोन से लंबी लंबी बातें भी हुआ करती थी। 8 जुलाई को राजकुमार सिंह से चांदनी सिंह को कहा गया कि पति निरंजन सिंह की हत्या अपराधियों से करवा देता हूं। चांदनी सिंह इसके लिए तैयार हो गई। 10 जुलाई को रात्रि घर के दक्षिण वाले कमरे में सोये अवस्था में राजकुमार सिंह एवं अन्य दो अपराधियों के साथ मिलकर गला दबाकर हत्या कर दी गई। और उसे मोटरसाइकिल के बीच वाले सीट पर बैठा कर कोशी नदी की धारा में फेंक दिया गया।
डीएसपी ने कहा कि दो अपराधी की भी पहचान कर ली गई है। जो एक दरभंगा जिले एवं दुसरा लखनौर थाना क्षेत्र का रहने वाला है। मालूम हो कि 12 साल पहले निरंजन सिंह व चांदनी सिंह की शादी हुई थी। दोनों से तीन संतान भी है। इसमें सबसे बड़ा लड़का 11 साल का है। अन्य 5 साल एवं 1 साल की पुत्री है।
कोरोना त्रासदी के बाद भी सरकार की आंख नही खुल रही, इलाज कराने तय करनी पड़ती है16 किमी की दूरी
मधुबनी : यूं तो कोरोना की मार हर जगह ही पड़ी है, पर बिहार में हालात और भी ज्यादा खराब हैं। पूरा स्वास्थ व्यवस्था या यूं कहें कि पूरा स्वास्थ महकमा ही वेंटिलेटर पर चल रहा है। कोरोना काल मे ऐसे कई खबरें ओर रिपोर्ट्स आपने देखी होगी, जो सूबे के स्वास्थ व्यवस्था की पोल खोल रही थीं। ऐसे में सरकार ने तो तब जागती दिखाई दी, ओर न अब ध्यान दे पा रही है। कम से कम बिहार के मधुबनी जिले का हाल तो ऐसा ही कुछ है। जी हाँ सही सुना आपने, ऐसे ही एक उप-स्वास्थ केंद्र की हकीकत से रु-ब-रु करवाते हैं आज आपको, जिसका सच जानने के के बाद आपका भरोसा इस सिस्टम पर से उठ जाएगा।
वाकया मधुबनी जिले के बिस्फी प्रखंड के कलवार गाँव का है, जहाँ प्राथमिक उप-स्वास्थ केंद्र की हालत तो छोड़िए, आप वहां एम्बुलेंस या किसी भी प्रकार के वाहन तक पहुंच भी नही पाएंगे। वाहन को भी जाने दीजिए, आप वहाँ पैदल भी नही जा पाएंगे। कारण भी जान कर आप दंग रह जाएंगे, की वहाँ तक पहुंचने के लिए सड़क ही नही बनी हुई है।
सड़क कच्ची थी भी, पर अब बरसात में वो भी कट कर बह गई है, और उप-स्वास्थ केंद्र अब टापू से बन गया है। खैर अगर आप जैसे-तैसे पानी पर कर वहां पहुंच भी गए, तो वहाँ डॉक्टर, कंपाउंडर, नर्स, स्वास्थ कर्मी की जगह बड़े-बड़े ताले लटके मिलेंगे। इलाज की बात छोड़िए जनाब, वहाँ आपको एक आदमी तक नही दिखेगा।
बड़े ताज्जुब से जब हमारे संवाददाता से वहाँ के लोगों से बात की और इसके बारे में पड़ताल की तो पता चला कि ये उप-स्वास्थ केंद्र बन जाने के बाद आज तक ये ऐसे ही बंद पड़ा हुआ है। अगर गांव के किसी भी व्यक्ति/महिला/बुजुर्ग/बच्चे को इलाज की जरुरत आ पड़े तो कम से कम 16किलोमीटर चलकर मधुबनी जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल तक जाना पड़ता है।
अब ऐसे में अगर सर्पदंश या दुर्घटना के शिकार लोगों को समय पर इलाज न मिल पाने पर मृत्य का खतरा भी बना रहता है। इस बाबत स्थानोय लोगों ने बताया कि कई बार स्थानोय जनप्रतिनिधियों, विधायक, सांसद को कहा गया है, पर एभी तक नतीजा सिफर ही निकला है। करोड़ों की आबादी वाले इस बिहार में जब कोरोना काल मे स्वास्थ विभाग की लचर व्यवस्था सामने आई, तो उसके गुजरने के बाद भी सरकार ने तो इन स्वास्थ केंद्रों पर ध्यान दे रही है, और न ही इनको शुरू करने की दिशा में पहल कर रही है।
