आंगनबाड़ी सेविकाओं को दिया जा रहा पोषण ट्रैकर एप का प्रशिक्षण, कार्य करने में होगी सहूलियत
मधुबनी : जिले के सभी 3766 आंगनबाड़ी केद्रों से संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार व इसके अनुश्रवण की प्रक्रिया आसान बनाई जा रही है। इसको लेकर केंद्रों की सतत निगरानी व अनुश्रवण के लिये पोषण ट्रैकर एप के उपयोग का निर्णय लिया गया है। पोषण ट्रैकर नाम के इस एप के सफल क्रियान्वयन को लेकर प्रखंड व जिला स्तर पर आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विभागीय निर्देश के आलोक में लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने में हो रही देरी को खत्म करने के लिए पोषण ट्रैकर मोबाइल एप के माध्यम से सभी कार्य समय पर संपन्न कराना है।
प्रशिक्षण से सभी सेविकाओं को काम करने में सहूलियत होगी। उक्त बातें आईसीडीएस के डीपीओ डॉ रश्मि वर्मा ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमण काल के समय में भी आईसीडीएस से संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार व आंगनबाड़ी केंद्रों के अनुश्रवण(मॉनिटरिंग) को सहज व प्रभावकारी बनाने के लिये विभागीय स्तर से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में आंगनबाड़ी केंद्रों की सतत निगरानी व अनुश्रवण के लिये नया मोबाइल एप्लीकेशन जारी किया गया है। पोषण ट्रैकर नाम के इस एप के उपयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों का सतत मूल्याकंन व निगरानी आसान होगा।
सहज व प्रभावकारी होगा आंगनबाड़ी केंद्रों का अनुश्रवण :
जिले की राष्ट्रीय पोषण अभियान की जिला समन्वयक स्मित प्रतिक सिन्हा ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रयाल, भारत सरकार द्वारा विकसित, पोशन ट्रैकर एप सभी आंगनवाड़ी केंद्र, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, और लाभुकों की वास्तविक समय की निगरानी और ट्रैकिंग सक्षम बनाता है। यह सरकारी एप गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, बच्चों, किशोर लड़कियों और किशोर लड़कों के लिए, आंगनबाड़ी केद्रों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और संपूर्ण लाभार्थी प्रबंधन की गतिविधियों का 360-डिग्री दृश्य प्रदान करता है।
सेविकाओं को दिया जा रहा पोषण ट्रैकर एप का प्रशिक्षण :
आईसीडीएस के तहत आंगनबाड़ी सेविकाओं को पोषण ट्रैकर एप पर लाभार्थियों का विवरण अपलोड करने का तरीका सिखाया जा रहा है। सेविकाओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर चलाए जा रहे पोषण कार्यक्रम के लाभार्थियों से संबंधित जानकारी को पोषण ट्रैकर एप पर अपलोड करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस दौरान आईसीडीएस के प्रशिक्षक ने आईसीडीएस द्वारा सेविकाओं को मिले मोबाइल पर पोषण कार्यक्रम लॉगिन कर विस्तार से जानकारी, गर्भवती महिलाएं, छह माह से उपर के बच्चों, तीन से छह आयु वर्ष के बच्चों तथा किशोरियों आदि के लिए संचालित पोषण कार्यक्रम के तहत अलग-अलग निबंधित लाभार्थियों के विवरण को पोषण ट्रैकर एप पर ऑनलाइन करने का तरीका बताया जा रहा है। इसके तहत लाभार्थियों का नाम, माता पिता का नाम, पता, उम्र, आधार संख्या, मोबाइल संख्या आदि जानकारी को ऑनलाइन दर्ज किया जाना है। उल्लेखनीय है कि सभी प्रखंडों में आंगनबाड़ी केन्द्रों की सेविकाओं को पोषण ट्रैकर एप के सभी मोड्यूल पर प्रशिक्षण दिया जाना है।
