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19 मई : सारण की मुख्य खबरें

सावित्री देवी का मंगलवार संध्या काल मे न्यायमूर्ति के पटना आवास पर हो गया स्वर्गवास

छपरा : पटना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की माताजी व स्वतंत्रता सेनानी तथा वरीष्ठ अधिवक्ता स्व. राधेश्याम सिंह के पत्नी सावित्री देवी का मंगलवार को संध्या काल मे न्यायमूर्ति के पटना आवास पर स्वर्गवास हो गया। वे सौ वर्ष से अधिक उम्र की थी। उनके निधन पर परिवार मे शोक की लहर दौड परी पटना आवास पर दर्जनो वरीष्ठ न्यायधीश व गणमान्य लोगो ने बुधवार की के सुबह तक अंतिम दर्शन किये।

उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके पैत्रिक गाॅव गडखा प्रखंड के धनौडा ले जाया गया जहाॅ घर परिवार के सदस्यो ने दर्शन की इसके बाद उनके शव का रथ सलेमपुर छपरा गया जहाॅ से वैदिक रिति रिवाज के साॅथ पिण्डदान दिया गया। तत पश्चात अंतिम संस्कार हेतु गंगातट डोरीगंज ले जाया गया जहाॅ वैदिक मंत्रोच्चारण के साॅथ पुनः पिण्ड दान कर उनके सबसे छोटेपुत्र न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिह ने मुखाग्नि दी। इस मौके पर उनके बडे पुत्र डाॅक्टर गणेश सिह, मझले पुत्र इंजीनियर महेश प्रसाद सिह,राकेश कुमार सिह, मुकेश कुमार सिह,, मौजमपुर पंचायत के पूर्व मुखिया ननरेन्द्र देव सिह, कोठिया के पूर्व सरपंच हरेन्द्र सिंह, समाजसेवी धर्मेन्द्र सिंह, नरेन्द्र सिह,संजय सिह,मंटु सिह कुणाल सिह, पप्पु सिह आदि ने उनको नम आँखो से अंतिम विदाई दी ।

“मोदी जी मेरे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यो भेजी” : राहुल गांधी

छपरा : बिहार भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता सह प्रसिद्ध इस्लामी जलसा एनाउंसर हाफ़िज़ एस रज़ा ख़ान छपरवी ने प्रेस नोट जारी करते हुए कहा की देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेता राहुल गांधी ने वैक्सीन के विषय पर अपनी ओछी मानसिकता व देशविरोधी सोंच को उजागर कर दिया है,ज्ञात हो कि राहुल गांधी द्वारा किये गए ट्वीट “मोदी जी मेरे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यो भेजी” ये सरासर देशविरोधी टूलकिट का एडीटर होने का प्रमाण है।

श्री छपरवी ने आगे कहा कि जब बच्चों के लिए वैक्सीन बनी ही नही है अभी तक तो फिर विदेश भेजने की बात कहां से आ गई इस से दूसरे मुल्कों में भारत की छवी धूमिल करने की नापाक साज़िश है और गृह मंत्रालय से हम मांग करतें हैं कि राहुल गांधी जी को देश को गुमराह करने और भारत की छवी ख़राब करने के अपराध में जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए ताकि आगे से देश पर नापाक उंगली उठाने से पहले सैंकड़ों बार सोचना पड़े।

डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेन्टर एवं हॉस्पिटल के बेहतर संचालन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी

छपराः स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने राज्य के सभी जिला पदाधिकारी एवं सिविल सर्जन को एक अति आवश्यक पत्र जारी करते हुए कोविड-19 वायरस से संक्रमित मरीजों के समुचित चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर कोविड केयर सेन्टर, डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेन्टर एवं डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के बेहतर संचालन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है।