इंडो-नेपाल सीमा पर एसएसबी के जवानों ने नेपाल पुलिस के साथ की जाॅइंट पेट्रोलिंग
मधुबनी : जिला के जयनगर के अर्राहा 18वीं वाहनी एसएसबी एवं एपीएफ माड़र, नेपाल एवं नेपाली पुलिस के साथ जॉइंट पैट्रोलिंग भारत नेपाल सीमा पर की गई। जिसमें एसएसबी अर्राहा कैम्प के प्रभारी परमात्मा सिंह के साथ पांच अन्य जवान तथा एपीएफ नेपाल के पुलिस इंसपेक्टर लोकनाथ उपरेटी के साथ अन्य सात जवान मौजूद थे।
इंडो-नेपाल सीमा पर अवांछित गतिविधियों पर रोक लगाने के सुरक्षा के लिहाज से दोनों देशों के सुरक्षा बलों ने घंटों तक गश्ती किया, ताकि सीमा पर किसी भी तरह के अवांछित गतिविधियों पर रोक लगाया जा सके। भारत-नेपाल के अधिकारियों के बीच हुई मीटिंग में सीमा क्षेत्रों की आंतरिक सुरक्षा और दोनों देशों के बीच बंधुत्व की मजबूती को लेकर चर्चा की गई, साथ ही कई रणनीतियां बनाई गई।
एसएसबी के अधिकारी ने कहा भारत-नेपाल सीमा की अपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी मेहनत के साथ कार्य करना और दोनों देशों के हितों को ध्यान में रखते हुए आपसी में भाईचारा को मजबूत करने की पेट्रोलिंग एक महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाती है, और सीमा पर पूरी तरह से तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए एसएसबी जवान को चौकस रहकर चुनौती से निपटने की नसीहत दी गई। इस मौके पर माखन सिंह, चन्दन महतो, दिप अंजन राय, पवन कुमार, लोकनाथ उपरेटी, कामेश्वर यादव, नायरण मगर सहित एसएसबी के जवान एवं नेपाली एपीएफ के जवान मौजूद थे।
पेगासस जासूसी मामले विभिन्न मांगों के आलोक में कांग्रेस ने दिया घरना, सरकार से इस्तीफे की मांग की
मधुबनी : पेगासस जासूसी मामले में सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच और गृह मंत्री, भारत सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर मधुबनी जिला कांग्रेस कार्यालय के सभाकक्ष में जिला अध्यक्ष प्रोफेसर शीतलाम्बर झा के अध्यक्षता में एक दिवसीय विशाल धरना प्रदर्शन किया गया। सभा को संबोधित करते हुए अध्यक्ष प्रोफेसर शीतलाम्बर झा ने कहा कि पेगासस जासूसी मामले में सर्वोच्च न्यायलय की निगरानी में जाँच और गृह मंत्री, भारत सरकार के इस्तीफे के मांग किये।
उन्होंने बताया कि इजरायली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस की मदद से भारतीय राजनेताओं न्यायधीशों, पत्रकारों, नागरिक अधिकारों के लिए सक्रिय कार्यकर्त्ताओं सहित 121 प्रमुख भारतीय लोगों के फोन टैपिंग विवाद में केन्द्र सरकार की संलिप्तता देश की आंतरिक सुरक्षा के साथ गंभीर आपराधिक मामला है। इजरायली एनएसओ कम्पनी द्वारा विकसित पेगासस सॉफ्टवेयर की मदद से भारतीय सरकार विपक्ष के नेताओं, जिनमें कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी और उनके कार्यालय तक का फोन टैप करवाए जाने की बात सामने आई है।