बेनीपट्टी में भी पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान की शुरूआत, करीब 53 हजार बच्चों को खुराक पिलाने का लक्ष्य
मधुबनी : जिले के बेनीपट्टी मुख्यालय में स्थित पीएचसी परिसर में राष्ट्र व्यापी पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की गयी। पीएचसी प्रभारी डॉ. एसएन झा सहित अन्य चिकित्सकों ने अपने हाथों से आधे दर्जन नवजात बच्चों को पोलियो की दो बूंद दवा पिलाकर उक्त अभियान का शुभारंभ किया।पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. झा ने एक भी बच्चा छूटे नही और सुरक्षा चक्र टूटे नही की चर्चा करते हुए कहा कि शून्य से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने पर ही सुरक्षा चक्र बना रह सकता है।
हेल्थ मैनेजर राजेश रंजन ने कहा कि अभियान की सफलता को लेकर 11 मोबाइल टीम, 53 सुपरवाइजर, 22 ट्रांजिट टीम के अलावे 155 टीम को हाउस टू हाउस कार्य संपादन हेतु लगाया गया है और 11 सब-डिपो एवं 5 ड्रॉपिंग पॉइंट बनाया गया है। उन्होंने बताया कि अगले एक जुलाई तक चलनेवाली इस अभियान में तकरीबन 53 हजार बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
रामशीला हेल्थ केयर हॉस्पिटल मे मृतक के परिजनो द्वारा की गई मारपीट के मामले मे आपसी सहमति से हुआ समझौता
मधुबनी : जिला के सकरी मे स्थित रामशीला हेल्थ केयर हॉस्पिटल मे बीते दिनो ईलाज के क्रम मे भेड़ियाही निवासी मोहम्मद जरीउद्दीन जूही साहेब पूर्व मुखिया की मृत्यु हो गई थी! मृत्यु के बाद मृतक के परिजन एवं हॉस्पिटल प्रशासन के बीच जमकर विवाद हुआ था!जिसमे दोनो तरफ से सकरी थाने मे प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इस विवादित मामले को लेकर दोनो पक्षो मे आपसी सहमति से एक बैठक किया गया, जिसमे परिजनो ने बताया की कुछ असामाजिक तत्वो के बहकावे मे गलतफहमी की वजह से हॉस्पिटल प्रशासन पर झूठे आरोप लगाए गए थे। हमलोगो ने हॉस्पिटल प्रशासन के साथ सभी बिन्दुओ पर चर्चा करके आपसी सहमति से समझौता कर लिया है।
वहीँ हॉस्पिटल प्रशासन ने भी हुई समझौते पर सहमति व्यक्त करते हुए एक दूसरे को गले लगाया। इसे लेकर आज रामशीला हेल्थ केयर हॉस्पिटल के डायरेक्टर कक्ष मे पूर्व जिला पार्षद कमरूल होदा,बिस्फी मधुबनी की अध्यक्षता मे मृतक के पुत्र तबरेज आलम,उनके परिजन एवं अस्पताल प्रशासन के बीच आपसी सहमति से बैठक हुई, जिसमे बैठक मे 21मई 2021 हुई घटना जिसमे भेड़ियाही निवासी मोहम्मद जरीउद्दीन जूही साहेब पूर्व मुखिया की मृत्यु सकरी स्थित रामशीला हेल्थ केयर हॉस्पिटल मे ईलाज के क्रम मे हो गई थी।
मृत्यु के बाद गलतफहमी की वजह से मृतक के परिजन एवं हॉस्पिटल प्रशासन के बीच झगड़ा क़ा माहौल बन गया था। बैठक मे हुई बातचीत मे परिजनो के अनुसार रामशीला हेल्थ केयर हॉस्पिटल सकरी के लिए एक वरदान है, एवं मरीजो को 24×7 बेहतर सुविधा उचित कीमत मे दे रहा है, ईसमे कोई शक नही है! वही अस्पताल प्रशासन ने कहा की हमने भी पता किया है की मृतक मोहम्मद जरीउद्दीन एक सामाजिक व्यक्ति थे! उनके परिवार को अपनी जिम्मेवारी क़ा एहसास हुआ!झगड़े क़ा कुछ कुछ औऱ था कुछ असामाजिक तत्वो के कारण विवाद गहरा गया था!हमलोगो ने सभी बातो पर मिल-बैठकर चर्चा किया एवं आपसी सहमति से सभी तरह क़ा गला-शिकवा दूर किया!
