अमित कुमार की अध्यक्षता में वीडियों काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पंचायतवार कोेविड-19 की स्थिति को लेकर समीक्षा बैठक
मधुबनी : इस दौरान उप-विकास आयुक्त, मधुबनी, सिविल सर्जन, मधुबनी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, मधुबनी जिला, डी.आई.ओ. मधुबनी, युनिसेफ की टीम आदि उपस्थित थे।
जिला पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा जिले के चिन्हित कुल 24 पंचायतों पर विशेष ध्यान देते हुए उन सभी पंचायतों में कैम्प लगाकर टीकाकरण एवं जांच करने का निदेश संबंधित पदाधिकारी को दिया गया। साथ हीं 27.05.2021 को जिला समाहरणालय, मधुबनी से सभी प्रखण्डों के लिए चलंत टीकाकरण रथ के द्वारा अभियान चलाकर सर्वप्रथम बाढ़ प्रभावित पंचायतों को टीकाकरण से अच्छादित करने का निदेश सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को दिया गया।
अनुमंडल पदाधाकारी ने पंचायती वार्डों के नल जल योजना का निरीक्षण
मधुबनी : अनुमंडल पदाधिकारी, मधुबनी सदर अभिषेक रंजन एवं जिला पंचायत राज पदाधिकारी शैलेन्द्र कुमार द्वारा कलुवाही प्रखंड के मधेपुर पंचायत के वार्ड 7,8,9 एवं 14 तथा राजनगर प्रखंड के पटवारा दक्षिण पंचायत के वार्ड 03,07,11 तथा मंग्रौनी दक्षिण पंचायत के वार्ड 06 के अपूर्ण नल जल योजना का संयुक्त रूप से निरीक्षण क़िया गया।
इस दौरान दोनों प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी, तकनीकी सहायक पंचायत सचिव, पटवरा दक्षिण का मुखिया, वार्ड क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष एवम् सदस्य मौजूद थे। इन सभी वार्डो में राशि की निकासी के वावजूद कार्य नहीं पूर्ण होने पर सभी जिम्मेवार लोगो को फटकार लगाते हुए उनको अविलंब कार्य पूर्ण करने का निर्देश अनुमंडल पदाधिकारी, सदर मधुबनी द्वारा दिया गया। साथ ही उन सभी वार्डो के सभी अभिलेख एवं बैंक खाते की विवरणी के साथ अनुमंडल कार्यालय लाने का निर्देश पंचायत सचिव को दिया गया।
अनुमंडल पदाधिकारी ने उपस्थित दोनों प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया कि इन सभी वार्डो के कार्य प्रगति से उनको दैनिक रूप से अवगत कराए। यदि कार्य प्रगति संतोष प्रद नहीं पाए जाने पर सभी दोषियों पर सरकारी राशि का गबन मानते हुए प्राथमिकी दर्ज कर बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
मरीज की मृत्यु के बाद परिजनो द्वारा फ़्रंटलाइन वारियर्स के साथ की गई मारपीट एवं गाली-गलौज
मधुबनी : जिला के सकरी मे स्थित रामशीला हेल्थ केयर हॉस्पिटल, जिसे प्रशासन द्वारा कोविड अस्पताल के रूप मे कोरोना से संक्रमित मरीज के ईलाज के रूप मे मान्यता दी गई है।
रामशीला हेल्थ केयर हॉस्पिटल मे बीते शुक्रवार को एक नन कोविड मरीज मोहम्मद जहीर उद्दीन ग्राम बहेरयानी दरभंगा जिला निवासी जिसकी उम्र 65वर्ष थी, जिसे फेफड़े की समस्या थी। रामशीला अस्पताल के डायरेक्टर बदी ऊज्जमां से मिली जानकारी के अनुसार ईलाज के दौरान मरीज की मौत के बाद परिजनो द्वारा आक्रोशित होकर फ्रन्टलाइन वारियर्स डॉक्टरो एवं अस्पताल कर्मियो के साथ अभद्र व्यवहार, गाली-गलौज एवं मारपीट की गई एवं अस्पताल के रिसेप्शन का शीशा भी तोड़ दिया गया।
