गर्म व तेज धूप में घर से बाहर निकलना खतरनाक, हीटस्ट्रोक से जा सकती है जान
मधुबनी : यास तूफान का असर कम होने के बाद जिला में तापमान में लगातार तेजी से इजाफा हो रहा है. इसके साथ ही गर्म हवा व चिलचिलाती धूप का प्रभाव काफी है. ऐसे में लू लगने की काफी मामले दिखते हैं. लू लगने के कारण मौत भी हो जाती है। हीटस्ट्रोक या लू से बचने के लिए सर्तकता व जानकारी जरूरी है. खानपान सहित धूप में बाहर जाने के दौरान सावधानियां बरतें ताकि कोई अनहोनी नहीं हो।
शरीर में पानी की कमी इसका मुख्य कारण है। इसके अलावा गर्म हवा और धूप में लगातार काम करने या बाहर निकलने, गर्म मौसम में अधिक कपड़े पहनने, शराब का सेवन करने आदि से भी लू लगता है। अधिकतर हीट स्ट्रोक के मामलों उन लोगों के साथ देखा गया है जो बिना तरल पदार्थ लिये या खाली पेट बहुत अधिक देर तक गर्म व तेज धूप में रहते हैं. शिशुओं, छोटे बच्चों व बुजुर्गों सहित गर्भवती महिलाओं के लिए विशेषतौर पर सर्तकता बरतने की जरूरत होती है। इसके अलावा मधुमेह, मानसिक बीमारी, ब्लड प्रेशर की दवा का सेवन करने वालों के प्रति भी हीट स्ट्रोक को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है।
सर्तकता व जानकारी रख करें हीटस्ट्रोक से बचाव :
सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया लू लगने से बचने के सर्तकता व जानकारी जरूरी है. सुबह 11 बजे से 3 बजे तक घर से बिल्कूल बाहर नहीं निकलें. यदि बाहर निकलना बहुत जरूरी हो तो पूरी तैयारी के साथ निकलें ताकि हीटस्ट्रोक से बचा जा सके.
लू से बचने के लिए इन उपायों का करें पालन :
• दोपहर के समय घर से बाहर नहीं निकलें
• खाली पेट अधिक देर तक बाहर नहीं रहें
• खाना में सुपाच्य और हल्के भोजन ही लें
• सूती के बने हुए ढीले व हल्के कपड़े पहनें
• शराब व कैफीन आदि के सेवन से बचें
• खूब पानी पियें, इलेक्ट्राल का इस्तेमाल करें
• छाते, टोपी या तौलिये से खुद को ढंकें
हीटस्ट्रोक का हो असर तो रखें ध्यान :
हीटस्ट्रोक का असर होने पर व्यक्ति को बुखार आ जाता है. इसके साथ ही उल्टी व दस्त की शिकायत होती है. ऐसे में मरीज का बुखार कम करने के लिए तुरंत पारासिटामोल दवा व उल्टी व दस्त होने पर नमक, चीनी व पानी या ओआरएस का घोल देना चाहिए।
लू लगने पर क्या करें :
• लू से पीड़ित व्यक्ति को ठंडे पानी से नहलायें.
• व्यक्ति के शरीर पर पानी से भिगोकर कपड़ा लपेट दें.
• अधिक से अधिक बार पानी व ओआरएस पिलायें.
• आवश्यक पड़ने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें.
• बेल या नींबू का शर्बत लाभकारी है.
• कच्चे आम का शर्बत बना कर पियें.
• पानी में नींबू और नमक मिलाकर पियें.
• पानी में ग्लूकोज मिलाकर पीते रहें.
• कच्चे आम के लेप से तलवों की मालिश करें.
