29 जून : आरा की मुख्य खबरें

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आरा की मुख्य ख़बरें

बालू का अवैध खनन रोकने पर दो लोगों को मारी गोली, एक की मौत

आरा : बिहार के भोजपुर जिले के कोईलवर थानान्तर्गत पचरुखिया घाट पर मंगलवार की सुबह खेत से बालू काटने के विवाद को लेकर अपराधियों दो युवकों को गोली मार दी जिसमे एक की मौत हो गई जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल लाने के दौरान उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

पुलिस ने मौके पर पहुँच कर शव को कब्जे में लेते हुए आरा सदर अस्पताल में पोस्टमोर्तेम करवाया| जबकि का घायल को छपरा के किसी निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है| प्राथमिकी दर्ज करते हुए पुलिस मामले की जांच कर रही है| मृतक कोईलवर थानान्तर्गत राजापुर पचरुखिया गांव के स्व. जवाहर राय का 42 वर्षीय पुत्र विजेंद्र राय है। वही जख्मी उसी गांव का गुड्डू राय बताया जा रहा है पुलिस ने इस सम्बन्ध में एक को गिरफ्तार कर लिया है|

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कोईलवर थानाध्यक्ष कुंवर कुमार गुप्ता ने बताया कि घटना कोईलवर थानान्तर्गत पचरुखिया घाट पर घटी है, हालांकि अभी घटना का कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाया है. पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार दुबे ने कहा कि घटना की जानकारी मिली है. मृतक के भाई ने कुछ लोगों का नाम लिया है उसके आधार पर छापेमारी की गई जिसमें मुख्य आरोपी को गिफ्तार कर लिया गया है।

दूसरी तरफ मृतक के भतीजे रवि कुमार ने बताया कि कोईलवर थानान्तर्गत सेमरिया के बधार में विजयेन्द्र राय मंगलवार की सुबह भैंस चराने गए थे जहां कुछ हथियारबंद बदमाश उनके खेत से बालू काट रहे थे. जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उक्त हथियारबंद बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए| आरा सदर अस्पताल लाने के दौरान रास्ते में ही दम तोड़ दिया. बावजूद इसके परिजन उसे सदर अस्पताल लाये जहां ऑन ड्यूटी चिकित्सक सर्जन डॉ.विकास सिंह ने देख उसे मृत घोषित कर दिया।

जिला पदाधिकारी, भोजपुर ने राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा कर दिए कई निर्देश

आरा : भोजपुर जिला पदाधिकारी रौशन कुशवाहा ने राजस्व विभाग की बैठक की जिसमे सभी अंचलाधिकारी, उप समाहत्र्ता, भूमि सुधार, अनुमंडल पदाधिकारी, अपर समाहर्ता, भोजपुर आदि उपस्थित थे। बैठक के दौरान ऑनलाइन दाखिल खारिज की समीक्षा की गयी। 63 दिनों से अधिक समय तक लंबित आवेदन का निष्पादन एक सप्ताह के अंदर कराने का निदेश अंचलाधिकारी, शाहपुर, कोईलवरएवं अगिआव को दिया गया।

आनलाइन एल0पी0सी0, आनलाइन भू-लगान, परिमार्जन आदि की समीक्षा कर निष्पादन में तेजी लाने हेतु सभी अंचलाधिकारी को निर्देश दिया गया। भूमि विवाद से संबंधित लंबित मामले का निष्पादन कराने का निदेश सभी अंचलाधिकारी को दिया गया। थाना स्तर पर आयोजित होने वाले शनिवारीय भूमि विवाद की बैठक में चैकीदार की उपस्थिति सुनिश्चित कराने का निदेश दिया गया। लंबित एम0जे0सी0/सी0डब्लू0जे0सी0 मामलों का निष्पादन करने का निदेश सभी अंचलाधिकारी को दिया गया।

भू-अतिक्रमण मामले के निष्पादन का इंट्री संबंधित पोर्टल पर कराने का निदेश सभी अंचलाधिकारी को दिया गया। लोक शिकायत के लंबित मामलों का निष्पादन करने का निदेश सभी संबंधित अंचलाधिकारी को दिया गया। माडल रिकार्ड रूम में शिफ्ट कर उसका फोटोग्राफ्स भेजने का निदेश अंचलाधिकारी आरा सदर, जगदीशपुर, शाहपुर, पीरो को दिया गया। कब्रिस्तान घेराबंदी संबंधित कार्य में जहा विवाद है, वहा स्थल भ्रमण कर उसका निराकरण कराने का निदेश संबंधित अंचलाधिकारी को दिया गया। मंदिर घेराबंदी का प्रस्ताव सभी अंचलाधिकारी को उपलब्ध कराने हेतु निदेशित किया गया। सभी अंचलाधिकारी कम से कम 20-25 निलाम पत्र वादों का निष्पादन एक सप्ताह के अंदर करेंगे।

सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए बच्चियों को वैक्सीनेशन जरूरी-डॉ. पूनम रमण

आरा : महिलाओं की मृत्यू ज्यादातर ब्रेस्ट एवं सर्वाइकल (बच्चेदानी के मुंह) के कैंसर से होती है। सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर के मामले आते हैं। सर्वाइकल या बच्चेदानी के मुंह के कैंसर से देश में 76 प्रतिशत महिलाओं की मृत्यू होती है। बहुत सारे कैंसर के होने का कारण हमें पता नहीं है, लेकिन यह सबसे खुशी की बात है कि बच्चेदानी के मुंह के कैंसर का कारण तथा उसके बचाव के लिए वैक्सीन भी मालूम है। बच्चेदानी के मुंह के कैंसर से बचाव के लिए टीका आ गया है इसे रोका जा सकता है। इसका वैक्सीन अभी सरकार के टीकाकरण शेड्यूल में शामिल नहीं है।