जबकि माननीय सुप्रीम कोर्ट का साफ निर्देश है की फ़्रंटलाइन वारियर्स डॉक्टरो पर हमला करना एवं अस्पताल मे तोड़-फोड़ करना संगीन अपराध है। यहाँ तक की मरीज के परिजनो द्वारा फेसबुक एवं अन्य सोशल साइट पर डॉक्टरो एवं अस्पताल कर्मियो को गाली दी गई। अनाप-शनाप अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाये गये, जिससे अस्पताल की गरिमा को धक्का लगा है, जो निंदनीय है।
वही मरीज के परिजनो ने आरोप लगाया है की मरीज के मृत्यु से संबंधित बात जब अस्पताल प्रशासन से पूछताछ की गई, तो अस्पताल कर्मियो एवं डॉक्टरो ने बिना कुछ बताये हमलोगो के साथ मारपीट एवं गाली-गलौज की गई। यहाँ तक की जान बचाकर बाहर भागने के दौरान भी खदेड़कर मारा गया।
इस संबंध मे इस मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन एवं मरीज के परिजन दोनो के द्वारा सकरी थाने मे प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जिसकी जांच पुलिस द्वारा की जा रही है।
वही मरीज की ईलाज के दौरान हुई मौत के बाद परिजनो द्वारा डॉक्टरो एवं अस्पताल कर्मियो के साथ मारपीट की घटना से आहत अस्पताल प्रशासन की तरफ से डॉक्टर इरफान अंसारी, डॉक्टर मोहम्मद सालिम एवं डॉक्टर टी अहमद द्वारा प्रेस प्रतिनिधियो को कई कागजी सबूतो को दिखाते हुये पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी गई।
रामशीला हेल्थ केयर हॉस्पिटल मे आयोजित प्रेसवार्ता मे डॉक्टरो ने बताया की बीते शुक्रवार को दोपहर 4:44 बजे दरभंगा निवासी मोहम्मद जहीर उद्दीन को उनके परिजन गंभीर अवस्था मे हमारे अस्पताल एमरजेंसी वार्ड लेकर आये। उन्हे फेफड़े की समस्या थी, एवं उनकी कोरोना जाँच रिपोर्ट निगेटिव थी। हमारे डॉक्टर प्राथमिक उपचार देने के बाद मरीज के गंभीर अवस्था के बारे मे परिजनो को बताया और उन्हे तत्काल किसी दूसरे नन कोविड अस्पताल मे भर्ती कराने की सलाह दी।
इस पर मरीज के परिजन हमारे वरीय डॉक्टर मोहम्मद इरफान के साथ उलझते हुए बदतमीजी से बात की और अपने मरीज को लेकर जाने मे समय बर्बाद करने लगे। इसी क्रम मे रात के 8:30बजे के करीब मरीज की मृत्यु हो गई, जिसकी जानकारी एमरजेंसी के डॉक्टरो के द्वारा परिजनो को दी गई। यह सुनते ही मरीज के पुत्र तबरेज, तौफीक एवं निकट संबंधी नजरे आलम एमरजेंसी मे डॉक्टर सलीम के साथ मारपीट एवं गाली-गलौज करने लगे।
अस्पताल के कर्मचारियो ने रोकने की कोशिश की तो इनके साथ भी मारपीट एवं गाली-गलौज करने लगे साथ ही अस्पताल परिसर मे तोड़फोड़ शुरू कर दिया। इस आपा-धापी मे अस्पताल मे भर्ती कई गंभीर मरीज की स्थिति खराब हो गई। अस्पताल प्रशासन द्वारा इसकी सूचना मोबाईल पर सकरी थाना, एसपी ऑफिस एवं पोस्टेड नोडल ऑफिसर को दी गई।
तत्काल प्रशासन के द्वारा अस्पताल को सुरक्षा मुहैया कराई गई। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अभी हमारा अस्पताल सिर्फ कोविड मरीजो को रखने मे ही सक्षम है।
डॉक्टरो ने बताया की कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए दिन रात एक करके अपने परिवार से दूर कोरोना से संक्रमित मरीजो की सेवा कर उनकी जान बचाने का प्रयास करते है, यही मेरी मानव सेवा है जो हमलोग करते रहेंगे।
माले कार्यकर्ता मिथिलेश राम एवं पलटू मुखिया की गिरफ्तारी के खिलाफ भाकपा-माले कार्यकर्ताओं ने मनाया प्रतिवाद दिवस
मधुबनी : खिरहर थाना कांड संख्या 24/2021 जैसे झूठा मुकदमा खारीज करने और दलितों पर हमला करने के मामले में दर्ज खिरहर थाना कांड संख्या 27/2021 के अभियुक्तों को गिरफतार करने का किया मांग, सामंतों-भूमिचोरों की लठैती करना बंद करें, पुलिस प्रशासन और सरकार, हदबंदी से चोरी कर बचाई जमीन पर दलित-गरीबों ने कब्जा जमाई है, कोई अपराध नही किया है :- ध्रुब नारायण कर्ण(मधुबनी जिला सचिव,भाकपा माले)
