निर्णय विभाग देगा टीकाकरण अभियान को रफ्तार, चलाएगा टीका एक्सप्रेस
छपरा: जिले में टीकाकरण अभियान को रफ्तार देने के उद्देश्य से टीका एक्सप्रेस चलाने का निर्णय विभाग के द्वारा लिया गया है। मंगलवार से जिले में 31 टीका एक्सप्रेस का संचालन किया जायेगा। इसको लेकर सभी वाहनों पर टीकाकरण की तैयारी पूरी कर ली गयी है। इस संबंध में जिलाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे ने संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है।
डीएम ने बताया कि जिले में 45 वर्ष या इससे अधिक आयुवर्ग श्रेणी में टीकाकरण की प्रगति के दृष्टिगत एवं दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में लाभार्थियों के घर के समीप टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध कराने एवं टीकाकरण सत्रों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से टीका एक्सप्रेस (45 वर्ष या इससे अधिक आयुवर्ग के लिए) चलाने का निर्णय लिया गया है। वैक्सीनेशन रथ के लिए मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के लाभुक की गाड़ी को भाड़े पर लेना है। इसको लेकर सभी प्रखंड के बीडीओ को निर्देश दिया गया है। इससे हमें पंचायत और गांव में छूटे लोगों को टीका देने में सहूलियत होगी। टीकाकरण में तेजी आएगी। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि पंचायत सचिव को इस कार्य मे लगाया जाए। उनकी संविदा अवधि विस्तार के लिए टीकाकरण में प्रगति देखी जाएगी।
80 प्रतिशत से अधिक टीका होने पर गांव को मिलेगा सम्मान :
जिलाधिकारी ने कहा कि मुखिया और जनप्रतिनिधियों को इसमे शामिल करना है, उनके बिना गांव में टीकाकरण में तेजी नही आएगी।. जिस गांव और पंचायत में 80% अधिक टीकाकरण होगा उन्हें संजीवनी गांव , पंचायत का सम्मान सरकार से मिलेगा। उन्हें सरकार द्वारा कुछ लाभ भी मिल सकता है। गांवों में कोविड टीकाकरण सत्र की सूचना ससमय संबंधित आशा, ए.एन.एम. जीविका एवं जनप्रतिनिधियों को दी जायेगी। आशा कार्यकर्ता एक दिन पूर्व संबंधित गांव में जाकर लाभार्थियों के उत्प्रेरण का कार्य सुनिश्चित करेंगी ताकि पर्याप्त संख्या में लाभार्थियों को टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। एक गांव में टीकाकरण का कार्य पूर्ण कर टीका एक्सप्रेस दूसरे गांव के दूसरे टीकाकरण सत्र के लिए प्रस्थान करेगी।
जिले में चलेगी 31 टीका एक्सप्रेस :
जिलाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे ने बताया कि छपरा शहरी क्षेत्र समेत सभी प्रखंडों में कुल 31 टीका एक्सप्रेस को रवाना किया जायेगा। जिलाधिकारी ने बताया कि अमनौर में 2, बनियापुर में 1, दरियापुर में 2, दिघवारा में 1, एकमा 2, गड़खा 2, इसुआपुर 1, जलालपुर 2, लहलादपुर 2, मांझी 2, मढौरा 2, नगरा 1, मशरक 2, पानापुर 1, परसा 1, रिविलगंज 1, सदर प्रखंड 2, सोनपुर 2, तरैया में 1 टीका एक्सप्रेस चलाने का निर्णय लिया गया है। सिविल सर्जन डॉ जनार्दन प्रसाद सुकुमार ने कहा कि इसको लेकर माइक्रोप्लान तैयार कर लिया गया है। सभी टीका एक्सप्रेसों को बैनर पोस्टर के माध्यम से आर्कषक तरीके सजाया जायेगा।
डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे ने मंगलवार को सदर अस्पताल का किया निरीक्षण
छपरा: सारण के जिलाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे ने मंगलवार को सदर अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने सदर अस्पताल के विभिन्न वार्डों व विभागों का बारी-बारी से निरीक्षण कर संबंधित पदाधिकारियों एवं चिकित्साकर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान सदर अस्पताल परिसर के जीर्ण-शीर्ण पड़े पुराने भवनों को तोड़ने तथा मरम्मती करने का निर्देश भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया। इस दौरान डीएम ने कहा कि इमरजेंसी वार्ड के भवन का मरम्मती करने किया जायेगा।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि अस्पताल परिसर स्थित एसएनसीयू के सामने वाले पुराने भवन, जिला स्वास्थ्य समिति के पास बने पुराने भवन तथा एनआरसी भवन का मरम्मती का कार्य किया जाये। वहीं जिलाधिकारी ने कहा कि सदर अस्पताल में जल्द ही दीदी की रसोई की शुरूआत की जायेगी इसको लेकर आवश्यक तैयारी पूरी की जा रही है। रसोई के स्थल का भी चयन कर लिया गया है। डीएम ने कहा कि जो भवन बिल्कुल जर्जर है उसे तोड़ दिया जाये और जो मरम्मती करने के लिए उसकी मरम्मती कर तैयार हालत में रखा जाये। ताकि भविष्य में इन सभी भवनों का उपयोग किया जा सके।
