21 जून : आरा की मुख्य ख़बरें

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आरा की मुख्य ख़बरें

योग और आयुर्वेद संसार के लिए वरदान–आचार्य भारतभूषण

आरा : अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर श्रीसनातनशक्तिपीठसंस्थानम् के प्रधान कार्यालय फ्रेण्ड्स कॉलोनी में प्रातःकाल पद्मासन, प्राणायाम, कपालभाती, सूर्य नमस्कार आदि किया गया। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत आयोजित योगसत्र में आचार्य भारतभूषण पाण्डेय ने कहा कि योग और आयुर्वेद प्रकृति व परमात्मा का सबसे बड़ा वरदान है। स्वस्थ और शतायु होने का सबसे बड़ा साधन है जिसे भारतीय ऋषियों ने प्रकट किया है।

उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया इसे आह्लादपूर्वक अपना रही है। योग तन व मन के बीच सामंजस्य स्थापित करने का एक ऐसा शाश्वत साधन है जिसके नियमित अभ्यास से मनुष्य में नई आत्मचेतना जागृत होती है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थ व मन से नकारात्मक विचार बाहर निकाल देती है। योग व्यक्तिगत शक्ति में वृद्धि करता है। आत्मबोध में सुधार करता है।

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सजगता, ध्यान और एकाग्रता में मदद करती है। उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीन परंपरा का योग विश्व बंधुत्व का प्रतीक बन गया है। सिर्फ योग दिवस के मौके पर ही नहीं, बल्कि हमें नित्य प्रतिदिन मन में साकारात्मक विचार बनाए रखने हेतु योग करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि योग भारतीय परंपरा व संस्कृति की अमूल्य देन है। यह स्वास्थ्य एवं कल्याण का सहज सम्बन्ध बनाने वाला दृष्टिकोण है। योग केवल व्यायाम नहीं है, बल्कि स्वयं के साथ विश्व और प्रकृति के साथ एकल खोजने का भाव है।

योग सत्र में सत्येन्द्र नारायण सिंह, अखिलेश्वर नाथ तिवारी, कुमार सौरभ, डॉ. निधीश मिश्र, पं. मधेश्वर नाथ पाण्डेय, शिवदास सिंह, जनार्दन मिश्र,ध्रुव कुमार सिंह, उमेश सिंह कुशवाहा आदि प्रमुख थे।

अशोक शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष जनता दल (यू) ने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर देश वासियों से निवेदन है की हमारा देश योग -प्रणायाम का जनक है। हम योग और प्रणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल कर करोना महामारी के साथ साथ असाध्य बीमारियों से दूर रह सकते हैं। ऋषि मुनि और हमारे पूर्वज योग और परिश्रम के बदौलत सौकडों साल स्वस्थ और निरोग जीवन व्यतीत करते थे। तो आइये आज हम सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर शपथ लें की हम योग -प्रणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल कर अपने परिजन के साथ साथ अन्य लोगों को भी स्वस्थ एवं निरोग रहने के लिए योग एवं प्रणायाम के लिए प्रेरित करने का कार्य करेंगे साथ हीं साथ पर्यावरण संतुलन के लिए वृक्षारोपण उनका संरक्षण और करोना महामारी से बचने, अपने परिवार, समाज, राज्य और देश को बचाने के साथ साथ करोना महामारी पर विजय पाने के लिए करोना टीकाकरण कराने के लिए जागरूक करने का भी कार्य करेंगे।

दूसरी तरफ भारतीय डाक विभाग ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उसके महत्व को लोगों तक पहुंचाने के लिए स्पेशल कैंसीलेशन लेकर आया है। यह अनूठा कदम 7 वीं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की स्मृति में हुआ। भारतीय डाक विभाग ने पूरे भारतवर्ष के 810 प्रधान डाकघरों में इस विशेष निरस्तीकरण को सचित्र डिजाईन के साथ जारी किया। यह अब तक का सबसे बड़ा एक साथ डाक टिकट संग्रह स्मृति है। सभी वितरण एवं वितरण रहित डाकघर ने आज को डाकघर में बुक होने वाले सभी डाक पर इस विशेष निरस्तीकरण को लगाया।

विगत कुछ वर्षों में डाक टिकट संग्रह के प्रति लोगों का रुझान कम हुआ है, इस शौक को फिर से जीवित करने के लिए डाक विभाग संग्रहकर्ताओं के लिए एक योजना चला रहा है। वे लोग फिलाटेलिक ब्यूरो और अभिहित डाकघरों से डाक टिकट प्राप्त कर सकते है। कोई भी इच्छुक व्यक्ति आसानी से फिलाटेलिक जमा खाता देश के किसी भी डाकघर में 200 रुपया जमा कर खोल सकते हैं और डाक टिकट एवं स्पेशल कवर प्राप्त कर सकते हैं।