मधुबनी शहर में लहेरियागंज में मालेनगर अबस्थित भाकपा-माले के जिला कार्यालय में माले कार्यकर्ताओं ने सोनाई के माले कार्यकर्ता मिथिलेश राम एवं पलटू मुखिया को झूठे आरोप के मुकदमा में खिरहर थाना द्वारा गिरफ्तार करने के खिलाफ प्रतिवाद दिवस मनाया। कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जिला कार्यालय में धरना दिया।
बिशंम्भर कामत की अध्यक्षता में संचालित धरना को संबोधित करते हुए भाकपा-माले के जिला सचिव ध्रुब नारायण कर्ण ने कहा कि बिशनपुर और सोनाई सहित इलाके के दर्जनोंस गांवों में सभी बड़े जमींदारों ने हजारों एकड़ जमीन भूहदबंदी से छिपाने के लिए भूमि चोरी किया है। अकेले बिशनपुर व सोनाई गांव में ही सैकड़ों एकड़ जमीन की भूमि चोरी की गई है। इलाके में दलित-गरीबों की दावेदारी को पुनर्स्थापित करने के लिये ही लोगों ने भाकपा माले को विस्तार दिया है।
मिथिलेश राम और पलटू मुखिया की गिरफ्तारी से यह कारवां रुकने वाला नही है, और न ही राजनीतिक तिकड़मों के जरिये भाकपा (माले) की मुहिम रुकने वाली है। झूठा मुकदमा वापस ले पुलिस प्रशासन, वरना बेनीपट्टी, हरलाखी, मधवापुर, बिस्फी एक बार फिर पुराने संघर्ष का गवाह बनेगा। जिसे भोगेन्द्र झा, राजकुमार पूर्वे, तेजनारायण झा आदि नेताओं ने बनाया था। सोनई-बिसनपुर के भूमि संघर्ष के पक्ष में पूरा मधुबनी ज़िला खड़ा होगा।
प्रतिवाद धरना को भाकपा-माले मधुबनी जिला कमिटी सदस्य सह राजनगर प्रखंड माले सचिव दानी लाल यादव, आईसा नेता प्रमोद कामत ने भी संबोधित किया। जबकि माले कार्यकर्ता राम नारायण ठाकुर, बैज्जू साह, शैनी साह, पप्पू साह, शंभू साह, अनिल साह, चौठी साह, संतोष साह सहित दर्जनों माले कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
बाढ़ आने से पूर्व व जलजनित महामारी की रोकथाम को ले स्वास्थ्य विभाग ने दिये निर्देश
मधुबनी : कोरोना संक्रमण के बीच सरकार ने बाढ़ आने से पूर्व होने वाले जानमाल व उसके नुकसान की संभावना को देखते हुये विभिन्न तैयारियों को ससमय पुरा करने का निर्देश दिया है।
इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने जिला प्रशासन व सिविल सर्जन को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है। इसके तहत शुद्ध पेयजल, चिकित्सा दल का गठन, दवाओं की उपलब्धता, अस्थाई अस्पताल व नौका औषधायल की मुक्कमल व्यवस्था करने को कहा है. ताकि बाढ़ आने की स्थिति में किसी प्रकार की महामारी की संभावना को कम किया जा सके. इसके सफल कार्यान्वयन को लेकर डीएम की अध्यक्षता में महामारी रोकथाम समिति के गठन करने को कहा गया है।
इसमें सदस्य के रूप में आरक्षी अधीक्षक, सिविल सर्जन, आपूर्ति विभाग, जिला आपदा प्रबंधन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के पदाधिकारियों को रखने को कहा गया है. विभाग ने कहा है कि पूर्व के अनुभवों के आधार पर संभावित क्षेत्रों में उपचारात्मक व निरोधात्मक कार्रवाई कर ली जाय. इसके अलावा अधिकारियों को पूर्व से ही गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर लेने को कहा है ताकि विपरित परिस्थिति में प्रसव के दौरान सही समय पर आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जा सके. साथ ही नवजात शिशुओं के टीकाकरण कार्यक्रम का भी सही से संचालन कर लेने को कहा है।
