मरीजों का मददगार बनेगा ‘टीबी आरोग्य साथी’ एप, काफी सहायता मिल पाएगी
मधुबनी : क्षय रोग से ग्रसित मरीजों का टीबी आरोग्य साथी एप मददगार बनेगा। इस एप के माध्यम से रोगी न सिर्फ अपनी प्रगति रिपोर्ट देख सकेंगे, बल्कि टीबी से संबंधित समस्त जानकारी भी उन्हें प्राप्त होगी। इससे मरीज अपनी आईडी डाल निश्चय योजना द्वारा मिलने वाली राशि की स्थिति भी देख सकते हैं एवं दवा की भी विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह एक ऐसा प्लेटफार्म होगा, जहां टीबी से जुड़ी हर जानकारी उपलब्ध होगी।
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. आरके सिंह ने बताया टीबी के मरीज को कोविड 19 महामारी में परेशानी ना हो इसके लिए मरीज को सुविधा देने की पहल करते हुए उन्हें 2 माह की दवा एक ही बार दी जाएगी। मरीज अपने नजदीकी डॉट सेंटर से जाकर दवा ले सकते हैं।
क्या है एप में :
एनटीईपी के तहत पंजीकृत रोगियों के लिए यह डिजिटल रिकार्ड तक पहुंचने के लिए एक पोर्टल की तरह कार्य करेगा। इसके अंतर्गत टीबी परीक्षण और उपचार विवरण, विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं के तहत देय राशि का विवरण, स्वास्थ्य प्रदाता तक पहुंच और उपचार या किसी भी जानकारी के लिए अनुरोध किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त टीबी से संबंधित समस्त जानकारी, टीबी जांच एवं उपचार की नजदीकी सुविधा, टीबी के जोखिम का आकलन करने के लिए स्क्रीनिंग टूल, पोषण संबंधी सहायता एवं परामर्श आदि जैसी जानकारी भी ली जा सकती है।
जनवरी से मार्च तक 1103 मरीजों चिन्हित :
जिला कार्यक्रम समन्वयक पंकज कुमार ने बताया जिले में जनवरी 2021 में 317 मरीज, फरवरी में 310, मार्च में 422 अप्रैल में 256 टीबी मरीज चिन्हित किए गए हैं। तथा जनवरी से अप्रैल तक एमडीआर के 80 मरीज चिन्हित किए गए।सभी मरीजों को आवश्यक जांच के बाद दवा उपलब्ध करायी जा रही है।
निक्षय पोषण योजना के तहत मिलते हैं 500 रुपये :
टीबी के मरीजों को उचित खुराक उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से निक्षय पोषण योजना चलायी गयी है। जिसमें टीबी के मरीजों को उचित पोषण के लिए 500 रुपये प्रत्येक महीने दिए जाते हैं। यह राशि उनके खाते में सीधे पहुंचती है। सरकार की मंशा है कि टीबी के मरीजों में 2025 तक 90 प्रतिशत की कमी लायी जा सके।
हर व्यक्ति की नि:शुल्क जांच व इलाज :
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉक्टर आरके सिंह ने बताया जिले के सभी प्रखंडों में प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के मरीजों के इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। जहां पर वह अपना इलाज करा सकते हैं । इसके साथ उनको नि:शुल्क दवा भी दी जाती है जो नजदीक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है। इससे टीबी के मरीजों को काफी सहूलियत होती है। देश के साथ जिले को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प है और इसीलिए टीबी रोग की रोकथाम के विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। टीबी रोगी सघन खोज अभियान में टीबी के लक्षण मिलने पर उसके बलगम की जांच की जाती है। साथ ही टीबी रोग पर नियंत्रण करने के लिए लोगों को सावधानियां बताते हुए जागरूक करने का प्रयास भी किया गया है।
टीबी (क्षयरोग) के लक्षण :
• लगातार 3 हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना
• खांसी के साथ खून का आना
• छाती में दर्द और सांस का फूलना
• वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना
• शाम को बुखार का आना और ठंड लगना
• रात में पसीना आना
अब गर्भवती महिलाओं को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, कोविड जांच की अनिवार्यता खत्म
मधुबनी : जिले में कोरोना के रोकथाम व इससे बचाव के लिए विभाग संकल्पित है। जिले में 25 मई तक लॉक डाउन लागू किया गया है। लेकिन कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग ने एक अहम निर्णय लिया है। अब गर्भवती महिलाओं को बिना किसी देरी के तुरंत उपचार प्रदान किया जायेगा। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निदेश दिया है।
