Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

आरा की मुख्य ख़बरें
आरा बिहार अपडेट बिहारी समाज

25 जून : आरा की मुख्य खबरें

कलाकारों की गिरफ्तारी सिर्फ जनता की आवाज़ को दबाने की कोशिश

आरा : “मैं उनका हो गया कि जिनका कोई पहरेदार नहीं था”,इसलिए राह संघर्ष की हमने चुनी जिंदगी आंसुओं से नहाई न हो,भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा के अभियान गीत आदि के माध्यम से आम लोगों को भोजपुरी चित्रकला और पारंपरिक संस्कृति से अवगत कराने के लिए भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा द्वारा आरा के रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक से सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से शांतिपूर्ण तरीके से रंगजुलूस निकाला गया। प्लेटफॉर्म संख्या दो पर जाने के दौरान आर पी एफ ने दुर्व्यवहार करते हुए तथा जनता के प्रजातांत्रिक अधिकारों को धत्ता बजाते हुए मोर्चा के कलाकारों से बैनर,झाल,हुरुक आदि छीन लिया और उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया।

मोर्चा के 5 साथियों अशोक मानव,भास्कर मिश्र, विजय मेहता, कमलेश कुंदन एवं कृष्णेन्दु को गिरफ्तार कर थाने में लाया गया।इसके बाद भी मोर्चा के शेष सदस्यो ने सांस्कृतिक गीतों के माध्यम से रेलवे प्रशासन का विरोध जारी रखा गया। कल ही इस रंगजुलूस निकालने की लिखित सूचना आरा के स्टेशन प्रबंधक, जीआरपी और आरपीएफ को दी गई थी।आरपीएफ ने पूर्व की भाँति उसे रिसिव नहीं किया गया।ज्ञातव्य हो कि विगत 25 दिनों से आरा रेलवे स्टेशन पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से भोजपुरीभाषी सभी रेलवे स्टेशन सहित आरा रेलवे स्टेशन पर भोजपुरी चित्रकला के सशुल्क अंकन की अनुमति देने के लिए शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चलाया जा रहा है।

माननीय रेलमंत्री सहित पूर्व मध्य रेलवे के वरिष्ठ पदाधिकारियों,स्थानीय सांसद सह मंत्री, स्थानीय विधायक सह मंत्री एवं जिले के सभी विधायकों से पत्र एवं स्मार पत्र के माध्यम से बार बार अनुरोध करने के बाद भी कोई भी सकारात्मक परिणाम नहीं निकलने पर दो दिन के सांकेतिक उपवास के बाद आज डी आर एम के आने की संभावना को देखते हुए मोर्चा ने रंगजुलूस, भोजपुरी चित्रकला को उपहार स्वरूप देने और ज्ञापन देने की योजना थी।लेकिन उनके नहीं आने पर निराश कलाकारों द्वारा प्लेटफॉर्म पर ही शांतिपूर्ण ढंग से रंगजुलूस निकालने के दौरान हुई गिरफ्तारी से जिले ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश देखा जा रहा है। यह अत्यंत दुःखद है कि आजीविका के जायज माँग पर अवसर न देकर रेल प्रशासन गिरफ्तारी कर रहा है।

पत्रकार रवींद्र भारती ने आक्रोश जताते हुए कहा कि आर पी एफ का कदम और कुछ नही सिर्फ जनता की आवाज को दबाने की तरह है और इस गिरफ्तारी के बाद आंदोलन का स्वरुप और तेज होने की उम्मीद है। आज के शांतिपूर्ण रंगजुलूस का साथ देने विभिन्न सांस्कृतिक विधाओं से जुड़े एवं सामाजिक कार्यकर्तागण यथा सुशील कुमार, सुरेश कुमार पांडेय, संजय नाथ पाल,  संजय कुमार सिंह, धनी पांडेय, किशन सिंह, महबूब आलम, अनिल राज, रतन देवा,फिरोज खान,चैतन्य कुमार, साहेब कुमार,सुधीर शर्मा, अंजनी कुमार, राजा कुमार, लड्डू भोपाली आदि प्रमुख थें।

कमरतोड़ महँगाई के खिलाफ 30 जून को होगा जिलाधिकारी के समक्ष धरना

आरा : भाकपा माले नगर सचिव दिलराज प्रीतम ने कहा कि वामदलों के अखिल भारतीय विरोध पखवाड़ा के तहत 30 जून को जिलाधिकारी के समक्ष धरना आयोजित किया जाएगा! उन्होंने कहा कि कोविड-19 व लॉकडाउन के तबाही भरे दौर में जनता की क्रय शक्ति बढ़ाने के बजाय मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल वो आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को लगातार बढ़ा कर उनके जीवन को गहरे संकट में डाल दिया है, 2 मई को आए विधानसभा चुनाव परिणाम से लेकर अब तक इस सरकार में कम से कम 21 बार पेट्रोलियम पदार्थों का दाम बढ़ाया है। हालांकि यह है कि आज डीजल की कीमत प्रति लीटर लगभग 100 और पेट्रोल की कीमत 100 पार हो गई है! डीजल कीमत में बढ़ोतरी से महंगाई को बढ़ाती है! सरसों तेल की कीमत भी प्रति लीटर 200 पार कर रही है।