शुद्ध पेय जल की हो व्यवस्था :
प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने मानसून से पूर्व शुद्ध पेयजल स्रोतों की पहचान को लेकर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को निर्देश दिया है। ताकि जनसाधारण को पानी की समस्या ने हो सके। इसके अलावा जलमाव होने पर पानी के शुद्धीकरण को लेकर क्लोरीन की टिकिया एवं ब्लीचिंग पाउडर की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है. साथ ही मच्छरों के प्रकोप से होने वाली बीमारियां जैसे डेंगू, मलेरिया, कालाजार फैलने की संभावना के मद्देनजर जिला मलेरिया पदाधिकारी के द्वारा नियमित रूप से डीडीटी का छिड़काव एवं फॉगिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है।
चिकित्सा दलों का गठन :
विभाग ने कहा है कि प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने को लेकर जिला एवं प्रखंड स्तर पर चिकित्सा दल का गठन कर लिया जाए. इसमें चिकित्सा पदाधिकारी के अलावा अन्य कर्मियों को सिविल सर्जन की ओर से नामित किया जाए. वही बाढ़ के पश्चात जल से होने वाले रोग जैसे अतिसार का सही समय पर उपचार न होने पर मृत्यु की संभावना अधिक रहती है. इसे लेकर लोगों को जागरूक करने के लिये आवश्यकत प्रचार- प्रसार पर ध्यान दिया जाए।
जरूरी दवाओं की उपलब्धता :
बाढ़ आने की स्थिति में पूर्व के अनुभव के आधार पर प्रभावित क्षेत्रों में जरूरी दवाओं की उपलब्धता को लेकर विभाग ने निर्देश दिया है। संबंधित क्षेत्रों में डायरिया आदि की रोकथाम को लेकर ओआरएस, एंटी डायरियल, ब्लीचिंग पाउडर, हैलोजन टेबलेट, एसभीएस, एआरभी का समुचित भंडारण कर लेने को कहा है. विभाग ने कहा है कि दवाओं की उपलब्धता बीएमएसआईसीएल से नहीं होने पर विभागीय नियमानुसार स्थानीय स्तर पर क्रय कर भंडारित कर लिया जाए।
अस्थाई रूप से अस्पताल खोली जाए :
विभाग ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिन क्षेत्रों में महामारी फैल रही है। उन जगहों पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल, पंचायत भवन आदि में अस्पताल अस्थाई अस्पताल खोली जाए. यह अस्पताल महामारी के नियंत्रण तक खुला रखने को कहा है. इसमें काम करने के लिये अस्थाई रूप से कर्मियों की प्रतिनियुक्ति करने का निर्देश दिया है, ताकि विपरीत परिस्थिति में आमजन को चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए।
लेसी सिंह ने कोरोना प्रबंधन पर सरकार के प्रयासों का ली जानकारी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक
मधुबनी : आज जदयू के जिला एवं प्रखंड स्तरीय नेताओं तथा पदाधिकारियों के साथ बिहार सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री सह मधुबनी के जिला प्रभारी मंत्री लेसी सिंह ने वर्चुअल बैठक के माध्यम से कोरोना संकट पर बिहार के नीतीश सरकार के प्रवंधन और पहल की जानकारी प्राप्त की।
इस बैठक में पार्टी के विभिन्न प्रखंड अध्यक्षो, जिला संगठन के पदाधिकारियों तथा प्रदेश संगठन के नेताओं ने विस्तार से प्रभारी मंत्री को जानकारी दी।
कोरोना वायरस की जांच, टीकाकरण विभिन्न कोविड सेंटर तथा अस्पतालों में बेड, आक्सीजन सहित सभी व्यवस्थाओं की जानकारी लेने के बाद यथाशीघ्र निदान का आश्वासन दिया।