उक्त बातें आरा सदर अस्पताल की महिला चिकित्सक डॉ पूनम रमण ने कही। उन्होंने कहा कि सर्वाइकल या बच्चेदानी के मुंह के कैंसर के लिए 9 से 14 साल की बच्चियों के लिए टीका का दो डोज (छह माह के अतंराल पर) तथा 14 से अधिक आयु वर्ग की महिलाओं के लिए टीका का तीन डोज लेने का प्रावधान है। 14 से अधिक आयु वर्ग की महिलाओं के लिए 0, दो माह तथा 6 माह के अतंराल पर तीन टीका लगाया जाता है।

अभी यह टीका काफी महंगा है। निजी असपतालो में यह टीका दिया जाता है। टीके के प्रति डोज की कीमत तकरीबन साढे़ तीन हजार रुपये है। सरकार एवं प्रशासन लोगों के स्वास्थ के प्रति काफी प्रयत्नशील है। सरकार को चाहिए की 9 से 14 साल की बच्चियों के लिए सरकारी एवं निजी स्कूल में दाखिले के समय ही टीकाकरण अनिवार्य कर दिया जाए तो आगे चलकर इस बीमारी से बचा जा सकता है।

डॉ पूनम रमण ने बताया कि महिलाओं में बच्चेदानी के मुंह का कैंसर वायरस के स्ट्रेन से होता है। इसके लिए अभिभावकों, माता-पिता को जागरूक होना बहुत ही जरूरी है। वे अपनी बच्चियों की शादी कम उम्र में नही करें। इससे कैंसर होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। जिस प्रकार लोग टेटनस व अन्य टीका जिंदगी बचाने के लिए लगाते हैं उसी प्रकार बच्चेदानी के मुंह के कैंसर से बचाव हेतु बच्चियो को टीका लगवाएं। सरकार को भी चाहिए कि इस टीका को अपने शेड्यूल में शामिल करें या फिर कुछ छूट दे ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चियो का टीकाकरण हो सके।

भोजपुरी संस्कृति के रक्षण की जिम्मेदारी जन प्रतिनिधियों और प्रबुद्ध लोगों की

आरा : भोजपुरी संस्कृति को जीवित रखने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी भोजपुरी भाषी क्षेत्र के राजनेताओं और प्रबुद्ध व्यक्तियों की है क्योंकि इसके अस्तित्व में रहने से होने वाले लाभों को वे बेहतर तरीके से समझते हैं। उपरोक्त बातें चित्रकार शंम्भू शरण ने भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा द्वारा भोजपुरी चित्रकला को स्थापित करने के लिए किए जा रहे आंदोलन के 29वें दिन आयोजित जनता से संवाद कार्यक्रम के दौरान कही। मंच संचालन करते हुए रंगकर्मी शालिनी श्रीवास्तव ने कहा कि भोजपुरी चित्रकला का सौंदर्य मन को अभिभूत कर देता है।

इसके सौंदर्य और कलात्मकता से समस्त विश्व को अवगत कराने की जिम्मेवारी वर्तमान पीढ़ी की है। चित्रकार रूपा कुमारी ने कहा कि भोजपुरी कला के चित्रकारों का लक्ष्य इस चित्रकला को स्थापित कर लुप्तप्राय कला को नवजीवन देना है। चित्रकार गुड़िया कुमारी ने कहा कि रेलवे प्रशासन से अनुरोध है कि भोजपुरी चित्रकला को स्थान देकर इसके संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान दे। रंगकर्मी रतन देवा ने कहा कि भोजपुरी क्षेत्र के रंगकर्मी अपने नाट्य प्रदर्शनों में भोजपुरी चित्रकला का संयोजन वर्षों से करते आ रहे हैं|

रंगकर्मी किशन सिंह ने कहा कि भोजपुरी चित्रकला भोजपुरी क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिबिंब है। रंगकर्मी संजय नाथ पाल ने कहा कि अब समय आ गया है कि जनप्रतिनिधि आगे बढ़ कर अपनी क्षमता का प्रयोग कर इस कला के उत्थान हेतु पहल करें। रंगकर्मी मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि अपनी संस्कृति के प्रति लोगों की उदासीनता दुःखद है। जाप के प्रखंड अध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ही कोहबर,पीड़िया,गोधन के अवसर पर बनने वाली विशेष आकृति आदि दिखाई देती है। आधुनिकता ने पारंपरिक चीजों के अस्तित्व पर ग्रहण लगा दिया है।

रंगकर्मी डॉ पंकज भट्ट ने कहा कि भोजपुरी लोककलाओं की लंबी फेहरिस्त है। मोर्चा के माध्यम से बारी बारी से सभी के संरक्षण और विकास का सार्थक प्रयास करना चाहिए। आज के चित्रांकन और जनता से संवाद कार्यक्रम को सफल बनाने में रंगकर्मी अशोक मानव, रवीन्द्र भारती, चित्रकार कमलेश कुंदन, रौशन राय, विजय मेहता, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ जितेन्द्र शुक्ल, भास्कर मिश्र, कमल कुमार राय, डॉ ब्रजेश कुमार सिंह, अधिवक्ता हरेंद्र सिंह ने सराहनीय योगदान दिया।

राजीव एन अग्रवाल की रिपोर्ट

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