देश की आंतरिक सुरक्षा को विदेशी कम्पनी के हाथों गिरवी रखने वाला यह कुकृत्य है। इस कृत्य को सीधे सीधे नागरिक अधिकारों से जोड़कर देखा जाना चाहिए साथ ही ये निजता के हनन का मामला है। किसी भी लोकतांत्रिक देश में तानाशाही रवैये के साथ प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा अपने ही देश के प्रमुख नागरिकों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाना बेहद ही गलत काम है। इस कम्पनी की नीतियों के अनुसार इस सॉफ्टवेयर को केवल देश की चयनित सरकारों और उनकी एजेंसियों को ही बिक्री के लिए उपलब्ध कराया गया है।
सिटीजन रिपोर्ट में बताया गया है कि एमटीएनएल जैसी राष्ट्रीय सम्प्रभुता के टेलीफोन और इंटरनेट प्रदाता कम्पनी तक को इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से नियंत्रित किया गया तथा उसके चयनित उपभोक्ताओं पर नजर रखी गयी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सशंकित है कि उनकी भी जासूसी की जा रही है। उन्हें इस बात का भय निश्चित तौर पर है कि उन्हें ही सहयोगी उनकी जासूसी करवा रहे है।
2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान अप्रैल मई में भी इस सॉफ्टवेयर के जरिए सेलफोन से डाटा चुराया जा रहा था। नए आईटी मंत्री द्वारा देश को बरगलाने के लिए गलतबयानी की गई। उन्होंने ऐसे किसी भी सॉफ्टवेयर के उपयोग से अनभिता चाहिए की जबकि, पूर्व आईटी मंत्री ने स्वयं 28 नवम्बर 2019 को 121 लोगों की जासूसी की बात
खुलेआम स्वीकार की थी। महामहिम को समर्पित ज्ञापन के माध्यम से जिला कांग्रेस देश के प्रधानमंत्री से जवाब मांगती है कि :
• भारतीय सुरक्षा बल, न्यायपालिका, कैबिनेट मंत्री, विपक्ष के नेताओं, पत्रकारों की ताकझांक में विदेशी सॉफ्टवेयर की मदद लेना गलत कृत्य है या नहीं ?
• अप्रैल मई 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार राहुल गांधी के कार्यालय सहित अन्य प्रमुख लोगों की जासूसी करवाने वाली इस सरकार की मंशा क्या थीं।
● कितने रूपयों से इस सॉफ्टवेयर की खरीद की गई और किसके आदेश से यह खरीद हुई ?
• सरकार को जब पता था कि 2019 से जासूसी का कार्य अनवरत चल रहा है तो उसने चुप्पी क्यों साध रखी थी ?
• राष्ट्रीय आंतरिक मसलों को विदेशी कम्पनी के हाथों गिरवी रखने के एवज में क्या गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा नहीं देना चाहिए ?
• प्रधानमंत्री, गृह मंत्री सहित जासूसी प्रकरण में संलिप्त सभी लोगों पर सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में सम्पूर्ण जाँच होनी चाहिए. साथ ही दोषियों को चिन्हित करके कार्रवाई की जानी चाहिए
• देश में ऑक्सीजन खरीद और कोरोना मृतकों के परिजनों को देने के लिए मुआवजा राशि नहीं है, वैसे में इतने महंगे सॉफ्टवेयर की खरीद सरकार कर रही है ये कहाँ तक न्यायसंगत है ?