इसके अतिरिक्त स्मृति डाक टिकट जो केवल फिलाटेलिक ब्यूरो एवं काउंटर पर उपलब्ध हैं और यदि आपका फिलाटेलिक डिपाजिट खाता है तो उसके माध्यम से भी प्राप्त कर सकते हैं। ये सीमित मात्रा में छपते है। वर्षों से योगा एवं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस स्मृति डाक टिकट संग्रह के लिए जनप्रिय विषय रहा है।

वर्ष 2015 में भारतीय डाक विभाग ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दो डाक टिकट एवं एक मिनिएचर सीट का सेट लाया था। 2016 में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने द्वितीय अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सूर्य नमस्कार पर स्मृति डाक टिकट जारी किया था। वर्ष 2017 में संयुक्तराष्ट्र डाक प्रशासन ने योगा के दस आसनों को दिखाते हुए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर न्यूयार्क में उत्सव मनाया।

भोजपुर प्रमंडल के अंतर्गत दो प्रधान डाकघर आरा एवं बक्सर हैं, जहां विगत वर्षों से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग शिविर लगाया जा रहा है। इस वर्ष कोविड -19 को देखते हुए शिविर का आयोजन नहीं किया गया, परन्तु इस दिन डाकघर में प्राप्त डाक एवं वितरण के लिए जानेवाले डाक पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का सचित्र डिजाईन युक्त विशेष निरस्तीकरण लगाया और इसके माध्यम से लोगों को इसके महत्व की जानकारी दी।

हादसे में मां-बेटे समेत तीन की मौत

आरा : भोजपुर जिला में रविवार की शाम दो अलग अलग घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गयी| पहली घटना चरपोखरी थानान्तर्गत सियाडीह-बड़हरा गांव के बीच आरा-सासाराम स्टेट हाइवे पर सड़क हादसे में शादी समारोह से बाइक पर सवार होकर रविवार की देर शाम लौट रहे मां-बेटे समेत तीन लोगों की मौत हो गयी। बताया जाता है कि सफारी गाड़ी एवं मोटरसाइकिल के आमने-सामने की टक्कर से यह हादसा हुआ।

मरने वालों में आयर थाना क्षेत्र के भेड़री गांव निवासी टेंगरी राम की 40 वर्षीय पत्नी आशा देवी, 22 वर्षीय पुत्र विकेश और पीरो थाना क्षेत्र के पकवा टोला निवासी कमलेश राम का पुत्र 16 वर्षीय सोनू कुमार थे। जो मृत महिला का भांजा बताया जा रहा है। हादसे के बाद सफारी गाड़ी पर सवार सभी लोग भाग गये। पुलिस ने कार को जब्त कर लिया है। तीनों शव को पोस्टमार्टम के लिये आरा सदर अस्पताल भेज दिया गया।

चरपोखरी थानाध्यक्ष ओम प्रकाश ने बताया कि आशा देवी अपनी बहन की बेटी की शादी में शामिल होने के लिये बेटे विकेश के साथ पीरो के बहरी महादेव गयी थी। रविवार की देर शाम वह बेटे और भांजे के साथ बाइक से गांव भेड़री लौट रही थी। तभी सियाडीह गांव के समीप तेज रफ्तार एक सफारी कार ने बाइक में ठोकर मार दी। ठोकर इतनी जोरदार थी कि बाइक उछल कर खेत में जा गिरी।

वहीं कार भी डैमेज हो गयी। इसमें तीनों गंभीर रूप से जख्मी हो गये। हादसे के बाद स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से तीनों को सीएचसी ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने मां-बेटे को मृत घोषित कर दिया जबकि प्राथमिकी उपचार के बाद सोनू को सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन इलाज के दौरान सोनू की भी मौत हो गयी।

सड़क हादसे के बाद स्थानीय सीएचसी की व्यवस्था की भी पोल खुल गयी। हालत ऐसी थी कि हादसे में घायलों की मरहमपट्टी करने कोई ड्रेसर तक मौजूद नहीं था। इससे लोग आक्रोशित हो उठे और अस्पताल परिसर में हो हल्ला भी किया। लोगों का कहना था कि ड्रेसर के नहीं रहने के कारण घायलों के इलाज में देरी होने से जख्मी सर से काफी खून बह गया। इससे उसकी स्थिति बिगड़ गयी।

कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। इसको लेकर स्थानीय लोगों में अस्पताल प्रबंधन के प्रति काफी आक्रोश देखा गया। दूसरी घटना चरपोखरी थाने के पास सड़क हादसे में गृह प्रवेश से लौट रही बाइक सवार एक महिला की मौत हो गयी। हादसे में उसका बेटा भी जख्मी हो गया था।

दीवार से दबकर महिला जख्मी

आरा : भोजपुर जिले के जगदीशपुर थानान्तर्गत कहेन गांव में दीवार से दबकर बुजुर्ग महिला बुरी तरह जख्मी हो गई। उन्हें इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल लाया गया। जहां से उसे चिंताजनक हालत में पटना रेफर कर दिया गया है। जख्मी महिला कहेन गांव निवासी ईश्वर दयाल राम की 70 वर्षीया पत्नी भागमनो देवी है। जख्मी महिला के पुत्र ने बताया कि सुबह घर से बाहर जा रही थी। बाहर जाने के दरमियान गली की दीवार अचानक उन पर गिर पड़ी। जिससे दबकर वे बुरी तरह जख्मी हो गई। आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल लाया गया।