मधुबनी जिलाध्यक्ष सत्येन्द्र कामत ने इस वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंत्री को बताया कि जांच के दायरे को हर पंचायत स्तर पर बढाने की जरूरत है, जबकि टीकाकरण मे तेजी लाने की आवश्यकता है।
जिलाध्यक्ष ने ग्रामीण क्षेत्रों में जन वितरण प्रणाली के व्यवस्था को पारदर्शी रूप से सरकारी योजनाओं को हर लाभूक तक पहुंचाने की आवश्यकता है। विभिन्न प्रखंड अध्यक्ष, जिला स्तरीय नेताओं एवं प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों ने मंत्री को बताया कि बाढ की संभावित खतरे को देखते हुए सभी तटबंधों को मजबूत बनाने की आवश्यकता है, तथा जांच एवं टीकाकरण मे तेजी लाने की आवश्यकता है।
वहीं, युवा जदयू के राष्ट्रीय सचिव रंजीत कुमार झा ने प्रभारी मंत्री को जानकारी दी कि सदर अस्पताल में सामान्य बीमारियों के रोगियों के लिए वर्तमान समय में कोई सहूलियत नहीं है। सदर अस्पताल में इमरजेंसी मरीज के कोरोना जाँच के लिए रात्रि में कोरोना जाँच किट उपलब्ध नहीं होने की बात कही जाती है। रेलवे स्टेशन पर जाँच कराने के लिए जाने को कहा जाता है, इसको संज्ञान में लेने की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने निजी अस्पतालों में आयुष्मान भारत कार्डधारियों को भर्ती नहीं लिये जाने की शिकायत भी की।
प्रभारी मंत्री लेसी सिंह ने सभी कार्यकर्ताओं से जानकारी लेने के बाद बैठक में भाग लेनेवाले नेताओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि वे इस मुद्दों को जिला के प्रशासनिक पदाधिकारियों समाधान के लिए निर्देशित करेगे। म॔त्री ने बताया कि वे सभी मुद्दों से मुख्यमंत्री को अवगत करायेगे।
जिले के पंडौल प्रखंड अंतर्गत ईशहपुर गांव में मिट्टी खुदाई क्रम में घर की दीवार, मटका, सिक्का, पुराने ईंटों के मिले अवशेष
मधुबनी : कर्नाट वंशीय व खंडवाला कुलीन अवशेषों का यहां पर लगातार मिलना कोई नई बात नहीं है। बीते दिन मधुबनी जिले के पंडौल प्रखंड के ईशहपुर गांव में ग्रामीणों द्वारा मिट्टी खुदाई में एक दिवाल और सिक्के मिले हैं। इसके बाद मधुबनी जिला प्रशासन व पुरातत्व विभाग को ग्रामीणों ने सूचित किया है। पुरातत्व विभाग के लोग यहां पहुंच रहे हैं। सभी प्रकार की अन्वेषण जारी है।
अंचलाधिकारी, थानाध्यक्ष के द्वारा बुधवार से ही यहां निरीक्षण जारी है, जहां ग्रामीणों द्वारा अवशेष प्राप्त हुए हैं। खुदाई में मिले ईंट, सिक्के और मटका को मधुबनी जिलाधिकारी को सुपुर्द कर दिया गया है।
मधुबनी जिला प्रशासन द्वारा पुरातत्व विभाग को इसकी जानकारी दी गई है। जांच का विषय यह है कि किस काल की सभ्यता संस्कृति को यह दर्शाती है। ग्रामीणों द्वारा यहां मिट्टी खुदाई की गई है, जिसमें ढेर सारे अवशेष मिले हैं। खुदाई क्रम में सभ्यता संस्कृति से जुड़ी कई आश्चर्यजनक बात दिखने की खबर है।
मिथिलांचल के इर्द-गिर्द पौराणिक ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत की कथाओं का चर्चा कौन नहीं जानता। जिला में बाबूबरही प्रखंड के बलिराजगढ़, झंझारपुर प्रखंड के परसाधाम सूर्य मंदिर, मधुबनी मुख्यालय का भौआरा गढ, राजनगर का दरभंगा राज के अवशेष की चर्चा कई इतिहास की पन्ना में जगह-जगह की गई है। जिलेवासी ईशहपुर में ऐतिहासिक अवशेष मिलने की घटना को इतिहासकार सरिसब पाही से होकर गुजरने वाली प्राचीन कालीन अमरावती नदी से जोड़कर देख रहे हैं।
