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कौआकोल के आदिवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने में जुटा जिला प्रशासन

नवादा : उप विकास आयुक्त वैभव चौधरी के निर्देशानुसार प्रखंड कौआकोल में घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र महुडर पंचायत की गायघाट में आदिवासी बहुल्य क्षेत्रों में आर्थिक सुविधा पहुंचाने हेतु आवश्यक कार्य किये गए हैं। इन क्षेत्रों में जनसंख्या संरचना एसटी-76 हाउसहोल्ड, एससी-09 हाउसहोल्ड हैं। इनका मुख्य पेशा कृषि, पशुपालन, मुर्गी पालन, सुअर पालन और कुछ युवाओं के काम में लगी हुई है।

तीर्थांकर महावीर जन्म स्थान गॉव के बहुत करीब है, इसलिए वहां बहुत सारे पर्यटक आते हैं इसलिए वहां विकास की संभावनाएं अधिक है। वहां के ग्रामीणों ने डेयरी व्यवसाय में अपनी रूची दिखाई है। लगभग 50 प्रतिशत ग्रामीण पहले से ही गैर वर्णित नस्ल के सुअर पालते हैं। वहां के लोग सुअर पालन में काफी रूची रखते हैं। अधिकांश आबादी में आदिवासी लोग पिछवाड़े में मुर्गी पालन करते हैं इसलिए वे बैकयार्ड पोल्ट्री में भी रूची रखते हैं। वहां के कुछ आबादी बकरी पालन भी कर रही है। इसलिए उन्हें भी छोटी बकरी पालन में रूची है।

उप विकास आयुक्त वैभव चौधरी द्वारा नक्सल प्रभावित आदिवासी क्षेत्रों में वैकल्पिक रोजगार के अवसर प्रदान किये गए हैं। उप विकास आयुक्त के निर्देशानुसार जिला पशुपालन पदाधिकारी नवादा, सहायक कुक्कुट पदाधिकारी नवादा, केवीके प्रतिनिधि और जिला डेयरी अधिकारी नवादा के द्वारा घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र महुडर पंचायत की गाय घाट आदिवासी क्षेत्रों का दौरा किया गया एवं उन्हें रोजगार मुहैया कराने हेतु विभिन्न योजनाओं को धरातल पर उतारने हेतु प्रयास किये गये।

चूंकि ग्रामीणों के पास कोई वैज्ञानिक विचार नहीं है। इसलिए सबसे पहले उन्हें केवीके सेखोदेवरा आश्रम कौआकोल के माध्यम से उपर्युक्त कार्यक्रमों के प्रशिक्षण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। डेयरी फार्मिंग, बैकयार्ड पोल्ट्री, बकरी पालन, सुअर पालन के लिए उन्हें फॉर्म और मार्जिन मनी के लिए, आवश्यक सभी चीजें तैयार करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में अविकसित लोगों को बहुत जल्द ही इन योजनाओं का लाभ प्रदान किया जायेगा ताकि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के आदिवासी मुख्य रोजगार के धारा से जुड़कर आर्थिक रूप से वे स्वयं मजबूत हो सके।