लू लगने के लक्षणों की बारे में जानें :
• सिर व बदन में तेज दर्द
• कमजोरी व चक्कर आना
• मतली या जी मिचलाना
• सांस लेने में परेशानी
• पल्स का तेज चलना
सरिसबपाही क्षेत्र के अयाची नगर युवा संगठन द्वारा शुरू किया गया मिशन जीवन सुरक्षा अभियान।
मधुबनी : अभियान के अंतर्गत संगठन के सदस्य गांव-गांव जाकर लोगों का थर्मल स्कैनिंग, ऑक्सीजन लेवल जांचने के साथ फेस मास्क वितरण का कार्य कर रहे हैं। कुल 5 सदस्यों की टीम में से एक सदस्य थर्मल स्कैनर से शरीर का तापमान मापते हैं। दूसरा ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन लेवल का जांच करते हैं। वहीं तीसरा स्वस्थ रहने की आवश्यक जानकारी देते हैं। चौथा कार्यकर्ता वैक्सीन लेने के लिए जागरूकऔर पांचवा कार्यकर्ता औपचारिक विवरण संग्रहित करते हैं।
इस मौके पर संगठन के आदित्य मंडल और नंदन झा ने कहा हम लोग गांव-गांव जाकर कोरोना मुक्त टोला बनाने के लिए प्रयास प्रयासरत है। वहीं विजय मंडल, भवन यादव वैक्सीन लगाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। वहीं, संगठन के राज मिथिलेश और अनुज झा, इंद्र देव चौधरी लोगों को सरकार के नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इस संगठन के संस्थापक विक्की मंडल ने कहा है कि अयाची नगर युवा संगठन पिछले कई सालों से सामाजिक जागरूकता एवं सेवा के तहत कार्य करते आ रहा है।
पिछले साल से ही संगठन सजगता के साथ समाज में कार्य कर रहा है। इस साल भी लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर, फ़ूड, ब्लड आदि चीज़ों लोगों को ततपरता से उपलब्ध कराया है, एवं जानकारी दिया जा रहा है कि मिशन जीवन सुरक्षा के तहत हम लोग लोगों के स्वास्थ्य की स्थिति का जांच करते हैं। जिससे समाज कोरोना मुक्त हो सके। आज संगठन के इस अभियान का तीसरा दिन था, एवं आगे भी यह कार्य जारी रहेगा।
मुफ्त वैक्सिनेशन की व्यवस्था को लेकर दिया राष्ट्रपति के नाम स्मार् पत्र
मधुबनी : जिला कांग्रेस कमिटी मधुबनी के अध्यक्ष प्रो० शीतलाम्बर झा के नेतृत्व में सात सदस्यीय शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी से मिलकर माननीय राष्ट्रपति जी के नाम से एक स्मार् पत्र दिया है। प्रो शीतलाम्बर झा ने अपने स्मार् पत्र में राष्ट्रपति महोदय से अनुरोध किया है कि आप अपने स्तर से केंद्र की मोदी सरकार को निर्देशित करें, कि प्रतिदिन एक करोड़ लोगों वैक्सिनेशन सुनिश्चित करे। भारत के सभी नागरिकों को यूनिवर्षल मुफ्त वैक्सिनेशन की व्यवस्था हो।
कोविड-19 ने लगभग हर भारतीय परिवार को अप्रत्याशित तबाही एवं असीम पीड़ा दी है, लेकिन दुःख की बात है कि मोदी सरकार ने कोरोना से लड़ने की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। सच्चाई यह है कि केंद्र की भाजपा सरकार कोविड-19 के आपराधिक कुप्रबंधन की दोषी है। उन्होंने पत्र में कहा है कि महामारी से बचाव एकमात्र उपाय वैक्सिनेशन है, लेकिन मोदी सरकार बैक्सीनेसन कि रणनीति भारी भूलों की एक खतरनाक कॉकटेल है।
वहीं दूसरे देशों ने मई 2020 से ही बैक्सीन खरीदने के आर्डर देना शुरू कर दिया था। वही मोदी सरकार पहला आदर जनवरी 2021 में जाकर दिया। जानकरी के अनुसार मोदी सरकार 140 करोड़ की जनसंख्या में अभी तक सिर्फ 39 करोड़ वैक्सीन का आर्डर दिया है, जो चिंतनीय है।भारत सरकार के अनुसार ही अभी तक 21 करोड़ लोगों को ही टीकाकरण हो सका है, लेकिन वैक्सीन की दोनों खुराक सिर्फ और सिर्फ 4,45 करोड़ लोगों को ही मिली है, जो प्रतिदिन सिर्फ 16 लाख ही होता है।