मिथिला रिसर्च इन्स्टीच्यूट के डॉक्टर मित्रनाथ झा लाल ने बताया कि इस खुदाई से इलाके के अन्य जानकारियां मिलने की संभावना जाग उठी है। डॉक्टर झा ने कहा कि ईशहपुर-संकोर्थु स्थित अमरावती नदी क्षेत्र में भूमि व अवशेष की जांच पड़ताल समग्र रूप से होनी चाहिए।
वहीं, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर मैथिली विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ० रमण झा ने बताया कि अमरावती नदी का इतिहास प्राचीन है। पहले अमरावती नदी विकसित थी। तब सरिसब पाही एक मुख्य व्यापारिक केंद्र हुआ करता था, जिसे हाट बाजार कहा जाता था। अभी उस जगह को हाटी गांव कहा जाता है। जब यहां व्यापार चरम पर था उस समय लगभग 1319 ई. से 1325 ई. के मध्य बाहरी आक्रमणकारियों द्वारा यहां के व्यापारिक स्थान को बर्बाद कर दिया गया। हाट को लूट लिया तथा बहुत सारे व्यापारी मारे गए।
सरिसब पाही में वर्तमान में अभी भी ऐसे दो स्थान काफी ऊंचे टीले की तरह हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं। यहां व्यापारिक प्रतिष्ठान था। सरिसब पाही पश्चिमी पंचायत स्थित ठठेरी टोल और दर्जी टोल यह दोनों अमरावती नदी के पूर्वी तट पर स्थित हैं। इसी नदी किनारे सिद्धेश्वर नाथ महादेव का मंदिर भी हैं।कहा जाता है, कि व्यापारी व्यापार प्रारंभ करने से पूर्व प्रतिदिन यहां पूजा कर करते थे। यहां के तटीय क्षेत्र से मिट्टी के सिक्के, तांबे के सिक्के मिलना भी इस बात का प्रमाण है ।
डॉ. झा ने कहा कि बंगाल में सेन वंश का राजा बल्लाल सेन का आधिपत्य था। उन्होंने उस समय मिथिला के कुछ प्रमुख क्षेत्रों को अपने साम्राज्य में मिला लिया था, जिसमें सरिसब पाही भी था।सरिसब पाही आर्थिक दृष्टिकोण से परिपूर्ण था। कहा जाता है यहां विशेष प्रकार का नमक ‘ऊस’ मिलता था।
इस बाबत सरिसब-पाही के मुखिया रामबहादुर चौधरी ने कहा कि सिक्के की बनी वस्तु तथा ध्वनि उत्पन्न करने वाले बड़ घंंटा वस्तु आदि का व्यापार यहां मुख्य रूप से होता है। आज भी यहां बड़ी मात्रा में घंटी व घंटा का निर्माण ठठेरी टोला में किया जाता है। ऐसे में अमरावती नदी किनारे स्थिति उक्त व्यापारिक केंद्रों के ऊंचे टीले यथा सातो डीह, मनकी डीह सहित ईसहपुर-संकोर्थु स्थित उक्त स्थानों का पुरातत्व विभाग द्वारा जांच व खुदाई की जाए तो काफी कुछ मिलने की संभावनाएं हैं।
माहवारी स्वच्छता दिवस विशेष महिलाओं पर चलाया जायेगा जागरूकता अभियान
मधुबनी : मासिक धर्म में स्वच्छता की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसकी अनदेखी और कमी कई प्रकार की बीमारियों और दूसरी समस्याओं की वजह बन सकती हैं।मासिक धर्म कोई अपराध नहीं, बल्कि एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है। घर और समाज में यदि इसपर खुलकर बात की जाए तो इस दौरान स्वच्छता के महत्व को भी समझा जा सकता है। जिसके लिए हमें एक माहौल बनाना होगा और पुरानी परंपरागत सोच को बदलना होगा। यह स्वच्छता महिलाओं को न केवल स्वस्थ रखेगी बल्कि, उन्हें आगे बढ़ने का विश्वास भी देगी।
क्यों 28 तारीख को मनाया जाता है यह दिवस :
28 मई को पूरी दुनिया में मासिक स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इसे 2014 से मनाने की शुरुआत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य लड़कियों और महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता रखने के लिए जागरूक करना था। इसे मनाने की तारीख 28 इसलिए चुनी गई, क्योंकि आमतौर पर महिलाओं में मासिक धर्म की अवधि 28 दिनों की होती है.
