भोजपुरी चित्रकला के सम्मान के लिए चेहरा पेंटिंग आन्दोलन

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आरा : लगातार आठवें दिन भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा के चित्रकारों ने आरा रेलवे स्टेशन पर आम लोगों और मोर्चा के सदस्यों के चेहरे पर फेस पेंटिंग कर रेलवे प्रशासन को भोजपुरी चित्रकला के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए शांतिपूर्ण ढंग से कोविद 19 के नियमों का अनुपालन करते हुए आंदोलन चलाया गया। आज लगातार दूसरे दिन भी भोजपुरी चित्रकला की प्रदर्शनी भो लगाई गई। साथ ही इस आंदोलन के उद्देश्यों से आरा रेलवे स्टेशन पर मधुबनी चित्रकला को अंकित कर रहे चित्रकारों को भी परिचित कराया गया।

कलाकारों ने भोजपुरी चित्रकला की मिठास को आज आमलोगों एवं मोर्चा के सदस्यों के चेहरों पर फैलाया। चेहरों पर उकेरे गए भोजपुरी चित्रों का सौंदर्य देखते ही बन रहा था। तपती दुपहिया में भी लोग फेस पेंटिंग कराने के लिए आगे आ रहे थे। चित्रकार कौशलेश कुमार और उप संयोजक सह चित्रकार विजय मेहता ने अपनी कुंचियों की कलाकारी दिखाई। आम लोगों ने भोजपुर की धरती पर पहली बार किसी चित्रकला को चेहरे पर अंकित होते देखा। साथ ही आम जनता द्वारा भोजपुरी चित्रकला को सम्मानपूर्ण स्थान दिलाने के लिए हर संघर्ष में साथ देने की बात कही गई।

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फेस पेंटिंग के कार्यक्रम और चित्रकला प्रदर्शनी को सफल बनाने में मोर्चा के संयोजक भास्कर मिश्र, रंगकर्मी और पत्रकार रवींद्र भारती, फ़िल्म निर्देशक और रंगकर्मी कृष्णेन्दु, कोषाध्यक्ष एवं चित्रकार कमलेश कुंदन, चित्रकार रौशन राय, भोजपुरी मैथिली अकादमी,दिल्ली के सदस्य रवि प्रकाश सूरज, सामाजिक कार्यकर्ता सुनील पांडेय, रूपेश कुमार पांडेय (ज्ञानपुरी), आशीष कुमार, वेदिका, अभिषेक प्रीतम पत्रकार शमसाद प्रेम, डब्ल्यू कुमार, ओम प्रकाश पांडेय, धर्मेंद्र सिंह, संतोष कुमार, रंगकर्मी पंकज भट्ट, चित्रकार राकेश दिवाकर, संजीव सिन्हा, रंगकर्मी अशोक मानव,पाठक जी आदि ने उल्लेखनीय योगदान दिया।

राजीव एन० अग्रवाल की रिपोर्ट

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