15 जुलाई : सारण की मुख्य खबरें

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स्वर्ण व्यवसायियों के लिए हॉल मार्किंग के नियम को लेकर छपरा में लगाया गया प्रशिक्षण केंद्र

छपरा : भारतीय मानक ब्यूरो, एआईजेजीएफ के द्वारा आरडी हॉलमार्किंग सेंटर और छपरा सर्राफा संघ के संयुक्त तत्वाधान में नए हॉल मार्किंग के नियम को लेकर छपरा में प्रशिक्षण केंद्र लगाया गया. इस प्रशिक्षण केंद्र में नए हॉल मार्किंग नियमों पर चर्चा की गई. वही व्यवसायियों द्वारा इस पर सवाल जवाब भी किए गए. ज्वेलर्स और हॉलमार्किंग सेंटर के बीच सामंजस्य बैठे उसको लेकर इस शिविर का आयोजन किया गया.

हॉल मार्किंग ऑफिसर गुंजन कुमार ने कहा कि 7 दिनों के अंदर भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्टॉक की जानकारी मांगी गई है. भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा जिन ज्वेलर्स का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. उनका रजिस्ट्रेशन फिलहाल निशुल्क हो रहा है. जिनका रजिस्ट्रेशन फेल हो गया है वह भी निशुल्क किया जा रहा है. वही सचिवालय सहायक विजय कुमार प्रसाद ने कहा कि मानक ऑनलाइन पोर्टल के जरिए रजिस्ट्रेशन करा कर यूआईडी नंबर प्राप्त कर सकते है.

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ऑल इंडिया जेवेलर्स एंड गोल्डस्मित फेडरेशन के अध्यक्ष एवं श्रीप्रकाश प्रकाश ऑर्नामेंट्स के मालिक वरुण प्रकाश ने कहा कि हॉल मार्किंग के नए नियमों के बारे में छपरा के व्यवसायियों के लिए ऐसे शिविर का आयोजन करना जरूरी था. नए नियमों को समझना हर व्यवसायियों को जरूरी है. इस तरह के का शिविर प्रखंड स्तर पर भी लगना चाहिए, जिससे सर्राफा व्यवसायी जानकारी प्राप्त कर सकें.

वही इस शिविर में छपरा के व्यवसाय कृष्ण कुमार आर्य, अश्वनी गुप्ता, सुमन कुमार, प्रह्लाद सोनी, अरुण प्रकाश, राजेश गोल्ड, संतोष सोनी, विजय कुमार सोनी, आदि ने अपने सवाल रखें. व्यवसायियों का कहना था कि कानूनी कार्रवाई में लगभग 6 महीने का समय सरकार को देना चाहिए था. नए नियमों की जानकारी के लिए डोर टू डोर जागरूकता अभियान चलाना चाहिए था.

सर्राफा संघ के पूर्व अध्यक्ष ओम प्रकाश गुप्ता की अध्यक्षता में इस शिविर का आयोजन हुआ. महामंत्री के रूप में मनोज बरनवाल उपस्थित रहे. उन्हें इस शिविर का आयोजन आरडी हॉलमार्किंग सेंटर अभिषेक कुमार सोनी और छपरा सर्राफा संघ, स्वर्णकार संघ के द्वारा किया गया था. पटना से आये अधिकारियों के द्वारा दो दुकानदारों को हॉलमार्किंग का सर्टिफिकेट भी दिया गया।

8 वे दिन भी जारी रहा रोटरी क्लब छपरा द्वारा वैक्सीनेशन अभियान

छपरा: जिले में कोविड वैक्सीनेशन को लेकर रोटरी क्लब छपरा का अभियान 8 वे दिन भी जारी रहा। अभियान के तहत रोटरी क्लब छपरा के द्वारा अलग-अलग जगहों पर कैंप लगाकर लोगों को न सिर्फ जागरूक किया जा रहा है बल्कि स्वास्थय विभाग के सहयोग से वैक्सीनेशन भी करवाया जा रहा है। इसी क्रम में छोटा तेलपा स्थित ब्लू बेल्स पब्लिक स्कूल में रोटरी क्लब छपरा द्वारा 18 और 45 वर्ष के लाभुकों के लिए वैक्सीनेशन शिविर का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने वैक्सिन लिया और रोटरी क्लब को धन्यवाद दिया।

वैक्सीनेशन कैंप का उद्घाटन रोटरी क्लब के अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह ने किया उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन सबके लिए जरूरी है क्योंकि कोरोना के तीसरे लहर को हम वैक्सीनेशन के जरिए रोका जा सकता है। इस मौके पर पूर्व अध्यक्ष रोटेरियन डॉ शहजाद आलम ने कार्यक्रम संचालन किया। इस कार्यक्रम में शामिल होने वालों में ब्लू बेल्स के निदेशक सरफराज रशीद ने अतिथियों का स्वागत किया वही रोटेरियन आजाद खान सहित कई गणमान्य लोग भी मौजूद थे।

इसके पूर्व बुधवार को साढ़ा बाजार समिति के पास स्थित भूषण जिम में भी शिविर का आयोजन किया गया जिसमें 300 से अधिक लोगों ने वैक्सीन लगवाया। उद्घाटन अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह व भावी मुखिया प्रत्यासी रानी रतिभूषन शर्मा ने किया और बोली कि इस कोरोना काल मे वेक्सीनेसन से पुनीत कार्य कोई नही है और इस तरह के कैम्प के आयोजन में भरपूर सहयोग करुँगी। इस मौके रोटेरियन सुरेश प्रसाद सिंह, सुमेश कुमार, और रविभूषण शर्मा ने मौजूद रहे ।

सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा की गई विधिवत शुरुआत

छपरा : जिले में गुरुवार को सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा की शुरुआत की गयी। सदर अस्पताल के ओपीडी परिसर में सिविल सर्जन डॉ. जर्नादन प्रसाद सुकुमार के द्वारा अभियान का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस मौके पर सिविल सर्जन ने कहा कोविड-19 महामारी के सुरक्षात्मक उपायों को अनुपालन करते हुए वर्ष 2021 में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा कार्यक्रम का आयोजन 15 से 29 जुलाई, 2021तक किया जाना है। सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का उद्देश्य जिले में दस्त के कारण होने वाले शिशु मृत्यु का शून्य स्तर प्राप्त करना है। डायरिया से होने वाले मृत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना है। ओ आर. एस. एवं जिंक के प्रयोग द्वारा डायरिया से होने वाली मृत्यु को टाला जा सकता है।

सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा के दौरान अंतर्विभागीय समन्वय द्वारा दस्त की रोकथाम के उपायों, दस्त होने पर ओ. आर. एस. जिंक के प्रयोग, दस्त के दौरान उचित पोषण तथा समुचित इलाज के पहलुओं पर क्रियान्वयन किया जाना है। इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. चंदेश्वर सिंह, डीपीएम अरविन्द कुमार, डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह, डीपीसी रमेश चंद्र कुमार, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. रंजितेश कुमार, यूनिसेफ की जिला समन्वयक आरती त्रिपाठी समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।

जिंक का प्रयोग करने से दस्त की तीव्रता में आती है कमी :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. चंदेश्वर सिंह ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य परिवार के सदस्यों के समक्ष ओ.आर. एस. घोल बनाना एवं इसके उपयोग की विधि, इससे होने वाले लाभ को बताना, साफ-सफाई, हाथ धोने के तरीके आदि की जानकारी प्रदान करना। इसके साथ ही परिवार को परामर्श देगी कि जिंक का उपयोग दस्त होने के दौरान बच्चों को आवश्यक रूप से कराया जाये।

दस्त बन्द हो जाने के उपरांत भी जिंक की खुराक 02 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार कुल 14 दिनों तक जारी रखा जाए|02 माह से 06 माह तक आधी गोली (10mg) एवं 07वें माह से 05 वर्ष तक एक गोली (20mg)। जिंक का प्रयोग करने से दस्त की तीव्रता में कमी आ जाती है एवं अगले 02 से 03 महीने तक दस्त होने की संभावना कम हो जाती है।

अति-संवेदनशील व झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों पर विशेष फोकस :

सिविल सर्जन डॉ. जेपी सुकुमार ने कहा कि अभियान के दौरान अति संवेदनशील क्षेत्र शहरी झुग्गी-झोपडी, कठिन पहुँच वाले क्षेत्र बाढ़ प्रभावित क्षेत्र नोमैडिक, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार ईंट भट्ठे पाले क्षेत्र अनाथालय तथा ऐसा चिह्नित क्षेत्र जहाँ दो-तीन वर्ष पूर्व तक दस्त के मामले अधिक संख्या में पाये गये हों वहां पर विशेष फोकस किया जायेगा। छोटे गाँव, टोला, बस्ती, छोटे कस्बे जहाँ साफ-सफाई, साफ पानी की आपूर्ति एवं स्वास्थ्य अनुपालन किया जाना सुनिश्चित करें।

परिवार के सदस्यों की होगी काउंसिलिंग :

आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान परिवार के सदस्यों के समक्ष ओआरएस घोल बनाना एवं इसके उपयोग की विधि, इससे होने वाले लाभ को बताना, साफ-सफाई, हाथ धोने के तरीके की जानकारी दी जायेगी। इसक साथ हीं परिवार को इन बिन्दुओं पर परामर्श दी जायेगी।

• जिंक का उपयोग दस्त होने के दौरान बच्चों को आवश्यकत रूप से काराया जाये। दस्त बंद हो जाने के उपरांत भी जिंक की खुराक 2 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार 14 दिनों तक जारी रखा जाये
• जिंक और ओआरएस के उपयोग के उपरांत भी दस्त ठीक न होने पर बच्चे को नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जायें
• दस्त के दौरान और दस्त के बाद भी आयु के अनुसार स्तनपान, उपरी आहार तथा भोजन जारी रखा जाये
• उम्र के अनुसार शिशु पोषण संबंधी परामर्श दिया जायेगा
• पीने के लिए साफ एवं सुरक्षित पेयजल का उपयोग करें
• खाना बनाने एवं खाना खाने से पूर्व और बच्चे का मल साफ करने के उपरांत साबुन से हाथ धोयें
• डारिया होने पर ओआरएस और जिंक का उपयोग करने से बच्चों में तीव्र सुधार होता है
• बच्चे के मल का निस्तारण सुरक्षित स्थान पर जल्द से जल्द कर दिया जाये
• दस्त का फैलने से रोकने के लिए शौचालय का प्रयोग करना चाहिए

ये लक्षण दिखाई देने पर तुरंत स्वास्थ्य केंद्र ले जायें :

• बच्चा ज्यादा बीमार लग रहा हो
• पानी जैसा लगातार दस्त का होना
• बार-बार उल्टी होना
• अत्याधिक प्यास लगना
• पानी न पी पाना
• बुखार होना
• मल में खून आ रहा हो

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