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28 जून : आरा की मुख्य खबरें

विद्यालय में सो रहे बुजुर्ग की गोली मारकर हत्या

आरा : भोजपुर के संदेश थानान्तर्गत जमुआवं गांव में रविवार की रात प्राथमिक विद्यालय में सो रहे एक बुजुर्ग की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बुजुर्ग को काफी नजदीक से कनपट्टी में गोली मारी गई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। इस सम्बन्ध में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन कर रही है तथा अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी कर रही है| मृतक जमुआवं गांव निवासी 65 वर्षीय मुक्तिनाथ चौधरी है।

घटना के संबंध में बताया जाता है कि मुक्ति नाथ चौधरी घर से कुछ दूरी पर गांव में ही स्थित प्राथमिक विद्यालय में अक्सर सोते थे। रविवार की रात भी वे वही सोये हुए थे। उसी दरमियान अज्ञात हथियारबंद बदमाश ने उनकी गोली मार कर ह्त्या कर दी। आज सुबह वहां से गुजर रहे ग्रामीणों की नजर पड़ी तो उन्होंने इसकी सूचना स्थानीय थाना को दी। संदेश थानाध्यक्ष पंकज कुमार बताया कि बुजुर्ग की हत्या क्यों की गई है। इसका कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि पुलिस अपने स्तर से मामले की छानबीन कर रही है।

फौजी की गला दबाकर हत्या

आरा : भोजपुर जिले के इमादपुर थानान्तर्गत इमादपुर गांव में रविवार की देर रात एक आर्मी जवान की गला दबाकर हत्या कर दी गई। सोमवार की सुबह आटो से उसका शव मिला| उनकी गर्दन पर जख्म के निशान पाए गए हैं। पुलिस मौके से शव को कब्जे में लेकर आरा सदर अप्स्प्ताल में पोस्टमोर्तेम करवाया| मृतक इमादपुर निवासी जनेश्वर सिंह का 31 वर्षीय पुत्र मुकेश कुमार है।

बताया जाता हैं कि इमादपुर निवासी आर्मी जवान मुकेश कुमार यूपी के मेरठ में कार्यरत थे। करीब आठ दिनों पूर्व ही छुट्टी लेकर अपने गांव आए थे। रविवार की रात करीब दस बजे अपने घर से बाहर टहलने के लिए निकले थे। इसके बाद पुन: घर नहीं लौटे। सोमवार की सुबह में घर से करीब दो सौ मीटर दूर खड़े एक आटो से शव बरामद होते ही सनसनी फैल गई। मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलने पर इमादपुर थानाध्यक्ष मों रहमतुल्ला भी वहां पहुंच गए। पुलिस के अनुसार गला घोंटकर हत्या की संभावना जताई जा रही है।

इमादपुर थानाध्यक्ष रहमतुल्लाह ने बताया कि हत्या का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। पुलिस मौके पर पहुंच कर तफ्तीश में जुटी हुई है। पोस्टमार्टम के बाद पता चलेगा कि हत्‍या किस तरह की गई है। गर्दन पर जख्म का निशान पाया गया है। थाना प्रभारी के अनुसार अभी अलग-अलग बिंदुओं पर जांच चल रही है। हत्या प्रेम प्रसंग या जमीनी विवाद से जोड़ कर देखा जा रहा है। मृतक दस साल पूर्व फ़ौज में भर्ती हुआ था|

ट्रेन से कटकर महिला समेत दो की मौत

आरा : दानापुर-पीडीडीयू रेलखंड पर पिछले 24 घंटे में अलग-अलग जगहो पर ट्रेन से कटकर अज्ञात महिला समेत दो की मौत हो गई। रेल पुलिस ने दोनों शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में करवाया। बिहिया एवं कारीसाथ स्टेशन के बीच अप लाइन पर रविवार की देर शाम ट्रेन की चपेट में आने से एक अज्ञात 25 वर्षीया महिला की मौत हो गई। हादसे में महिला का शव पूरी तरह क्षत-विक्षत हो गया।