कोविड-19 वायरस के दौरान वर्तमान समय में बढ़ते संक्रमण को रोकने को लेकर यह निर्णय लिया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 से संक्रमित मरीज़ों की पहचान एवं कोविड-19 की जांच के लिए राज्य के सभी प्राथमिक उपस्वास्थ्य स्वास्थ्य केन्द्रों को पहले से बेहतर क्रियाशील किया जाए।

इसके लिए डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर (DCHC) में पूर्व से प्रतिनियुक्त चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कार्य करने के लिए आदेशित किया जा सकता है। लेकिन इसके साथ ही यह संतुलन भी बना रहना चाहिए कि डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में आवश्यक संख्या में चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति बनी रहे । ताकि कोविड-19 संक्रमण से संक्रमित व्यक्तियों के बेहतर उपचार में किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो।

-कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश किया गया है जारी: प्रधान सचिव

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने अपने पत्र के माध्यम से राज्य के सभी जिलाधिकारी एवं सिविल सर्जन से कहा है कि कोविड-19 संक्रमण के मामले में अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए यह निर्देश दिया गया था कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक, पारा मेडिकल कर्मी तथा अन्य कर्मियों को डेडिकेटेड केयर हेल्थ सेंटर (DCHC) में प्रतिनियुक्त किया जाए। इसके लिए अगले आदेश तक सभी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी (OPD) एवं अन्य सेवाओं को स्थगित रखने के लिए निर्देश दिया गया था।

राज्य में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए संक्रमित मरीजों के समुचित चिकित्सा सुविधाएं एवं इसके प्रबंधन संबंधी आवश्यक दिशा-निर्देश निर्गत किया गया है। कोविड-19 के मरीजों के समुचित चिकित्सकीय प्रबंधन हेतु कोविड केयर सेन्टर (CCC), डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेन्टर (DCHC) एवं डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल (DCH) का संचालन किया जा रहा है। इन केन्द्रों पर चिकित्सकीय सेवायें, बेड की व्यवस्था, स्वास्थ्य कर्मियों, चिकित्सीय व्यवस्था में शामिल उपकरणों एवं औषधियों सहित कई अन्य महत्वपूर्ण सुविधाओं की उपलब्धता के साथ ही इसके समुचित सदुपयोग के संबंध में पूर्व से निर्गत दिशा-निर्देश के अतिरिक्त आवश्यक निर्देश दिया जा रहा है।

-संक्रमित मरीज़ों को लक्षणों के आधार पर बेहतर उपचार के लिए चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराना होगा अनिवार्य: प्रत्यय अमृत कोरोना जांच के लिए लिए गए नमूना को जांच के बाद अगर संक्रमित पाया जाता है तो वैसे मरीज़ों को उनके लक्षणों के आधार पर बेहतर इलाज के लिए कोविड उपचार केंद्र में भर्ती किया जाना या होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य का अनुश्रवण कर चिकित्सकीय परामर्श दिया जाना है। कोरोना जांच के दौरान बिना लक्षण वाले संक्रमित या हल्के लक्षण वाले मरीज़ों को होम आइसोलेशन की व्यवस्था नहीं रहने की स्थिति में आवश्यकतानुसार कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया जाये।

वहीं हल्के रूप में लक्षण वाले मरीज़ों का जिला या अनुमंडल स्तरीय डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर (DCHC) में उपचार किया जाये। जबकिं ज्यादा लक्षण वाले मरीज़ों का उपचार चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल या डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर (DCH) में उपचार किया जायेगा। कोरोना संक्रमित मरीज़ों का इलाज़ करने वाले चिकित्सकों द्वारा लक्षण की तीव्रता एवं उपचार के लिए निर्धारित स्वास्थ्य केन्द्र के प्रकार के संबंध में तैयार आवश्यक दिशा-निर्देश दिया जा चुका है जबकि अंतिम निर्णय कोविड-19 द्वारा निर्धारित गाइडलाइन के अनुरूप ही चिकित्सकों द्वारा लिया जाना चाहिए।

