भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जयनगर के संस्थापक सदस्य कामरेड उत्तिम बनरैत का निधन
मधुबनी : भाकपा के संस्थापक सदस्य कॉमरेड उत्तिम बनरैत के निधन पर भाकपा शहर परिषद जयनगर ने दी श्रद्धांजलि, आयोजित श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने कॉमरेड बनरैत के अधूरा सपना को साकार के लिए संकल्प। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जयनगर के संस्थापक सदस्य कामरेड उत्तिम बनरैत के निधन पर भाकपा शहर परिषद जयनगर के द्वारा यूनियन टोला में वार्ड पार्षद शिवजी पासवान के आवास पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित किया गया।
सभा स्थल पर आयोजित सभा के अध्यक्षता भाकपा के के वरिष्ठ नेता वार्ड पार्षद शिवजी पासवान की अध्यक्षता में सभा आयोजित की गई, जिसका संचालन पूर्व शहर मंत्री जहांगीर ने किया। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कॉमरेड बनरैत के क्रांतिकारी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने अपने पार्टी के संस्थापक काल से हमेशा गरीब मजदूर के प्रति समर्पित थे और उनके उत्थान के लिए हमेशा पार्टी के नेतृत्व में बड़ी लड़ाई लड़े और पार्टी को मजबूती प्रदान किए।
उनके निधन से पार्टी की बड़ी क्षति हुई है, जिसका भारत पाई करने की संकल्प लिए अंत में उनके तस्वीर पर पुष्प माला अर्पित कर सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित किए। इस सभा में शहर मंत्री श्रवण साह, भाकपा(माले) के प्रखंड सचिव भूषण सिंह, सूरज ठाकुर, लक्षण साह, विन्दा मुखिया, वार्ड पार्षद शिवाजी पासवान, मो० जहांगीर, गनौर पासवान सहित कई साथियों ने सभा को संबोधित कर श्रद्धांजलि अर्पित किए।
लॉक डाउन की वजह से सैकड़ों कलाकार भुखमरी के हालात में, ऑनलाइन व्यापार भी है ठप
मधुबनी : कोरोना संक्रमण के चलते सूबे में लॉकडाउन लगा है। लॉकडाउन से पिछले साल की तरह इस बार भी व्यापारी से लेकर किसान परेशान हैं।लॉकडाउन का असर मिथिला पेंटिंग के कलाकारों पर भी पड़ा है। मधुबनी में इसके सात हजार से अधिक कलाकार हैं। कोरोना की दूसरी लहर के चलते कलाकार प्रभावित हुए हैं।
अप्रैल से अब तक करीब एक करोड़ से अधिक का मिथिला पेटिंग का कारोबार प्रभावित हुआ है। जाहिर है कि मिथिला पेंटिंग का डिमांड देश दुनिया में सालों भर रहती थी। मगर, इस वर्ष के लॉकडाउन में मिथिला पेंटिंग्स के अलावा मिथिला पेंटिंग्स वाले मास्क की भी डिमांड काफी कम देखी जा रही है। हालांकि जिले के तकरीबन सात हजार मिथिला पेंटिंग कलाकारों में से गिने-चुने कलाकार ही वर्तमान में मिथिला पेंटिंग्स वाले मास्क तैयार कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं।
सुमित कुमार की रिपोर्ट