वहीँ कोईलवर स्टेशन के समीप ट्रेन की चपेट में आने से एक अज्ञात 50 वर्षीय अधेड़ की मौत हो गई। रेल पुलिस की माने तो अधेड़ की मौत किसी चलती ट्रेन की चपेट में आने के कारण होना प्रतीत होता है। खबर लिखे जाने तक दोनो शवो की शिनाख्त नहीं हो पाई है।

ग्यारह दिनों से लापता ठेला चालक का मिला शव

आरा : भोजपुर जिले के मुफस्सिल थानान्तर्गत गोठहूला गांव से लापता ठेला चालक का शव बरामद किया गया। 11 दिन बाद ठेला चालक का शव सुबह गीधा ओपी अंतर्गत संतोषी लता मंदिर के समीप सोराही नदी किनारे से मिला। मृत ठेला चालक गोठहुला गांव निवासी शिवजी साह थे। परिजनों के अनुसार 16 जून की शाम करीब छह बजे वह शौच के लिये घर से निकले थे। देर रात तक जब वह वापस घर नहीं लौटे तो काफी खोजबीन की गयी, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया था।

इसके बावजूद परिजनों ने हार नहीं मानी और लगातार खोजबीन जारी राखी। इसी बीच सुबह गीधा ओपी क्षेत्र के संतोषी लता मंदिर के समीप नदी के किनारे से शव बरामद हुआ। उसके बाद परिजन शव पानी से बाहर निकाल कर उसे वापस गांव ले आये। परिजनों ने पैर फिसल जाने के कारण नदी में गिर कर डूब जाने की आशंका जताई जा रही है। बाद में परिजनों की सूचना पर मुफस्सिल थानाध्यक्ष अनिल कुमार मौके पर पहुंचे और शव का पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में करवाया गया।

जिलाधिकारी भोजपुर ने विभिन्न योजनाओं की की समीक्षा

आरा : जिला पदाधिकारी, भोजपुर ने आज सामाजिक सुरक्षा अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक कर कई निर्देश दिए हैं| भोजपुर जिलाधिकारी ने सामाजिक सुरक्षा अंतर्गत संचालित विभिन्न प्रकार के पेंशन योजनाओं यथा मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय निःशक्तता पेंशन, बिहार राज्य निःशक्तता पेंशन, लक्ष्मी बाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन आदि की समीक्षा की। समीक्षा के क्रम पता चला कि जिले में मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन में 93919 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें से 86447 आवेदन की स्वीकृति दी गयी है एवं 277 आवेदन प्रखंड विकास पदाधिकारी के स्तर पर लंबित है।

इसी प्रकार इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन में 93919 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें से 4435 आवेदन स्वीकृत किया गया है एवं 55 आवेदन प्रखंड विकास पदाधिकारी के स्तर पर लंबित है। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन में 1769 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें से 693 आवेदन स्वीकृत किया गया है एवं 266 आवेदन प्रखंड विकास पदाधिकारी/ डाटा इंट्री ऑपरेटर के स्तर पर लंबित है।

इसी प्रकार जिले में इंदिरा गाधी राष्ट्रीय निःशक्तता पेंशन में 101 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें से 22 आवेदन की स्वीकृति दी गयी है एवं 14 आवेदन प्रखंड विकास पदाधिकारी/ डाटा इन्ट्री आपरेटर के स्तर पर लंबित है। बिहार राज्य निःशक्तता पेंशन में 4291 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें से 3108 आवेदन की स्वीकृति दी गयी है एवं 243 आवेदन प्रखंड विकास पदाधिकारी/ डाटा इन्ट्री आॅपरेटर के स्तर पर लंबित है। लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन में 7434 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें से 4834 आवेदन की स्वीकृति दी गयी है एवं 527 आवेदन प्रखंड विकास पदाधिकारी/ डाटा इन्ट्री ऑपरेटर के स्तर पर लंबित पाया गया।