जारी पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के संक्रमण की रोकथाम हेतु सुरक्षा एवं सावधानी का पालन करना बहुत आवश्यक है। भारत सरकार के पत्र के अनुसार गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व, प्रसव के दौरान एवं प्रसव पश्चात् सेवा प्रदान करना सुनिश्चित किया जाना है। इसके लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विशेष कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। ऐसा देखा गया है कि गर्भवती महिला को कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट दिखाने की माँग सेवा प्रारंभ करने से पूर्व की जाती है जो अनावश्यक देरी का कारण बनती है। चिकित्सकों को निर्देश दिया गया है कि गर्भवती महिलाओं को बिना देरी किए सेवाएं प्रदान की जाए।
किसी भी स्थिति में सेवा देने से नहीं करें इंकार :
पत्र में कहा गया है कि सभी स्वास्थ्य कर्मियों (निजी एवं सरकारी) द्वारा वैक्सीन की दोनों खुराक अवश्य ले ली गई होगी, इसकी उम्मीद की जाती है। इसलिए कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ सभी सेवाएँ गर्भवती महिलाओं को प्रदान की जाए एवं किसी भी स्थिति में सेवा से इंकार नहीं किया जाए। सेवा से इंकार किये जाने को काफी गंभीरता लिया जाएगा। पत्र में कहा गया है कि 104 कॉल सेंटर के माध्यम से शिकायतों को दर्ज करने के लिए लाभुकों को प्रेरित किया जाए और सेवा से इंकार जैसी स्थित से तुरंत ही निपटा जाए ताकि गर्भवती महिलाओं की सेवाओं की निरंतरता बनी रहे।
संस्थागत प्रसव को दें प्राथमिकता :
कोरोना काल में भी सदर अस्पताल समेत सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षित प्रसव के लिए सुरक्षा के मद्देनजर समुचित व्यवस्था उपलब्ध हैं। इसके अलावा प्रसव के बाद महिलाओं को स्वास्थ्य एवं शिशु के बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक जानकारी भी दी जाती है। ताकि प्रसव के पश्चात भी माता एवं शिशु को किसी प्रकार की शारीरिक पीड़ा नहीं हो और होने पर तुरंत आवश्यक उपचार करा सकें।गर्भावस्था के दौरान हर महिलाओं के मन में सामान्य व सुरक्षित प्रसव को लेकर तरह-तरह के सवाल उठते हैं।
हर महिला सामान्य और सुरक्षित प्रसव चाहती है। इस दौरान छोटी सी लापरवाही और नजरअंदाज करना बड़ी मुसीबत का सबब बन जाती है। इसलिए, सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने की जरूरत है। सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थान यानी अस्पतालों में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हैं और सुरक्षा के हर मानकों का भी ख्याल रखा जाता है। इससे न सिर्फ सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि मातृ-शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी।
फिलहाल ट्रॉमा सेंटर को डेडिकेटेड कोविड केअर सेंटर में तब्दील होने की तैयारियों का एसडीएम ने लिया जायजा, दिए निर्देश
मधुबनी : जिले के झंझारपुर एसडीएम शैलेश कुमार चौधरी ने इसी क्रम में सोमवार को ट्रामा सेंटर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद सेंटर पर मौजूद स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उन्होंने इस सेंटर को जल्द से जल्द प्रारंभ करने का निर्देश दिया। एसडीएम ने बताया कि डीसीएचसी एवं सीसीसी बनाने का कार्य प्रगति पर है। इस कार्य में गति लाने की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि यहां अनुमंडल अस्पताल स्थित कोविड केयर सेंटर से बेड मंगाया गया है। ग्राउंड फ्लोर के कुछ वार्ड में बेड लगा दिया गया है। साथ ही इस सेंटर पर अनुमंडल अस्पताल में कार्यरत कुछ कर्मी को भी प्रतिनियुक्त किया गया है। झंझारपुर अनुमंडल क्षेत्र के अरड़िया संग्राम स्थित ट्रामा सेंटर में डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर (डीसीएचसी) की स्थापना के बाद झंझारपुर एवं फुलपरास अनुमंडल क्षेत्र के कोविड मरीजों के लिए यह संजीवनी साबित हो सकता है।
जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इस कार्य को द्रूत गति देने की आवश्यकता है। अब स्वास्थ्य विभाग के द्वारा डीसीएचसी संचालित करने के लिए इलाज व्यवस्था से जुड़े जांच उपकरणों जेनरेटर, एक्स-रे मशीन, सीबीसी, ईसीजी के साथ ही उसके संचालन के लिए टेक्निशियन एवं दवा की व्यवस्था होनी है। यह व्यवस्था हो जाने के बाद ट्रॉमा सेंटर में कोविड मरीजों की भर्ती के साथ ही उनकी जांच और इलाज प्रारंभ कर दिया जाएगा। सेंटर को प्रारंभ करने में तीन-चार दिन और लगने की संभावना बताया।
वहीं, ट्रामा सेंटर पर मौजूद झंझारपुर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ० मुकेश कुमार ने बताया कि जांच उपकरण, जेनरेटर एवं कर्मी उपलब्ध हो जाएगा तो दो से तीन दिनों में यहां दोनों कोविड केयर कार्य करने लगेगा।
एसडीओ ने किया कोविड सेंटर औचक निरीक्षण, दिए जरूरी निर्देश
मधुबनी : जिले के बेनीपट्टी एसडीओ अशोक कुमार मंडल ने बिस्फी पीएचसी का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वैक्सीनेशन सेंटर की भी जानकारी ली। इस मौके पर उपस्थित पदाधिकारी को निर्देश दिया कोविड-19 की गाइडलाइन के पालन करने को लेकर बाजार मे गश्ती लगाने को कहा। साथ ही लॉक डाउन का उल्लंघन करने वालों पर प्रशासन सख्ती से कड़ाई करने की बात कही गई।
खुले हुए दुकानों को सील करने का निर्देश सीओ को दिया। उन्होंने कहा कि प्रशासन व मीडिया द्वारा वैश्विक महामारी से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है, तो दूसरी ओर लोग लॉक डाउन रहने के बाद भी कुछ हठधर्मिता दुकानदार के द्वारा उसका जानबूझकर उल्लंघन किया जा रहा है। लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंस का पालन करना हमारा दायित्व है, लेकिन कुछ लोग इस को मानने के लिए अभी भी तैयार नहीं है।
जिन पर कार्रवाई करना होना स्वभाविक है। उन्होंने पुलिस प्रशासन को सख्ती से कम करने के निर्देश दिए। इस मौके पर बीडीओ अहमद अबदाली, सीओ प्रभात कुमार, बीएसओ मुकेश कुमार, थानाध्यक्ष संजय कुमार सहित कई पुलिस पदाधिकारी उपस्थित थे।
बिस्फी में लॉक डाउन उल्लंघन के मामले में चार दुकान सील, लाॅकडाउन नियम निर्देशो के तहत की गई करवाई
मधुबनी : जिले के बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के विद्यापति चौक पर सीओ प्रभात कुमार और बिस्फी थाना अध्यक्ष संजय कुमार के द्वारा प्रखंड क्षेत्र के बिस्फी विद्यापति चौंक पर बम बम वस्त्रालय, रिशु बस्त्रालय, विद्यापति वस्त्रालय को सील किया गया है। इन लोगों के द्वारा लाॅकडाउन नियम निर्देशो का उल्लघंन कर दुकान संचालित करते हुए पकड़ा गया।
सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण पर काबू पाने को लेकर पूरे बिहार में लाॅकडाउन लगाया गया है। लाॅकडाउन का सख्ती से लागू करने को लेकर प्रशासन के द्वारा दुकान बंद रखने का निर्णय लिया गया है। इसको लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह चुस्त दुरुस्त हैं। इसके वावजूद इन लोगों के द्वारा सरकारी नियम निर्देशो का उल्लघंन कर दुकानों का संचालन किया जा रहा था, जिससे कोरोना संक्रमण के रोकथाम में परेशानी हो रही थी।
इस मौके पर महिला व पुरुष पुलिस के दर्जनों जवान मौजूद रहे।
मारवाड़ी युवा मंच के तत्वावधान में लगाया गया कोरोना जांच केंद्र, जल्द ही वैक्सीनशन कैम्प भी लगवाया जाएगा
मधुबनी : जिले के जयनगर में मारवाड़ी विवाह भवन परिसर में आज मारवाड़ी युवा मंच, जयनगर मिथिला शाखा ने एक दिवसीय कोविड-19 जांच कैंप का सफ़ल आयोजन किया। इस कैम्प में कुल 84 लोगो की जाँच हुई, जिसमे एक भी पॉजिटिव नही निकला। इस सफ़ल आयोजन से हमारे अनुमंडल चिकित्सा स्वास्थ पदाधिकारी अर्चना भट्ट भी अत्यंत खुश हुए। उन्होंने कहा कि ऐसा खुशनुमा माहौल और ऐसे जिंदादिल लोगो क़े साथ पहली बार काम करने को मिला, जोकि यादगार पल है।
इस आयोजन मे मारवाड़ी युवा मंच क़े अध्यक्ष मनीष कुमार बंका, सचिव संदीप कुमार बैरोलिया, कोषाध्यक्ष सुमित कुमार सिंघानिया एवं सस्था क़े पूर्व अध्यक्ष प्रकाश केशान, दीपक सुरेका, रोशन बैरोलिया, ऋषव दारुका, सौरव जोशी, मनीष मुरारका, योगेश्वर जोशी एवं अन्य सदस्यों की मजूदगी रही।
सुमित कुमार की रिपोर्ट