क्षय रोग से ग्रसित मरीजों का टीबी आरोग्य साथी एप मददगार बनेगा

छपरा : इस एप के माध्यम से रोगी न सिर्फ अपनी प्रगति रिपोर्ट देख पाएगा, बल्कि टीबी से संबंधित समस्त जानकारी उसे प्राप्त होगी। साथ ही मरीज अपना आईडी डाल निश्चय योजना द्वारा मिलने वाली राशि की स्थिति देख सकता है एवं दवा की भी विस्तृत जानकारी मिलेगी। यह एक ऐसा प्लेटफार्म होगा, जहां टीबी से जुड़ी हर जानकारी उपलब्ध होगी। सिविल सर्जन डॉ जेपी सुकुमार ने बताया टीबी के मरीज को कोविड 19 महामारी में परेशानी ना हो इसके लिए मरीज की सुविधा के लिए 2 माह की दवा एक ही बार दी जाएगी। मरीज अपने नजदीकी डॉट सेंटर से जाकर दवा ले सकते हैं। प्ले स्टोर से इस एप को डाउनलोड किया जा सकता है।

एप के माध्यम से मिलेगी कई सुविधाएं :

एनटीईपी के तहत पंजीकृत रोगियों के लिए यह डिजिटल रिकार्ड तक पहुंचने के लिए एक पोर्टल की तरह कार्य करेगा। इसके अंतर्गत टीबी परीक्षण और उपचार विवरण, विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं के तहत देय राशि का विवरण, स्वास्थ्य प्रदाता तक पहुंच और उपचार या किसी भी जानकारी के लिए अनुरोध किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त टीबी से संबंधित समस्त जानकारी, टीबी जांच एवं उपचार की नजदीकी सुविधा, टीबी के जोखिम का आकलन करने के लिए स्क्रीनिंग टूल, पोषण संबंधी सहायता एवं परामर्श आदि।

निक्षय पोषण योजनाके तहत मिलते हैं 500 रुपये :

टीबी के मरीजों को उचित खुराक उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से निक्षय पोषण योजना चलायी गयी है। जिसमें टीबी के मरीजों को उचित पोषण के लिए 500 रुपये प्रत्येक महीने दिए जाते हैं। यह राशि उनके खाते में सीधे पहुंचती है। सरकार की मंशा है कि टीबी के मरीजों में 2025 तक 90 प्रतिशत की कमी लायी जा सके।

हर व्यक्ति की नि:शुल्क जांच व इलाज :

सिविल सर्जन डॉ जेपी सुकुमार ने बताया जिले के सभी प्रखंडों में प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के मरीजों के इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। जहां पर वह अपना इलाज करा सकते हैं । इसके साथ उनको नि:शुल्क दवा भी दी जाती है। जो नजदीक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है। इससे टीबी के मरीजों को काफी सहूलियत होती है। टीबी मुक्त बनाने का संकल्प है और इसीलिए टीबी रोग की रोकथाम के विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। टीबी रोगी सघन खोज अभियान में टीबी के लक्षण मिलने पर उसके बलगम की जांच की जाती है। साथ ही टीबी रोग पर नियंत्रण करने के लिए लोगों को सावधानियां बताते हुए जागरूक करने का प्रयास भी किया गया है।

टीबी (क्षयरोग) के लक्षण:

• लगातार 3 हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना
• खांसी के साथ खून का आना
• छाती में दर्द और सांस का फूलना
• वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना
• शाम को बुखार का आना और ठंड लगना
• रात में पसीना आना

कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत

छपरा : जिले में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है। संक्रमण की रोकथाम को लेकर कई निर्णय लिये जा रहे हैं। अब जिले के सदर अस्पताल समेत अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है। चिकित्सकों, कर्मियों एवं मरीजों के अलावा किसी भी व्यक्ति को अस्पताल में प्रवेश (एंट्री) करने की अनुमति नहीं है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है।