उक्त विभिन्न पेंशन योजना के आवेदन लंबित रहने पर सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को 15 दिनों के अंदर सभी प्रकार की पेंशन योजनाओं में लंबित आवेदनों का निष्पादन करने हेतु निदेशित किया। निःशक्तन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना में 07 आवेदन एवं अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना में लंबित 11 आवेदन का निष्पादन एक सप्ताह के अंदर कराने का निदेश सभी संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया।

मुख्यमंत्री परिवार लाभ योजना में 4 आवेदन एवं राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना 8 लंबित आवेदन का निष्पादन एक सप्ताह में कराने का निदेश सभी संबंधित पदाधिकारी को दिया। समीक्षा के क्रम में कबीर अंत्येष्टि अनुदान योजना में बड़हरा, संदेश, उदवंतनगर, गड़हनी, अगिआव एवं तरारी प्रखंड में लाभार्थियों का एक भी आवेदन प्रतिवेदित नहीं पाया गया।

जिलाधिकारी ने उक्त सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए निदेशित किया कि अपने क्षेत्र अंतर्गत उक्त योजना का लाभ लेने हेतु लाभार्थी को चिन्ह्ति कराते हुए नियमानुसार कबीर अंत्येष्टि अनुदान योजना का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को सामाजिक सुरक्षा अंतर्गत संचालित सभी योजनाओं के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार कराने का निदेश दिया गया ताकि अधिक से अधिक लोग योजना का लाभ उठा सकें।

जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावितों की सूची में फर्जीबाड़े से सम्बंधित समाचार का किया खंडन

आरा : दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर 2019 में बाढ़ प्रभावितों की सूची में जोड़े गये फर्जी परिवार के नाम के संबंध में जिला प्रशासन ने खंडन करते हुए अपने पक्ष में साक्ष्य प्रस्तुत किये हैं| वर्ष 2019 में बाढ़ प्रभावित प्रखंडों के लगभग 1 लाख 48 हजार बाढ़ प्रभावित परिवारों की सूची तैयार की गयी थी, जिसमें से 88 हजार बाढ़ प्रभावित परिवारों का बाढ़ सहायता राशि का भुगतान कराया गया है।

लाभुकों को बाढ़ सहायता राशि का भुगतान करने हेतु विभागीय निदेश के आलोक में प्रखंड/पंचायत स्तर पर अनुश्रवण समिति गठित है, उसकी बैठक में पारित आदेश के आलोक में ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लाभुकों का भुगतान कराया जाता है। अनुश्रवण समिति के सदस्यों द्वारा गहन जांच-पड़ताल करने के बाद ही सूची अनुमोदित करते हैं। ऐसे में फर्जी परिवार को बाढ़ राहत का पैसा मिलने संबंधी खबर गलत एवं निराधार प्रतीत होता है।

वर्तमान में बाढ़ 2021 के लिए बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में प्रभावित होने वाले लाभुकों की सूची तैयार करायी जा रही है, जिसमें लगभग 1 लाख 5 हजार परिवारों की सूची अपडेट करायी गयी है एवं 15 हजार परिवारों की सूची संबंधित पोर्टल पर अपडेट करायी जा रही है। वर्तमान में बाढ़ राहत सूची जो तैयार करायी जा रही है, उसमें यह ध्यान दिया जा रहा है कि वास्तव में जो बाढ़ से प्रभावित होने वाले लोग हैं, उन्हीं का नाम सूची में इंट्री हो, इसका नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है एवं वरीय पदाधिकारियों द्वारा भी मोनिटरिंग की|

भोजपुरी चित्रकारिता के सम्मान हेतु आन्दोलन के 28वे दिन चित्रकारों ने बताये भोजपुरी चित्रकारिता के फायदे

आरा : महिलाओं के सशक्तिकरण एवं उनके लिए सुरक्षित समाज के निर्माण के लिए उन्हें रोजगार से जोड़ना सबसे महत्वपूर्ण कदम होगा।सरकार का यह दायित्व है कि वह महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठाए।भोजपुरी चित्रकला के क्षेत्र में भी महिलाओं के रोजगार की असीम संभावनाएं हैं।उपरोक्त बातें भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा द्वारा भोजपुरी चित्रकला के सम्मानजनक स्थान के लिए 28 दिनों से चल रहे सांस्कृतिक आंदोलन के दौरान चित्रकार शालिनी कुमारी ने कही।