दिलराज प्रीतम ने कहा कि खाद्य पदार्थों के मूल्य में अप्रैल महीने में 5% प्राथमिक स्तर की वस्तुओं के मूल्य में 10.16% और विनिर्मित उत्पादों के मूल्य में 9.01प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है| खुदरा मार्केट तक पहुंचते-पहुंचते वस्तुओं की कीमत और भी बढ़ जाती है!कच्चे तेल और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते हैं मुद्रास्फीति की दर में मई में बढ़कर रिकॉर्ड 12.94% पर पहुंच गई है।

उन्हेंने आगे कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत बढ़ाने के पीछे सरकार अंतरराष्ट्रीय मूल्य वृद्धि का गलत तर्क देती रहती है 2008 में जब कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 147 डॉलर प्रति बैरल थी तब हमारे देश में पेट्रोल की कीमत 45 रु प्रति लीटर थी और आज जब अंतरराष्ट्रीय कीमत घट कर 61डाँलर प्रति बैरल है हमारे देश हमारे यहां पेट्रोल की कीमत 100 रु प्रति लीटर अधिक हो गई है, पेट्रोल पदार्थों के दामों में बेतहाशा वृद्धि का मूल कारण है सरकार द्वारा इन उत्पादकों पर लगाया गया अभूतपूर्व टैक्स है! अभी सरकार पेट्रोल पर 60% और डीजल पर 64% टैक्स ले रही है जबकि मोदी सरकार ने इस देश में 28% अधिकतम जीएसटी टैक्स का निर्धारण किया है फिर भी यह सरकार पूंजीपतियों के इशारे पर 60 ℅ टैक्स ले रही है जो सरासर जनता को लूट रही है।

उन्होंने कहा कि हाल ही में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बयान दिया था कि आखिर कोविड के टीके का पैसा कहां से आएगा अर्थात मोदी सरकार को कोविड के टीके की आड़ में देश की जनता को लूट रही है ठीक इसी दौरान कारपोरेट घरानों के लाखों-करोड़ों कर माफ कर दिए गए है जनता की बजाय कारपोरेट घरानों पर टैक्स लगाकर सरकार इस समस्या का समाधान कर सकती थी लेकिन कारपोरेटपरस्ती तो इस सरकार की मूल आत्मा बनी हुई है. जहां तक सरसों तेल का कीमत है जो है,2013-14 में 78.77 लाख टन की तुलना में 2020-21 में 104.27 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ है सरकार यह बताएं कि जब उत्पादन बढ़ रहा है तब सरसों तेल की कीमत 200₹ क्यों पहुंच गई?2014 में सरसों तेल की कीमत प्रति लीटर 100₹ से नीचे थी।

महंगाई बढ़ने का एक दूसरा बड़ा कारण सत्ता के संरक्षण में आवश्यक वस्तुओं और दवाओं की कालाबाजारी और जमाखोरी है आज देश भयानक आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है बेरोजगारी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है लोगों की क्रय शक्ति बहुत कमजोर हो गई है और भूख का भूगोल लगातार विस्तृत होता जा रहा है एक रिपोर्ट के मुताबिक इस दौर में तकरीबन 28 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे चले गए हैं और लाखों लाख लोगों को रोजगार छीन लिया गया है ऐसी स्थिति में लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना किसी भी संवेदनशील सरकार का पहला काम होना चाहिए लेकिन सरकार कालाबाजारी और जमाखोरी को संरक्षण दे रही है।

लॉकडाउन में हमने देखा कि किसान इस प्रकार अपने उत्पादकों को मिट्टी के भाव बेचने पर मजबूर हुए फिर व्यापारियों ने उसी का कालाबाजारी की!कोविड के दूसरे चरण में हम सबने आवश्यक वस्तुओं,ऑक्सीजन, ऑक्सीजन सिलेंडर व अन्य स्वास्थ्य उपकरणों की कालाबाजारी होते देखा है!यह आम जनता पर दोतरफा मार है! हमारी पार्टी का मांग सरकार के इसके खिलाफ तत्काल कड़े कदम उठाए और महंगाई को नियंत्रित करें। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के भयानक मार झेल रही आम जनता के लिए सरकार की घोषणाएं नाममात्र है। हमारी मांग है कि इनकम टैक्स के दायरे से बाहर सभी परिवारों के लिए सरकार अगले 6 महीने तक 250 रु प्रति रोज के हिसाब से दे।

राजीव एन० अग्रवाल की रिपोर्ट