• इन मुद्दों को लेकर देश की सबसे पुराना राजनितीक दल भारत के वर्तमान सरकार के कुकृत्यों से सशंकित है। इसे लेकर कांग्रेस पार्टी महामहिम के माध्यम से माननीय राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन सौंप गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग करती है। साथ ही पेगासस जासूसी प्रकरण की जाँच को सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में संचालित करने की मांग भी कांग्रेस पार्टी करती है।
इस सभा में बैठे मौजूद मोहम्मद साबिर हुसैन, बैद्यनाथ झा ,कुसुम कांत झा ,अनिल चंद्र झा, पितांबर मिश्र, सुरेश चंद्र झा, मुकेश कुमार पप्पू, ज्योति रमन झा ,जय कुमार झा, अब्दुल देयान हाशमी, अबू बकर, मोहम्मद शमशेर, फैजान, अहमद सुशील कुमार झा ,सोहन कामत ,सुरेंद्र मिश्र, सरवन ठाकुर ,किरण पासवान, सुरेंद्र महतो, अशोक कुमार चौधरी, गणेश झा,दीपक कुमार सिंह,मीना देवी कुशवाहा, सुरेश चंद्र झा,गंगाधर पासवान,ललन कुमार झा,ज्योति झा,सुरेंद्र मिश्रा,कालिश चन्द्र झा,बबिता चौरसिया, सुनील पासवान,सीतेश पासवान,प्रफुल्ल चन्द्र झा,ऋषिदेव सिंह,अनुरंजन सिंह,शुभंकर झा,मो नसरुल्लाह हसन,शिबनाथ ठाकुर,रामबाबू यादव,शमसुल हक,पीताम्बर झा,नलनी रंजन झा,अमित सिंह,अलोक कुमार झा,कपिलदेव झा,राधेश्याम राय,जयमोहन झा,आदि सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
आई बाढ़ के कारण एक दर्जन से अधिक सड़कें टूट गए मरम्मत नहीं किए जाने से यातायात में हो रही कठिनाइयां
मधुबनी : जिले के बिस्फी प्रखंड क्षेत्र में आई बाढ़ के कारण लोगों की परेशानी कम होती नजर नहीं आ रही है, जहां एक दर्जन सड़कें टूट गई थी। उसे मरम्मत नहीं किए जाने से लोगों में यातायात करने में कठिनाइयां हो रही है। वही प्रखंड मुख्यालय से केवल दो किलोमीटर दक्षिण घाट भटरा गांव बाढ़ की विभीषिका से त्रस्त है। गांव की पंच हजार की आबादी बाढ़ के पानी से पूरी तरह से अभी भी गिरा हुआ है।
गांव बिल्कुल टापू बन गया है। घाट भटरा से छछुआ होते हुए बिस्फी जाने वाली सड़क छछुआ गांव के पास 50 फीट में सड़क ध्वस्त हो गया है। इस सड़क की मरम्मत का कोई प्रयास अब तक प्रशासन द्वारा नहीं किया गया है। घाट भटरा से मच्चा होते सिगिया जाने वाली सड़क पूरी तरह पानी में डूबा हुआ है। घाट भटरा-विस्फी सड़क बिस्फी के पास पुल का निर्माण अधूरा होने से यातायात बंद है। प्रशासन की ओर से केवल एक नाव दिया गया है, जो की बड़ी आबादी के लिए नाकामी है। जबकि रोज बड़ी संख्या में बिस्फी एवं कमतौल बाजार रोजमर्रा की चीजें लाने के लिए लोग निकलते हैं।
इस बाबत ग्रामीण ललितेश्वर पासवान, हरि यादव, विमल यादव, सुरेश पासवान सहित अन्य ने बताया कि घाट भटरा गांव के लोगों को भगवान भरोसे जीने के लिए प्रशासन ने छोड़ दिया है। आवागमन पूरी तरह ठप रहने से लोग अपने घरों में कैद होकर जीवन व्यतीत कर रहे हैं। लोगों की जिंदगी केवल नाव के सहारे ही कटती है। प्रशासन को कई बार ग्रामीणों ने इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन प्रशासन गंभीर नहीं दिखते बीमार लोगों को अस्पताल तक पहुंचाना एक बड़ी समस्या बनी हुई है।
सावन मास में नवविवाहितओं का प्रसिद्ध पर्व मधुश्रावणी अपने परवान पर