चित्रकार रूपा कुमारी ने कहा कि भोजपुरी चित्रकला को स्थानीय रेलवे स्टेशन पर अंकन के अवसर से प्रधानमंत्री के लोकल से वोकल का सपना साकार होगा।हमसब अपने परिवार के बीच में रहकर आमदनी भी कर सकते हैं।चित्रकार निक्की कुमारी ने कहा कि हम युवतियों के लिए आत्मनिर्भरता का यह प्रभावी क्षेत्र हो सकता है।

सरकार और रेल प्रशासन को उदार हृदय से हमसबों के अनुरोध को मान लेना चाहिए।चित्रकार रुखसार प्रवीण ने कहा कि महिलाएं अब हर क्षेत्र में पुरूषों के बराबर अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रही हैं।ग्रामीण क्षेत्रों में तो भोजपुरी चित्रकला के चित्रांकन का पूरा कार्य महिलाएं ही करती हैं।भोजपुरी चित्रकला को अवसर देने से उन्हें भी अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका एवं आर्थिक लाभ भी होगा।

चित्रकार गुड़िया कुमारी ने कहा कि महिलाएं परिवार की धुरी होती हैं।महंगाई और प्रतिस्पर्धा के इस समय में पुरुषों के साथ साथ महिलाओं के आत्मनिर्भर होने से परिवार, समाज और देश में समृद्धि आयेगी।मंच संचालन करते हुए रंगकर्मी अशोक मानव ने कहा कि इस सांस्कृतिक आंदोलन को आल इंडिया थियेटर कॉउन्सिल सहित देश के अन्य विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक संघटनों का साथ मिल रहा है।पूर्व वार्ड पार्षद डॉ जितेन्द्र शुक्ला ने कहा कि इन संस्कृतिकर्मियों की मांग पूर्णतया जायज है।भोजपुरी को तो अपने घर में सम्मान मिलना ही चाहिए।सामाजिक कार्यकर्ता अनिल राज ने कहा कि भारत गाँवों का देश है और बापू ने कहा भी था कि गाँव समृद्ध होगा तो देश विकसित होगा।

सामाजिक कार्यकर्ता कृष्णकांत तिवारी ने कहा कि रेलवे प्रशासन के पास एक अद्वितीय अवसर है कि मधुबनी चित्रकला की तरह भोजपुरी चित्रकला को भी स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा कर भोजपुरिया क्षेत्र के लोगों को अनुपम उपहार प्रदान करें।रंगकर्मी विजय कुमार सिंह ने कहा कि आरा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत वर्षों से देश को प्रभावित करती रही है।रंगकर्मी और पत्रकार रवीन्द्र भारती ने कहा कि रेलवे शुरू से ही देश के आर्थिक विकास में उल्लेखनीय योगदान करता आया है।पुनः रेल प्रशासन आगे बढ़कर कलाकारों को प्रोत्साहित करें तो देश की समृद्धि में चार चांद लग जायेगा।

भोजपुरी द सोल आफ मिलियंस पेज से जुड़े सदस्यों ने आरा में हो रहे कला आंदोलन के समर्थन में आवाज बुलंद किया है। भोजपुरीभाषी क्षेत्र से जुड़े लोग देश-विदेश से इस आंदोलन के समर्थन में खुलकर आगे बढ़कर आवाज उठा रहे हैं। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कमलकांत ने कहा कि युवाओं के हाथों में रोजगार देने से समाज में शांति का प्रसार होता है।साथ ही नए नए प्रयोग से समाज में सकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है।आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में चित्रकार कमलेश कुंदन,रौशन राय, विजय मेहता,सामाजिक कार्यकर्ता भास्कर मिश्र,मो इबरार,संजीव सुमन आदि महत्वपूर्ण थे।

राजीव एन अग्रवाल की रिपोर्ट