इस हिसाब से देश के लोगों को टीकाकरण करने में तीन साल लग जाएंगे, साथ ही मोदी सरकार ने देश के बैक्सीन लगभग साढ़े 6 करोड़ विदेशों में निर्यात कर दिया। सबसे खतरनाक पहलू है कि मोदी सरकार ने इस महाविपत्ति काल मे भी मुनाफाखोरी करने से बाज नही आ रही है। वैक्सीन का तीन तरह का मूल्य होना चिंतनीय है। केंद्र को 150 रुपया, राज्य को 300 रुपया, वही निजी असपतालो में 600 रुपया होना।
वही दूसरी टीका का दाम उससे भी दो गुना है। आज जरूरत है कि केंद्र सरकार टीका खरीदे ओर राज्य को आपूर्ति करे एवं सभी को देशवासियों को मुफ्त टीकाकरण हो, साथ ही 31 दिसम्बर तक सभी को टीकाकरण करने का आदेश अविलंब सरकार को दिया जाय। इस शिष्टमंडल में मो० आकिल अंजुम, अशोक कुमार, जय कुमार झा, मो० साबिर अहमद, मनोज कुमार मिश्र, मुकेश कुमार झा ‘पप्पू’ थे।
नीतीश कुमार की सरकार पर आम जनता से लेकर विपक्ष तक शिक्षा वयवस्था को चौपट करने का आरोप
मधुबनी : जिले के खजौली विधानसभा अन्तर्गत जयनगर मे एक मात्र सरकारी महाविद्यालय दल श्रृंगार बलदेव महाविद्यालय के जीर्ण-शीर्ण स्थिति और बदहाली को देखकर छात्र नेताओ का सरकार पर गुस्सा फुटा है। उनका कहना है कि सरकार पिछले कई दशकों से मिथिला कि लगातार उपेक्षा कर रहीं हैं। इस बाबत मिथिला स्टूडेंट यूनियन के डी०बी० कॉलेज प्रभारी ऋषि कुमार सिंह ने बताया कि इस पूरे विधान सभा में ये कॉलेज ही एकमात्र डिग्री कॉलेज है, और नहीं लैब कि वयवस्था है।
नहीं बैठने पढ़ने के लिए क्लास रूम है, जोकि जर्जर है, और कभी भी गिर सकतें हैं। ना ही लैब कि वयवस्था है, जहाँ हमलोग कुछ एक्सपेरिमेंट कर सके और कुछ लैब से संबंधित ज्ञान अर्जित कर सके। यहां नहीं पर्याप्त प्रोफेसर है, जो हमें पढ़ा सके इसलिए हम सरकार और विश्वविधालय प्रशासन से मांग करते हैं कि अविलंब इस दिशा में पहल की जाए और सभी वयवस्था मे सुधार लाया जाए, अन्यथा इस विधान सभा चुनाव में सरकार बदलने का काम करेंगे।
वही महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० नंद कुमार ने बताया कि हमारे महाविद्यालय में वर्तमान में 17 प्रोफेसर है, जिसका नाम और विभाग इस प्रकार से है। डॉ नंद कुमार मनोविज्ञान(प्राचार्य), डॉ बिमलेनडू मिश्र (प्राणी विज्ञान ),डॉ संजय पासवान (मैथिली), अबध बिहारी यादव (गणित), डॉ संजय कुमार (भूगोल), डॉ रमण कुमार ठाकुर(अर्थ शास्त्र), डॉ रंजना (वनस्पति विज्ञान), मो0 मुना(मैथिली), डॉ शैलेश कुमार सिंह (वाणिज्य), डॉ आनंद कुवँर (अंग्रेजी), डॉ सुनील कुमार (मनो विज्ञान), डॉ सोनू शंकर(दर्शन शास्त्र), डॉ मो0 मिहाजुदीन व्याख्याता( उर्दू ), डॉ बुद्ध देव प्रसाद सिंह (हिन्दी),
ओम कुमार सिंह (राजनीतिक विज्ञान), डॉ शंकर जय किसन चौधरी ( इतिहास), डॉ मदन पासवान (इतिहास) प्रभात कुमार झा (UDC HEAD CLERK), भरत प्रसाद नारायण सिंह (ACCOUNTANT), कृष्णा नंद झा (ACCOUNT LDC), आलोक कुमार झा (UDC EXAMINATION), संजय कुमार झा (PEON), विनोद कुमार मंडल (PEON), अशोक झा (IV GRDDE), प्रभु कुमार सिंह (LAB BOY), रियाजूदीन (ADMISSION IV GRADE), प्रेम कुमार झा (PEON), ललन कुमार यादव (PEON), अभिषेक कुमार झा, रत्न कुमार सिंह (LAB BOY CHEMIDTRY), शमभू गिरी (PEON), डेबू राम(स्वीपर), है। भारत सरकार एवं राज्य सरकार से अनुरोध करते हैं कि अविलंब इस दिशा में पहल की जाए और अपने देखरेख में ली जाय।