मृतक के परिजन एवं हॉस्पिटल प्रशासन ने आपसी समझौता के बाद यह तय किया की दोनो पक्ष किसी भी तरह की कानूनी कार्यवाई के पक्ष मे नही है। समझौते मे लिए गए सभी निर्णय को दोनो पक्षो के द्वारा पुलिस के वरीय पदाधिकायो को आवेदन के माध्यम से जानकारी देंगे। समझौता बैठक मे सकरी पश्चिम के सरपंच मसूद अहमद,खालिद हुसैन साहेब,जनाब राशिद इकबाल साहेब,प्रशांत मिश्रा एवं अन्य कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
लोकतंत्र का हत्यारा है नीतीश सरकार :-धर्मेन्द्र दास।
मधुबनी : जिले के फुलपरास प्रखंड अंतर्गत बेरियाही मध्य विद्यालय में जिला अध्यक्ष धर्मेन्द्र दास की अध्यक्षता और ज़िलानिरीक्षक राकेश कुमार चौधरी के नेतृत्व में बिहार ग्राम रक्षा दल की बैठक किया गया। उक्त बैठक को सम्बोधित करते हुए जिला अध्यक्ष धर्मेन्द्र दास ने कहा कि नीतीश सरकार लोकतंत्र का हत्यारा है,उनको और उनके मंत्रियों और विधायक को लोकतंत्र का मतलब नहीं पता है।
एक तरफ 19 लाख रोजगार की बात पर बिहार और केंद्र सरकार बिहार के युवाओं और ग्राम रक्षा दल जवानों को भर्मित किया और अपनी सरकार बना लिया। दास ने ग्राम रक्षा दल से जुरू कुछ अहम बात भी बताई बिहार ग्राम रक्षा दल एक पंचायती राज की एक संस्था है बिहार सरकार की नीति कितनी गंदी है। पंचायती राज अधिनियम 1949 में लागू ग्राम रक्षा दल का भविष्य।
१. अगर हमारे सदस्य कार्य करने के दौरान आँख फुट जाता और कान बहिर हो जाता है तो बिहार सरकार 1050 रुपये देती है।
२.शरीर का जोर टूट जाने पर 300 रुपया देती है ये बिहार सरकार।
३.अगर स्थाई रूप से शरीर विकिर हो जाता है तो 600 रुपये देती हैं ये बिहार सरकार।
४.अगर ड्यूटी के दौरान हमारे सदस्यों की मृत्यु हो जाती है तो 10000 रुपये देती हैं ये बिहार सरकार।
वहीं ज़िलानिरीक्षक राकेश कुमार चौधरी ने कहा कि ग्राम रक्षा दल को सरकारी कर्मी का दर्जा,मानदेय, स्थायी करन, जीवन सुरक्षा विमा,अन्य सरकारी नियुक्ति में भी प्राथमिकता दें बिहार सरकार। बैठक में उपस्थित सदस्य:-पंडौल प्रखंड अध्यक्ष सुबोध कुमार साहू,प्रखंड सचिव दिनेश ठाकुर, कुशेश्वर पासवान,अजय राय,पंकज कुमार राय,प्रेम कुमार साह,रितेश पासवान,इंद्र कुमार,रविन्द्र यादव,रामसुंदर यादव,लक्षण कुमार और अन्य मौजूद थे।
सुमित कुमार की रिपोर्ट