जारी पत्र के माध्यम से कहा गया है कि कोविड-19 संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए चिकित्सक की विशेष व्यवस्था की गई है, जहाँ पर मरीजों, चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मी के अलावा किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश पूर्णतः वर्जित है। जहाँ तक अस्पतालों में इलाजरत मरीजों के अटेंडेंट का प्रावधान है, उनके संबंध में पूर्व से भी निर्देश निर्गत किए गए हैं।

कोविड मरीज के परिजनों के लिए विशेष व्यवस्था :

डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के रूप में कार्यरत सभी अस्पतालों में मरीजों के अटेंडेंट इलाजरत स्थान या भवन के बाहर रहते हैं। जिनके लिए सभी जगह विशेष व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। निर्देश दिया गया है कि इस व्यवस्था के तहत इन्हें मरीजों के स्वास्थ्य संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने, बैठने, पेयजल इत्यादि की व्यवस्था को सुलभ कराना है| उचित होगा कि अस्पताल में संचालित कैंटीन में इस प्रकार की व्यवस्था की जाए कि कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजनों को भी भुगतान के आधार पर भोजन आदि उपलब्ध हो जाए।

नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई :

प्रधान सचिव ने निर्देश दिया है कि बाहरी व्यक्तियों के आवागमन से एकतरफ संक्रमण बढ़ने की संभावना बढ़ती है तो दूसरी तरफ इलाज से संबंधित कार्यों में बाधा पहुंचती है। यह सुनिश्चित करें कि किसी भी बाहरी व्यक्ति को कोविड अस्पताल में प्रवेश न करने दिया जाए। उल्लंघनकर्ताओं के विरूद्ध कठोर प्रशासनिक कार्रवाई सुनिश्चत की जाए।

इन मानकों का करें पालन :

• मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें
• लक्षण महसूस होने पर कोविड-19 जाँच कराएं
• जरूरी नहीं हर सर्दी-खांसी कोरोना ही है, इसलिए, निर्भीक होकर सकारात्मक सोच के साथ कराएं जाँच
• अधिक जरूरी पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें
• घर में सकारात्मक माहौल बनाएं और रचनात्मकता कार्य करें
• साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें और लगातार साबुन या अल्कोहल युक्त पदार्थों से हाथ धोएं
• अगर अब तक आपने टीका नहीं लिया है तो टीका जरूर लें
• टीकाकरण के प्रति दूसरों को भी प्रेरित करें
• कोविड टीका का दोनों डोज आवश्य लें

18 वर्षीय मनीष कुमार चौधरी का अपहरण, शिकायत दर्ज कराया

छपरा : जिले के रिविलगंज थाना क्षेत्र के बिनटोली नवीगंज निवासी झब्बू चौधरी ने देर रात रिविलगंज थाने में 18 वर्षीय पुत्र मनीष कुमार चौधरी का अपहरण का शिकायत दर्ज कराया। जिसमें अन्य 5 और भी शामिल थे वहीं बताया जाता है कि देर रात मनीष के दोस्त मनीष को उसके घर से बुलाकर ले गया और मुफस्सिल थाना क्षेत्र के फोरलेन के समीप वास्तु विहार अपार्टमेंट के नजदीक जमुना मठिया जाने वाले रास्ते पर सुनसान जगह देख गोली मारकर हत्या कर दी।

उसके बाद हत्यारा दोस्त घर जाकर सो गया जहां पुलिस ने खोजबीन करते हुए मनीष के पिता के द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर उसके दोस्त को पुलिस ने पिस्टन के साथ उसके घर से गिरफ्तार कर ली तथा पूछताछ के क्रम में पाया की दोस्त मनीष की हत्या देर रात कर दी है। जहां रिविलगंज थाना पुलिस और भगवान बाजार पुलिस ने घटनास्थल का दौरा किया और डेड बॉडी को पाया जिसके बाद पोस्टमार्टम कराते हुए मृतक के परिजनों को डेड बॉडी शॉप दिए और आगे की कार्रवाई दोस्त व अन्य सहयोगियों पर शुरू कर दी।