वैक्सीन केंद्र पर उड़ रहे सोशल डिस्टेंस की धज्जियां, कुव्यवस्था को लेकर हंगामा
मधुबनी : लगातार लापरवाही की मामला उजागर होने के बाबजूद भी इस ओर ना तो स्वास्थ्य विभाग की नींद खुल रही है, और नहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की। जिले के बिस्फी प्रखंड मुख्यालय स्थित पंचायत सरकार भवन कोविड-19 सेंटर पर गुरुवार प्रखंड क्षेत्र से आएं लोगों ने वैक्सीनेशन सेंटर पर कुव्यवस्था को लेकर हो-हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा इस तरह से बढ़ने लगा कि मौके पर पुलिस प्रशासन को पहुंच हो हंगामा को काबू में लाने को लेकर पहल करना पड़ा।
बिस्फी थाने के एएसआई उदय सिंह सहित अन्य पुलिस बल मौके पर पहुंच हो हंगामा कर रहे लोगों को किसी तरह शांत कराया। मिली जानकारी के अनुसार सुबह से ही लोग वैक्सीनेशन लेने को लेकर सेंटर पर प्रतिक्षा कर रहे थे, लेकिन सेंटर पर कुव्यवस्था के कारण लोगों की भीड़ लगने लगी। हंगामा कर रहे लोगों का कहना था कि सुबह से ही चिलचिलाती धूप में वैक्सीनेशन टीका लेने को लेकर यहां हमलोग प्रतिक्षा में है, लेकिन यहां ना तो चिलचिलाती धूप व गर्मी में बिजली है, ना वैक्सीनेशन टीका देने का समुचित व्यवस्था एवं ना यहां सोशल डिस्टेंस पर ध्यान दिया जा रहा है।
आपको बताते चलें कि बिस्फी पीएचसी की कुव्यवस्था बराबर सामने आती रहती है। कभी इमरजेंसी मरीजों, तो कभी गर्भवती मरीजों को देखने में बरती जा रही लापरवाही की मामला उजागर होती रहती है। फिर भी इस ओर ना तो स्वास्थ्य विभाग की नींद खुल रही है, और नहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की।
सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार एक तरफ जहां स्थानीय पीएचसी में मरीजों को लेकर लापरवाही बरती जा रही है, तो वहीं दूसरी ओर प्रखंड मुख्यालय स्थित दर्जनों प्राइवेट नर्सिंग होम एवं क्लिनिक अवैध रूप से संचालन हैं। प्राइवेट नर्सिंग होम एवं प्रखंड पीएचसी स्वास्थ्य की मिली भगत से मरीजों का सही उपचार नहीं कर उसके जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। स्थानीय पीएचसी में सही समय पर अगर लोगों का सही तरीके से उपचार हो, तो फिर प्राइवेट नर्सिंग होम में लोगों को जाने का नौबत नहीं आएगी।
अवैध नर्सिंग होम के संचालक पर प्रतिबंध लगाने को लेकर मिथिला स्टूडेंट यूनियन लगातार उठा रहा आवाज
मधुबनी : जिले के हरलाखी प्रखंड क्षेत्र में संचालित अवैध नर्सिंग होम के संचालक पर प्रतिबंध लगाने को लेकर मिथिला स्टूडेंट यूनियन के द्वारा लगातार आवाज उठाया जा रहा है। इन मुद्दों को लेकर संगठन के द्वारा प्रखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कार्यालय में वर्ष 2019 के आवेदन दिया जा रहा है। इसको लेकर 22 फरवरी 2021 को प्रखंड अस्पताल परिसर में संगठन के द्वारा एक दिवसीय धरना भी दिया गया था।