मधुबनी : जिले के बिस्फी प्रखंड क्षेत्र में सावन मास में नवविवाहितओं का प्रसिद्ध पर्व मधुश्रावणी अपने परवान पर है। इस पर्व के आने से प्रखंड क्षेत्र में आनंदमय बहार आ गई है। प्रखंड के शिव दुर्गा मंदिर परसौनी, राघवेश्वर नाथ महादेव मंदिर ईटहर, दुर्गा मुदिर चौक चहुटा, सिमरी, दूल्हा, मुनिटोल, बजरहा, रुपौली, श्रृंगी ऋषि आश्रम सिंगिया, याज्ञवल्क्य आश्रम जगवन,घाटभटरा सहित कई धार्मिक एवं सार्वजनिक स्थानों पर नवविवाहित सज धज कर फूल लूढने के लिए पहुंच रही है।
घर आंगन बाग बगीचे खेत खलियान मंदिर परिसर में उनकी पायल की झंकार और मैथिली गीतों से माहौल मनमोहक बन जाता है। सहेलियों की टोली अपने सिंगार और गीत से क्षेत्र गुंजायमान हो चुका है, जहां सहेलियों के साथ आपस में हंसी ठिठोली का दृश्य देखने को मिलता है। बांस की डलिया में चुने बासी फूलों से कथा वाचन करने का विधान है। नवविवाहित आएं ससुराल से आए वस्त्र व खाद्य सामग्री का ही उपयोग इस 15 दिनों में करती है।
परसौनी से पल्लवी झा, काजल देवी, रिंकू देवी, गुड़िया देवी, सुप्रिया झा, रिचा झा, निकी देवी ने बताया कि इस पर्व में अपने सुहाग की मंगल कामना के लिए शिव की आराधना की जाती है। पर्व रखने का जीवन में एक बार बड़ा ही मौका मिलता है। वही मंगलवार को सातवे दिन अपने पति की सुख शांति और दीर्घायु की कामना के लिए नवविवाहिताओं के द्वारा श्रद्धा पूर्वक पूजा अर्चना की गई। जहां पंडिताइन महिलाएं ने कथा की, वही बैठकर महादेव एवं माता गौरी और नाग देवता की पूजा अर्चना की। नवविवाहिताओं का यह अनुष्ठान मधुशरावनी की पूजा 15 दिनों तक चलने वाली 11अगस्त को समाप्त होगी।
सीबीएसई की दसवीं परीक्षा में अंक लाकर बिस्फी प्रखंड के दो छात्रों ने प्रखंड सहित विद्यालय एवं गांव का किया नाम रोशन
मधुबनी : जिले के बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के नाहस रूपौली उत्तरी पंचायत के बजरहा गांव निवासी शिक्षक विनोद कुमार झा के पुत्र साकेत झा ने 96% से अधिक एवं परसौनी गांव निवासी शिक्षक पवन कुमार के पुत्री अलका कुमारी ने 94% से अधिक सीबीएसई की दसवीं परीक्षा में अंक लाकर प्रखंड सहित विद्यालय एवं गांव का नाम रोशन किया है। रिजल्ट आते ही बच्चों में खुशी की लहर दौड़ गई, और शुभचिंतकों ने बधाई देना प्रारंभ किया कर दिया। वही बच्चे के माता-पिता एवं अभिभावक ने मिठाई खिलाकर आशीर्वाद दिया एवं भविष्य में भी इसी तरह का रिजल्ट लाने की कामना की।
वही साकेत झा जहॉ आईआईटी करना चाहते हैं, तो वही अलका कुमारी मेडिकल में जाकर समाज सेवा करने की तमन्ना रखते हैं। शिक्षाविदों ने कहा कि छात्रों के बेहतर परिणाम से उत्साहित होना स्वभाविक है। क्षेत्र के बच्चों ने यह साबित कर दिया कि समय जैसे भी हो मेहनत किया जाए, तो हर मुश्किल आसान हो जाता है।
बच्चों को बधाई देने वालों में स्थानीय विधायक हरी भूषण ठाकुर बचोल, पूर्व विधायक डॉ० फैयाज अहमद, प्रमुख शीला देवी, मुखिया संघ अध्यक्ष गंगानाथ झा, सरपंच संघ अध्यक्ष मो० रहमत आलम, मुखिया बिंदा देवी, सरपंच ओम शांति देवी, जिला पार्षद बबली यादव, अजय शाह, अनिता कुमारी, संजय कुमार यादव, सीमा मंडल, सोनी कुमारी, राजेंद्र प्रसाद कुशवाहा, अभिजीत पासवान, वशिष्ठ नारायण झा, नरेश झा, संजीव कुमार झा, बबलू, कृष्ण कुमार ठाकुर, शत्रुघ्न राय, सतीश चंद्र झा, दीपेंद्र झा, पवन कुमार, मुकेश साफी, मदन साफी, राजकिशोर साफी, शालिनी कुमारी, रंजू कुमारी, अशोक साफी, कामोद साफी, सुलेखा कुमारी सहित भारी संख्या में लोगों ने बच्चे को बधाई दी है।