डीएम ने इमरजेंसी वार्ड में निरीक्षण के दौरान कहा कि अस्पताल में साफ-सफाई का विशेष रूप से ख्याल रखें। मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो इसका ख्याल रखना है। बेड पर नियमित रूप से चादर को बदलें। दिन में तीन साफ-सफाइ कराएं। इस दौरान जिलाधिकारी के साथ सिविल सर्जन डॉ. जर्नादन प्रसाद सुकुमार, डीपीएम अरविन्द कुमार, डीएस डॉ. रामइकबाल प्रसाद, हेल्थ मैनेजर राजेश्वर प्रसाद समेत अन्य मौजूद थे।
संक्रमण की बढ़ती रफ़्तार को देखते हुए इस समय और ज्यादा सावधान रहने की जरूरत
छपराः कोरोना वायरस के संक्रमण से जिला के ग्रामीण इलाकों में लोगों के संक्रमित होने की ख़बरें आ रही हैं। कोरोना के संक्रमण को मात देकर बहुत लोग स्वस्थ्य हो चुके हैं। लेकिन अभी स्वस्थ्य हो चुके मरीजों को भी सावधान रहने की जरूरत है। यह बात साबित भी हो चुकी है कि किसी भी व्यक्ति को कोरोना का संक्रमण दोबारा अपनी चपेट में ले सकता है। संक्रमण की बढ़ती रफ़्तार को देखते हुए इस समय और ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। कई चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी भी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और अपनी सेवाएं देने में असमर्थ हैं। ऐसे में सबकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि सावधानी रखें, सुरक्षित रहें और इस कठिन परिस्थिति में स्वस्थ रहें और संक्रमित होकर स्वास्थ्य सेवाओं पर और दबाव न डालें।
संक्रमण से ठीक हो चुके व्यक्ति दोबारा हो सकते हैं संक्रमित :
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना का संक्रमण इससे एक बार उबर चुके व्यक्ति को भी दोबारा अपनी गिरफ्त में ले सकता है। रिपोर्ट के अनुसार अभी ऐसा कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है जो सत्यापित करे कि कोरोना का संक्रमण उससे संक्रमित हो चुके व्यक्ति को दुबारा नहीं हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक घर में रहकर और साफ़ सफाई अपनाकर स्वयं को कोरोना के संक्रमण से सुरक्षित रखा जा सकता है।
स्वस्थ होने के तीन महीने बाद ले सकते हैं कोविड का टीका :
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की निर्देशिका में बताया गया है कि कोरोना से संक्रमित व्यक्ति संक्रमण से उबरने के तीन महीने बाद कोरोना का टीका ले सकता है। अगर कोई व्यक्ति टीके का पहला डोज लेने के बाद संक्रमित होता है तो उस स्थिति में भी संक्रमण से उबरने के तीन महीने बाद कोरोना का टीका ले सकता है। टीकाकरण के बाद भी कोविड सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य रूप से करना जरूरी है क्यूंकि ऐसे कई मामले आये हैं जिसमे टीका का दोनों डोज लेने के बाद भी व्यक्ति संक्रमण की चपेट में आया है।
अनुशासित जीवनशैली अपनाकर स्वयं को रखे सुरक्षित :
सिविल सर्जन डॉ. जेपी सुकुमार ने बताया लापरवाही कोरोना के संक्रमण को दावत दे सकती है। सरकार ने लॉकडाउन लगाया है, लेकिन ये आत्मचिंतन का विषय है कि सरकार को क्यूँ लॉकडाउन लगाने की जरूरत पड़ी। इस समय अपने घर में रहकर और अनुशासित जीवनशैली अपनाकर स्वयं को कोरोना के संक्रमण से बचाया जा सकता है। घर में रहें और हल्का, सुपाच्य एवं प्रोटीनयुक्त भोजन का सेवन करें। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती मिलती है और कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से भी सुरक्षा मिलती है।
इन चीजों को करें अपनी दिनचर्या में शामिल :
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार निम्न सावधानियों को अपनाकर स्वयं को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाया जा सकता है।
• घर में रहें और बाहर निकलने से बचें
• घर से बाहर निकलने पर मास्क का उपयोग करें
• भीड़ वाली जगहों पर जाने से परहेज करें
• एल्कोहल युक्त हैण्ड वाश से हाथों की नियमित सफाई करें.