बावजूद अवैध नर्सिंग होम संगठन के द्वारा उस दिन प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा पत्रांक संख्या 308 के तहत पत्र निर्गत कर अवैध रूप से संचालित मां जानकी सेवा सदन को बंद करने का आदेश दिया गया था, लेकिन डेढ़ वर्ष बीतने के बावजूद नर्सिंग होम पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। बल्कि नर्सिंग होम में शिक्षा अधिकारी के नाम का बोर्ड भी लगा दिया और प्रखंड अस्पताल में आने वाले मरीजों को आशा एएनएम, जीएनएम और डॉक्टर के द्वारा डॉक्टर नर्सिंग होम में भेज दिया जाता है।
मामला तब प्रकाश में आया जब विशाल पंचायत अंतर्गत मांग पट्टी गांव की एक प्रसूता गीता कुमारी प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल आए। जहां सामान्य रूप से प्रसव के बाद पिता को चक्कर आने लगा तब वहां उपस्थित डॉक्टर और नर्स के द्वारा उसे बगल में संचालित नर्सिंग होम में भर्ती करने को बोला गया प्रसूता के परिजन ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया जहां प्रसूता के जयंत से 10000 का चेक नर्सिंग होम के द्वारा जमा करवा लिया गया।
इलाज के दौरान महिला का ब्लड ग्रुप और हिमोग्लोबिन चेक करो उसे ब्लड चढ़ाने की बात आ गई रिपोर्ट में पेशेंट का ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव है। लेकिन इसका ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव है। ज्ञात हो कि ब्लड निकालने के लिए लोगों को ब्लड बैंक में जाना होता है। पर इस नर्सिंग होम में भी निकाल लिया जाता है, जो कि गैर कानूनी है।
नर्सिंग होम के द्वारा मेडिकेयर डायग्नोस्टिक के नाम से जो पैथोलॉजी लैब संचालित किया जा रहा है, वह भी अवैध है। जिसका कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है, जहां विधायक ने हरलाखी वासियों को मामले की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। यह बातें एमएसयू के पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री राघवेंद्र रमन ने प्रेस बयान जारी कर कहा उन्होंने कहा कि अवैध नर्सिंग होम में आए दिन प्रसव के दौरान महिलाओं की मौत होती है। स्थानीय स्तर पर जुर्माना देकर छोड़ दिया जाता है। इस काल में नर्सिंग होम में मरीजों का शोषण किया जा रहा है। उन्होंने प्रभारी चिकित्साधिकारी पर मुकदमा दर्ज करने के साथ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
भाकपा माले की टीम के द्वारा की गई जांच तो पाया गया जर्जर व्यवस्था और मवेशी बंधा हुआ था उपकेंद्र में :- भूषण सिंह
मधुबनी : जिला के अंतर्गत जयनगर प्रखंड के देवधा मध्य पंचायत में वर्षों पूर्व बनाए गए स्वास्थ्य उपकेंद्र वर्षों से बंद है। आज 4 जून को अपने पार्टी भाकपा माले के कार्यकर्ता के साथ स्वास्थ्य उपकेंद्र का निरीक्षण किए, तो देखा गया की स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के कारण स्थानीय ग्रामीण के द्वारा मवेशी बांध कर अवैध कब्जा किया हुआ है।
साथ ही स्वास्थ्य उप केंद्र के अगल-बगल ने जंगल में तब्दील है। इस लचर व्यवस्था को देखते हुए भाकपा (माले) के द्वारा आगामी 6 जून को जयनगर-बासोपट्टी राष्ट्रीय राजमार्ग-104 को चक्का जाम का आव्हान किया गया है। निरीक्षण के समय देवधा मध्य के मुखिया सह राजद नेता मो० असलम अंसारी एवं अन्य कई कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।
ब्लैक फंगस के कई वायल सदर अस्पताल से हुए गायब, सीएस ने दिए जांच के आदेश