भोजपुरी चित्रकला को पहले ही मिलना चाहिए था यथोचित सम्मान

आरा : पारंपरिक लोककलाएं हमारे जीवन में जीवन्तता लाती हैं।समय के साथ इसे और परिपक्व करना हमसबों का दायित्व है। उपरोक्त बातें सामाजिक कार्यकर्ता और भोजपुर जिला फुटबॉल संघ के अध्यक्ष राममूर्ति प्रसाद ने भोजपुरी चित्रकला को सम्मानसहित स्थान दिलाने के भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा द्वारा विगत बीस दिनों से चलाये जा रहे सांस्कृतिक आंदोलन को समर्थन देते हुए कही।

भोजपुर जिला फुटबॉल संघ के सचिव रवींद्र कुमार सिंह ने कहा कि खेल और कला एक सिक्के के दो पहलू हैं। हमलोग इस आंदोलन का साथ तन, मन और धन से देंगे। मोर्चा के संयोजक भास्कर मिश्र ने कहा कि स्थानीय जन प्रतिनिधियों की उदासीनता दुखदायी है। उन्हें केवल भोजपुर की जनता के वोट से मतलब है, हित से नहीं। उपसंयोजक विजय मेहता ने कहा कि यह संघर्ष समस्त भोजपुरिया भाषी लोगों का है, न कि केवल चित्राकारों और कलाकारों का। कोषाध्यक्ष कमलेश कुंदन ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम अनुरोध से या लड़कर अपना हक प्राप्त करें।

चित्रकार रौशन राय ने कहा कि पूर्व मध्य रेलवे द्वारा कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाना, भोजपुरिया संस्कृति का अपमान और इसकी महत्ता को कम कर आंकना है। आल इंडिया थियेटर कॉउन्सिल के अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता अशोक मानव ने कहा कि हमारे आंदोलन में शामिल होने आए जनप्रतिनिधियों एवं नेताओं से विनम्र निवेदन है कि वे स्वार्थ की राजनीति से उठकर हमारे लिए खुल कर आगे आये।

रंगकर्मी और पत्रकार रवींद्र भारती ने कहा कि अत्यंत शालीनता के साथ किये जा रहे इस आंदोलन को पूर्व मध्य रेलवे प्रशासन द्वारा हल्के में लिया जा रहा है। कहीं यह तिल जल्द ही ताड़ में न बदल जाये। पत्रकार श्याम नंदन कुमार ने कहा कि भोजपुरी चित्रकला को बहुत पहले ही यथोचित सम्मान के साथ विभिन्न पटलों पर स्थान मिल जाना चाहिए था।

चित्रकार रौशन राय ने कहा कि पूर्व मध्य रेलवे द्वारा कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाना, भोजपुरिया संस्कृति Bhojpuri culture का अपमान और इसकी महत्ता को कम कर आंकना है

संचालन रंगकर्मी कृष्णेन्दु ने करते हुए कहा कि भोजपुरी चित्रकला को राष्ट्रीय क्षितिज पर स्थापित करने के लिए और इस आंदोलन को और प्रभावी बनाने के लिए आगामी मंगलवार को वीर कुँवर सिंह स्टेडियम में जिले के रंगकर्मियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों, विभिन्न राजनीतिक एवं खेल संगठनों आदि की आपात बैठक आयोजित करने का निर्णय भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा के सदस्यों ने सर्वसम्मति से लिया है।

कलाकार रतन देवा, किशन सिंह, चैतन्य निर्भय, मनोज कुमार सिंह आदि ने जन गीतों एवं पारंपरिक गीतों के माध्यम से मोर्चा के आंदोलन में अपनी सक्रिय सहभागिता निभाई। मोर्चा के कलाकारों द्वारा नारा लेखन और स्थिर प्रदर्शन भी किया गया।

कार्यक्रम के अंत में भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा की सक्रिय सदस्या और चित्रकार प्रशंसा पटेल की दादी कमला देवी एवं फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह के आकस्मिक निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित किया।

इस मौके पर रंगकर्मी संजय कुमार पॉल, मनोज़ श्रीवास्तव, डॉ पंकज भट्ट, वर्षा खान, डेजी खान, संजीव सुमन, साधना श्रीवास्तव, शालिनी श्रीवास्तव, संजय सिंह, श्याम शर्मिला, अजय श्री, मनोज कुमार, रौशन कुमार, मौलिक कुमार, पंकज कुमार आदि ने कार्यक्रमों के सफल आयोजन में सराहनीय योगदान दिया।

राजीव एन० अग्रवाल की रिपोर्ट

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