• नियमित व्यायाम करें और पौष्टिक भोजन ग्रहण करें
• नशीली चीजों का सेवन न करें।
कोविड संक्रमण की रोकथाम में आयुष मंत्रालय भी निभा रहा अपनी महत्वपूर्ण भूमिका
छपरा : कोविड संक्रमण की रोकथाम की दिशा में आयुष मंत्रालय भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आयुष मंत्रालय द्वारा कोविड संक्रमण से बचाव के लिए समय-समय पर गाइडलाइन जारी किया गया है जिसमें विशेष तौर पर प्रकृति प्रदत्त औषिधीय वस्तुओं की उपलब्धता और उपयोग, योग, व्यायाम और सही खानपान के महत्व पर बल दिया गया है| अब आयुष मंत्रालय ने एक कदम बढ़ाते हुए संक्रमण से बचाव तथा संक्रमण से उबरने के पश्चात शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यक देखभाल के लिए आमजन को फोन के माध्यम से जानकारी देने का निर्णय लिया है| हेल्पलाइन संक्रमण की पूर्णत: रोकथाम और संक्रमण से उबरने वाले रोगियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मददगार साबित होगा|
टॉल फ्री नंबर 14443 से मिलेगी जानकारी :
आयुष मंत्रालय ने लोगों को स्वास्थ्य विशेषज्ञों के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श व जानकारी देने के लिए टॉल फ्री नंबर 14443 जारी कर सामुदायिक सहायता हेल्पलाइन की शुरुआत की है| इसके जरिये कोविड-19 से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए आयुष आधारित उपाय बताये जायेंगे| यह हेल्पलाइन पूरे देश में शुरू की गयी है| टोल फ्री सेवा पूरे सप्ताह सुबह 6 बजे से रात 12 बजे तक संचालित रहेगी|
नजदीकी आयुष केंद्रों का लें सकते हैं पता :
इस टोल फ्री हेल्पलाइन के माध्यम से आयुष की विभिन्न विधाओं जैसे आयुर्वेद, होमियोपैथी, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी के विशेषज्ञों द्वारा लोगों को चिकित्सीय परामर्श दिए जाएंगे| ताकि लोग शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ्य रह सकें| यहां मौजूद विशेषज्ञ रोगी की काउंसलिंग और उपयोगी उपचार के अलावा उनके नजदीकी आयुष केंद्रों की जानकारी भी देंगे|
हिंदी और अंग्रेजी के साथ क्षेत्रीय भाषा होंगी मौजूद :
कोविड-19 से उबरने वाले रोगियों को दोबारा रोजमर्रा के काम शुरू करने में हेल्पलाइन मददगार साबित होगा, इसकी उम्मीद है| यह हेल्पलाइन इंटरएक्टिव वॉइस रेस्पांस (आईवीआर) आधारित है| जहां प्री रिकॉर्डेड मैसेज की मदद से हिन्दी तथा अंग्रेजी भाषा में जानकारियां प्राप्त हो सकेंगी| मंत्रालय ने कहा है आईवीआर सिस्टम से जल्द ही अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को भी जोड़ा जायेगा| हेल्पलाइन एक बार में 100 कॉल्स प्राप्त कर सकती है| भविष्य में जरूरत को देखते हुए कॉल्स की क्षमता को बढ़ा दिया जायेगा| मंत्रालय को प्रोजेक्ट स्टेप-वन संस्था द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है|
विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली है आयुष :
आयुष प्रणाली प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली है जिसका आज भी इस्तेमाल किया जा रहा है| इसके तहत आने वाली उपचार की विधियों को औपचारिक रूप से मान्यता प्रदान कर दी गई है| आयुष प्रणाली असरदार, सुरक्षित, आसानी से उपलब्ध और सस्ती है तथा इसे कोविड-19 का इलाज करने में कारगर पाया गया है|