मधुबनी : सदर अस्पताल से ब्लैक फंगस के लिए चिह्नित इंजेक्शन एमफोटेरिसीन-बी की बीस वायल गायब हो गई है। कालाजार में इस्तेमाल होने वाली यह दवा फिलहाल ब्लैक फंगस के मरीजों को दी जाती है। गुरुवार को इस दवा की गायब होने की बात जैसे ही सामने आयी सदर अस्पताल में अफरातफरी का माहौल बन गया। यह दवा इमरजेंसी के बगल वाले दवा स्टोर में आईएलआर में रखी गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए सिविल सर्जन ने जांच के लिए कमेटी बनाने का आदेश दिया है। वहीं स्टोर रूम के सभी जवाबदेह लोगों को सदर अस्पताल से ट्रांसफर किया जाएगा।
स्टॉक की इंचार्ज ए-ग्रेड चंद्रकला ने बताया कि जब दवा की मासिक रिपोर्ट बनाने पहुंची तो इंजेक्शन नहीं था। आईएलआर (डीफ्रीजर) से दो पैकेट सूई(20) वायल सूई गायब मिली। एक पैकेट में 10 वायल सूई रहती है। उन्होंने बताया कि बीते अप्रैल माह में 95 वायल दवा का स्टॉक था। अप्रैल में सिर्फ दो लोगों को सूई देकर स्टॉक में 95 वायल सुई शेष की रिपोर्ट भी भेजी गई। जब जून में स्टॉक मिलाने के क्रम में 95 में से सिर्फ 75 वायल दवा ही उपलब्ध थी। ऐसे में सूई गायब होने की लिखित शिकायत एग्रेड चंद्रकला ने अधीक्षक डॉ. डीएस मिश्रा से की है।
इधर, प्रभारी अधीक्षक डॉ० डीएस मिश्रा ने इसकी जानकारी आवेदन के जरिए दिया है। सिविल सर्जन डॉ० सुनील कुमार झा ने बताया कि सदर अस्पताल के अधिकारियों ने संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों को निर्देश दिया है, कि वह गायब सभी बीस वायल एमफोटेरिसीन-बी वापस स्टोर रुम में पहुंचा दें, नहीं तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इंजेक्शन गायब होने की जानकारी मिली है। मामला गंभीर है। इसकी जांच कराई जाएगी। मामले की जानकारी ली जा रही है। जो भी व्यक्ति दोषी होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि बाजार में इस दवा की डिमांड काफी है। निजी अस्पताल और नर्सिंग होम में इस दवा की डिमांड काफी अधिक है। बाजार में यह इंजक्शन ब्लैक में 50 हजार से एक लाख रुपये में बिक रही है। ज्ञात हो कि मधुबनी सदर अस्पताल स्थित दवा स्टोर में चार कर्मियों की तैनाती है। इसमें दो फार्मासिस्ट, एक डाटा इंट्री ऑपरेटर, एक एग्रेड का पदस्थापना है। दो फार्मासिस्ट के पास ही स्टोर की चाभी रहती है। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि आखिर किन परिस्थितियों में इतनी महंगी दवा गायब हुई है? खासकर इस ब्लैक फंगस के दौर में यह इंजेक्शन की काफी डिमांड है।
मौसेरा भाई रविन्द्र पासवान द्वारा गले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर लिए जाने जा मामला आया प्रकाश
मधुबनी : जिले के जयनगर थाना से सटे गराही टोला में किराए के मकान में रह रहे निर्मली निवासी अमर पासवान के घर में उसका मौसेरा भाई रविन्द्र पासवान द्वारा गले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर लिए जाने जा मामला प्रकाश में आया है। मृतक 24वर्षीय रविन्द्र पासवान सकरी थाना क्षेत्र के कबई गांव निवासी भोला पासवान का पुत्र बताया जाता है।
मिली जानकारी के मुताबिक मृत युवक अपने मौसेरा भाई के घर एक महीना पहले आया था। अमर पासवान रेलवे में मजदूरी का काम करता है। आत्महत्या करने के कारणों का पता नहीं चल सका है। जयनगर थाना पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजते हुए मामले कि जांच में जुट गई है। मृत युवक के परिजनों को भी जयनगर थाना पुलिस द्वारा सूचना दे दी गई है।
सुमित कुमार की रिपोर्ट