(आई०सी०डी०एस०) एवं बाल विकास परियोजनाओं हेतु की गई प्रोन्नति समिति की बैठक
मधुबनी : जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में जिला प्रोग्राम कार्यालय (आई०सी०डी०एस०) एवं बाल विकास परियोजनाओं में सेवानिवृत/कार्यरत लिपिक-सह-टंकक एवं परिचारी के लंबित ए०सी०पी०/एम०ए०सी०पी० का लाभ प्रदान करने हेतु प्रोन्नति समिति की बैठक का आयोजन जिला पदाधिकारी के कार्यालय प्रकोष्ट में किया गया।
बैठक के दौरान अपर समाहर्त्ता, मधुबनी, डी.पी.ओ., आई.सी.डी.एस., मधुबनी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक के दौरान योग्य कर्मियां को देय तिथि से ए०सी०पी०/एम०ए०सी०पी० से लाभ प्रदान करने का निर्णय लिया गया एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया।
बाढ़ के संभावित सभी पहलुओं पर की गयी समीक्षात्मक बैठक
मधुबनी : आयुक्त, दरभंगा प्रमण्डल, दरभंगा के अध्यक्षता में दरभंगा प्रमण्डल के सभी जिला पदाधिकारी एवं अपर समाहर्त्ता के साथ वर्तमान बाढ़ के संभावित सभी पहलुओं पर समीक्षात्मक बैठक की गयी, जिसमें मधुबनी जिला पदाधिकारी, मधुबनी अमित कुमार एवं अपर समाहर्त्ता, मधुबनी अवधेश राम भी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान आयुक्त महोदय, दरभंगा प्रमण्डल, दरभंगा द्वारा प्रमण्डल के सभी जिलों में बाढ़ से होने वाली सभी समस्याओं की जानकारी लिया गया, साथ ही मधुबनी जिलान्तर्गत के भी समस्यों से अवगत हुए एवं बाढ़ संभावित सभी पहलुओं पर ध्यान देते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए।
दिव्यांगजनों का संबोधन किया गया कहानी प्रस्तुत करते हुए
मधुबनी : जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग, मधुबनी संबल योजनान्तर्गत दिव्यांगजन स्क्रीनिंग-सह-सहायक उपकरण वितरण हेतु आयोजित समारोह का संबोधन नगर भवन, मधुबनी में जिला पदाधिकारी, मधुबनी अमित कुमार द्वारा किया गया। इस दौरान उप विकास आयुक्त, मधुबनी, सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा कोषांग, मधुबनी एवं कई पदाधिकारी व कर्मीगण उपस्थित थे।
जिला पदाधिकारी, मधुबनी द्वारा समारोह में उपस्थित सभी दिव्यांगजनों का संबोधन एक कहानी प्रस्तुत करते हुए किया गया। अपने संबोधन के दौरान जिला पदाधिकारी द्वारा कहा गया कि आपलोगों के सेवा में जिला प्रशासन सदैव तत्पर है, तथा किसी प्रकार की कठिनाई होती है, तो मेरे सम्पर्क सूत्र पर सम्पर्क कर अपनी शिकायत से अवगत करा सकते है।
समारोह के दौरान पूर्व से स्वीकृत आवदेन के अनुसार कुल 90 दिव्यांगजनों के बीच सहायक उपकरण का वितरण किया गया, जिसमें 02 (दो) नेत्रहीन दिव्यांगों को सेंशर युक्त ब्लांइड स्टीक, 04 (चार) श्रवण दिव्यांगों को श्रवण यंत्र एवं 06 (छः) दिव्यांगों को वैशाखी जिला पदाधिकारी के अध्यक्षता में दिया गया। साथ ही सभी दिव्यांगजनों को कहा भी गया कि उपकरण को इस्तेमाल करने या किसी प्रकार की परेशानी होती है, तो संबंधित अनुमण्डीय बुनयादी केन्द्र में जाकर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते है।
सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा कोषांग, मधुबनी द्वारा कहा गया कि समारोह के दौरान नगर भवन में प्रखण्डवार टेबल की भी व्यवस्था किया गया था, ताकि वैसे दिव्यांगजन जो आवेदन नहीं दिया हो एवं उन्हें किसी भी प्रकार की लाभ नहीं मिल रहा हो उन्हें ऑनस्पोट आवेदन जमा किया जा रहा था। पूर्व में 03 दिव्यांगों द्वारा विकलांग स्कूटी हेतु आवेदन दिया गया था, उन दिव्यांगों को स्कुटी दिलाने हेतु विभाग को पत्र भेज दिया गया है। वैसे व्यक्ति जो दिव्यांग है, वे अपने संबंधित प्रखण्ड में स्थित सामाजिक सुरक्षा कोषांग में सम्पर्क कर आवेदन दें तथा मुख्यमंत्री संबल योजनान्तर्गत दिव्यांगजन स्क्रीनिंग-सह-सहायक उपकरण का लाभ उठावें।
बंद पड़े स्वास्थ्य केंद्र को चालू करने व अनुमंडलीय अस्पताल की समस्या के निदान हेतु सिविल सर्जन को सौपा सात सूत्री मांगपत्र
मधुबनी : भारत-नेपाल के सीमा पर अवस्थित जयनगर अनुमंडलीय अस्पताल को चालू हुए पांच वर्ष होने जा रहा है। उक्त अस्पताल को चालू करने हेतु रामप्रसाद राउत एवं जयनगर नागरिक मंच के बैनर तले 101 दिन का आंदोलन किया था, जिसके फलस्वरूप अस्पताल चालू हुआ। तो दूसरी ओर जयनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को बंद कर दिया गया, जो पांच वर्षों से बंद पड़ा है। साथ ही एक भी स्वास्थ्य उप केंद्र/अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र चालू अवस्था में नहीं है, क्योंकि वर्षों से एक ही जगह डॉक्टर, नर्स, स्टाफ और स्वास्थ्य प्रबंधक जमे हुए हैं।
सभी अपना निजी क्लीनिक चलाने में व्यस्त है। स्वास्थ्य व्यवस्थाएं के अवलोकन से ऐसा लग रहा है कि भगवान ही मालिक है जयनगर अनुमंडलीय स्वास्थ्य व्यवस्था का। इस स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु समाजसेवी रामप्रसाद राउत ने मांगपत्र के मध्य से ध्यान आकृष्ट कराया है, ताकि जिला सिविल सर्जन के द्वारा उचित कार्रवाई किया जा सके।
उनकी मांगें निम्न हैं :-
1). जयनगर अनुमंडलीय अस्पताल में वर्षों से पदस्थापित स्वास्थ्य प्रबंधक को अविलंब स्थानांतरित किया जाए।
2). जयनगर अनुमंडलीय अस्पताल को सौंदर्यीकरण के दिशा में उचित कदम उठाए जाए।
3). रोगी कल्याण समिति का चुनाव अभिलंब कराया जाए।
4). नर्स ट्रेनिंग कॉलेज को चालू किया जाए।
5). जयनगर अनुमंडलीय अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए।
6). पैथोलॉजी जांच रूम को पूर्ण व्यवस्थित करते हुए सी०बी०सी०, पैथोलॉजी एवं डेंटल मशीन चालू करने, सहित फ्रीज, इनवर्टर, प्रिंटर मशीन की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए।
7). कंपाउंडर, ड्रेसर, फार्मासिस्ट, ओटी असिस्टेंट, लैब टेक्नीशियन की व्यवस्था अविलंब बहाल किया जाए।
उपरोक्त बातों के अवलोकनार्थ कराते हुए समाजसेवी रामप्रसाद राउत ने मधुबनी जिला सिविल सर्जन से अपने स्तर से उक्त समस्याएं निदान करने की मांग की है, ताकि स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ हो सके। ये आमलोगों के हित में होगा।
सुमित कुमार की रिपोर्ट