क्या है मासिक धर्म :
मासिक धर्म एक प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया है। महिलाओं में हर महीने होने वाली यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मासिक धर्म के दौरान, महिला के गर्भाशय से रक्त और अन्य तरल पदार्थ स्रावित होती है। हर महीने 3-5 दिन तक जारी रहने वाली यह प्रक्रिया (10-15 वर्ष) से शुरू होकर रजोनिवृत्ति (40-50 वर्ष) तक चलती है।
57.4% महिलाएं मासिक धर्म के दौरान सुरक्षा के स्वच्छ तरीके का उपयोग करती है :
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 के आंकड़ों के अनुसार मधुबनी जिले में 15 से 24 वर्ष की आयु की 57.4% महिलाएं ही अपने मासिक धर्म के दौरान सुरक्षा के स्वच्छ तरीके का उपयोग करती है. वहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण 4 के आंकड़ों के अनुसार 15 से 24 वर्ष के 26.4% महिलाएं मासिक धर्म के दौरान सुरक्षा के स्वच्छ तरीके का उपयोग करती थी। अर्थात इन 5 वर्षों में महिलाओं में स्वच्छता को लेकर जागरूकता आई है।
शिक्षा से पुरानी सोच को बदलने का प्रयास :
पहले के जमाने में इस विषय पर कोई भी खुलकर बात नहीं करता था और न ही चाहता था कि इतना बेबाकी से इस विषय पर दूसरे उनसे खुलें। महिलाओं को अपने शरीर की एक प्राकृतिक क्रिया के बारे में समय से पहले बताया ही नहीं जाता था तो उनके मानसिक रूप से तैयार होने और स्वच्छता बनाए रखने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। उल्टा उस स्थिति में उन्हें कई चीजें करने से मना भी किया जाता था. लेकिन उन्हें यह झेलना पड़ता था। हालांकि आज फिर भी इन तथ्यों पर काफी हद तक लगाम लग चुकी है. लेकिन आज भी ग्रामीण परिवेश की महिलाएं मासिक धर्म को लेकर भ्रांति में जी रही हैं। उनमें न तो जागरूकता है और न ही उन्हें इससे होने वाली बीमारियों के बारे में पता है।
स्वच्छता के अभाव से होने वाली परेशानियां :
मासिक धर्म में स्वच्छता नहीं होने के कारण देश की महिलाओं की जान भी जा रही है। हम सर्वाइकल कैंसर में पहले नंबर पर हैं. इसलिए मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत है। मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता न रखने पर बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन होने की संभावना बनी रहती है। यह संक्रमण कभी-कभी यूट्रस तक भी पहुंच जाता है। स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी है। मासिक धर्म के समय सेनेटरी पैड्स का इस्तेमाल करें। इन्हें भी हर छह घंटे में बदलें। गीला रहने पर त्वचा में संक्रमण हो सकता है। इस्तेमाल किए गए पैड को सही तरीके से फेंकना भी बहुत जरूरी है, नहीं तो आसपास के वातावरण में भी बीमारियां फैल सकती हैं। प्रयोग किए गए पैड्स कागज में लपेटकर कूड़ेदान में डालें। ध्यान रखें कि माहवारी कोई बीमारी नहीं है, बल्कि एक साधारण शारीरिक प्रक्रिया है। अगर कोई समस्या है तो डॉक्टर की सलाह लेने में देर न करें।
शिक्षा से ही दूर होगा अंधेरा ;
सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया शिक्षा से ही समझ और जागरूकता आती है। इससे उन्हें अपने हक के बारे में पता चलेगा। लड़कियों को कम से कम यह तो पता लगे कि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, शर्मनाक नहीं। हम उन्हें डरा देते हैं और वह समझती हैं कि शायद उन्होंने ही कुछ गलत किया है। शिक्षा से ही अंधेरा दूर होगा। सूचना से ही जागरूकता आएगी।
सुमित कुमार की रिपोर्ट